उत्तर प्रदेश Switch to English
‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार शहरों में लोगों को बेहतर सड़क की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये ‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’ शुरू करने जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- ‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था किये जाने की तैयारी है। इसके अलावा हाउस टैक्स की अधिक वसूली करने वाले निकायों को अतिरिक्त पैसे भी इसके लिये दिये जाएंगे।
- ज्ञातव्य है कि प्रदेश में मौजूदा समय में 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं, इनमें से 239 नई और सीमा विस्तार वाले निकाय हैं।
- शहरों में कालोनियों के साथ ही कुछ मार्गों को बनाने की जिम्मेदारी निकायों के पास है। निकायों के पास सड़क सुधार योजना और केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग से पैसा प्राप्त होता है, लेकिन अतिरिक्त मद नहीं है। इसीलिये नगर विकास विभाग मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’ नाम से अलग मद बनाना चाहते हैं, जिससे शहरों में लोगों को ज़रूरत के आधार पर सड़क की सुविधाएँ दी जा सकें।
- उच्च स्तर से सहमति के बाद नगर विकास विभाग ने नए बजट में इसके लिये प्रावधान करने का प्रस्ताव भेजा है। इसमें तर्क दिया गया है कि शहरी सड़कें प्रदेश के विकास का परिदृश्य प्रस्तुत करती हैं।
- सड़कों को गड्डा मुक्त किया जाना भी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है तथा नागरिक सुविधाओं की डिलीवरी आदि के आधार पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले निकायों में समग्र विकास के लिये नाली के साथ सड़क की सुविधा देना ज़रूरी है। इसीलिये एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ‘मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना’ की शुरुआत की जाएगी।
- इसके अलावा निकायों में हाउस टैक्स वसूली को बढ़ावा देने के लिये इस योजना में अतिरिक्त पैसे दिये जाएंगे। उदाहरण के लिये निकाय जितना हाउस टैक्स वसूलेंगे, उसका 50 फीसदी अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा। नगर विकास विभाग का मानना है कि इससे निकायों में हाउस टैक्स वसूली की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और आय में बढ़ोतरी होगी।
बिहार Switch to English
पटना का मरीन ड्राइव होगा विकसित
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पटना में हुई समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य सरकार पटना में गंगा किनारे बने मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करेगी।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बताया कि गंगा किनारे बने मरीन ड्राइव में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई ऐसी सुविधाएँ होंगी, जिसका लुत्फ यहाँ पहुँचने वाले लोग बड़े आनंद के साथ उठा सकेंगे।
- उन्होंने बताया कि सरकार गंगा रिवर फ्रंट पर स्टेडियम, मॉल, कल्चरल व रिक्रिएशनल सेंटर, म्यूजियम, पार्किंग, पार्क, वाटर स्पोर्टस एक्टिविटी तथा साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण कराएगी। इन सुविधायों के विकसित हो जाने के बाद राज्य के लोगों को वाटर स्पोर्टस का लुफ्त लेने के लिये गोवा और अंडमान नहीं जाना पड़ेगा।
- मरीन ड्राइव के लिये बनी विकास की योजना पथ निर्माण नगर विकास व आवास और पर्यटन विभाग की हो सकती है। इसमें दो बड़े स्टेडियम भी बनाए जा सकते हैं, जिनमें से एक क्रिकेट और एक फुटबॉल का हो सकता है।
- तेजस्वी यादव ने बताया कि छुट्टियों के दिन यहाँ इतनी भीड़ उमड़ती है कि मेला-सा नज़ारा रहता है। लोगों की इसी बढ़ती भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहाँ पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किये जाने की योजना है।
