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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Sep 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

लखनऊ की आस्था स्ट्रांग वुमेन और आर्य बने स्ट्रांग मैन

चर्चा में क्यों? 

19 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के टाटानगर (जमशेदपुर) में हुई सीनियर राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में लखनऊ की आस्था स्ट्रांग वुमेन और आर्य स्ट्रांग मैन बने।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश टीम की महिला सदस्य आस्था सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्ट्रांग वुमेन का खिताब जीता, वहीं आर्य सिंह ने पुरुषों में यह उपलब्धि हासिल करते हुए स्ट्रांग मैन का खिताब अपने नाम किया।  
  • सीनियर वर्ग व सब जूनियर वर्ग में उत्तर प्रदेश के निराले खान को ‘स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया’ का खिताब दिया गया। 
  • विदित है कि 9 से 12 सितंबर के बीच सीनियर एवं सब जूनियर नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था।
  • इस चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश ने कुल 31 पदक जीतकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। इसमें 15 स्वर्ण, 10 रजत व 6 काँस्य पदक शामिल हैं। इसमें लखनऊ के मुकुल चौरसिया और सविता सिंह ने काँस्य पदक जीते।


उत्तर प्रदेश Switch to English

कवि अरुण कमल को मिलेगा ‘निराला स्मृति सम्मान’

चर्चा में क्यों? 

19 सितंबर 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष का ‘निराला स्मृति सम्मान’ समकालीन कविता के कवि अरुण कमल को दिये जाने की घोषणा की गई है।  

प्रमुख बिंदु 

  • कवि अरुण कमल को यह सम्मान छायावादी महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की पुण्यतिथि पर 15 अक्तूबर को निराला स्मृति आयोजन के दौरान दिया जाएगा।  
  • यह सम्मान महाकवि निराला की चेतना, विचारधारा और उनकी रचनात्मक परंपरा से जुडऩे वाले रचनाकार को दिया जाता है
  • निराला के निमित्त संस्था के अध्यक्ष व महाकवि निराला के प्रपौत्र विवेक निराला ने बताया कि इससे पूर्व यह सम्मान कवि राजेश जोशी और कथाकार चित्रा मुद्गल को प्रदान किया जा चुका है।
  • उल्लेखनीय हे कि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'  (21 फरवरी, 1896 -15 अक्तूबर, 1961) हिन्दी कविता के छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किंतु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है। 
  • 1920 ई के आसपास उन्होंने अपना लेखन कार्य शुरू किया था। उनकी पहली रचना जन्म भूमि पर लिखा गया एक गीत था। 1916 ई. में उनके द्वारा लिखी गई ‘जूही की कली’ 1922 ई. में प्रकाशित हुई थी, जो बहुत ही लंबे समय तक का प्रसिद्ध रही 
  • उनके कुछ प्रमुख काव्य संग्रह जैसे अनामिका (1923), परिमल (1930), तुलसीदास (1939), कुकुरमुत्ता (1942), गीत कुंज (1954) इत्यादि हैं। 


उत्तर प्रदेश Switch to English

20वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला का लखनऊ में होगा आयोजन

चर्चा में क्यों? 

19 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकरी के अनुसार 20वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला 22 सितंबर से 2 अक्तूबर तक लखनऊ के बलरामपुर गार्डन में आयोजित होगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • 11 दिवसीय पुस्तक उत्सव में विभिन्न कार्यक्रम जैसे पुस्तक विमोचन, लेखकों से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा, युवा और बच्चों के कार्यक्रम होंगे। 
  • 20वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला ‘ज्ञान कुंभ’की थीम पर होगा, जिसमें प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है और पुस्तकों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।  
  • आयोजक मनोज चंदेल ने बताया कि इस पुस्तक मेले ने देश के शीर्ष 10 पुस्तक मेलों में अपना स्थान बनाया है। 
  • मेले में इस वर्ष दिल्ली, मुंबई, रायपुर, नोएडा, गाजियाबाद, प्रयागराज, रायपुर, गुजरात, राजस्थान के सरकारी सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ बड़ी संख्या में अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू भाषा के प्रकाशक एवं वितरक भाग लेंगे। 


बिहार Switch to English

पटना के प्रेमचंद रंगशाला में ‘रंग जलसा’ की शुरुआत

चर्चा में क्यों? 

