उत्तर प्रदेश Switch to English
नेवा सेवा केंद्र
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की उपस्थिति में विधान भवन स्थित नवीनीकृत पिक्चर गैलरी और नेवा (राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन) सेवा केंद्र का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- नेवा (नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन) सेवा केंद्र में विधानसभा सदस्यों, विधानसभा सचिवालय और राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारियों को ई-विधान संबंधित कार्यों पर उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- नेवा एनआईसी क्लाउड, ‘मेघराज’पर आधारित एक कार्य-प्रवाह प्रणाली है, जो ई-सदन/कागज़रहित सदन की अवधारणा को मूर्तरूप प्रदान करती है।
- नेवा एक उपकरण तटस्थ और सदस्यकेंद्रित एप्लिकेशन है, जो सदस्य संपर्क विवरण, प्रक्रिया के नियम, व्यवसाय की सूची, नोटिस, बुलेटिन, बिल, तारांकित/अतारांकित प्रश्न और उत्तर, कागज़ात के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराने तथा विविध हाउस बिज़नेस को स्मार्ट तरीके से संभालने के लिये तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि नागालैंड विधानसभा नेवा लागू करने वाली देश की पहली विधानसभा है।
बिहार Switch to English
ई-संजीवनी पोर्टल
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि चौदह महीने में प्रदेश के करीब 13 लाख लोगों ने ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार में ई-संजीवनी की शुरुआत फरवरी 2021 में हुई थी, तब से लेकर 30 अप्रैल, 2022 तक राज्य के सभी 38 ज़िलों में 12 लाख 89 हज़ार 602 लोगों ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श लिया और अपना उपचार कराया है।
- ई-संजीवनी के दो भाग हैं- पहला ई-संजीवनी, दूसरा ई-संजीवनी ओपीडी। इन दोनों को ही सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) मोहाली द्वारा विकसित किया गया है।
- ई-संजीवनी, एक डॉक्टर से डॉक्टर टेलीमेडिसिन प्रणाली है, जिसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWCs) कार्यक्रम के तहत लागू किया जा रहा है। यह दिसंबर 2022 तक हब-एंड-स्पोक मॉडल का उपयोग करके सभी 1,50,000 एचडब्ल्यूसी को जोड़ने का प्रयास करता है।
- ई-संजीवनी ओपीडी को रोगी-से-डॉक्टर टेली-परामर्श को सक्षम करने के लिये कोविड-19 पैंडेमिक के दौरान लॉन्च किया गया था।
राजस्थान Switch to English
तंबाकू नियंत्रण का ‘राजस्थान मॉडल’
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2022 को भारत सरकार ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोटपा, 2003 के प्रावधानों को लागू करने हेतु राजस्थान सरकार की तर्ज़ पर विशेष अभियान चलाने और तंबाकू नियंत्रण के संबंध में ‘राजस्थान मॉडल’का पालन करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर फरवरी 2022 में 100 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया था, जिसका समापन 31 मई, 2022 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) पर होगा।
- इस 100 दिवसीय विशेष अभियान में गाँव से लेकर राज्य स्तर तक तंबाकू नियंत्रण पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। राज्य भर के गाँवों में स्कूलों में वाद-विवाद, चित्रकला और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विजेताओं को 31 मई को राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
- इसके अलावा अभियान में राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने वाले 9.83 लाख से अधिक लोगों को 1 मई से एक मेगा ड्राइव शुरू करके कोटपा, 2003 के तहत दंडित किया गया है।
- राज्य स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने कहा कि राज्य में तंबाकू की खपत में लगभग 8% की कमी आई है।
- उल्लेखनीय है कि 2003 में व्यापक तंबाकू नियंत्रण कानून [सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम - सीओटीपीए, 2003] बनाया गया, जिसका उद्देश्य धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थान उपलब्ध कराना और तंबाकू के विज्ञापन व प्रचार पर प्रतिबंध लगाना है।
- गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-21) के अनुसार किसी भी प्रकार के तंबाकू (15 वर्ष और अधिक) का उपयोग करने वाले पुरुषों की संख्या 42% है, जबकि एनएफएचएस-4 (2015-16) में यह 46.9% है।
हरियाणा Switch to English
दर्शन लाल जैन राज्य पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को पर्यावरण संरक्षण के लिये किये गए उल्लेखनीय कार्यों हेतु हरियाणा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने दर्शन लाल जैन राज्य पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार के लिये नामांकन आमंत्रित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- इन पुरस्कारों के लिये संगठन/संस्थान, सरकारी विभाग, व्यक्ति, गैर-सरकारी संगठन, स्कूल, कॉलेज और निजी संस्थाएँ, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अनुकरणीय कार्य किया है, लिये पात्र होंगे।
- नामांकन के पश्चात् स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा चयनित लोगों को दो पुरस्कार दिये जाएंगे और उन्हें प्रशस्ति-पत्र तथा 3 लाख रुपए व 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
- यह पुरस्कार चयनित उम्मीदवारों को 5 जून, 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में वितरित किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मार्च 2022 में हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे- प्रदूषण नियंत्रण (जल और वायु), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, विभिन्न प्रकार के कचरे के प्रबंधन और पर्यावरण मुद्दों पर आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने हेतु किये गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिये हरियाणा के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री दर्शन लाल जैन के नाम पर एक नया पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की थी।
झारखंड Switch to English
