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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

अब उत्तर प्रदेश में भी मेडिकल की पढ़ाई होगी हिन्दी में

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक श्रुति सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिये हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तक पेश करने हेतु सरकार ने एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • महानिदेशक श्रुति सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने जिस तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है, वह तीन विषयों पर एमबीबीएस हिन्दी पाठ्य-पुस्तकों की समीक्षा कर रहा है। इनमें जैव रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान शामिल हैं।
  • इसके अलावा अन्य एमबीबीएस पाठ्य-पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया जा रहा है और तीन सदस्यीय पैनल समिति इस अनुवाद की जाँच करेगी।
  • गौरतलब है कि हाल ही में देश में पहली बार मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गई है।
  • चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि लगभग एक महीने पहले समिति का गठन किया गया था और मेरठ स्थित एक सरकारी मेडिकल कॉलेज से इन पुस्तकों को पहले अपनाने की उम्मीद है। अभी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तकें केवल एमबीबीएस छात्रों तक ही सीमित रहेंगी।
  • उन्होंने कहा कि इस कदम से छात्रों, विशेष रूप से हिन्दी-माध्यम पृष्ठभूमि वाले छात्रों को अपनी भाषा में अवधारणाओं और प्रक्रियाओं को आसानी से समझने में मदद मिलेगी।
  • चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त निदेशक एनसी प्रजापति ने कहा कि पैनल चिकित्सा शब्दावली का अनुवाद और पाठ्य-पुस्तकें हटाने की कोशिश नहीं कर रहा है। संपूर्ण पाठ का अनुवाद करना संभव नहीं है, क्योंकि यह छात्रों के लिये जटिल साबित होगा।

बिहार Switch to English

बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग गठित

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को राज्य सरकार ने जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ. नवीन चंद्र आर्या की अध्यक्षता में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। यह आयोग सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिये आरक्षण की अनुशंसा करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • आयोग के अन्य सदस्यों में अरविंद निषाद, विनोद भगत, ज्ञानचंद्र पटेल एवं तारकेश्वर ठाकुर शामिल हैं। पहली बार इस आयोग का गठन 2006 में किया गया था। आयोग को रिपोर्ट देने के लिये अधिकतम तीन महीने का समय दिया गया है।
  • गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 19 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि वह अतिपिछड़ा वर्ग आयोग (ईबीसी कमीशन) से अतिपिछड़ों की स्थिति का आकलन कराने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद हाईकोर्ट का 4 अक्टूबर का फैसला यथावत रह गया।
  • राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान यह पक्ष रखा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ईबीसी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद बिहार के निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
  • इसके लिये 2005 में अस्तित्व में आए बिहार ईबीसी आयोग को बतौर डेडिकेटेड कमीशन पुनर्जीवित किया गया है। आयोग जल्द अतिपिछड़ों के राजनीतिक पिछड़ेपन से जुडे+ आँकड़े जुटा कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। रिपोर्ट के अवलोकन के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में निकाय चुनाव अधिसूचित करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव में तभी पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है, जब सरकार ट्रिपल टेस्ट कराए। सरकार ये पता लगाए कि किस वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।

राजस्थान Switch to English

‘चंबल-धौलपुर-भरतपुर बृहद् पेयजल परियोजना’ के सर्वे एवं डीपीआर कार्यों के लिये मिली वित्तीय स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘चंबल-धौलपुर-भरतपुर बृहद् पेयजल परियोजना’ के तहत भरतपुर एवं धौलपुर ज़िलों में सर्वे एवं डीपीआर कार्यों के लिये राज्य मद से 7.20 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री गहलोत की इस स्वीकृति से परियोजना के सर्वे एवं डीपीआर कार्यों को गति मिलेगी तथा परियोजना के समयबद्ध रूप से पूर्ण होने पर भरतपुर एवं धौलपुर दोनों ज़िलों में घरेलू नल कनेक्शन के कार्य भी पूर्ण हो सकेंगें।
  • ‘चंबल-धौलपुर-भरतपुर बृहद् पेयजल परियोजना’ के पूर्ण होने पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या से निजात मिलेगी। इसके अलावा, सिंचाई के लिये भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2022-23 में पेयजल की सुचारु उपलब्धता के लिये 3 हज़ार 106 करोड़ रुपए की ‘चंबल-धौलपुर-भरतपुर बृहद् पेयजल परियोजना’ की घोषणा की थी।
  • विदित है कि राज्य सरकार द्वारा 14 सितंबर, 2022 को उक्त परियोजना के प्रथम फेज हेतु वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान के पुलिस विभाग में 500 मोबाइल यूनिट्स का होगा गठन