19 सितंबर, 2023 को निर्माण कला मंच की ओर से पटना के प्रेमचंद रंगशाला में तीन दिवसीय रंग जलसा की शुरुआत हुई। 

प्रमुख बिंदु  

  • कार्यक्रम में उषा किरण खान को ‘रंग शांति स्मृति सम्मान’दिया गया। 
  • रंगशाला में उषा किरण खान द्वारा लिखित और संजय उपाध्याय द्वारा निर्देशित नाटक ‘कहाँ गए मोरे उगना’की प्रस्तुति की गई तथा एचएमटी के बैनर तले भारतेंदु हरिश्चंद्र लिखित नुक्कड़ नाटक ‘अंधेर नगरी’का भी प्रदर्शन किया गया।   
  • संगीत प्रधान नाटक का केंद्र कवि विद्यापति थे, जिसमें छह सौ साल पहले के विद्यापति और उनके समाज को आज के बाबा नागार्जुन, राजकमल और रेणु के साथ जोड़कर ले चलने का नाटकीय प्रयोग किया गया।


राजस्थान Switch to English

सोला में 132 केवी जी.एस.एस. व 33 केवी ग्रिड सब-स्टेशन मीरण का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भँवर सिंह भाटी एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश के सीकर ज़िले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सोला में 132 केवी जी.एस.एस. एवं मीरण में 33 केवी ग्रीड सब-स्टेशन का लोकार्पण किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • इन विद्युत स्टेशनों के निर्माण से विद्युत वितरण तंत्र में मजबूती आएगी एवं क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता पूर्वक विद्युत आपूर्ति होगी, उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग की समस्या से निजात मिलेगी तथा बिजली छीजन में भी कमी आएगी।  
  • सोला सब स्टेशन के निर्माण से इस क्षेत्र में विद्युत प्रसारण तंत्र की सुदृढ़ता बढ़ेगी तथा सोला, गाडोदा, जाजोद, नरसास, पाटोदा, तिडोकी, मंगलूना एवं आस-पास के क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति में समुचित सुधार होगा।  
  • इस अवसर पर लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में 38 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल और 101 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया तथा खेल मैदान के विकास के लिये 5 एलईडी लाईटें, टीन शेड, सीसी सड़क, नाली निर्माण, पानी की टंकी के निर्माण के लिये राशि स्वीकृत कराने की घोषणा की गई।

 


राजस्थान Switch to English

डीग के 13 विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा उर्दू साहित्य

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यालयों में ऐच्छिक विषय के रूप में उर्दू साहित्य प्रारंभ किये जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जिससे अब राज्य के डीग ज़िले के 13 राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थी उर्दू साहित्य विषय में भी पढ़ाई कर सकेंगे।  

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की गई थी।  
  • महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, भंडारा (कामां), महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, ओलंदा (कामां), रा.उ.मा.वि. उदाका (कामां), रा.उ.मा.वि. ऊंचेडा (कामां), रा.उ.मा.वि. कामां, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, नौगाँवा (कामां), बाबूनाथ स्वामी रा.उ.मा.वि., जुरहरा (कामां), महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, लेवडा (कामां), रा.उ.मा.वि. जोतरूहला, रा.उ.मा.वि. कथोल पहाड़ी, रा.उ.मा.वि. पापडा पहाड़ी, रा.उ.मा.वि. सोमका पहाड़ी, रा.उ.मा.वि. भौंरी पहाड़ी आदि विद्यालयों में उर्दू साहित्य शुरू किया जाएगा।

