नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Mar 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

बेगुसराय: विश्व का सबसे प्रदूषित महानगर

चर्चा में क्यों?

स्विस संगठन IQAir द्वारा जारी विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, बिहार का बेगुसराय विश्व का सबसे प्रदूषित महानगरीय क्षेत्र बन गया है।

मुख्य बिंदु:

  • यह रिपोर्ट बांग्लादेश और पाकिस्तान के बाद 134 देशों के बीच वायु प्रदूषण के स्तर में तीसरे स्थान पर भारत की रैंकिंग को रेखांकित करती है।
    • यह वर्ष 2022 से बदलाव का प्रतीक है जब भारत वायु प्रदूषण के मामले में विश्व स्तर पर आठवें स्थान पर था।
  • 118.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की औसत PM2.5 सांद्रता के साथ, बेगुसराय ने अन्य सभी महानगरीय क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया है।
  • दिल्ली को एक बार फिर सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाली राजधानी के रूप में नामित किया गया है। इसका PM2.5 स्तर भी वर्ष 2023 में 89.1 से घटकर 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया है।
    • दिल्ली ने वर्ष 2018 से लगातार चौथे वर्ष सबसे प्रदूषित राजधानी का खिताब बरकरार रखा है।
  • यह रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि:
    • लगभग 1.36 अरब लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के दिशा-निर्देश से अधिक PM 2.5 स्तर के संपर्क में हैं।
  • 1.33 बिलियन व्यक्ति, जो कि भारतीय आबादी के 96% के बराबर है, WHO मानक से सात गुना अधिक PM2.5 स्तर से जूझ रहे हैं।
  • इस रिपोर्ट के लिये डेटा विश्व में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों और सेंसर के एक व्यापक नेटवर्क से संकलित किया गया था, जिसमें विभिन्न संस्थान, संगठन तथा नागरिक वैज्ञानिक शामिल थे।
    • वर्ष 2023 की रिपोर्ट ने 134 देशों में 7,812 स्थानों को शामिल करने के लिये अपने कवरेज़ का विस्तार किया है, जबकि वर्ष 2022 में 131 देशों में 7,323 स्थानों को शामिल किया गया है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार:
    • वायु प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक मुद्दा बना हुआ है, जो विश्व में नौ में से लगभग एक मृत्यु का कारण बनता है।
    • WHO का अनुमान है कि वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष सात मिलियन व्यक्तियों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है, जिससे व्यक्ति अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी जैसी विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों से प्रभावित होते हैं।
    • PM2.5 प्रदूषण के उच्च स्तर के संपर्क में आने से बच्चों के संज्ञानात्मक विकास, मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है और मधुमेह जैसी मौजूदा बीमारियाँ बढ़ सकती हैं।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow