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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jul 2022
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बिहार Switch to English

बियाडा की ज़मीन 80 फीसदी तक सस्ती

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) की ज़मीन की लीज़ राशि पर 20 से 80 फीसदी तक छूट देने का फैसला लिया गया। इससे बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और निवेश बढ़ेगा।

प्रमुख बिंदु

  • बिहार कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बैठक के बाद कहा कि बियाडा उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिये ज़मीन 90 साल तक लीज़ पर देता है। अभी ज़मीन का रेट एमवीआर के आधार पर है।
  • अब राज्य सरकार बिहार के 54 औद्योगिक क्षेत्रों में ज़मीन की लीज़ पर 20 से 80 फीसदी तक की छूट देगी। सरकार के इस कदम से उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिये सस्ती दर पर ज़मीन मिल सकेगी। इससे राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और निवेश आने से आर्थिक विकास होगा।
  • वर्तमान में राज्य में बियाडा के 74 औद्योगिक क्षेत्र कार्यरत् हैं। बंद पड़ी चीनी मिलों की 2900 एकड़ ज़मीन औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये बियाडा को ट्रांसफर की गई है।
  • जानकारी के अनुसार, जिन ज़िलों में बियाडा की ज़मीन के एमवीआर पर 80 फीसदी छूट दी गई है, उनमें गोपालगंज का हथुआ फेज़ एक और दो, सिवान का न्यू सिवान फेज़ एक और दो, औरंगाबाद, रोहतास का बिक्रमगंज क्षेत्र, बक्सर का डुमरांव, गया ज़िले का गुरारू, मुंगेर ज़िले का जमालपुर और मुंगेर क्षेत्र, पश्चिम चंपारण का रामनगर, मधुबनी का झंझारपुर, मधेपुरा का उदाकिशुनगंज और मुरलीगंज, सहरसा ज़िले का सहरसा क्षेत्र और नालंदा ज़िले का बिहारशरीफ क्षेत्र शामिल हैं।
  • इसी प्रकार जिन ज़िलों में बियाडा की ज़मीन के एमवीआर में 60 फीसदी तक छूट दी गई है, उनमें पश्चिम चंपारण का बेतिया, रोहतास का डेहरी, भोजपुर का बिहिया, जहानाबाद, बिहटा, सिवान, मधुबनी ज़िले का सकरी, सीतामढ़ी, दरभंगा का धरमपुर, कटिहार और किशनगंज का खगरा क्षेत्र शामिल हैं।
  • इसके अलावा भागलपुर का बरारी, पूर्णिया का बनमनखी, पूर्णिया सिटी, दरभंगा का दोनार और बेला, पूर्वी चंपारण का रक्सौल, वैशाली का हाज़ीपुर, बारूण व औरंगाबाद, बक्सर और लखीसराय में 40 फीसदी तक छूट मिलेगी।
  • पूर्णिया का मरंगा, अररिया का फारबिसगंज, मधुबनी का लौहट फेज़ एक, दो और तीन, पूर्वी चंपारण का सुगौली, मुज़फ्फरपुर और कोररा, वैशाली का गोरौल फेज एक और दो, हाजीपुर, पटना ज़िले का फतुहा, पाटलिपुत्र, बक्सर का नवानगर, नवादा का वारसलीगंज, मुंगेर ज़िले का सीताकुंड और खगड़िया ज़िले के खगड़िया औद्योगिक केंद्र की ज़मीन पर 20 फीसदी छूट मिलेगी।

बिहार Switch to English

बिहार सरकार किसानों को देगी डीज़ल अनुदान

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के किसानों को डीज़ल अनुदान देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से कुल 29 करोड़ 95 लाख रुपए की अग्रिम स्वीकृति दी गई। किसानों को प्रति लीटर डीज़ल पर 60 रुपए अनुदान मिलेगा।
  • एक एकड़ में खरीफ फसलों की सिंचाई के लिये 10 लीटर डीज़ल की खपत होती है। इस आधार पर किसानों को 600 रुपए प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया जाएगा। अनुदान की राशि अधिकतम पाँच एकड़ तक सीमित होगी।
  • बिचड़ा बचाने और जूट की दो सिंचाई के लिये 1200 रुपए प्रति एकड़ और धान, मक्का, खरीफ फसलों के तहत दलहनी, तिलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय, सुगंधित पौधों के लिये एक खेत हेतु अधिकतम 3 सिंचाई के लिये अधिकतम 1800 रुपए प्रति एकड़ की दर से पैसा मिलेगा।