राजस्थान Switch to English

बीसलपुर पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना फेज-प्रथम का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बीसलपुर पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना फेज-प्रथम के तहत रंगोली गार्डन क्षेत्र पेयजल वितरण पार्ट का लोकार्पण किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने पंप हाउस से पानी चलाकर रंगोली गार्डन वितरण क्षेत्र की 53 कॉलोनियों को पेयजल आपूर्ति की शुरूआत भी की। 
  • परियोजना का प्रथम चरण दिसंबर तक पूरा होने के साथ ही पृथ्वीराज नगर की 1100 कॉलोनियों को बीसलपुर का पानी मिलने लगेगा।  
  • 747 करोड़ रुपए की लागत के बीसलपुर पृथ्वीराज नगर पेयजल परियोजना फेज-द्वितीय में भी पृथ्वीराज नगर एवं आसपास की करीब 2200 कॉलोनियों में बीसलपुर का पानी पहुँचेगा। 
  • परियोजना के फेज-प्रथम में तहत 563.93 करोड़ रुपए की लागत से बालावाला से लोहामंडी तक 44 किमी. लंबी ट्रांसमिशन मेन लाइन, 51 किमी. की राइजिंग मेन लाइन, करीब 970 किमी. की डिस्ट्रीब्यूशन मेन लाइन और साथ ही 9 स्वच्छ जलाशय मय पंप हाउस तथा 19 उच्च जलाशय के कार्य शामिल हैं। 
  • बीसलपुर का पानी आने से पृथ्वीराज नगर के लोगों की टैंकरों पर निर्भरता कम हो जाएगी और साथ ही यहाँ भूजल स्तर में भी सुधार होगा।  
  • पीएचईडी (शहरी) के मुख्य अभियंता के.डी. गुप्ता ने बताया कि परियोजना के प्रथम चरण का 85 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें 15 उच्च जलाशय तथा 7 स्वच्छ जलाशय के साथ ही 95 फीसदी पाइप लाइन बिछाने का काम हो गया है।

 


राजस्थान Switch to English

बाँसवाड़ा में एनिकट निर्माण के तीन प्रस्तावों को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाँसवाड़ा ज़िले में एनिकट निर्माण के तीन प्रस्तावों को मंज़ूरी दी तथा निर्माण कार्यों के लिये 22.75 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति भी दी।

प्रमुख बिंदु 

  • इससे बाँसवाड़ा ज़िले की अरथुना तहसील में गोरवपाड़ा (गोविंदपुरा) एनिकट, गढ़ी तहसील में चाप नदी पर खेड़ा एनिकट और सज्जनगढ़ तहसील में हिरण नदी के पास सेवनिया एनिकट का निर्माण होगा।  
  • इससे क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा। एनिकट से नदी के व्यर्थ बहने वाले पानी को रोककर कृषि कार्यों के लिये इस्तेमाल किया जा सकेगा। 
  • मुख्यमंत्री ने टोंक ज़िले के बीसलपुर प्रोजेक्ट और भीलवाड़ा के बनेड़ा स्थित मेजा डैम की मुख्य नहर पर भी मरम्मत के कार्य कराने की स्वीकृति दी है। इसमें 20.32 करोड़ रुपए की लागत आएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट भाषण 2023-24 में एनिकट निर्माण के लिये घोषणा की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

