मांझिनगढ़ को जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित करने की घोषणा | छत्तीसगढ़ | 20 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
18 मार्च, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोंडागाँव ज़िला के केशकाल विधानसभा के ग्राम बाँसकोट में भक्त माता कर्मा जयंती तथा मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होते हुए मांझिनगढ़ पर्यटन स्थल को जैव विविधता पार्क के रूप में जंगल सफारी की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में बांसकोट में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा की स्थापना, उप स्वास्थ्य केंद्र गम्हरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उन्नयन करने, बाँसकोट में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने तथा ज़िले के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिये केशकाल में इंडोर स्टेडियम के निर्माण की भी घोषणा की।
- विदित है कि कोंडागाँव ज़िले के केशकाल के बड़ेराजपुर ब्लॉक में ग्राम पंचायत खल्लारी से 8 किमी. ऊपर की ओर पहाड़ों में बसा मांझिनगढ़ समुद्री तल से 5000 फीट ऊपर है। यहाँ से कांकेर, सरोना और दुधावा बांध भी देखा जा सकता है।
- मांझिनगढ़ चट्टानों के बीच गुफा है जहाँ हज़ारों वर्ष पुराना शैल चित्र है। मांझिनगढ़ को आदिमानव की स्थली माना जाता है और स्थानीय बड़े बुजुर्गो द्वारा एलियन जैसे आश्चर्यजनक बौने प्रजाति के ‘उइका’ लोगों का राज होने का बहुत ही रोचक किवदंती कहानी बताई जाती है।
- मांझिनगढ़ कोंडागाँव ज़िले के एक विशेष प्रचलित होते ईको टूरिज्म स्थल के रूप में लोगों को लुभा रहा है। यहाँ के घने जंगल, वन्य जीव, औषधीय पौधे, प्रागैतिहासिक चित्रकला, सुंदर मनमोहक वादियाँ तथा भौगोलिक संरचनाएँ पर्यटकों को एक विशेष अनुभव प्रदान करती हैं।
- मांझिनगढ़ में माता गढ़मावली वास करती हैं। भादो महीने में केशकाल के भंगाराम जातरा के दिन ही इस स्थान पर भी लोग बड़ी संख्या में पहुँचते हैं। अपने गाँव को और गाँव वालों को दैविक आपदा से बचाए रखने और सुख, शांति समृद्धि की कामना को सँजोए रखने वाले जातरा का स्थानीय लोगों के लिये बहुत विशिष्ट महत्त्व होता है।
मांझिनगढ़, केशकाल
छत्तीसगढ़ का ब्रॉड गेज नेटवर्क 100 प्रतिशत विद्युतीकृत हुआ | छत्तीसगढ़ | 20 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
18 मार्च, 2023 को भारत सरकार के प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 2030 तक नेट जीरो कार्बन इमिटर यानी शून्य कार्बन उत्सर्जक का लक्ष्य हासिल करने के क्रम में भारतीय रेल ने छत्तीसगढ़ में ब्रॉड गेज के मौजूदा नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- 1,170 किमी. रूट के विद्युतीकरण के परिणामस्वरूप लाइन हॉल लागत घटने (लगभग 5 गुनी कम), भारी हॉलेज क्षमता, सेक्शनल क्षमता बढ़ने, इलेक्ट्रिक लोको की परिचालन और रखरखाव लागत घटने, ऊर्जा दक्षता और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता घटने व पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम बनने से विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है।
- इसके अलावा, रेलवे की 100 प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति के क्रम में अब विद्युतीकरण के साथ ही नए ब्रॉड गेज नेटवर्क को मंजूरी दी जाएगी।
- विदित है कि छत्तीसगढ़ राज्य का क्षेत्र साउथ ईस्ट सेंट्रल और ईस्ट कोस्ट रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और कोरबा आदि छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
- बिलासपुर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है और मुंबई-हावड़ा मुख्य लाइन पर स्थित है। यह एक महत्त्वपूर्ण जंक्शन है और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ता है।
- छत्तीसगढ़ राज्य में देश में सबसे अधिक माल ढुलाई होती है और यहाँ से रेलवे को सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है। रेल नेटवर्क छत्तीसगढ़ से देश के अन्य हिस्सों में खनिजों, कृषि उत्पादों और अन्य सामानों के परिवहन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- छत्तीसगढ़ राज्य की कुछ प्रतिष्ठित ट्रेनें हैं: दुर्ग-जगदलपुर एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, समता एक्सप्रेस, कलिंग उत्कल एक्सप्रेस। ये ट्रेनें राज्य के विभिन्न हिस्सों और भारत के अन्य प्रमुख शहरों के लिये सुविधाजनक संपर्क प्रदान करती हैं।