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पुलिस विभाग के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में 108 एंबुलेंस की तर्ज़ पर 500 नवीन मोबाइल यूनिट्स के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इन मोबाइल यूनिट्स को अभय कमांड सेंटर (डायल 100/डायल 112) से जोड़ा जाएगा तथा प्रत्येक यूनिट के लिये 1 हेड कॉन्सटेबल और 2 कॉन्सटेबल तैनात होंगे। इस प्रकार 24 घंटे हेतु 3 हेड कॉन्सटेबल व 6 कॉन्सटेबल की आवश्यकता होगी।
  • उन्होंने बताया कि इन यूनिट्स के गठन हेतु 500 वाहन किराए पर लिया जाना प्रस्तावित है। इन यूनिट्स का संचालन पुलिस में उपलब्ध नफरी द्वारा किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पुलिस की दक्षता और कार्यक्षमता बढ़ेगी तथा आमजन की समस्याओं के निराकरण में सुगमता होगी। इन मोबाइल यूनिट्स के गठन से पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ने के साथ ही आपराधिक घटनाओं में भी कमी आएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

पीएमएवाई शहरी में मध्य प्रदेश को मिला बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट अवार्ड श्रेणी में दूसरा स्थान

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को राजकोट (गुजरात) में इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट अवार्ड श्रेणी में देश में दूसरा स्थान और ‘पीएमएवाई अवार्ड्स-2021:150 डेज चैलेंज’में प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर कुल 8 श्रेणी में अवार्ड प्राप्त हुए।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट (गुजरात) में इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का अवार्ड प्रदान किया।
  • विशेष श्रेणी अवार्ड में मध्य प्रदेश बेस्ट स्टेट फॉर कन्वर्जेंस में गुजरात के साथ, बेस्ट स्टेट फॉर कंडक्टिंग आईईसी एक्टिविटी में झारखंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ तथा बेस्ट परफॉर्मिंग एसएलटीसी में उत्तर प्रदेश तथा गुजरात के साथ सह-विजेता बना है।
  • म्युनिसिपल अवार्ड (सिटी लेबल) में बेस्ट परफॉर्मिंग म्युनिसिपल अवार्ड नगरपालिक निगम देवास को द्वितीय स्थान, बेस्ट परफॉर्मिंग म्युनिसिपल काउंसिल में नगरपालिका परिषद गोहद (ज़िला भिंड) को द्वितीय और बेस्ट परफॉर्मिंग नगर पंचायत में नगर परिषद जोबट (ज़िला अलीराजपुर) को प्रथम स्थान मिला है। बेस्ट सीएलटीसी अवार्ड नगरपालिक निगम देवास, नगरपालिका परिषद गोहद और नगर परिषद जोबट को मिला है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा कारागार नियम, 2022

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य में लागू ‘पंजाब जेल नियमावली-1894’ को ‘हरियाणा कारागार नियम, 2022’ से प्रतिस्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 राज्य की सभी जेलों में इसके प्रशासन और प्रबंधन, स्टाफ सदस्यों, दोषियों, विचाराधीन कैदियों, सिविल कैदियों, महिला कैदियों, युवा अपराधियों और बंदियों के संबंध में निवारक निरोध कानूनों के तहत लागू होंगे।
  • इन नियमों को हरियाणा कारागार नियम 2022 कहा जाएगा। ये नियम राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 स्थानीय कानूनों और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार उपयुक्त संशोधन, परिवर्धन, परिवर्तन और विलोप के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मॉडल जेल नियमावली, 2016 पर आधारित हैं। इन नियमों में नए भर्ती किये गए कैदियों के लिये उनके व्यक्तिगत व्यवहार अध्ययन, स्वास्थ्य जाँच आदि हेतु कक्षों की स्थापना का प्रावधान भी शामिल है।
  • इन नियमों के तहत बंदियों के अलगाव के लिये वर्गीकरण, गैंगेस्टरों और कट्टर कैदियों के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं। इसके अलावा कैदियों के अधिकार और कर्त्तव्यों को भी शामिल किया गया है।
  • हरियाणा कारागार नियम, 2022 में जेल के आहार में उचित भोजन, इसकी तैयारी और वितरण प्रबंधन का प्रावधान किया गया है तथा महिला, वृद्ध और मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिये भी विशेष प्रावधान किये गए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि अंग्रेज़ी शासन के दौरान अधिसूचित तथा वर्तमान में हरियाणा राज्य में पंजाब जेल नियमावली-1894 लागू थी।