- शुरु में पार्किंग प्लेस और कई जगहों पर सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। इसके साथ राजधानी रिवर फ्रंट डेवेलपमेंट परियोजना के तहत शहर में 20 घाटों के निर्माण की योजना भी थी। इनमें से 16 को पूरा कर लिया गया है।
- उन्होंने बताया कि दीघा से दीदारगंज तक बन रहे गंगा पथ की कुल लंबाई5 किमी. है। इसका पहला चरण दीघा से पीएमसीएच तक पूरा हो चुका है। यह भाग 7.4 किमी. लंबा है, जिसमें से 6.5 किमी. सड़क का निर्माण बांध बनाकर किया गया है।
- विदित है कि 2011 में गंगा पथ बनाने का प्रस्ताव सरकार ने पास किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में इसका शिलान्यास किया था।
राजस्थान Switch to English
राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल फेज-3 का शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के जोधपुर ज़िले के उम्मेद स्टेडियम में 1799 करोड़ रुपए की ‘राजीव गांधी लिफ्ट नहर तृतीय चरण परियोजना’ का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के तृतीय चरण को पूरा करने में वित्तीय कमी नहीं आने दी जाएगी। यह परियोजना वर्ष 2054 की पेयजल आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि 1799 करोड़ रुपए की राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तृतीय चरण को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे जोधपुर, पाली, बाड़मेर में अगले 30 वर्ष तक पानी की कमी नहीं होगी।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि तृतीय चरण में मुख्य नहर के समानांतर संपूर्ण लंबाई में पाइप लाइन व चार पंपगृहों की प्रस्तावित योजना को पूर्ण कराया जाना है। कार्य पूर्ण हो जाने पर वर्तमान राजीव गांधी लिफ्ट नहर व प्रस्तावित पाइप लाइन द्वारा सम्मिलित रूप से कुल 1030 एम.एल.डी. पेयजल की आपूर्ति की जा सकेगी।
- इससे जोधपुर शहर के साथ ही फलौदी, पीपाड़, बिलाड़ा, भोपालगढ़ व समदड़ी कस्बे तथा जोधपुर ज़िले के 1 हज़ार 830 गाँव, बाड़मेर के 211 गाँव और पाली के 126 गाँवों को मिलाकर कुल 2 हज़ार 167 गाँवों की वर्ष 2054 की लगभग 80 लाख अभिकल्पित जनसंख्या को लाभान्वित किया जा सकेगा। इससे79 करोड़ लीटर से अधिक प्रतिदिन की शुद्ध पेयजल मांग पूरी की जाएगी।
- तृतीय चरण पूर्ण होने पर इंदिरा गांधी नहर से जल आहरण क्षमता बढ़कर 420 क्यूसेक हो जाएगी। परियोजना से जोधपुर ज़िले के अंतर्गत संस्थागत एवं व्यापारिक क्षेत्र की पेयजल मांग93 करोड़ लीटर प्रतिदिन, रक्षा विभाग के लिये 3.72 करोड़ लीटर प्रतिदिन, औद्योगिक (रीको) क्षेत्र के लिये 4.30 करोड़ लीटर प्रतिदिन तथा रोहट में विकसित हो रहे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिये 6 करोड़ लीटर पेयजल की प्रतिदिन पूर्ति हो सकेगी।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के 13 ज़िलों में पेयजल और सिंचाई की उपलब्धता के लिये पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) अति आवश्यक है। राज्य सरकार ने इसके लिये 13 हज़ार 500 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
बिहार Switch to English
25वें राष्ट्रीय लोकानुरंजन मेले की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
18 फरवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेर-ए-राजस्थान जयनारायण व्यास की जयंती पर प्रदेश के जोधपुर ज़िले के अशोक उद्यान में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित 25 वें लोकानुरंजन मेले का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के मशहूर कलाविदों, लोक कलाकारों, साहित्यिक विभूतियों का जिक्र करते हुए सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण में उनकी अतुलनीय भूमिका की सराहना की।
- उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लोक कलाकारों के कल्याण के लिये कार्य कर रही है। इसी दिशा में कलाकारों के लिये 100 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है एवं इन कलाकारों को 100 दिन का कार्य उपलब्ध करवाकर मानदेय दिया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने मशहूर कलाकारों और कला जगत के उत्थान के लिये समर्पित विभूतियों का स्मरण करते हुए बताया कि सरकार द्वारा इनके नाम से घोषित पुरस्कारों के लिये जोधपुर में फेस्टिवल आयोजित कर साहित्य पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
