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असर (ASER) रिपोर्ट 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एनजीओ ‘प्रथम’के द्वारा 16वीं ‘शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट ASER 2021 जारी की गई, जिसमें झारखंड में सरकारी विद्यालयों की ओर विद्यार्थियों की झुकाव में वृद्धि दर्शायी गई है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 6-14 वर्ष आयु समूह के बच्चों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- 2020 में झारखंड के सरकारी विद्यालयों में नामित बच्चों (6-14 वर्ष) की संख्या 72.1% थी, जो 2021 में बढ़कर 78.6% हो गई हैं।
- झारखंड के 57.6 प्रतिशत बच्चों को ट्यूशन लेना पड़ता है, जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 39.2 प्रतिशत है।
- वर्ष 2021 में राज्य के वैसे नामांकित विद्यार्थी, जिनके घरों में स्मार्टफोन है, की संख्या बढ़कर 60.2 प्रतिशत हो गई है, जो वर्ष 2018 में केवल 20.6 प्रतिशत थी।
- राज्य के 89.8 प्रतिशत नामांकित बच्चों के पास उनके ग्रेड की पुस्तकें उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 91.9 प्रतिशत है।
- राज्य के 6-14 वर्ष आयु समूह के 2.7 प्रतिशत बच्चे अभी भी विद्यालयों में अनामांकित हैं, जिनमें 3.1 प्रतिशत लड़के एवं 2.3 प्रतिशत लड़कियाँ शामिल हैं।
- राज्य के केवल 15.3 प्रतिशत नामांकित विद्यार्थी ही घरों से ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं, जबकि केरल में यह 91 प्रतिशत है, वहीं राष्ट्रीय औसत भी झारखंड से काफी अधिक (24.2 प्रतिशत) है।
- विदित हो कि यह रिपोर्ट द्वारा ग्रामीण भारत के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति एवं बुनियादी पढ़ने और गणित की क्षमता पर आँकड़े प्रस्तुत करती है।
- कोविड-19 महामारी के कारण ‘असर (ASER) 2021’ रिपोर्ट एक फोन आधारित सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है।
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