बोकारो स्टील प्लांट और डालमिया भारत फाउंडेशन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2022 को बोकारो में कौशल विकास केंद्र की स्थापना के लिये सेल-बोकारो स्टील प्लांट और डालमिया भारत फाउंडेशन के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य डालमिया भारत फाउंडेशन के DIKSHA (डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ नॉलेज एंड स्किल हार्नेसिंग) केंद्र के माध्यम से आसपास के गाँवों में स्थानीय युवाओं को अल्पकालिक, प्लेसमेंट-आधारित पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिये एक कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना है।
- इस संयुक्त पहल के माध्यम से स्थानीय युवाओं के लिये बेहतर संभावनाएँ सुनिश्चित करने हेतु उन्हें प्रासंगिक कौशल प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।
- इस योजना के तहत लाभार्थियों को कुछ मामूली शुल्क के साथ पाठ्यक्रमों की पेशकश की जा सकती है। सेल-बीएसएल बाद में झारखंड में स्थित अपनी खदानों में भी इसी तरह के केंद्र खोलने की संभावनाएँ तलाशेगा।
- गौरतलब है कि पिछले साल बीएसएल प्रबंधन ने अपनी सीएसआर योजना के तहत बोकारो के कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिये डालमिया भारत के सहयोग से बोकारो में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी।
- दोनों संगठन स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने के माध्यम से उन्हें बाज़ार के लिये तैयार करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान करके अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाकर समाज में परिवर्तन लाने के लिये एक सामान्य दृष्टिकोण और मूल्य प्रणाली साझा करते हैं।
- प्रत्येक पाठ्यक्रम में प्रारंभिक बैच की संख्या 30 होगी। इसके बाद मांग तथा भविष्य की संभावनाओं के अनुसार और पाठ्यक्रम जोड़े जाएंगे।
- केंद्र मुख्यरूप से बोकारो के परिधीय गाँवों में रहने वाले युवाओं को कौशल विकास प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्र के दो महीने की अवधि के भीतर परिचालन शुरू करने की संभावना है।
- समझौते के तहत जहाँ बीएसएल आवश्यक बुनियादी ढाँचा सहायता प्रदान करेगा, वहीं डालमिया भारत पर संकाय और प्लेसमेंट सहायता सहित केंद्र की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी रहेगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
बस्तर संभाग में लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु त्रिपक्षीय समझौते
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को राज्य शासन की ओर से वनांचल पैकेज के अंतर्गत बस्तर संभाग में लघु वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना हेतु दो त्रिपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- पहला समझौता बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड कुम्हार पारा, बस्तर के साथ कोंडागांव ज़िले में महुआ प्रसंस्करण केंद्र स्थापना के लिये किया गया तथा दूसरा समझौता मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, पुणे (महाराष्ट्र) के साथ बस्तर ज़िले में इमली प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना हेतु किया गया।
- समझौते के तहत बस्तर बॉटनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 4 करोड़ रुपए की लागत से कोंडागांव ज़िले में महुआ डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसकी क्षमता 600 किलोलीटर प्रतिवर्ष होगी।
- इस प्लांट के द्वारा तैयार अधिकांश उत्पाद को अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा। इस प्लांट के लगने से बस्तर क्षेत्र में फूड ग्रेड महुआ का उपयोग होगा, जिससे उस क्षेत्र के संग्राहकों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा।
- इसके अलावा मेसर्स कोसर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ज़िला बस्तर के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम छिन्दगांव में 4 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से इमली प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना की जाएगी।
- इस प्रसंस्करण केंद्र में इमली का पेस्ट, इमली बीज का पाउडर तथा इमली ब्रिक्स तैयार किये जाएंगे। इस इकाई की वार्षिक क्षमता 4500 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की होगी।
- इस प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना से बस्तर इमली का प्रसंस्करण करते हुए तथा उसके बीज का भी उपयोग करते हुए तैयार उत्पादों को देश के बाहर विदेशों में भी विक्रय किया जाएगा।
- इन दोनों प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना से स्थानीय लोगों को जहाँ रोज़गार प्राप्त होगा, वहीं इमली एवं महुआ के संग्राहकों को उनकी उपज का समुचित मूल्य मिल सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी काँकेर ज़िले में कोदो, कुटकी एवं रागी के प्रसंस्करण हेतु निजी निवेशक के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
- ये समस्त औद्योगिक इकाईयाँ शीघ्र ही उत्पादन प्रारंभ करेंगी, जिससे प्रदेश में उत्पादित लघु वनोपज का प्रसंस्करण प्रदेश के भीतर ही किया जाना संभव हो सकेगा, जिसका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ 13 लाख से अधिक तेंदूपत्ता और वनोपज संग्राहकों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने बीजापुर में सी-मार्ट का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में बीजापुर ज़िला मुख्यालय में 47 लाख 96 हज़ार रुपए की लागत से नवनिर्मित सी-मार्ट का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के द्वितीय चरण में पहले दिन 18 मई को सुकमा ज़िला मुख्यालय में 58 लाख की लागत से निर्मित सी-मार्ट का लोकार्पण किया था।
- सी-मार्ट (छत्तीसगढ़-मार्ट) के नाम से संचालित इस सुपर मार्केट में स्थानीय उत्पाद के अलावा दैनिक उपयोगी वस्तुओं का विक्रय बाज़ार से कम दामों में किया जाएगा।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के सभी ज़िला मुख्यालय में राज्य के लघु, कुटीर उद्योगों, स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिये सुपर मार्केट की तर्ज़ पर सी-मार्ट प्रारंभ किये जा रहे हैं।
- सी-मार्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लघु, कुटीर उद्योगों और परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुंभकारों के साथ महिला समूहों, गोठान में निर्मित सामग्री के साथ-साथ वन विभाग के उत्पादों की बिक्री भी की जाएगी। इससे स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के नए अवसर बढ़ेंगे।
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