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तंबाकू नियंत्रण का ‘राजस्थान मॉडल’
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2022 को भारत सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोटपा, 2003 के प्रावधानों को लागू करने हेतु राजस्थान सरकार की तर्ज़ पर विशेष अभियान चलाने और तंबाकू नियंत्रण के संबंध में ‘राजस्थान मॉडल’का पालन करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर फरवरी 2022 में 100 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया था, जिसका समापन 31 मई, 2022 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) पर होगा।
- इस 100 दिवसीय विशेष अभियान में गाँव से लेकर राज्य स्तर तक तंबाकू नियंत्रण पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। राज्य भर के गाँवों में स्कूलों में वाद-विवाद, चित्रकला और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विजेताओं को 31 मई को राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
- इसके अलावा अभियान में राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने वाले 9.83 लाख से अधिक लोगों को 1 मई से एक मेगा ड्राइव शुरू करके कोटपा, 2003 के तहत दंडित किया गया है।
- राज्य स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने कहा कि राज्य में तंबाकू की खपत में लगभग 8% की कमी आई है।
- उल्लेखनीय है कि 2003 में व्यापक तंबाकू नियंत्रण कानून [सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम - सीओटीपीए, 2003] बनाया गया, जिसका उद्देश्य धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थान उपलब्ध कराना और तंबाकू के विज्ञापन व प्रचार पर प्रतिबंध लगाना है।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-21) के अनुसार किसी भी प्रकार के तंबाकू (15 वर्ष और अधिक) का उपयोग करने वाले पुरुषों की संख्या 42% है, जबकि एनएफएचएस-4 (2015-16) में यह 46.9% है।
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