- उन्होंने कलाकारों को मारवाड़ और राजस्थान की थाती बताया, इनके माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को लोक संस्कृति व परंपराओं के बारे में जानने-समझने तथा सीखने के अवसर मिलते हैं।
- मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘रंगयोग’ के 29वें अंक का विमोचन भी किया।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश का सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिये उत्कृष्ट राज्य के रूप में चयन
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में जानकारी दी गई कि मध्य प्रदेश को सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिये उत्कृष्ट राज्य के रूप में चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा मध्य प्रदेश को सीबीआईपी अवार्ड प्रदान किया गया है।
- मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में विगत 15 वर्षों में सिंचाई क्षमता को 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाया गया है।
- विगत 3 वर्षों में मध्य प्रदेश पाईप प्रणाली के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में शराब को हतोत्साहित करने के निर्णय के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में शराब को हतोत्साहित करने के लिये कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये हैं।
- प्रदेश में शराब के सभी अहाते और शॉप बार बंद किये जाएंगे।
- मदिरा दुकानों में बैठकर मदिरा पीने की अनुमति नहीं होगी।
- शराब की दुकान के लिये शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के आसपास के 50 मीटर के दायरे को बढ़ाकर 100 मीटर किया जाएगा।
- शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने एवं सजा के प्रावधान कड़े किये जाएंगे।
- मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 परिशिष्ट-1 में संशोधन करते हुए राहत राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
- निर्णय अनुसार शरीर के किसी अंग अथवा आँख/आँखों की हानि के लिये 40% और 60% तक अपंगता होने पर 59 हज़ार 100 रुपए के स्थान पर 74 हज़ार रुपए प्रति व्यक्ति तथा 60% से अधिक अपंगता होने पर 2 लाख रुपए के स्थान पर 2 लाख 50 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- इसी तरह गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एक सप्ताह से अधिक दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने पर 12 हज़ार 700 रुपए के स्थान पर 16 हज़ार रुपए प्रति व्यक्ति तथा एक सप्ताह से कम अवधि के लिये अस्पताल में भर्ती होने पर 4 हज़ार 300 रुपए के स्थान पर 5 हज़ार 400 रुपए प्रति व्यक्ति दिया जाएगा।
बाढ़ की स्थिति में भूमि और अन्य नुकसान के लिये सहायता-
- कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत या पत्थर (3 इंच से अधिक) आ जाने पर पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर मलबा हटाने के लिये, फिश फार्म में डिसेल्टिंग या पुनस्थापन अथवा मरम्मत सफाई के लिये राहत 12 हज़ार 200 रुपए के स्थान पर 18 हज़ार रुपए प्रति हैक्टेयर दिया जाएगा।
- इसी तरह भूस्खलन, हिमस्खलन, नदियों के रास्ता बदलने के कारण सीमांत या लघु कृषक के भूमि स्वामित्व की भूमि के नष्ट होने पर राहत 37 हज़ार 500 रुपए के स्थान पर 47 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।
पशु-पक्षी (मुर्गा/मुर्गी) हानि के लिये आर्थिक सहायता-