‘चंदेरी महोत्सव’ का शुभारंभ 5 अक्तूबर से

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि अशोकनगर ज़िले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चंदेरी में ‘चंदेरी महोत्सव’ का औपचारिक शुभारंभ समारोह 05 अक्तूबर को होगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश की समृद्ध कला एवं संस्कृति को प्रचारित करने, स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर सृजित करने, विकासोन्मुखी गतिविधियों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चंदेरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 
  • सनसेट डेजर्ट कैंप के सहयोग से आयोजित होने वाले महोत्सव के पहले संस्करण में लोक कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ख्यात कालाकारों द्वारा लाइव संगीत की प्रस्तुति, डीजे नाइट्स और रोमांचित करने वाली साहसिक गतिविधियाँ भी होंगी। पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के बीच लग्जरी ग्लैंपिंग का अनुभव मिलेगा।  
  • अशोकनगर ज़िला प्रशासन के सहयोग से हो रहे चंदेरी महोत्सव में क्षेत्र की समृद्ध विरासत और उत्कृष्ट हथकरघा परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा।  
  • चंदेरी महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ समारोह 05 अक्तूबर को चंदेरी किले पर होगा। प्रथम पाँच दिन विशेष आयोजन होंगे, जिसमें देशभर से आने वाले ट्रेवल एजेंट्स, टूर ऑपरेट्रर्स, होटेलियर सहित पर्यटन क्षेत्र से जुड़े अन्य हितधारकों को आमंत्रित किया जाएगा।  
  • चंदेरी पहुँचने वाले पर्यटक साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे, शाम को लक्ष्मण मंदिर में महा आरती होगी। महोत्सव में सांस्कृतिक एवं रोज़गारन्मुखी कार्यशालाएँ भी होंगी।  
  • डीजे नाइट्स और लाइट्स एंड साउंड शो, हॉट एयर बैलून ग्लो शो, विंटेज कार रैलियाँ और फोटोग्राफी वर्कशॉप जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। टेंट सिटी में आने वाले पर्यटकों को चंदेरी से 4 किमी. दूर ‘वस्त्र एवं शिल्प पर्यटन ग्राम’प्राणपुर का स्थानीय भ्रमण भी करवाया जाएगा।
  • लोग चंदेरी में साड़ियों को बनते देख सकेंगे, योग एवं मेडिटेशन सत्र रहेंगे। साथ ही मेला मैदान में क्रिकेट और वॉलीबॉल टूर्नामेंट जैसे विभिन्न आयोजन भी होंगे।  
  • मेहमानों के मनोरंजन के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रदर्शनी, लाइट एंड साउंड शो, हॉट एयर बलून ग्लो शो, डीजे नाइट, लाइव बैंड एवं म्यूजिक कॉन्सर्ट, योग एवं मेडिटेशन, विंटेज कार रैली, प्राणपुर गाँव भ्रमण, भील कला पर कार्यशाला, फोटोग्राफी कार्यशाला, बोटिंग, स्टोरी-टेलिंग सेशन, महा आरती, एडवेंचर, ग्रामीण एवं कृषि पर्यटन कार्यशाला, मोन्यूमेंट विजिट, फेशन शो, राजा रानी महल, कवि सम्मेलन, स्थानीय व्यंजनों पर कार्यशाला जैसी गतिविधियाँ होंगी।


हरियाणा Switch to English

‘पेड़ बचाओ, 2500 रुपए पेंशन पाओ’ योजना

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2023 को हरियाणा के गुरुग्राम के डीएफओ (ज़िला वन अधिकारी) राजीव तेज्यान ने बताया कि राज्य सरकार गुरुग्राम शहर के ऐसे पेड़ जो 75 वर्ष या उससे अधिक पुराने हैं, उनके रखरखाव और संरक्षण के लिये अब 2500 रुपये सालाना पेंशन देने जा रही है। 

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य में अब केवल नौकरी के बाद और वृद्धावस्था में ही नहीं, बल्कि पुराने और विरासती पेड़ों की देखभाल और उनका संरक्षण करने के लिये भी पेंशन मिलेगी। हरियाणा सरकार ने इस पेंशन योजना को मंजूरी दे दी है।  
  • यह पेंशन स्कीम नवंबर से शुरू होगी, जो हरियाणा सरकार की ‘प्राण वायु देवता योजना’ का हिस्सा है तथा यह राज्य में पुराने पेड़ों को संरक्षित करने की एक पहल है।  
  • ज़िला वन अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की उम्र की पहचान उनके घेरे और विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मानदंडों के आधार पर की गई है। इन पेड़ों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने, पोषक तत्त्व प्रदान करने और इन पेड़ों को उचित आकार में रखने के लिये पंचायतों और मंदिर ट्रस्टों जैसे व्यक्तियों और संगठनों को प्रेरित करने के लिये पेंशन का भुगतान किया जाएगा। 
  • इस योजना के तहत केवल स्वस्थ पेड़ ही इसके पात्र हैं। अकेले गुरुग्राम में 40 ऐसे पेड़ों की पहचान की गई है। पहचाने गए 40 योग्य पेड़ ज़िले भर में फैले हुए हैं और इनमें कदंब, इंद्रोख, बरगद, पीपल, नीम और जंड के पेड़ शामिल हैं। 
  • ये पेड़ गुरुग्राम में साझा विरासत का हिस्सा हैं और इन्हें संरक्षित करने की ज़रूरत है। इसके अलावा, इसके देखभाल करने वालों और प्लॉट मालिकों को यह सुनिश्चित करने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा कि पेड़ संरक्षित रहें, और वे दूसरों को ऐसे अधिक पेड़ लगाने के लिये प्रेरित करेंगे।  
  • विदित है कि हरियाणा में एक कानून ‘हेरिटेज ट्री’भी है जो ऐसे पेड़ों को काटने पर रोक लगाता है। हेरिटेज ट्री नियम, 2021 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति या संगठन हेरिटेज पेड़ों को काटता है, गिराता है या कोई नुकसान पहुँचाता है, तो वे 500 रुपए जुर्माने या 1 साल कैद की सजा या दोनों के हकदार होंगे। 