राजस्थान Switch to English

नई दिल्ली में कालबेलिया शिल्प पुनरुद्धार प्रोजेक्ट प्रदर्शनी की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को राजस्थान के कालबेलिया समुदाय के उत्थान के प्रयास की दिशा में नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कालबेलिया शिल्प पुनरुद्धार प्रोजेक्ट प्रदर्शनी की शुरुआत की गई।

प्रमुख बिंदु

  • कालबेलिया क्राफ्ट रिवाइवल प्रोजेक्ट प्रदर्शनी कालबेलिया समुदाय की महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले हस्तशिल्प उत्पादों, विशेषकर कालबेलिया रजाईयाँ और गुदड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने का महत्त्वपूर्ण माध्यम साबित होगी।
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान का कालबेलिया समुदाय अपनी कला के लिये पूरी दुनिया में जाना जाता है, लेकिन उनके रोज़गार के संसाधन सीमित होने और आर्थिक तंगी के कारण उनकी कला एवं शिल्प को बाज़ार तक पहुँचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
  • प्रदर्शनी के क्यूरेटर डॉ. मदन मीना ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना कोविडकाल से विकसित हुई थी, जब राजस्थान के कालबेलिया के कई परिवार तालाबंदी के कारण अपने पैतृक गाँव लौट आए थे। कालबेलिया कलाकारों का काम भी पर्यटन की सुस्ती के कारण ठप हो गया। ऐसे में उन्हें उनके गाँव के भीतर वैकल्पिक आजीविका का अवसर प्रदान करने के लिये कोटा हैरिटेज सोसाइटी द्वारा कालबेलिया क्राफ्ट रिवाइवल प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई थी।
  • इसे शुरू में निफ्ट-जोधपुर केंद्र और भारतीय शिल्प एवं डिजाइन संस्थान, जयपुर द्वारा अपने छात्रों को इंटर्नशिप प्रदान करने के लिये स्पॉन्सर किया गया था। वर्तमान में बूंदी और जयपुर की कालबेलिया महिलाएँ इस परियोजना में काम कर रही हैं।
  • इस परियोजना का उद्देश्य कालबेलिया समुदाय की रजाई बनाने की परंपरा को संरक्षित करना और उन्हें अपने समुदाय एवं उनके शिल्प के निर्वाह के लिये उनके गाँवों के भीतर बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करना है।
  • डॉ. मदन मीना ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कालबेलिया महिलाओं को विभिन्न कलात्मक उत्पाद बनाने के लिये प्रतिदिन 300 रुपए प्रति महिला दिया जाता है। इस धनराशि को विभिन्न स्रोतों से जुटाया जाता है तथा स्पॉन्सरशिप से भी धनराशि प्राप्त होती है, जिसका उपयोग इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिये किया जा रहा है।
  • इस परियोजना में भाग लेने वाली कालबेलिया महिलाओं में जयपुर से मेवा सपेरा, बूंदी से मीरा बाई, लाड बाई, रेखा बाई, नट्टी बाई और बनिया बाई प्रमुख रूप से शामिल हैं।
  • कार्यक्रम में जयपुर से आई अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिनाम कालबेलिया गायक और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकीं मेवा सपेरा ने बताया कि कालबेलिया रजाई और उनकी गुणवत्ता घर की महिलाओं की समृद्धि, कौशल और प्रतिभा को दर्शाती है। एक परिवार रजाई के ढेर रखता है, जो मेहमानों की यात्रा के दौरान बाहर निकाला जाता है। ये रजाईयाँ बेटियों को उपहार देने का हिस्सा होती हैं।
  • उन्होंने बताया कि खाली समय में कालबेलिया समुदाय की महिलाएँ अपने संग्रह के लिये हमेशा रजाई बनाती हैं। एक रजाई या गुदड़ी को पूरा होने में दो से तीन महीने का समय लगता है।

राजस्थान Switch to English

उत्सव पोर्टल पर राज्यों का रिपोर्ट कार्ड जारी, राजस्थान चुना गया सर्वश्रेष्ठ राज्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘उत्सव पोर्टल’ पर जारी सूची में राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है। इस सूची में केरल को दूसरा, उत्तर प्रदेश को तीसरा व अंडमान और निकोबार को चौथा स्थान मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान को आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस के आधार पर प्रथम स्थान मिला है। राजस्थान ने सर्वाधिक 22 मेलों और उत्सवों से संबंधित समस्त सूचनाओं को उत्सव पोर्टल वेबसाइट पर अपलोड किया है।
  • राजस्थान अपने समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थलों, प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन दुर्गों, महलों, स्वादिष्ट व्यंजन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिये देश-दुनिया में जाना जाता है।
  • राजस्थान में श्री गोविंद देवजी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर (जयपुर) जैसे कई धार्मिक स्थलों के लाइव दर्शन लिंक के अलावा पुष्कर मेला (अजमेर), मेवाड़ उत्सव (उदयपुर), तीज उत्सव (जयपुर), कुंभलगढ़ उत्सव (राजसमंद), ब्रज होली महोत्सव (भरतपुर), गणगौर उत्सव (जयपुर), मरू महोत्सव (जैसलमेर) जैसे कई मेलों और उत्सवों की सूचना पोर्टल पर दर्ज की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि उत्सव पोर्टल वेबसाइट एक डिजिटल पहल है। इसे केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देश के पर्यटन स्थलों को वैश्विक पटल पर लाने और पर्यटकों की मदद के लिये कोरोना महामारी के समय वर्ष 2021 में शुरू किया था।
  • इसका उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को देश-दुनिया में लोकप्रिय बनाने, मेलों, त्योहारों और प्रमुख मंदिरों में होने वाली पूजा-अर्चना, आरती का लाइव प्रसारण करना है, ताकि लोग घर बैठे इनका आनंद उठा सकें। साथ ही उन्हें आगामी यात्रा कार्यक्रम को बनाने में आसानी हो।
  • उत्सव पोर्टल पर पर्यटन संबंधित संपूर्ण जानकारी आसानी से उपलब्ध हो रही है। पोर्टल पर आधिकारिक सोशल मीडिया लिंक, आधिकारिक वेबसाइटें, विवरणिका और आयोजन समिति के संपर्क विवरण तथा हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से गंतव्य तक पहुँचने की जानकारी प्रदान की जा रही है। इससे पर्यटकों को पर्यटन स्थलों तक पहुँचने की योजना बनाने में सहायता मिल रही है।
  • वेबसाइट पर 28 राज्यों और 9 केंद्रशासित प्रदेशों के विभिन्न धार्मिक मंदिरों की पूजा-आरती, पर्यटन स्थलों, कार्यक्रमों, मेलों और उत्सवों के लाइव दर्शन की जानकारी दी गई है। पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वेबसाइट को लगातार अपडेट किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र में आने वाले सभी मेलों और उत्सवों से संबंधित नई जानकारी तेज़ी से वेबसाइट पर अपडेट की जा रही है।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया जमनालाल बजाज ऑडिटोरियम का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीकर में बनने वाले जमनालाल बजाज ऑडिटोरियम का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि राज्य के बजट में 17 ज़िलों में ऑडिटोरियम के निर्माण का प्रावधान किया गया है।
  • 30 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहा यह ऑडिटोरियम 3 हेक्टेयर में फैला हुआ है तथा इसमें 800 लोगों के बैठने की क्षमता है।
  • इस ऑडिटोरियम में स्थानीय स्थापत्य कला के अनुसार आर्ट गैलरी, पुस्तकालय, 22 गेस्ट रूम, 2 बेन्क्वेट हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, कॉन्फ्रेंस रूम एवं ऑफिस का निर्माण होगा। इसमें आधुनिक तकनीक के अनुरूप सभी ऑडियो-वीडियो और लाइव कार्यक्रम की व्यवस्था होगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीकर के काशी का वास गाँव में जन्में जमनालाल बजाज का आज़ादी के आंदोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
  • जमनालाल बजाज ने गांधीजी के जीवन मूल्यों से प्रभावित होकर अपनी पत्नी एवं बच्चों सहित आश्रम में रहना शुरू कर दिया था तथा स्वतंत्रता आंदोलन में जेल भी गए थे। वर्धा में उन्होंने छूआछूत निवारण के लिये लक्ष्मीनारायण मंदिर में हरिजनों का प्रवेश कराया था।