- दुधारू पशु गाय/भैंस/ऊँट आदि के लिये राहत राशि 30 हज़ार प्रति पशु के स्थान पर 37 हज़ार 500 रुपए एवं भेड़ बकरी/ सूअर के लिये राहत 3 हज़ार रुपए के स्थान पर 4 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- गैर-दुधारू पशु ऊँट/घोड़ा/बैल/भैंसा आदि के लिये राहत राशि 25 हज़ार रुपए प्रति पशु के स्थान पर 32 हज़ार रुपए प्रति पशु किया जाएगा एवं बछड़ा (गाय, भैंस)/ गधा /पोनी/ खच्चर हेतु राहत 16 हज़ार रुपए प्रति पशु के स्थान पर 20 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- अस्थायी पशु शिविर में रखे गए बड़े पशुओं के लिये 70 रुपए पशु प्रति दिवस के स्थान पर 80 रुपए एवं छोटे पशुओं के 35 रुपए प्रति पशु प्रति दिवस के स्थान पर 45 रुपए दिया जाएगा।
- इसी तरह पक्षी (मुर्गी/ मुर्गा) हानि के लिये 60 रुपए (10 सप्ताह से अधिक आयु के) प्रति पक्षी के स्थान पर 100 रुपए प्रति पक्षी दिया जाएगा।
बाढ़ एवं तूफान से प्रभावित मछुआरों को दी जाने वाली सहायता-
- नाव की आंशिक क्षति होने पर मरम्मत के लिये 4 हज़ार 100 रुपए के स्थान पर 6 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- जाल या अन्य उपकरणों की मरम्मत के लिये 2 हज़ार 100 रुपए के स्थान पर 3 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- नाव नष्ट होने पर 12 हज़ार रुपए के स्थान पर 15 हज़ार रुपए दिया जाएगा।
- इसी तरह नैसर्गिक आपदा यथा सूखा, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, भूकंप आदि से मछली पालने वालों को मछली बीज नष्ट होने पर प्रभावित को 8 हज़ार 200 रुपए के स्थान पर 10 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।
बुनकरों/हस्तशिल्पियों को दी जाने वाली सहायता-
- नैसर्गिक आपदा से प्रभावित बुनकर/परंपरागत शिल्प के क्षेत्र में काम करने वाले हस्त शिल्पी को उनके उपकरण/औज़ार और उनके द्वारा तैयार माल अथवा कच्चे माल के क्षतिग्रस्त होने पर कच्चे माल या धागा और अन्य तत्संबंधी रंग, रसायन आदि क्रय करने पर प्रति बुनकर/शिल्पी हेतु राहत राशि अधिकतम 4 हज़ार 100 रुपए के स्थान पर 5 हज़ार रुपए प्रति शिल्पकार दिया जाएगा।
नष्ट हुए मकानों के लिये आर्थिक अनुदान सहायता-
- पूर्ण नष्ट (मरम्मत योग्य नहीं) और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहाँ क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हो) पक्के/कच्चे मकान के लिये वास्तविक क्षति के आकलन के आधार पर राहत राशि अधिकतम 95 हज़ार 100 रुपए के स्थान पर मैदानी इलाकों में 1 लाख 20 हज़ार एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 30 हज़ार रुपए दी जाएगी।
- झुग्गी झोपड़ी (झुग्गी/झोपड़ी से तात्पर्य है कच्चे घर से निम्नतर फूस मिटेी प्लास्टिक सीट आदि से निर्मित घर) पूर्ण नष्ट होने पर राहत राशि 6 हज़ार के स्थान पर 8 हज़ार रुपए दी जाएगी।
- इसी तरह आशिक क्षतिग्रस्त (जहाँ क्षति 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हो) पक्के मकान के लिये राहत राशि 5 हज़ार 200 के स्थान पर 6 हज़ार 500 रुपए एवं कच्चे मकान के लिये 3 हज़ार 200 के स्थान पर 4 हज़ार रुपए दी जाएगी। साथ ही मकान से संलग्न पशु घर के लिये राहत राशि 2 हज़ार 100 के स्थान पर 3 हज़ार रुपए प्रति पशु घर दी जाएगी।
- मंत्रि-परिषद ने नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की कतिपय धाराओं में संशोधन किये जाने के लिये म.प्र. नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दी है। यह विधेयक विभाग के अंतर्गत प्रशासित अधिनियमों के कतिपय प्रावधानों को डिक्रिमिनालाइज करने के संबंध में लाया जा रहा है।
- मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी दी है। इससे शहरों में गरीबों की आवास की समस्या के निराकरण के उद्देश्य से मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) अधिनियम 1984 के अंतर्गत गरीबों को आवासीय भूमि के पट्टे देने की पात्रता तिथि में वृद्धि करके कटऑफ तिथि 31 दिसंबर, 2014 से 31 दिसंबर, 2020 की जा रही है।
- मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर में नवीन तहसील ग्वालियर ग्रामीण के सृजन को मंजूरी दी है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री ने कूनो में 12 और चीतों को छोड़ा
चर्चा में क्यों?
