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प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 16 प्रस्तावों पर लगी मुहर
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें एकल अभिभावकों को दो साल की चाइल्ड केयर लीव दिये जाने सहित कुल 16 प्रस्ताव पास हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में ‘सीएम मेधावी छात्रवृत्ति योजना’पर भी मुहर लगाई गई, जिसमें कक्षा 6 से कक्षा 12वीं तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- कक्षा 6 से कक्षा 10 तक छात्रवृत्ति परीक्षा के बाद अंकों के प्रतिशत के आधार पर छात्रवृत्ति मिलेगी। कक्षा 6 में 600 रुपए, कक्षा 7 में 700 रुपए, कक्षा 8 में 800 रुपए, कक्षा 9 में 900 रुपए, कक्षा 11 और 12 में 1200 रुपए छात्रवृत्ति मिलेगी। छात्रवृत्ति की राशि प्रतिमाह मिलेगी।
- कैबिनेट बैठक के अन्य महत्त्वपूर्ण फैसले :
- कक्षा 6 से कक्षा 10 तक 70% से अधिक अंक होने चाहिये। परीक्षा में 75% अटेंडेंस ज़रूरी है।
- उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा में दो विषयों में परीक्षाफल सुधार परीक्षा का मौका मिलेगा। फेल छात्रों के अलावा अपने अंकों में सुधार के लिये भी दी जा सकेगी परीक्षा।
- प्रदेश में शहरों के हिसाब से अग्निशमन विभाग को 7 श्रेणियों में बाँटा गया है। प्रत्येक श्रेणी में अलग-अलग सुविधाएँ दी जाएंगी।
- प्रदेश में 955 बीआरसी और सीआरसी 40000 रुपए प्रति माह वेतन पर आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से रखे जाएंगे।
- पर्यटन विभाग ने एयरोस्पोर्ट्स पैराग्लाइडिंग आदि के लिये नियमावली बनाई है, जिसके तहत शर्ते पूरी करके लाइसेंस लेना होगा, बिना लाइसेंस के पैराग्लाइडिंग करवाने वालों पर 50000 रुपए तक जुर्माना लगेगा।
- वाणिज्य कर अधिकारी सेवा नियमावली में संशोधन पर मोहर, वाणिज्यकर को अब राज्य कर कहा जाएगा। आयुक्त कर को आयुक्त राज्य कर और मनोरंजन कर के 9 पद आरक्षित किये गए।
- वित्तीय समिति के अधिकार बढ़ाए गए - अब एक करोड़ के बजाय 10 करोड़ तक के कार्यों को विभागीय सचिव के स्तर से बनी समिति से अप्रूवल मिल जाएगा। इससे ऊपर वालों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति से अप्रूवल मिलेगा।
- भातखंडे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय की नियमावली पर मोहर।
- प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये इको टूरिज्म स्थल पर होने वाली कमाई का केवल 10% हिस्सा ही ट्रेजरी में जमा होगा। 90% हिस्सा स्थानीय समिति के पास रहेगा जिससे वहाँ विकास कार्य किये जा सकेंगे। पुराने इको टूरिज्म स्थलों पर 20% हिस्सा ट्रेजरी में जमा होगा और 5 करोड़ से अधिक की रकम इकटॅा होने और कोई नया काम संभावित न होने पर वह रकम ट्रेजरी में जमा हो जाएगी।
- अब प्रदेश में एकल अभिभावकों को 2 साल की चाइल्ड केयर लीव मिल सकेगी। अभी तक केवल महिला कर्मचारी को यह सुविधा मिलती थी। अब एकल पुरुष अभिभावक को भी यह सुविधा मिलेगी। जिनके बच्चे 40% से अधिक दिव्यांग हैं उन्हें निर्धारित 18 साल के बाद भी सीसीएल का लाभ मिल सकेगा।
- स्टोन क्रेशर हॉट मिक्स प्लांट के लिये बनी साइट सिलेक्शन कमेटी में अब हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का एक अधिकारी भी बतौर सदस्य होगा।
- प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिये बनी गौशालाओं में अब प्रति गाय प्रतिदिन 30 रुपए के बजाय 80 रुपए का अनुदान सरकार देगी; इनके इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर डीएम भी पैसा दे सकेंगे।
- जमरानी बांध के विस्थापितों को उधम सिंह नगर के पराग फार्म में 300 एकड़ ज़मीन दी जाएगी। इसकी विस्थापन नीति पूर्व में कैबिनेट से पास हो चुकी है।
- नगर पंचायत कालाढूंगी का सीमा विस्तार किया जाएगा।
- प्रदेश में नजूल नीति 2021 को 1 साल के लिये विस्तारित किया गया है।
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जमरानी बांध विस्थापित परिवारों के लिये 300 एकड़ भूमि के प्रस्ताव को मंजूरी
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2023 को उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में राज्य के हल्द्वानी के रानीबाग क्षेत्र में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के तहत विस्थापित होने वाले परिवारों के लिये 300 एकड़ भूमि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- यह भूमि ऊधमसिंह नगर के पराग फार्म क्षेत्र में है, जहाँ विस्थापित परिवारों को बसाया जाएगा। राजस्व विभाग में दर्ज यह भूमि अब सिंचाई विभाग को हस्तांतरित की जाएगी।
- विदित है कि जमरानी बांध परियोजना के तहत छह गाँवों के करीब 1323 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है। इसके लिये राज्य सरकार पुनर्वास प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इसके तहत श्रेणी-एक के प्रति विस्थापित परिवार को एक एकड़ भूमि दी जाएगी।
- बांध निर्माण को लेकर अब तक करीब-करीब सभी औपचारिकताएँ पूर्ण कर ली गई हैं। वित्तीय स्वीकृति भी हो गई है। बजट जारी होते ही बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद आने वाले समय में हल्द्वानी समेत आस-पास के इलाकों के लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।
- जमरानी बांध परियोजना को पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की ओर से ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’में शामिल किया गया है। इस परियोजना से न सिर्फ डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को सिंचाई युक्त पानी मिलेगा, बल्कि हल्द्वानी शहर की पेयजल आपूर्ति और 63 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन भी होगा।
- उल्लेखनीय है कि जमरानी बांध परियोजना के तहत इन दिनों पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन के लिये आपत्तियाँ मांगी गईं थीं, जिसे अप्रैल माह में प्रकाशित किया गया था।
- इसके बाद एडीएम प्रशासन नैनीताल के स्तर पर आपत्तियों का निस्तारण किया जा रहा है। सभी आपत्तियों पर सुनवाई के लिये अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद मुआवज़ा और ज़मीन बँटवारे आदि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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