हरियाणा Switch to English

फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण नियम, 2022 अधिसूचित होने के उपरांत फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण को वित्तीय खर्चों और प्राधिकरण की बैठक को पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
  • ये नियम प्राधिकरण के सामान्य और विशेष प्रावधानों को परिभाषित करते हैं, जिसमें समय, स्थान, बैठकों के आयोजन, बैठकों की सूचना, इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से उपस्थिति, कोरम की स्थिति, बैठक में किये जाने वाले कार्य, प्रश्नों को तय करने की विधि, गैर-सदस्यों की भागीदारी व अवसंरचना विकास योजना आदि की तैयारी शामिल हैं।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने पालम विहार को जोड़ने वाली मेट्रो विस्तार परियोजना के लिये अंतिम डीपीआर को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रेजांगला चौक, गुरुग्राम से सेक्टर 21 एवं द्वारका के बीच बेहतर संपर्क प्रदान करने के लिये द्वारका मेट्रो रेल कनेक्टिविटी परियोजना की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • डीपीआर के अनुसार पालम विहार में रेजंगला चौक और द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन को जोड़ने वाला स्पर या मेट्रो एक्सटेंशन 8.40 किलोमीटर लंबा होगा,  जिसमें से 4 किलोमीटर पालम विहार से गुरुग्राम में सेक्टर 111 और शेष 4.40 किलोमीटर सेक्टर 111 से सेक्टर 21 द्वारका तक होगा। इस पूरे रूट में 7 स्टेशन होंगे।
  • यह मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमआरटीएस) परियोजना गुरुग्राम शहर के अधिकतम हिस्से को दिल्ली और अन्य आसपास के क्षेत्रों से जोड़ेगी। यह गुरुग्राम मेट्रो कॉरिडोर के पालम विहार स्टेशन के साथ इंटरचेंज, एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के आईईसीसी स्टेशन के साथ इंटरचेंज और डीएमआरसी ब्लू लाइन के सेक्टर 21 द्वारका स्टेशन एवं एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज करेगा। इस एमआरटीएस का सेक्टर 110 में द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ इंटरचेंज भी होगा। ये लिंकेज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में परिवहन प्रणाली की दक्षता को बढ़ाएंगे।
  • इससे दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्रा करने वाले यात्रियों को भी सुगम परिवहन सुविधा मिलेगी और सेक्टर-21, द्वारका मेट्रो स्टेशन पर चेक-इन सुविधा मिलेगी।
  • एमआरटीएस की शुरुआत से बसों की संख्या, आईपीटी, निजी वाहनों का उपयोग, वायु प्रदूषण में कमी और सड़क आधारित वाहनों की गति में वृद्धि होगी तथा इसके परिणामस्वरूप ईंधन की खपत में कमी, वाहन संचालन लागत और यात्रियों के यात्रा समय में कमी के कारण महत्त्वपूर्ण सामाजिक लाभ होंगे। इससे दुर्घटनाओं में कमी, प्रदूषण और सड़क रखरखाव की लागत सामान्य रूप से समाज के लिये अन्य लाभ साबित होंगे।
  • बैठक में मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के हिस्से के साथ 1541 करोड़ रुपए की सकल परियोजना लागत को भी मंज़ूरी दी। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अनुबंध एवं अन्य संबंधित दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिये प्रशासनिक सचिव, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को नोडल अधिकारी के रूप में मनोनीत करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।

झारखंड Switch to English

तीसरा झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल संपन्न

चर्चा में क्यों?