18 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्योपुर ज़िले में स्थित कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को बाड़े में छोड़ा। इनमें 7 नर चीते और 5 मादा चीते शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- दक्षिण अफ्रीका से लाए गए इन 12 चीतों को मिलाकर अब कूनो में 20 चीते हो गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म-दिन 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए 8 चीतों को कूनो में छोड़ा था।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश का पालपुर कुनो राष्ट्रीय उद्यान वन्य-जीव प्रेमियों के लिये सबसे अनूठा गंतव्य है। कूनों में करधई, खैर और सलाई की बहुतायत वाले लुभावने जंगल हैं और विशाल घास के मैदानों में दर्जनों की संख्या में घास चरते हुए वन्यजीव हैं।
- यह क्षेत्र लगभग 350 वर्ग किमी. के अभयारण्य के रूप में शुरू हुआ था और एक पत्ती के आकार का था जिसके बीचों - बीच में एक रीढ़ की हड्डी की तरह कुनो नदी बहती है। यह नदी न केवल जंगल में एक निरंतर पानी की आपूर्ति रखने और जंगल की सिंचाई करने में मदद करती है, बल्कि इससे इस संरक्षित क्षेत्र का नाम भी पड़ा है।
- कूनो नेशनल पार्क/कूनो वन्य-जीव डिवीजन और आसपास का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से वन्य-जीवों से समृद्ध रहा है। यह क्षेत्र प्राचीन काल में भी घने जंगल के रूप में जाना जाता था। कूनो नदी के आसपास का क्षेत्र प्राचीन काल से जैव विविधता से समृद्ध रहा है।
- राज्य सरकार ने इस स्थान के महत्त्व को महसूस करते हुए वर्ष 1981 में लगभग 3300 वर्ग किमी. के बड़े वन क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 345 वर्ग किमी. के कूनो वन्य-जीव अभयारण्य की स्थापना की। वन्य-जीव संरक्षण को और मजबूत करने और इस क्षेत्र के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिये अतिरिक्त 891 वर्ग किमी. क्षेत्र को बफर के रूप में जोड़कर वर्ष 2002 में 1235 वर्ग किमी. के कूनो वन्य-जीव प्रभाग की स्थापना की गई।
- क्षेत्र में शुष्क घास के मैदान और उष्णकटिबंधीय नदी वाले वन शामिल हैं। यह पशुओं की विभिन्न प्रजातियों में समान रूप से समृद्ध है। यह क्षेत्र वन्य-जीव के लिये विभिन्न अनुकूल कारकों का एक दुर्लभ रहवास स्थल है। इस क्षेत्र को चीतों के के पुनर्वास लिये सबसे उपयुक्त स्थान के रूप में पहचाना गया।
- कूनो नेशनल पार्क के वन क्षेत्र में मुख्य रूप से करधई, सलाई, खैर के पेड़ों का वर्चस्व है, जो ज्यादातर मिश्रित जंगलों के बीच हैं। इससे वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ होने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर, 123 प्रजातियों के पेड़, झाड़ियों की 71 प्रजातियाँ, बेलों और विदेशी वनस्पति की 32 प्रजातियाँ, बाँस और घास की 34 प्रजातियाँ कूनो नेशनल पार्क में पाई जाती हैं।
हरियाणा Switch to English
पंचकुला स्थित निदेशालय ईएसआई के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार मंत्री भूपेंद्र यादव ने हरियाणा के पंचकुला ज़िले के सेक्टर-14 स्थित निदेशालय ईएसआई स्वास्थ्य संरक्षण विभाग के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- भवन के उद्घाटन उपरांत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि पंचकूला में ईएसआई के नवनिर्मित क्षेत्रीय कार्यालय के शुरू होने से हरियाणा के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल आदि प्रदेशों के ईएसआई के बीमित व्यक्तियों की प्रशासनिक गतिविधियों को सुचारू ढंग से चलाया जा सकेगा।
- उन्होनें बताया कि प्रदेश में ईएसआई के माध्यम से लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही है और हरियाणा में इस क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहा है।
- विदित है कि पहले ईएसआई और हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलग रूप से कार्य किया जाता था परंतु पिछले वर्ष आपसी सहमति से निर्णय लिया गया कि ईएसआई में न केवल बीमित व्यक्ति बल्कि अन्य लोग भी अपना इलाज करवा सकते हैं। इसी प्रकार हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में ईएसआई के बीमित लाभार्थी भी इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में हरियाणा में ईएसआई बीमाकृत व्यक्तियों की संख्या 25 लाख है।
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि पंचकूला के ईएसआई भवन की आधारशिला मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2018 में रखी थी और अब वर्ष 2023 में इस भवन ने कार्य करना शुरू कर दिया है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने ईएसआई डिस्पेंसरी राई और बरही सोनीपत का शिलान्यास भी किया।
- भूपेंद्र यादव ने कहा कि ईएसआई डिस्पेंसरी राई (सोनीपत) के स्थापित होने के उपरांत ओद्यौगिक क्षेत्र राई, नाथूपुर, वजीदपुर, सबोली, बहालगढ़ के 28 हज़ार 10 बीमाकृतों व उनके परिवारों सहित 106440 लाभार्थियों को लाभ मिलेगा।
- इसी प्रकार ईएसआई डिस्पेंसरी बरही, गन्नौर, सोनीपत के बनने से ओद्यौगिक क्षेत्र बरही, गन्नौर व समालखा तक के 8 हज़ार 347 बीमित व्यक्तियों व उनके परिवारों सहित 31 हज़ार 720 लाभार्थी कवर होंगे।
- केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार के सहयोग से मानेसर और बावल में ईएसआई अस्पतालों का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इसके अलावा रोहतक, अंबाला, सोनीपत और हिसार में भी ईएसआई अस्पताल स्थापित किये जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि ईएसआई मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद में पिछले वर्ष पहली बार कैथलैब की सुविधा भी आरंभ की गई है।
- विदित है कि ईएसआईसी एक ऐसी योजना है, जिसमें अधिकतम इलाज पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं है।
झारखंड Switch to English
राँची को मिलेगा दो अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी का मौका
चर्चा में क्यों
18 फरवरी, 2023 को झारखंड के खेल निदेशक सरोजनी लकड़ा ने बताया कि राज्य की राजधानी राँची आनेवाले कुछ महीनों में दो अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी करेगी। इसमें एक एथलेटिक्स का और दूसरा हॉकी का होगा।
प्रमुख बिंदु
- खेल निदेशक सरोजनी लकड़ा ने बताया कि राँची में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन की ओर से इसकी मेजबानी करने का मौका दिया जा रहा है। अक्टूबर या नवंबर में ये दोनों आयोजन राँची में होंगे।
- इसमें साउथ एशियन एथलेटिक्स (सैफ) चैंपियनशिप और हॉकी का इंटरनेशनल इवेंट का आयोजन शामिल है। सैफ एथलेटिक्स के आयोजन की तैयारी खेल निदेशालय की ओर से की जा रही है।
- सरोजनी लकड़ा ने बताया कि साउथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार राँची में होगा। इसमें सात देशों के 400 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी राँची में शिरकत करेंगे।
- मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता की तैयारी चल रही है। इस वर्ष के अंत तक इसका आयोजन किया जा सकता है।
- हॉकी इंडिया के महासचिव और हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने बताया कि मोरहाबादी के एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में इस वर्ष के अंत तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। झारखंड राज्य के गठन के बाद यह पहली बार होगा कि हॉकी की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता राँची में होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की 13 यूनिट शुरू
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये 13 यूनिटें शुरू हो चुकी हैं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिये स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा रहा है।
