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मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश की तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने राज्य की ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ में रुचि दिखाई है। इस योजना के तहत राज्य में 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है।
प्रमुख बिंदु
- परियोजना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’के लिये तकनीकी बोली पेश करने वाली चार में से तीन कंपनियां इसमें शामिल हुईं। अब एक उच्च स्तरीय समिति निविदाओं का आकलन कर आगे फैसला करेगी।
- इस प्रक्रिया का जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद है ताकि अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बजटीय घोषणा को अमली जामा पहनाया जा सके।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’की घोषणा की थी। इसके तहत राज्य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट फोन दिया जाना है। फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी।
- मोबाइल फोन, तीन साल के इंटरनेट सहित अन्य मदों को मिलाकर यह परियोजना लगभग 12000 करोड़ रुपए की है। दिये जाने वाले मोबाइल में दो सिम लग सकेंगे और इसके ‘प्राइमरी स्लॉट’में सिम पहले से ही एक्टिवेट कर दिया जाएगा। इसे बदला नहीं जा सकेगा।
- इस मोबाइल का उपयोग राज्य सरकार ‘चिरंजीवी परिवारों’को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिये करेगी। इसके साथ ही, वह इसके जरिये अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर सकेगी और उसके पास योजनाओं का लाभ लेने वालों का डाटा भी रहेगा।
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