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पर्यटन मंत्री ने पर्वतारोहण अभियान दल को फ्लैग ऑफ कर किया रवाना
चर्चा में क्यों?
19 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 6 हज़ार 316 मीटर ऊँचे बंदरपूंछ और 6 हज़ार 512 मीटर ऊँची भागीरथी द्वितीय पर्वत श्रृंखला की चढ़ाई के लिये 12 सदस्यीय 2 दलों को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा भारतीय पर्वतारोहण संघ के संयुक्त तत्वावधान में इस पर्वतारोहण अभियान को अंजाम दिया जा रहा है।
- इस मौके पर सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों को स्वरोज़गार के अवसर देना है।
- पर्यटन मंत्री ने कहा कि गांसे (गौरी) और औली को विशेष रूप से विकसित किया जा रहा है ताकि यह पर्यटन स्थल संपूर्ण एशिया को अपनी ओर आकर्षित करे। राज्य में साहसिक पर्यटन के लिये पर्याप्त स्थान हैं। इनको विकसित करते हुए साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि नालंग-जादुंग क्षेत्र को सरकार की ओर से पर्यटन के लिये खोला जा रहा है। क्लाईमेंटाइजेशन को ध्यान में रखकर यात्रा करवाई जाए इसके लिये यात्रा को रेगुलेट करना ज़रूरी है।
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मुख्यमंत्री ने ‘आत्मा के स्वर’ पुस्तक का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
19 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषणों के संकलन पर आधारित ‘आत्मा के स्वर’पुस्तक का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर लघु फिल्म ‘देवभूमि में कर्तव्य पथ पर 2 वर्ष’को भी प्रदर्शित किया गया।
- विदित है कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने हमेशा आगे बढ़कर भारत माता की सेवा की और पिछले 2 वर्ष से राज्यपाल के रूप में देवभूमि में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
- ‘आत्मा के स्वर’पुस्तक राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षांत समारोह आदि के 108 प्रमुख संबोधनों का संकलन है।
- राज्यपाल द्वारा इस पुस्तक में अपने कार्यकाल के दौरान के अनुभवों को साझा किया गया है और प्रदेश के लिये 5 मिशन निर्धारित किये हैं, जो उत्तराखंड को देश में अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सहायक होंगे।
- राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक में उनके अभिव्यक्त भावों में भारतीय सैन्य गौरव, राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक एकता, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चिंतन समाहित है।
- इसके अलावा पुस्तक में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, सैन्य साहस, वीरता, नारी शक्ति का योगदान, उत्तराखंड की बेटियों की उपलब्धियाँ, आदि भी समाहित हैं।
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