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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Oct 2021
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विद्युत दरों पर सब्सिडी

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की वर्चुअल बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • घरेलू उपभोक्ताओं के लिये लागू योजना में 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रुपए का देयक दिये जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बी.पी.एल. घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र 25 रुपए प्रति माह के मान से 4 माह में 100 रुपए लिये जाने का प्रावधान इस वर्ष भी रखा गया है। 
  • इसके साथ ही गृह ज्योति योजना में 4981.69 करोड़ रुपए की सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
  • कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी विद्युत दरों में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। 10 हॉर्सपॉवर तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप उपभोक्ता को 750 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा वितरण कंपनियों को 9876 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस निर्णय से मध्य प्रदेश के लगभग 21 लाख 75 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 
  • 10 हॉर्सपॉवर से अधिक की क्षमता के मीटररहित स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता से 1500 रुपए प्रति हॉर्सपॉवर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को देय होगी। इसके लिये 644 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 50 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 
  • मीटरयुक्त स्थाई और अस्थाई कृषि पंप संयोजनों पर ऊर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार एवं नियत प्रभार में छूट दी जाएगी। छूट राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में कंपनियों को किया जाएगा। इसके लिये 350 करोड़ रुपए की राशि देय होगी एवं इससे लगभग 2 लाख अस्थायी एवं 20 हज़ार मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
  • एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हॉर्सपॉवर तक के अनुसूचित जाति और जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की जाएगी। देयक की संपूर्ण राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी एवं इससे लगभग 9 लाख 25 हज़ार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके लिये राज्य शासन द्वारा 4,733 करोड़ रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जाएगी।
  • उच्च दाब उदवहन/समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार तथा वार्षिक न्यूनतम प्रभार में छूट दी जाएगी। छूट राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी। इसके लिये 90 करोड़ रुपए की राशि सब्सिडी के रूप में देय होगी। 
  • मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गए निर्णय से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विद्युत देयक में 15,722.87 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।

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‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ योजना

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा गरीब जनजाति परिवारों की सुविधा के लिये प्रदेश के आदिवासी विकासखंडों की उचित मूल्य दुकानों के आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को उनके ही ग्राम से राशन सामग्री वितरण की योजना ‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ लागू करने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • यह योजना उप-चुनाव निर्वाचन आचार संहिता के ज़िलों को छोड़कर शेष ज़िलों के आदिवासी विकासखंडों में नवंबर, 2021 से लागू की जाएगी। योजना में 16 ज़िलों के 74 विकासखंड में 7,511 ग्राम के जनजातीय परिवार लाभान्वित होंगे। 
  • मुख्यालय स्थित गाँव को छोड़कर दुकान से संलग्न अन्य ग्रामों में वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा। 
  • ज़िला कलेक्टर द्वारा ग्राम में वितरण के लिये प्रत्येक माह के दिवस निर्धारित किये जाएंगे। एक वाहन द्वारा एक माह में औसतन 22 से 25 दिवस (अवकाश छोड़कर) 220 से 440 क्विंटल खाद्य सामग्री का वितरण किया जाएगा। 
  • खाद्यान्न परिवहन में अनुमानित 472 वाहन उपयोग किये जाएंगे। एक मीट्रिक टन वाले वाहन पर 24 हज़ार रुपए प्रतिमाह और 2 मीट्रिक टन वाले वाहन पर 31 हज़ार रुपए प्रतिमाह की दर से सालाना व्यय 14 करोड़ 7 लाख रुपए अनुमानित है।
  • वाहन में खाद्यान्न लोड करते समय उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। वाहन में सामग्री तोलने के लिये इलेक्ट्रॉनिक तोल काँटा, माईक, स्पीकर, पी.ओ.एस. मशीन रखने, बैठने एवं खाद्यान्न सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएँ होंगी। वाहनों की व्यवस्था के लिये परिवहनकर्त्ताओं के साथ ज़िला स्तर पर अनुबंध किया जाएगा।
  • परिवहनकर्त्ता उसी क्षेत्र के ग्रामों के निवासी होंगे। उनकी उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच होगी तथा वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से होंगे। परिवहनकर्त्ताओं को प्रतिमाह निर्धारित व्यय का भुगतान किया जाएगा। 
  • परिवहनकर्त्ता को वाहन क्रय के लिये ऋण राशि पर मार्जिन मनी प्रदान की जाएगी। एक मीट्रिक टन क्षमता वाले वाहन के लिये 2 लाख रुपए और 2 मीट्रिक टन या अधिक क्षमता वाले वाहन के लिये 3 लाख रुपए की मार्जिन मनी का भुगतान किया जाएगा। मार्जिन मनी की एकमुश्त राशि 9 करोड़ 69 लाख रुपए का भुगतान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर उचित मूल्य की दुकान संचालित करने का प्रावधान होने से दुकान के मुख्यालय ग्राम को छोड़कर शेष आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को परिवहन के सुगम साधन न होने के कारण प्रतिमाह लगभग 5 किमी. दूरी तय कर 23 से 37 किग्रा. वजन की सामग्री सिर पर रखकर ले जानी पड़ती है। 
  • दिव्यांग, वृद्ध और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति को दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न होती है एवं गरीब परिवारों को मज़दूरी का नुकसान भी होता है। इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। 
  • योजना से हितग्राही की मज़दूरी एवं श्रम की बचत, पात्र परिवारों को निवास के ग्राम में राशन सामग्री का प्रदाय और समय पर राशन सामग्री का वितरण हो सकेगा।

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खादी शो

चर्चा में क्यों?

19 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा हाट परिसर, भोपाल में चरखा खादी उत्सव में खादी वस्त्रों के डिज़ाइनर गारमेंट्स के प्रत्यक्ष प्रदर्शन ‘खादी शो’ का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • युवाओं के बीच खादी के कपड़ों के प्रति रुझान बढ़ाने तथा खादी के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ‘खादी शो’ का आयोजन किया गया। इसमें मॉडल्स ने कबीरा खादी ब्रांड के विभिन्न परिधानों को पेश किया। 
  • भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ पर राष्ट्रपिता गांधीजी की परिकल्पना के अनुरूप खादी वस्त्रों के दैनिक जीवन में उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये भी इस शो का आयोजन किया गया था। 
  • खादी परिधान प्रदर्शन में सभी उम्र वर्ग के गारमेंट्स एवं विभिन्न प्रकार की डिज़ाइनर ड्रेसों का प्रदर्शन किया गया। इन ड्रेसों को बोर्ड से संबद्ध डिज़ाइनरों द्वारा आकर्षक एवं वर्तमान प्रचलन के अनुरूप नवीनतम डिज़ाइन में तैयार किया गया। 
  • खादी कुर्ता, पायजामा, जाकेट, शर्ट, शेरवानी, कोट, लेडीज कुर्ता, ट्राउजर, प्लाजो, पैंट, जाकेट, साड़ियाँ और अनारकली कुर्ते इत्यादि विभिन्न मॉडलों द्वारा प्रदर्शित किये गए।
  • इन डिज़ाइनर खादी वस्त्रों में ट्रेडिशनल, ब्लॉक, बाग, दाबू, बुटीक एवं वर्तमान में प्रचलित डिजिटल प्रिंट, मध्य प्रदेश के फ्लावर एवं फॉरेस्ट पर आधारित प्रिंट के प्रिंटेड गारमेंट्स शामिल थे। 

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