छत्तीसगढ़ Switch to English

38वें चक्रधर समारोह का हुआ गरिमामयी शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को संगीत, नृत्य और साहित्य के लिये पूरे भारत में विख्यात छत्तीसगढ़ के रायगढ़ ज़िले के नगर निगम ऑडिटोरियम में रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक व धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर 38वें चक्रधर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि 38वें चक्रधर समारोह का 19 से 21 सितंबर तक नगर निगम ऑडिटोरियम रायगढ़ में गरिमापूर्ण आयोजन हो रहा है। 
  • समारोह के शुभारंभ अवसर पर रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह के आयोजन के माध्यम से कला के विविध रूपों से रूबरू होने का मौका दर्शकों को मिलेगा।  
  • धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया ने कहा कि रायगढ़ सुर ताल की नगरी है और चक्रधर समारोह ने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाई है। इसके आयोजन से कलाकारों की प्रतिभा से परिचित होने का अवसर मिलेगा।            
  • रायगढ़ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि राजा चक्रधर सिंह स्वयं एक उम्दा कलाकार थे साथ ही कलाकारों के उदार संरक्षक थे। रायगढ़ कला मर्मग्यों की नगरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर यहाँ रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसे राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली।
  • चक्रधर समारोह में पहली बार ज़िले और प्रदेश की सांस्कृतिक प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया जा रहा है, जहाँ गायन-वादन और नृत्य के कलाकारों के साथ ही युवा पीढ़ी के प्रतिभाशाली स्थानीय कलाकार भी समारोह में हिस्सा ले रहें हैं।
  • चक्रधर समारोह में इस वर्ष युवा सहभागिता के तहत बड़ी संख्या में रायगढ़ ज़िले के स्कूली छात्र-छात्राओं की सामूहिक नृत्य प्रस्तुति और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जा रहा है। 
  • लंबे समय तक एशिया के एक मात्र संगीत विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों का दल भी चक्रधर समारोह में प्रस्तुति देगा।
  • दल द्वारा शास्त्रीय गायन, सरोद वादन, ताल वादन, ताल कचहरी, सुगम संगीत, कथक एवं छत्तीसगढ़ के लोक गीतों एवं नृत्यों में श्रीराम को किन-किन रूपों में देखा गया है, पर आधारित (लोक में राम) की छत्तीसगढ़ी लोक संगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 
  • चक्रधर समारोह का अपना ऐतिहासिक महत्त्व भी है। आज़ादी के पहले रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत थी, जहाँ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों का फैलाव बड़े पैमाने पर था। प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिन्दी के पहले छायावादी कवि मधुकर पांडेय रायगढ़ से ही थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से जब रियासतों के भारत में विलीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई तो रायगढ़ के राजा चक्रधर विलीनीकरण के सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले पहले राजा थे। 
  • राजा चक्रधर एक कुशल तबलावादक एवं संगीत व नृत्य में भी निपुण थे। उनके प्रयासों और प्रोत्साहन के फलस्वरूप ही यहाँ संगीत तथा नृत्य की नई शैली विकसित हुई।  
  • स्वतंत्रता पूर्व से ही गणेशोत्सव के समय यहाँ सांस्कृतिक आयोजन की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई, जिसने धीरे-धीरे एक बड़े आयोजन का रूप ले लिया। यह आयोजन इतना वृहद था कि राजा चक्रधर के देहावसान के बाद उनकी याद में ‘चक्रधर समारोह’ के नाम से यहाँ के संस्कृतिकर्मियों तथा कलासाधकों ने वर्ष 1985 से दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत की।

