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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Oct 2022
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हरियाणा कारागार नियम, 2022

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य में लागू ‘पंजाब जेल नियमावली-1894’ को ‘हरियाणा कारागार नियम, 2022’ से प्रतिस्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 राज्य की सभी जेलों में इसके प्रशासन और प्रबंधन, स्टाफ सदस्यों, दोषियों, विचाराधीन कैदियों, सिविल कैदियों, महिला कैदियों, युवा अपराधियों और बंदियों के संबंध में निवारक निरोध कानूनों के तहत लागू होंगे।
  • इन नियमों को हरियाणा कारागार नियम 2022 कहा जाएगा। ये नियम राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 स्थानीय कानूनों और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त संशोधन, परिवर्धन, परिवर्तन और विलोप के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मॉडल जेल नियमावली, 2016 पर आधारित हैं। इन नियमों में नए भर्ती किये गए कैदियों के लिये उनके व्यक्तिगत व्यवहार अध्ययन, स्वास्थ्य जाँच आदि हेतु कक्षों की स्थापना का प्रावधान भी शामिल है।
  • इन नियमों के तहत बंदियों के अलगाव के लिये वर्गीकरण, गैंगेस्टरों और कट्टर कैदियों के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं। इसके अलावा कैदियों के अधिकार और कर्त्तव्यों को भी शामिल किया गया है।
  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 में जेल के आहार में उचित भोजन, इसकी तैयारी और वितरण प्रबंधन का प्रावधान किया गया है तथा महिला, वृद्ध और मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिये भी विशेष प्रावधान किये गए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि अंग्रेज़ी शासन के दौरान अधिसूचित तथा वर्तमान में हरियाणा राज्य में पंजाब जेल नियमावली-1894 लागू थी।

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फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 अधिसूचित होने के उपरांत फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण को वित्तीय खर्चों और प्राधिकरण की बैठक को पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
  • ये नियम प्राधिकरण के सामान्य और विशेष प्रावधानों को परिभाषित करते हैं, जिसमें समय, स्थान, बैठकों के आयोजन, बैठकों की सूचना, इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से उपस्थिति, कोरम की स्थिति, बैठक में किये जाने वाले कार्य, प्रश्नों को तय करने की विधि, गैर-सदस्यों की भागीदारी व अवसंरचना विकास योजना आदि की तैयारी शामिल हैं।

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हरियाणा ने पालम विहार को जोड़ने वाली मेट्रो विस्तार परियोजना के लिये अंतिम डीपीआर को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रेजांगला चौक, गुरुग्राम से सेक्टर 21 एवं द्वारका के बीच बेहतर संपर्क प्रदान करने के लिये द्वारका मेट्रो रेल कनेक्टिविटी परियोजना की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • डीपीआर के अनुसार पालम विहार में रेजंगला चौक और द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन को जोड़ने वाला स्पर या मेट्रो एक्सटेंशन 8.40 किलोमीटर लंबा होगा,  जिसमें से 4 किलोमीटर पालम विहार से गुरुग्राम में सेक्टर 111 और शेष 4.40 किलोमीटर सेक्टर 111 से सेक्टर 21 द्वारका तक होगा। इस पूरे रूट में 7 स्टेशन होंगे।
  • यह मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमआरटीएस) परियोजना गुरुग्राम शहर के अधिकतम हिस्से को दिल्ली और अन्य आसपास के क्षेत्रों से जोड़ेगी। यह गुरुग्राम मेट्रो कॉरिडोर के पालम विहार स्टेशन के साथ इंटरचेंज, एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के आईईसीसी स्टेशन के साथ इंटरचेंज और डीएमआरसी ब्लू लाइन के सेक्टर 21 द्वारका स्टेशन एवं एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज करेगा। इस एमआरटीएस का सेक्टर 110 में द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ इंटरचेंज भी होगा। ये लिंकेज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में परिवहन प्रणाली की दक्षता को बढ़ाएंगे।
  • इससे दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्रा करने वाले यात्रियों को भी सुगम परिवहन सुविधा मिलेगी और सेक्टर-21, द्वारका मेट्रो स्टेशन पर चेक-इन सुविधा मिलेगी।
  • एमआरटीएस की शुरुआत से बसों की संख्या, आईपीटी, निजी वाहनों का उपयोग, वायु प्रदूषण में कमी और सड़क आधारित वाहनों की गति में वृद्धि होगी तथा इसके परिणामस्वरूप ईंधन की खपत में कमी, वाहन संचालन लागत और यात्रियों के यात्रा समय में कमी के कारण महत्त्वपूर्ण सामाजिक लाभ होंगे। इससे दुर्घटनाओं में कमी, प्रदूषण और सड़क रखरखाव की लागत सामान्य रूप से समाज के लिये अन्य लाभ साबित होंगे।
  • बैठक में मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के हिस्से के साथ 1541 करोड़ रुपए की सकल परियोजना लागत को भी मंज़ूरी दी। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अनुबंध एवं अन्य संबंधित दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिये प्रशासनिक सचिव, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को नोडल अधिकारी के रूप में मनोनीत करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।

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