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झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता होगी रद्द
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने यूजीसी गाइडलाइन तथा राज्य सरकार की गाइडलाइन की शर्तों को पूरा नहीं करने वाले निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द करने का आदेश उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को दिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल रमेश बैस ने जाँच के क्रम में 15 दिनों में मांगी गई रिपोर्ट नहीं देने वाले निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही जाँच रिपोर्ट के आधार पर उन निजी विश्वविद्यालयों की भी मान्यता रद्द करने को कहा है जो निर्धारित शर्तें पूरी नहीं करते।
- गौरतलब है कि राज्यपाल ने जून के अंतिम सप्ताह में ही उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दो माह में सभी निजी विश्वविद्यालयों की जाँच के आदेश विभाग को दिये थे।
- विभाग की ओर से कमेटी के अलावा चार उप-समितियाँ गठित किये जाने तथा जाँच के लिये 16 निजी विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मांगे जाने की जानकारी दी गई। इस पर राज्यपाल ने 15 दिनों में रिपोर्ट नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये।
- यदि कोई विश्वविद्यालय रिपोर्ट नहीं देता है तथा जाँच में सहयोग नहीं करता है तो विश्वविद्यालय के संचालक से स्पष्टीकरण मांगकर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
- उल्लेखनीय है कि निजी विश्वविद्यालयों को इस शर्त पर मान्यता दी गई थी कि वे दो वर्ष में आवश्यक ज़मीन तथा तीन वर्ष में आधारभूत संरचना का निर्माण कर लेंगे। कई विश्वविद्यालयों ने निर्धारित अवधि के बाद भी इन शर्तों को पूरा नहीं किया। निजी विश्वविद्यालयों के लिये पाँच साल में नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त करना तथा प्रत्येक वर्ष आडिट कराना भी अनिवार्य है। इन सभी की जाँच हो रही है।
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