- फिलहाल 21 ज़िलों के 32 चिन्हित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है, जहाँ शीघ्र ही प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होने लगेगा।
- गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिये कुल 45 पेंट उत्पादन यूनिट की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 13 की स्थापना पूरी कर वहाँ उत्पादन शुरू कर दिया गया है।
- रायपुर ज़िले में 2 यूनिट स्थापित हुई हैं, जबकि कांकेर, दुर्ग, बालोद, कोरबा, कोरिया, कोण्डागाँव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बेमेतरा, सूरजपुर एवं बस्तर ज़िले में 1-1 यूनिट स्थापित एवं क्रियाशील हो चुकी है।
- क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 30,218 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 14,358 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 29 लाख 70 हज़ार 300 रुपए की आय हुई है।
- रायपुर ज़िले की 2 यूनिटों में अब तक सर्वाधिक 11 हज़ार लीटर, कांकेर में 7768 लीटर, दुर्ग में 2900, बालोद में 700, कोरबा में 284, कोरिया में 800, कोण्डागाँव में 2608, दंतेवाड़ा में 1443, बीजापुर में 800, बेमेतरा में 300, सूरजपुर में 500 एवं बस्तर में 1160 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है। उत्पादित पेंट का विक्रय भी किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव पर जी.एस.टी परिषद की बैठक में ट्रिब्यूनल में दो न्यायिक सदस्य एवं दो तकनीकी सदस्य रखे जाने पर बनी आम सहमति
चर्चा में क्यों?
18 फरवरी, 2023 को वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जी.एस.टी परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ की ओर से ट्रिब्यूनल में दो न्यायिक सदस्य एवं दो तकनीकी सदस्य (एक राज्य और एक केंद्र) रखे जाने के प्रस्ताव पर परिषद में आम सहमति बनी।
प्रमुख बिंदु
- इससे सहकारी संघवाद का समुचित ध्यान रखते हुए राज्यों को भी उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सकेगा। राज्यों को उनके भौगोलिक एवं अन्य परिस्थितियों के आधार पर ट्रिब्यूनल के बेंच की संख्या का निर्धारण का अधिकार भी होगा।
- विदित है कि जी.एस.टी. परिषद की 49वीं बैठक नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी व अन्य राज्यों के वित्तमंत्री, अधिकारीगण तथा छत्तीसगढ़ आयुक्त, वाणिज्यिक कर भीम सिंह भी शामिल हुए।
- यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ के वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा रखा गया था। छत्तीसगढ़ द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि शीघ्र प्रदान करने की मांग की गई। केंद्र शासन द्वारा 505 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति राशि तत्काल दिये जाने का निर्णय लिया गया।
- बैठक में मुख्य मुद्दा जी.एस.टी. अपीलीय अधिकरण (ट्रिब्यूनल) का रहा। मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा मद्रास बार एसोसिएशन के प्रकरण में टीएनजीएसटी के ट्रिब्यूनल संबंधी प्रावधान को अवैधानिक घोषित करने के पश्चात् अधिकरण संबंधी प्रावधान पर पुनर्विचार हेतु मंत्री समूह का गठन किया गया था। इस मंत्री समूह का प्रतिवेदन बैठक में प्रस्तुत किया गया।
- तेंदूपत्ता पर जी.एस.टी. की दर को शून्य करने के उड़ीसा के प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ ने यथास्थिति बनाए रखने का समर्थन किया। पूर्व में परिषद की 22वीं एवं 37वीं बैठक में दर अपरिवर्तनीय रखने के निर्णय एवं मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अभिमत के आधार पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया गया।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों के कारण तेंदूपत्ता संग्राहकों को देश भर में सर्वाधिक लाभ प्रदान किया जाता है। अधिकतम लाभ अंतरित किये जाने से कर का भार संग्राहको को वहन नही करना पड़ता है साथ ही तेंदूपत्ता पर आरसीएम (रिवर्स चार्ज) होने से भी कर का भार शासन द्वारा वहन किया जाता है।
- भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश द्वारा कर का भुगतान करने के पश्चात् खरीदे गए खाद, कृषि यंत्र आदि पर ऐसे आगत कर किसानों को भी देने (जैसा कि अन्य निर्माताओं को दिया जाता है) का प्रस्ताव दिया गया।
- गौरतलब है कि आगत कर की पात्रता, पंजीयन एवं कर योग्य विक्रय होने पर ही होती है। पंजीयन एवं कर योग्य विक्रय नही होने पर किसानों की आगत कर की पात्रता नहीं हैं। अत: छत्तीसगढ़ की ओर से इस प्रस्ताव को रूपांतरित कर किसानों द्वारा उपयोग किये जा रहे समस्त सामग्रियों को जी.एस.टी. से सरकार मुक्त रखने का प्रस्ताव परिषद के समक्ष रखा गया, जिसे विचारार्थ फिटमेंट कमिटी को प्रेषित किये जाने हेतु अनुशंसा की गई।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मध्यान्ह भोजन में मिलेट्स को शामिल करने के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को भारत सरकार ने दी मंजूरी
चर्चा में क्यों?
18 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र की मंजूरी के पश्चात् अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12 ज़िलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थ वितरित किये जाएंगे।
- विदित है कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय ने केंद्र सरकार को इस योजना को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य सामग्री वितरित किये जाने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के डायरेक्टर, पीएम पोषण द्वारा मंजूरी दी गई है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिये किसानों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हज़ार रुपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।
- गौरतलब है कि पूर्व में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की वार्षिक कार्ययोजना में केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 7 ज़िलों में बच्चों को पूरक पोषण आहार के अंतर्गत 55 दिनों के लिये सोया चिक्की प्रदान करने के लिये केंद्रांश के रूप में 1787.20 लाख रुपए और राज्यांश के रूप में 1198.14 लाख रुपए इस प्रकार कुल 2995.34 लाख रुपए की मंजूरी दी गई थी।
उत्तराखंड Switch to English
क्विक रिस्पांस टीम के लिये वन विभाग जारी करेगा एसओपी
चर्चा में क्यों?
19 फरवरी, 2023 को उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि प्रदेश का वन महकमा क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के लिये पहली बार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि क्यूआरटी के लिये मानक संचालन प्रक्रिया के तहत क्यूआरटी में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिये नियम-कायदे तय किये जाएंगे। इसके साथ ही वन्यजीवों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये क्यूआरटी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन अभी तक इसकी कोई एसओपी जारी नहीं की गई है। टीम में शामिल कर्मचारियों के लिये नियम-कायदे भी नहीं बने हैं।
- डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि टीम को क्या-क्या सुरक्षा उपकरण दिये जाएंगे, टीम में सदस्यों की संख्या कितनी होगी, उनका कार्यक्षेत्र कितना होगा जैसे तमाम बिंदुओं को शामिल कर एसओपी जारी की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें नियमित ट्रेनिंग दिये जाने का भी प्रस्ताव है।
- उन्होंने बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये स्थानीय समुदाय के सहयोग से ग्राम स्तरीय प्राइमरी रिस्पांस टीम (पीआरटी) के गठन की कवायद भी वन विभाग की ओर से की जा रही है।
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