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राजीव युवा मितान क्लब योजना
चर्चा में क्यों?
18 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित समारोह के दौरान राज्य में ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ का शुभारंभ किया तथा क्लब के गठन एवं संचालन के लिये ज़िलों को 19.43 करोड़ रुपए की राशि भी जारी की।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य की सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में चरणबद्ध रूप से कुल 13,269 राजीव युवा मितान क्लब गठित किये जाएंगे। क्लबों को वर्ष भर में 132.69 करोड़ रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी।
- राजीव युवा मितान क्लब के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। प्रत्येक क्लब को प्रत्येक तीन माह में 25 हज़ार रुपए के मान से एक साल में रचनात्मक गतिविधियों के संचालन के लिये एक लाख रुपए दिये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के युवा भारत के सपने को साकार करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में राजीव युवा मितान क्लब योजना की शुरुआत की गई है।
- इसका उद्देश्य राज्य की युवा प्रतिभाओं को तराशना, उन्हें संगठित करते हुए उपयुक्त मंच प्रदान करना तथा उनकी ऊर्जा का उपयोग नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में करना है।
- मुख्यमंत्री कहा कि युवा शक्ति, राज्य के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण पूंजी है। राज्य की युवा शक्ति को संगठित करने और उन्हें रचनात्मक कार्यों से जोड़ने का यह क्रांतिकारी कार्यक्रम है। युवाओं के माध्यम से छतीसगढ़ की संस्कृति, पर्यावरण, खेल को आगे बढ़ाने तथा जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने और लोगों को इसका लाभ दिलाने में मदद मिलेगी।
- खेल एवं युवा कल्याण विभाग सचिव एन.एन. एक्का ने कहा कि राजीव युवा मितान क्लब का ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में वार्ड स्तर पर गठन किया जाएगा। क्लब का पंजीयन फर्म एवं सोसायटी एक्ट के तहत होगा। प्रत्येक क्लब में 20 से 40 युवा होंगे, जिनकी आयु 15 से 40 वर्ष के मध्य होगी।
- योजना के क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिस्तरीय समिति का गठन होगा। राज्यस्तरीय कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। ज़िला एवं अनुविभाग स्तर पर भी समितियाँ गठित की जाएंगी। ज़िलों के प्रभारी मंत्री ज़िलास्तरीय समिति के संरक्षक होंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 जनवरी, 2020 को छत्तीसगढ़ युवा उत्सव के समापन समारोह में राजीव युवा मितान क्लब के गठन की घोषणा की थी।
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तृतीय लिंग समुदाय के लिये नीति
चर्चा में क्यों?
18 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में तृतीय लिंग समुदाय के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई व शुभकामनाएँ दीं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सभी जाति, वर्ग, समुदाय और लिंग के व्यक्तियों के हितों एवं उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिये काम कर रही है। सामाजिक सद्भाव और समरसता को आगे बढ़ाना राज्य सरकार की नीति है।
- उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिये पॉलिसी बनाई है।
- छत्तीसगढ़ राज्य ने तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास एवं अधिकारों के संरक्षण हेतु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के लिये 76 लाख रुपए का प्रावधान रखा है। यह देश में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा।
- राज्य सरकार ने तृतीय लिंग समुदाय के डाटा संधारण के लिये ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सर्वेक्षण में 2 हज़ार 919 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिह्नांकित किये गए हैं, जिनमें से 1,025 व्यक्तियों को पहचान-पत्र जारी किया गया है, जो राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड इत्यादि के लिये मान्य है।
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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी, धार्मिक नगरी रतनपुर
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ कि धार्मिक और पौराणिक नगरी रतनपुर को देश एवं दुनिया के पर्यटकों के सामने लाने तथा इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु राज्य शासन कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और राज्य शासन ने बीते दिनों रतनपुर व आसपास के पर्यटन स्थलों का जायजा लिया।
- पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद राजा मोरध्वज और रत्नदेव की इस नगरी को दुनिया भर के पर्यटक अब करीब से देख सकेंगे।
- पर्यटकों के लिहाज से यहाँ की विशेषता और कला को उभारा जाएगा, ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक महत्त्व के महल व किले को सँवारा जाएगा।
- तालाबों कि नगरी के नाम से प्रसिद्ध रतनपुर की सबसे बड़ी खाशियत ये है कि यहाँ कई सौ साल पुराने 200 तालाबों की ऐसी श्रृंखला है, जिसके कारण यहाँ अब तक अकाल नहीं पड़ा। तालाबों का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि बारिश के दिनों में एक तालाब के भर जाने पर पानी दूसरे तालाब में पहुँचता है।
- उल्लेखनीय है कि बिलासपुर ज़िले में स्थित यह नगरी आदिशक्ति माँ महामाया देवी के मंदिर के लिये प्रसिद्ध है। इस पवित्र पौराणिक नगरी का प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास है। इसे ‘चतुर्युगी नगरी’ भी कहा जाता है, जिसका तात्पर्य है कि इसका अस्तित्व चारों युगों में विद्यमान रहा है।
- त्रिपुरी के कलचुरि राजा रत्नदेव प्रथम ने सर्वप्रथम रतनपुर को अपनी राजधानी बनाया था और बाद के कलचुरि राजाओं ने इसी राजधानी से दीर्घकाल तक छत्तीसगढ़ में शासन किया था।
- महामाया मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 11वीं शताब्दी में कराया गया था। मंदिर के भीतर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी स्वरूप देवियों की प्रतिमाएँ विराजमान हैं।
- मान्यता है कि रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंद गिरा था। भगवान शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था, जिसके कारण माँ के दर्शन से कुँवारी कन्याओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में श्रद्धालुओं द्वारा यहाँ हज़ारों की संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किये जाते हैं।
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