उत्तर प्रदेश Switch to English
रक्षा उपकरण इकाई तथा 600 मेगावाट अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क
चर्चा में क्यों?
19 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत झाँसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव पर झाँसी किला परिसर में आयोजित तीन दिवसीय ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व-झाँसी जलसा’कार्यक्रम समापन समारोह में 3425 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के झाँसी नोड में भारत डायनामिक्स लिमिटेड द्वारा स्थापित की जा रही रक्षा उपकरण इकाई तथा ज़िले के गरौठा में 600 मेगावाट अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क, झाँसी का शिलान्यास किया।
- टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों के प्रणोदन प्रणाली का उत्पादन करने के लिये एक संयंत्र स्थापित करने के लक्ष्य से ‘भारत डायनामिक्स लिमिटेड’द्वारा इन परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।
- इन परियोजनाओं की लागत क्रमश: 400 करोड़ रुपए और 3013 करोड़ रुपए है।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अटल एकता पार्क, झाँसी का लोकार्पण किया। इस परियोजना की लागत 11.30 करोड़ रुपए है।
- अटल एकता पार्क भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री दिवगंत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बना है। यह पार्क करीब 40,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में विस्तृत है। इस पार्क में एक पुस्तकालय एवं अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रतिमा है, जिसका निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार रामसुतार ने किया है, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माता हैं।
- बुंदेलखंड में बनने वाला उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर भविष्य में भारत के सामर्थ्य केंद्र के रूप में जाना जाएगा।
- ज्ञातव्य है कि वर्ष 2021 में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की 193वीं जयंती मनाई जा रही है। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता समर में विदेशी हुकूमत को हिलाने वाली महारानी लक्ष्मीबाई जी की शौर्य गाथा को हर भारतवासी बड़ी श्रद्धा व सम्मान के साथ स्मरण करता है।
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पीएम द्वारा प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
19 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले में अर्जुन सहायक परियोजना के साथ-साथ रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना तथा मसगाँव-चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं से प्रदेश के माहेबा, बांदा, हमीरपुर एवं ललितपुर ज़िले के 4 लाख से अधिक लोगों को पीने का शुद्ध पानी प्राप्त होगा तथा लाखों किसान परिवारों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्राप्त होने से उनकी आय में वृद्धि होगी।
- मसगाँव-चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, आधुनिक तकनीक पर आधारित विस्तृत परियोजना है, जो सिंचाई में आ रही आधुनिकता को प्रदर्शित करती है। इसकी सिंचाई क्षमता लगभग 600 हेक्टेयर क्षेत्रफल है।
- वहीं अर्जुन सहायक परियोजना की कुल लागत 2655 करोड़ रुपए है तथा इसकी सिंचाई क्षमता लगभग 44381 हेक्टेयर है। इससे माहेबा, हमीरपुर एवं बांदा ज़िले के लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
- रतौली बांध परियोजना कुल 54.28 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है, जिसकी सिंचाई क्षमता 1050 हेक्टेयर है।
- भावनी बांध परियोजना कुल 512.74 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है, जिसकी सिंचाई क्षमता 3800 हेक्टेयर क्षेत्रफल है तथा इससे ललितपुर ज़िले को व्यापक लाभ प्राप्त होगा।
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