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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Nov 2021
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भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर के आठ मेट्रो रेल स्टेशनों के निर्माण का भूमि-पूजन

चर्चा में क्यों?

19 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एम्स के पास भोपाल मेट्रो रेलवे परियोजना के तहत 426 करोड़ 67 लाख रुपए की लागत से बनने वाले आठ रेलवे स्टेशनों का भूमि-पूजन किया।

प्रमुख बिंदु

  • जिन आठ मेट्रो रेल स्टेशनों का भूमि-पूजन हुआ, उनमें एम्स, अलकापुरी, रानी कमलापति, डीआरएम ऑफिस, एमपी नगर, डीबी सिटी, केंद्रीय विद्यालय और सुभाष नगर शामिल हैं। इनकी कुल लागत 426 करोड़ 67 लाख रुपए है।
  • इन परियोजना कार्य की लागत में 20 प्रतिशत इक्विटी भारत सरकार, 20 प्रतिशत इक्विटी प्रदेश सरकार तथा शेष 60 प्रतिशत राशि मल्टीलेटरल बैंक से बतौर ऋण ली जा रही है। 
  • इस परियोजना के प्रायोरिटी कॉरिडोर में एम्स से सुभाष नगर तक नए और पुराने शहर को जोड़ने का कार्य होगा। नागरिक सुविधा को बढ़ाने और पर्यावरण की रक्षा के लिये इस कार्य का विशेष महत्त्व है।
  • भोपाल मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर हैं। एक पर्पल कॉरिडोर, जिसकी लंबाई 16.74 किलोमीटर होगी। दूसरा रेड कॉरिडोर, जिसकी लंबाई 14.21 किलोमीटर होगी। भूमिगत और एलिवेटेड मेट्रो पर्पल कॉरिडोर भी बनेगा।  
  • रेड कॉरिडोर में 14 और पर्पल कॉरिडोर में 16 स्टेशन होंगे। स्वचालित किराया संग्रह की व्यवस्था होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 6,941 करोड़ 40 लाख रुपए है। 
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल और इंदौर में परियोजना पर कार्य कर रहा है। भोपाल में एम्स से करोंद चौराहा तथा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहे तक दो मेट्रो कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इनकी लंबाई लगभग 30 किलोमीटर है। 
  • सितंबर 2023 तक भोपाल में मेट्रो रेल का परिवहन शुरू होगा, जिसका लाखों नागरिकों को लाभ मिलेगा।

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28वें निमाड़ उत्सव का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

19 नवंबर, 2021 को संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर ने महेश्वर में नर्मदा नदी के तट पर कार्तिक पूर्णिमा की चांदनी में 28वें निमाड़ उत्सव का शुभारंभ किया। यह उत्सव 21 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा प्रकाशित चौमासा पत्रिका के 116वें अंक एवं हैंडलूम वॉक के लिये बनाए गए रूट का भी विमोचन किया गया।
  • इस अवसर पर मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में श्री रामचरित मानस पर आधारित एक अनोखी और सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके चार विद्यार्थी वर्ग के विजेताओं और 4 सामान्य जन-मानस की श्रेणी के विजेताओं को अयोध्या के हवाई दर्शन कराए जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि निमाड़ उत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के अंतर्गत  जनजाति लोक कला एवं बोली विकास अकादमी व ज़िला पुरातत्त्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद खरगौन द्वारा प्रतिवर्ष जनजातीय लोक एवं पारंपरिक कलाओं में उत्कृष्टता और श्रेष्ठ उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिये किया जाता है। 
  • इस निमाड़ उत्सव में पहली बार तीन नवीन खेल विधाओं- मलखंब, कयाकिंग और मार्सल आर्ट के डेमो को शामिल किया गया है। 
  • इस उत्सव के दौरान संस्कृति विभाग द्वारा वर्ष 2017, 2018, 2019 एवं 2020 के राष्ट्रीय तुलसी सम्मान और 2019 एवं 2020 के राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान प्रदान किये गए। 
  • वर्ष 2017 का राष्ट्रीय तुलसी सम्मान जयपुर के सुप्रतिष्ठित चित्रकार कैलाश चंद शर्मा को, वर्ष 2018 का सम्मान राजनांदगांव के सुप्रतिष्ठित बाँसुरी वादक विक्रम यादव को, वर्ष 2019 का सम्मान रायपुर के ख्यात कबीर गायक डॉ. भारती बंधु को तथा वर्ष 2020 का सम्मान प्रतिष्ठित जनजातीय कलाकार तिलकराम पेंद्राम को प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2019 का राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान मंडला की जनजातीय कलाकार शांति बाई मरावी को और वर्ष 2020 का सम्मान लखनऊ की अवधी, भोजपुरी एवं बुंदेलखंडी शैली की सुविख्यात लोकगायिका मालिनी अवस्थी को प्रदान किया गया।
  • राष्ट्रीय तुलसी एवं देवी अहिल्या सम्मान में सम्मानित होने वाले कलाकारों को 2 लाख रुपए की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका  एवं शॉल-श्रीफल प्रदान किये गए।
  • ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय तुलसी सम्मान की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी। राष्ट्रीय तुलसी सम्मान तीन वर्ष में दो बार प्रदर्शनकारी कलाओं और एक बार रूपंकर कलाओं के लिये दिया जाता है। जनजातीय, लोक एवं पारंपरिक कलाओं के क्षेत्र में महिला कलाकार को सम्मानित करने के लिये राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान की स्थापना वर्ष 1996 में की गई थी।

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सेकेंड ट्रेंच लेने वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश

चर्चा में क्यों?

19 नवंबर, 2021 को भारत सरकार के जल-शक्ति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जल जीवन मिशन में मध्य प्रदेश को सेकेंड ट्रेंच में 1279 करोड़ 19 लाख रुपए आवंटित किये गए हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि कार्य की प्रगति और धनराशि के उपयोग के आधार पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में सेकेंड ट्रेंच में अनुदान प्राप्त करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है। देश के अन्य किसी राज्य को अभी तक जल जीवन मिशन में सेकेंड ट्रेंच राशि आवंटित नहीं हुई है।
  • मई 2021 में प्राप्त फर्स्ट ट्रेंच की राशि और राज्य सरकार द्वारा समान अंशदान सम्मिलित कर मिशन के कार्यों का संचालन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश ने फर्स्ट ट्रेंच और राज्य सरकार के समान अंशदान की 80 प्रतिशत राशि व्यय किये जाने के फलस्वरूप केंद्र सरकार से सेकेंड ट्रेंच में राशि उपलब्ध हुई है।
  • ग्रामीण आबादी के हर परिवार को नल कनेक्शन के माध्यम से जल उपलब्ध कराने के कार्य जल जीवन मिशन में किये जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के लिये जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार से 5,117 करोड़ रुपए की राशि इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हुई है। 
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से जीवन में बदलाव लाने वाले जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के पानी का कनेक्शन देना है। 
  • इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2021 को  जल जीवन मिशन ऐप एवं जल जीवन कोष (राष्ट्रीय जल कोष) भी लॉन्च किया था।

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