हरियाणा Switch to English

ब्राज़ील के सहयोग से हिसार में पशुओं की नस्ल सुधार के लिये उत्कृष्टता केंद्र खोला जाएगा

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण और पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जे.पी. दलाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि हरियाणा के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने एवं पशुओं की नस्ल सुधार के लिये हिसार में ब्राज़ील के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि स्वदेशी नस्ल की गायों के विकास हेतु एम्ब्रापा, ब्राज़ील के सहयोग से हरियाणा में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जाएगी। ब्राज़ीलियन एसोसिएशन ऑफ जेबू ब्रीडर्स (एबीसीजेड) से गिर जर्मप्लाज़्म (वीर्य/भ्रूण) का आयात किया जाएगा।
  • इसके अलावा ब्राज़ील की एक ज़ीनोमिक्स कंपनी एल्टा जेनेटिक्स को गुणवत्ता वाले मुर्राह जर्मप्लाज़्म के निर्यात की संभावनाएँ तलाशी जाएंगी।
  • हरियाणा में कृषि क्षेत्र में व्यापार के अवसर तलाशने हेतु इंडो-ब्राज़ीलियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को निमंत्रण दिया गया है। राज्य में डेयरी विकास एवं देसी पशु नस्लों के सुधार के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को और अधिक मज़बूत करने के अलावा एम्ब्रायो ट्रांसफर टेक्नोलोजी (ईटीटी) और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसी प्रौद्योगिकियों का संयुक्त अनुसंधान और आदान-प्रदान भी होगा।
  • मंत्री ने कहा कि पशुओं के आहार में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाने के लिये कनाडा की कंपनी द्वारा राज्य में एक सेंटर भी खोला जाएगा, जिसके तहत इस कंपनी का एक प्रतिनिधिमंडल ज़ल्द ही हरियाणा का दौरा करेगा और उसके पश्चात् एक समझौता ज्ञापन होगा।
  • अपने ब्राज़ील दौरे के संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री जे.पी. दलाल ने बताया कि वर्ष 1911 में भावनगर के राजा ने गिर नस्ल की गायों को दानस्वरूप ब्राज़ील को दिया था और उसके बाद ब्राज़ील ने इन गायों की नस्ल सुधार में काम किया गया।
  • गौरतलब है कि ब्राज़ील में गिर गाय की नस्ल में सुधार कर गिरलैंडो नस्ल को तैयार किया गया है, जो औसतन 15 लीटर दूध देती है, जिसमें 99 प्रतिशत जेनेटिक्स भारत की गिर गाय के पाए जाते हैं।