18 अक्टूबर, 2022 को झारखंड राज्य के 14 अक्टूबर-18 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले ‘तीसरे झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल’के दूसरे चरण का राज्य के गिरिडीह ज़िले के सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल, में समापन हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • झारखंड साइंस फॉर सोसाइटी के महासचिव डीएनएस आनंद ने बताया कि गिरिडीह में 17 और 18 अक्टूबर, 2022 को फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ, जिसमें कोडरमा और गिरिडीह ज़िलों में अभ्रक के अवैध खनन पर आधारित फिल्म ‘द अगली साइड ऑफ ब्यूटी’ का भी प्रदर्शन हुआ। इस फिल्म में माइका और ढिबरा चुनने की व्यथा को बड़े ही मार्मिक ढंग से दर्शाया गया। इसमें ढ़िबरा चुनकर जीवनयापन और शिक्षा ग्रहण की परिस्थितियों को दिखाकर छात्राओं को प्रेरित किया गया। 48 मिनट की यह फिल्म अभ्रक खनन और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग पर आधारित है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के फिल्मकार दीपक बारा हैं।
  • इसके अलावा झारखंड के फिल्मकार प्रकाश की फिल्म 'The Fire Within' का भी प्रदर्शन हुआ। इसमें झारखंड के कोयला खनन क्षेत्र की दर्दनाक तस्वीर बयाँ की गई है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि भ्रष्टाचार, माफिया की ताकत से विस्थापन का दंश झेल रहे आदिवासी समुदाय की अस्मिता भी अब खतरे में है।
  • विदित है कि 14 अक्टूबर को बोकारो में तीसरे झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल का आगाज़ हुआ था, जिसमें डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म और एनीमेशन आधारित फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। इसमें बीजू टोप्पो द्वारा निर्देशित पद्मश्री सिमोन उराँव के पर्यावरण और जल संरक्षण पर आधारित फिल्म ‘झरिया’की भी स्क्रीनिंग हुई। इसके अलावा फिल्म 'My Life as a Snail', फिल्म 'Green', शॉर्ट फिल्म ‘Decay’, फिल्म 'An Engineered Dream', फिल्म 'Coral Woman']  शॉर्ट फिल्म ‘कमीज’, फिल्म 'Damodar’s sorrow' और फिल्म 'The Ganita Story' का भी प्रदर्शन हुआ।
  • महासचिव डीएनएस आनंद ने कहा कि साइंस फॉर सोसायटी झारखंड में विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने एवं लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास एवं विस्तार के लिये जन-संवाद एवं जन विज्ञान अभियान को निरंतर आगे बढ़ाने में लगी है। इसमें अन्य विज्ञान गतिविधियों के साथ ही विज्ञान फिल्म महोत्सव को भी विज्ञान संचार के एक सशक्त एवं प्रभावशाली माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • ज्ञातव्य है कि झारखंड के विभिन्न भागों में इससे पहले दो साइंस फिल्म फेस्टिवल का सफल आयोजन हो चुका है।

झारखंड Switch to English

झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, 2022

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को झारखंड में उद्योग विभाग ने झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) पॉलिसी, 2022 लागू करते हुए इसकी गजट अधिसूचना जारी की।

