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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 May 2023
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एम.पी. ट्रांसको ने हासिल की उत्कृष्ट उपलब्धि

चर्चा में क्यों?

18 मई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एम.पी. ट्रांसको (एम.पी. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी) ने प्रदेश के अपने ट्रांसमिशन नेटवर्क में 1000वाँ ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत कर एक उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की है।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार हरदा ज़िले के 132 के.व्ही. सब-स्टेशन में 63 एम.व्ही.ए. क्षमता का पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित एवं ऊर्जीकृत कर एम.पी. ट्रांसको ने यह सफलता प्राप्त की है।  
  • इससे जहाँ सब स्टेशन की क्षमता बढ़कर 189 एम.व्ही.ए. हो गई है, वहीं हरदा ज़िले की ट्रांसफॉर्मेशन केपेसिटी बढ़कर 839 एम.व्ही.ए. की हो गई है।  
  • एम.पी. ट्रांसको हरदा ज़िले में एक 220 के.व्ही. सब स्टेशन हंडिया तथा 132 के.व्ही.के 03 सब स्टेशनों हरदा, खिरकिया एवं सुल्तानपुर के माध्यम से विद्युत पारेषण करती है। 
  • एम.पी. ट्रांसको 2.63 प्रतिशत पारेषण हानि के साथ देश में न्यूनतम पारेषण हानि वाली ट्रांसमिशन यूटिलिटी है। इसके अलावा एम.पी. ट्रांसको की ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता निर्धारित 98.5 प्रतिशत के विरूद्ध देश में सर्वश्रेष्ठ 99.45 प्रतिशत है। 
  • एम.पी. ट्रांसको में इस 1000वें ट्रांसफार्मर की स्थापना से प्रदेश की ट्रांसफॉर्मेशन केपेसिटी बढ़कर 77 हज़ार 109 एम.व्ही.ए. हो गई है। इसमें 400 के.व्ही. में 11 हज़ार 200, 220 के.व्ही. में 31 हज़ार 875 एम.व्ही.ए. तथा 132 के.व्ही. में 34 हज़ार 34 एम.व्ही.ए. शामिल हैं। 
  • एम.पी. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के नेटवर्क में 414 अति उच्चदाब के सब स्टेशन क्रियाशील हैं। इसमें 400 के.व्ही.वोल्टेज स्तर के 14 हज़ार 220 के.व्ही. के 88 सब स्टेशन तथा 132 के.व्ही. वोल्टेज के 312 सब स्टेशन शामिल हैं। 
  • एम.पी. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी में 400 के.व्ही.वोल्टेज स्तर के 36, 220 के.व्ही. के 208 तथा 132 के.व्ही. वोल्टेज के 756 पॉवर ट्रांसफार्मर क्रियाशील हैं। 
  • एम.पी. ट्रांसको के नेटवर्क से प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 88 हज़ार 850 मिलियन यूनिट विद्युत प्रदाय की गई, जो अब तक की सर्वश्रेष्ठ है। 
  • प्रदेश में एम.पी. ट्रांसको की पारेषण लाइनें 41527.76 सर्किट किलोमीटर में स्थापित हैं जिनमें लगे 87 हज़ार 258 टावर्स से प्रदेश में विद्युत का पारेषण होता है।
  • उल्लेखनीय है कि विद्युत प्रदाय अधिक होने पर पारेषण हानि भी बढ़ने की संभावना होती है। वर्ष 2022-23 में पिछले वर्ष की तुलना में 08 प्रतिशत से अधिक विद्युत प्रदाय किया गया फिर भी एम.पी. ट्रांसको में पारेषण हानियाँ पिछले वर्ष के बराबर अर्थात् 2.63 प्रतिशत ही रही है।  


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