उत्तर प्रदेश Switch to English
अब उत्तर प्रदेश में भी मेडिकल की पढ़ाई होगी हिन्दी में
चर्चा में क्यों?
19 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक श्रुति सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिये हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तक पेश करने हेतु सरकार ने एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- महानिदेशक श्रुति सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने जिस तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है, वह तीन विषयों पर एमबीबीएस हिन्दी पाठ्य-पुस्तकों की समीक्षा कर रहा है। इनमें जैव रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान शामिल हैं।
- इसके अलावा अन्य एमबीबीएस पाठ्य-पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया जा रहा है और तीन सदस्यीय पैनल समिति इस अनुवाद की जाँच करेगी।
- गौरतलब है कि हाल ही में देश में पहली बार मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गई है।
- चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि लगभग एक महीने पहले समिति का गठन किया गया था और मेरठ स्थित एक सरकारी मेडिकल कॉलेज से इन पुस्तकों को पहले अपनाने की उम्मीद है। अभी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तकें केवल एमबीबीएस छात्रों तक ही सीमित रहेंगी।
- उन्होंने कहा कि इस कदम से छात्रों, विशेष रूप से हिन्दी-माध्यम पृष्ठभूमि वाले छात्रों को अपनी भाषा में अवधारणाओं और प्रक्रियाओं को आसानी से समझने में मदद मिलेगी।
- चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक एनसी प्रजापति ने कहा कि पैनल चिकित्सा शब्दावली का अनुवाद और पाठ्य-पुस्तकें हटाने की कोशिश नहीं कर रहा है। संपूर्ण पाठ का अनुवाद करना संभव नहीं है, क्योंकि यह छात्रों के लिये जटिल साबित होगा।
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