इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Nov 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

चारधाम यात्रा 2023:  56 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2023 तक चली चारधाम यात्रा में देश दुनिया से आये 56 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर नया रिकॉर्ड बनाया है। यात्रा के इतिहास में चारधाम समेत हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड बना है।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि 22 अप्रैल से 18 नवंबर तक चली चारधाम यात्रा के लिये लगभग 75 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था। इसमें केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में 56.13 लाख से अधिक ने दर्शन किये।
  • यात्रा के इतिहास में पहली बार श्रद्धालुओं का आँकड़ा 55 लाख पार हुआ है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 19.61 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। इसके बाद बदरीनाथ में 18.34 लाख, गंगोत्री में 9.05 लाख, यमुनोत्री में 7.35 लाख और हेमकुंड साहिब में 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।
  • वर्ष 2022 में चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा में 46.29 लाख श्रद्धालु पहुँचे थे। इससे पहले 2021 और 2020 में कोविड काल में चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पाई है। 2021 में 5.29 लाख और 2020 में मात्र 3.30 लाख तीर्थयात्री पहुँचे थे। वर्ष 2019 में 34.77 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा में आए थे।


उत्तराखंड Switch to English

झीलों की नगरी नैनीताल का 182वां जन्मदिवस

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड की पर्यटन नगरी एवं झीलों की नगरी नैनीताल का 182वां जन्मदिवस मनाया गया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि 18 नवंबर, 1841 को नैनीताल पहुंचे अंग्रेज व्यापारी पी बैरन ने यहाँ की सौंदर्य से प्रभावित होकर इसे दुनिया की नजरों में लाया। अंग्रेज व्यापारी के आगमन की तारीख को ही नैनीताल के जन्मदिन के रूप में याद किया जाता है।
  • उल्लेखनीय है कि 1842 में चौथे कुमाऊं कमिश्नर जार्ज थॉमस लुसिंगटन ने आधिकारिक रूप से नैनीताल को यूरोपियन सेटेलमेंट के तहत बसाया था। इसके बाद अंग्रेजों ने इसे छोटी विलायत का दर्जा देते हुए ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया।
  • पर्यटन नगरी नैनीताल प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द्र का भी संदेश देती है। नैनीताल के नैनी झील के उत्तरी किनारे पर 51 शक्तिपीठों में से एक मां नयना देवी मंदिर स्थित है। साथ ही यहाँ गुरुद्वारा, एशिया का पहला मेथोडिस्ट चर्च और जामा मस्जिद भी स्थित है।
  • अनियंत्रित और अनियोजित विकास के कारण नैनीताल की खूबसूरती और पर्यावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते कंक्रीट के जंगल पर रोक लगाने, यातायात के दबाव को कम करने, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने और प्रकृति से छेड़छाड़ पर रोक लगाने के लिये कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2