  


छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने इंडोर स्टेडियम, बीपीओ सेंटर और तारामंडल का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत खुर्सीपार में नवनिर्मित मिनी इंडोर स्टेडियम एवं नवनिर्मित बीपीओ सेंटर तथा नेहरू नगर में नवनिर्मित तारामंडल का लोकार्पण किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • 3 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मिनी इंडोर स्टेडियम में बैडमिटन कोर्ट, 2 नग वुडन फ्लोरिंग, टेबल टेनिस के तीन कोर्ट, कैरम रूम, 3 बोर्ड शतरंज और एक हाल बनाया गया है।  इंडोर स्टेडियम से अब खिलाड़ियों को खेलने की बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।  
  • 7 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित बीपीओ सेंटर के माध्यम से लगभग 700 युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। 
  • 2 करोड़ रुपए की लागत से नेहरू नगर में नवनिर्मित तारामंडल शहरवासियों को ब्रम्हांड से परिचित कराएगा। 

     


उत्तराखंड Switch to English

पर्यटन मंत्री ने पर्वतारोहण अभियान दल को फ्लैग ऑफ कर किया रवाना

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 6 हज़ार 316 मीटर ऊँचे बंदरपूंछ और 6 हज़ार 512 मीटर ऊँची भागीरथी द्वितीय पर्वत श्रृंखला की चढ़ाई के लिये 12 सदस्यीय 2 दलों को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा भारतीय पर्वतारोहण संघ के संयुक्त तत्वावधान में इस पर्वतारोहण अभियान को अंजाम दिया जा रहा है। 
  • इस मौके पर सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों को स्वरोज़गार के अवसर देना है। 
  • पर्यटन मंत्री ने कहा कि गांसे (गौरी) और औली को विशेष रूप से विकसित किया जा रहा है ताकि यह पर्यटन स्थल संपूर्ण एशिया को अपनी ओर आकर्षित करे। राज्य में साहसिक पर्यटन के लिये पर्याप्त स्थान हैं। इनको विकसित करते हुए साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।  
  • उन्होंने कहा कि नालंग-जादुंग क्षेत्र को सरकार की ओर से पर्यटन के लिये खोला जा रहा है। क्लाईमेंटाइजेशन को ध्यान में रखकर यात्रा करवाई जाए इसके लिये यात्रा को रेगुलेट करना ज़रूरी है। 

  


उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने ‘आत्मा के स्वर’ पुस्तक का किया विमोचन

चर्चा में क्यों?

19 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषणों के संकलन पर आधारित ‘आत्मा के स्वर’पुस्तक का विमोचन किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर लघु फिल्म ‘देवभूमि में कर्तव्य पथ पर 2 वर्ष’को भी प्रदर्शित किया गया।  
  • विदित है कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने हमेशा आगे बढ़कर भारत माता की सेवा की और पिछले 2 वर्ष से राज्यपाल के रूप में देवभूमि में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।  
  • ‘आत्मा के स्वर’पुस्तक राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षांत समारोह आदि के 108 प्रमुख संबोधनों का संकलन है। 
  • राज्यपाल द्वारा इस पुस्तक में अपने कार्यकाल के दौरान के अनुभवों को साझा किया गया है और प्रदेश के लिये 5 मिशन निर्धारित किये हैं, जो उत्तराखंड को देश में अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सहायक होंगे। 
  • राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक में उनके अभिव्यक्त भावों में भारतीय सैन्य गौरव, राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक एकता, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चिंतन समाहित है। 
  • इसके अलावा पुस्तक में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, सैन्य साहस, वीरता, नारी शक्ति का योगदान, उत्तराखंड की बेटियों की उपलब्धियाँ, आदि भी समाहित हैं।


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