प्रमुख बिंदु

  • झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल (इवी) पॉलिसी, 2022 के तहत राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर अनुदान देने की घोषणा भी की है। इसके तहत राज्य में अब नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपए तक का अनुदान मिलेगा तथा इवी स्कूटी या दोपहिया वाहन पर 10 हज़ार रुपए, ऑटो खरीदने पर 30 हज़ार और ई-बस खरीदने पर 20 लाख रुपए तक का अनुदान मिलेगा।
  • इवी पॉलिसी, 2022 के अंतर्गत रोड टैक्स में भी छूट का प्रावधान किया गया है। राज्य के अंदर ही उत्पादन करनेवाले उद्योगों से इवी के पहले 10 हज़ार खरीदार को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हज़ार खरीदार को 75 प्रतिशत और इसके बाद को 25% की छूट दी जायेगी।
  • राज्य सरकार ने बताया कि इस नीति को लागू करने का उद्देश्य झारखंड को इवी हब तथा पूर्वी भारत में झारखंड को इवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का सबसे पसंदीदा राज्य बनाना है।
  • इस नीति के तहत झारखंड में 2027 तक एडवांस केमेस्ट्री सेल बैट्रीज के उत्पादन की योजना है, जिसके अंतर्गत शहरी क्षेत्र में हर तीन किमी. पर अथवा हर 10 लाख की आबादी पर 50 चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग में हर 25 किमी. पर चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जाएगी।
  • इवी चार्जिंग स्टेशन खोलने पर 50 से 60% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है तथा राज्य में इवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर दो करोड़ से लेकर 30 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी।
  • राज्य सरकार ने यह प्रावधान किया है कि राज्य सरकार के कर्मी यदि टू व्हीलर या फोर व्हीलर इवी खरीदते हैं, तो उन्हें 100 प्रतिशत इंट्रेस्ट सब्सिडी दी जाएगी और सरकारी कार्यालयों में भी कार्यालय इस्तेमाल के लिये इवी के ही इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत आर्थिक फसल बीमा पोर्टलों का डिजिटली एकीकरण डिजिटल भू-अभिलेख डाटाबेस (भुइयाँ) में करने के लिये छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि 19 एवं 20 अक्टूबर, 2022 को केरल के कोच्चि में आठवें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन के पहले दिन छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • यह पुरस्कार भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के अंतर्गत खरीफ वर्ष 2022 से राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का एकीकरण छत्तीसगढ़ के डिजिटल भू-अभिलेख डाटाबेस ‘भुइयाँ’ में सीमित समय में सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर दिया गया है।
  • छत्तीसगढ़ की ओर से उत्कृष्ट पुरस्कार को विशेष सचिव एवं संचालक कृषि छत्तीसगढ़ शासन डॉ. अबयाज फकीर तम्बोली तथा संयुक्त संचालक कृषि, संचालनालय कृषि छत्तीसगढ़ श्री बी.के. मिश्रा ने ग्रहण किया।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में अनेक क्षेत्रों में नवाचार किये जा रहे हैं। वहीं हितग्राहियों को त्वरित लाभ दिलाने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है, जिनमें से योजनाओं का डिजिटलीकरण मुख्य रूप से शामिल है।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का एकीकरण प्रदेश के डिजिटल भू-अभिलेख डाटाबेस (भुइयाँ) से होने से कृषकों की भूमि विवरण संबंधित जानकारी राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल में भुइयाँ पोर्टल से सत्यापन उपरांत ही इंद्राज की जा सकेगी। इससे कृषकों के सही खसरा नंबर रकबा तथा सही ग्राम की जानकारी पोर्टल पर इंद्राज होने से फसल बीमा आवरण तथा दावा भुगतान की कार्यवाही सुगमतापूर्वक पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित होगी।

उत्तराखंड Switch to English

पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित

चर्चा में क्यों?

19 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से बागेश्वर ज़िले के पिंडारी ग्लेशियर और चमोली ज़िले में बागची बुग्याल को ‘ट्रैक ऑफ द ईयर’ घोषित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल, दोनों ट्रैकों के लिये दल को रवाना करने हेतु टूर ऑपरेटरों को पर्यटन विभाग की ओर से प्रत्येक ट्रैकर को ट्रैकिंग पर किये जाने वाले कुल खर्च पर दो हज़ार रुपए की सब्सिडी भी दी जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि विंटर ट्रैकिंग डेस्टिनेशन और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये यह ट्रैकिंग कार्यक्रम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस ट्रैक के माध्यम से विंटर ट्रैकिंग डेस्टिनेशन को केदारकांठा की भाँति प्रचारित एवं प्रसारित किया जाएगा तथा ट्रैकिंग को बढ़ावा देने के लिये विभाग की ओर से ट्रैकिंग गाइड ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि पिंडारी ग्लेश्यिर ट्रैक की शुरुआत कुमाऊँ के काठगोदाम से होगी, जो खाती, दव्याली, फुर्किए, ज़ीरो पॉइंट, खाती के बाद खरकिया से होते हुए काठगोदाम में संपन्न होगा। वहीं, बागची बुग्याल के ट्रैक की शुरुआत देहरादून के ऋषिकेश से होगी, जो घेस, देवलीखेत से होते हुए बागची बुग्याल के बेस कैंप में संपन्न होगा। यहाँ से ट्रैकर धुलंब होते हुए बागची के टॉप हिमानी पहुँचेंगे।

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