उत्तर प्रदेश Switch to English
मुरादाबाद मंडल में बनेगा नंदी अभयारण्य
चर्चा में क्यों?
19 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडलायुक्त आन्जनेय सिंह ने बताया कि आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिये मुरादाबाद मंडल में नंदी अभयारण्य बनाए जाने की पहल की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में गायों के रखरखाव के लिये बड़ी संख्या में गोशालाएँ बनाई गईं हैं तथा उनकी व्यवस्था सुधारी गई है, लेकिन नंदियों की देखभाल का कोई इंतजाम नहीं हो सका। इस समस्या के समाधान के क्रम में इन अभयारण्यों की स्थापना की योजना बनाई गई है।
- मंडलायुक्त ने बताया कि मुरादाबाद मंडल के तीन ज़िलों- संभल, अमरोहा और बिजनौर में इसकी पहल की जा रही है। यहाँ नंदी अभयारण्य की स्थापना का काम शुरू कर दिया गया है।
- इन अभयारण्य में नंदी बिना किसी डर के घूम सकेंगे। इसके लिये फिलहाल यहाँ आसपास करौंदा के पेड़ लगाए जाएंगे। इसके बाद बाँस समेत कई ऐसे पौधे लगाए जाएंगे, जिनसे आमदनी भी होगी।
- नंदी अभयारण्यों की आय के अपने स्रोत होंगे, जिससे इनके संचालन में किसी तरह की समस्या भविष्य में न हो। नंदियों को चरने के लिये चारागाह और घास की व्यवस्था भी होगी।
- तीनों ज़िलों में सफलतापूर्ण संचालन के बाद इस प्रोजेक्ट को राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो भविष्य में इस तरह के अभयारण्य आवारा पशुओं से प्रभावित अन्य ज़िलों में बनाए जा सकेंगे।
- नंदियों को एक स्थान पर लाकर, उनके लिये भयमुक्त वातावरण के साक्षी यह नंदी अभयारण्य बनेंगे। पेड़-पौधों और घास के बीच नंदी विचरण करेंगे। पीने के पानी के लिये अगर कोई जलाशय होगा, उससे भी इन अभयरण्यों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही ट्यूबवेल का भी इंतजाम किया जाएगा।
- इसके लिये संबंधित ग्रामसभा के ग्राम प्रधान की सलाह और सहयोग भी इसमें शामिल होगा। अपर आयुक्त बीएन यादव को इस योजना पर मॉनीटरिंग की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
- मंडलायुक्त ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का प्रयोग सफल हो गया तो यह राज्य के सभी ज़िलों में कारगर होगा। इसी मंशा से इसकी शुरुआत की गई है।
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