झारखंड Switch to English

कृषि मंत्री ने किया 24×7 पेट क्लिनिक का उदघाटन

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने हेसाग, हटिया अंतर्गत नवनिर्मित पशुपालन निदेशालय भवन, ऑडिटोरियम, 24×7 पेट क्लिनिक का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री बादल पत्रलेख ने पशुपालन की गतिविधियों से पशुपालकों, जनप्रतिनिधियों आदि को अवगत कराने के लिये एक कार्यशाला का भी उद्घाटन किया।
  • कार्यक्रम में बादल द्वारा राज्य के पशुपालकों के लिये पशुपालन से संबंधित विषय, जैसे- मुर्गीपालन, बकरीपालन, सूकरपालन की मार्ग-दर्शिका एवं राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड से संबंधित नियम-अधिनियम की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
  • उन्होंने कहा कि पशुपालकों को 24×7 चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये ज़िला पशुपालन कार्यालय, राँची में पेट क्लिनिक की सेवा प्रारंभ की गई है। राजधानी राँची में ज़ल्द ही मॉडल पशु अस्पताल भी खोला जाएगा, जिसमें सभी प्रकार की सुविधाएँ पशुपालकों को मिलेंगी और राज्य के सभी ज़िलों में 24×7 पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इस अवसर पर मंत्री बादल द्वारा कुछ चयनित लाभुकों को कुक्कुट तथा बत्तख की योजनाओं के अंतर्गत परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। उन्होंने विगत एक वर्ष में अनुकंपा के माध्यम से नियुक्त कर्मियों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति-पत्र का वितरण किया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च होगा एफजीआर पोर्टल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा ‘किसान शिकायत निवारण पोर्टल’ (एफजीआर) को छत्तीसगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च करने का निर्णय लिया गया है। यह पोर्टल 21 जुलाई, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त को कृषि विभाग के अधिकारियों सहित कृषक प्रतिनिधियों, किसानों एवं पंचायतों के पदाधिकारी की ऑनलाइन भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें शॉर्ट कोड 14447 से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।
  • गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा देशभर के किसानों की खेती-किसानी संबंधी, विशेषकर फसल बीमा से संबंधित शिकायतों के निदान के लिये किसान शिकायत निवारण पोर्टल (एफजीआर) तैयार किया गया है।
  • इस पोर्टल को फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छत्तीसगढ़ में लागू किया जा रहा है, जिसके परिणाम को देखते हुए बाद में पूरे देश में लागू किया जाएगा।
  • कृषि मंत्रालय भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ का चयन प्रधानमंत्री फसल बीमा के क्रियान्वयन में राज्य की बेहतर परफॉर्मेंस और बीमा दावा राशि के भुगतान में देश का अग्रणी राज्य होने की वजह से किया गया।
  • केंद्रीय कृषि मंत्रालय छत्तीसगढ़ में किसानों के पंजीयन, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित राजीव गांधी न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना आदि के लिये तैयार किये गए एकीकृत किसान पोर्टल के उल्लेखनीय परिणामों को देखते हुए एफजीआर के बीटा वर्जन की शुरुआत छत्तीसगढ़ से करने जा रहा है।
  • एफजीआर पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी खेती-किसानी, विशेषकर फसल बीमा से संबंधित समस्याओं का निदान प्राप्त कर सकेंगे। किसानों द्वारा टेलीफोन अथवा मोबाइल के माध्यम से बताई गई समस्याएँ एवं शिकायतें इस पोर्टल में ऑनलाइन दर्ज होंगी, जिसके निदान की सूचना उन्हें ऑनलाइन प्राप्त होगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के अप्रवासी भारतीयों और प्रदेश की कला-संस्कृति व साहित्य को सँजोने हेतु एन.आर.आई. सेल का गठन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विभिन्न देशों में निवासरत् छत्तीसगढ़ के अप्रवासी भारतीयों को एकसूत्र में जोड़ने तथा प्रदेश की कला-संस्कृति एवं साहित्य को सँजोए रखने के लिये एन.आर.आई. सेल का गठन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय मूल के कोरबा निवासी पल्लव शाह को एन.आर.आई. सेल का समन्वयक मनोनीत किया गया है। वे वर्तमान में बोस्टन (एम.ए.), यूएसए में निवासरत् हैं।
  • एन.आर.आई. सेल के माध्यम से छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति एवं साहित्य को सँजोए रखने के साथ-साथ उनका व्यापक प्रचार-प्रसार तथा अप्रवासी भारतीयों के साथ जीवंत संपर्क बनाए रखने एवं राज्य की प्रगति के लिये ऐसे अप्रवासी भारतीयों से सुझाव-सूचनाएँ प्राप्त करने तथा उनके क्रियान्वयन करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया ‘बीयोंड द मिस्टी वील, टेंपल टेल्स ऑफ उत्तराखंड’ पुस्तक का विमोचन

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में आराधना जौहरी (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.) द्वारा उत्तराखंड के मंदिरों पर अंग्रेजी में लिखी पुस्तक ‘बीयोंड द मिस्टी वील, टेंपल टेल्स ऑफ उत्तराखंड’ (BEYOND THE MISTY VEIL, Temple Tales of Uttarakhand) का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक देश-विदेश में उत्तराखंड के दिव्य मंदिरों के एक प्रामाणिक परिचय के रूप में जानी जाएगी। इस पुस्तक से लोगों को बेहतरीन जानकारी मिलेगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों पर आधारित यह पुस्तक देश की संस्कृति और माइथोलॉजी के बारे मे अवगत कराती है।
  • इस पुस्तक से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा लोगों को अनगिनत मंदिरों और उनसे जुड़ी लोक गाथाओं के बारे में पता चलेगा।
  • पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी नैनीताल की डीएम रही हैं। नैनीताल में पोस्टिंग के दौरान वे स्वयं मंदिरों तक गईं और वहाँ की तमाम जानकारियाँ पुस्तक में देने की कोशिश की है। 300 पृष्ठ की पुस्तक में तीन वर्ष तक शोध किया गया है।

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