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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jan 2023
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उत्तराखंड में उत्कृष्ट सेवा के लिये 96 पुलिसकर्मियों को मिलेगा सम्मान

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह द्वारा राज्य में बेहतर कार्य करने के लिये 96 पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट सेवा पदक और सराहनीय सेवा सम्मान दिये जायेंगे। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सूची जारी कर दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी सूची के अनुसार पुलिस उपाधीक्षक पीटीसी नरेंद्रनगर दिनेश चंद्र बडोला व इंस्पेक्टर पूरण सिंह रावत को उत्कृष्ट सेवा पदक मिलेगा।
  • इसके अलावा पुलिस उपाधीक्षक चंपावत जनपद के विपिन चंद्र पंत, निरीक्षक एसडीआरएफ हर्षवर्धन, निरीक्षक एसडीआरएफ हरक सिंह, एसआई दूरसंचार ख्याली दत्त जोशी, गजपाल सिंह रावत, अपर उप निरीक्षक मंगल सिंह, योगेंद्र सिंह व दिनेश चंद्र को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह व विशिष्ट कार्य के लिये प्रतिसार निरीक्षक जगदीश चंद्र पंत, निरीक्षक पुलिस दूरसंचार प्रमोद पेटवाल व एसआई विमलेश्वर प्रसाद रतूड़ी को उत्कृष्ट सेवा सम्मान से नवाज़ा जाएगा।
  • इसके साथ ही 14 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सराहनीय सेवा के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न व 70 पुलिस कर्मचारियों को विशिष्ट कार्य के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न से सम्मानित किया जाएगा।

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उत्तराखंड की महिला कर्मियों के प्रसूति व बाल देखभाल अवकाश की गणना एमएसीपीएस में होगी

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार की महिला कर्मचारियों से संबंधित उनके प्रसूति अवकाश और बाल देखभाल अवकाश की गणना सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपीएस) में होगी।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) राधा रतूड़ी ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन को पत्र लिखकर एमएसीपी की व्यवस्था में महिला कर्मचारियों के प्रसूति अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि को शामिल करने का अनुरोध किया था।
  • अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि कई विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के ऐसे मामले संज्ञान में आए, उन्हें एसीपी का लाभ नहीं मिल पाया।
  • उन्होंने बताया कि एमएसीपी दिये जाने के लिये पाँच वर्षों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि का न्यूनतम मानक उत्तम है। लेकिन इसमें बाह्य सेवा अवधि व बाह्य प्रतीक्षा अवधि तथा सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये गए विभिन्न प्रकार के अवकाश (असाधारण व अवैतनिक अवकाश छोड़कर) की गणना न होने से एसीपी का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
  • इसके किसी वर्ष में तीन माह से कम की अवधि के लिये वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि न दिये जाने की व्यवस्था में उस अवधि को भी एमएसीपी की गणना में नहीं लिया जा रहा था।
  • शासनादेश के मुताबिक, कर्मचारियों को अब यदि किसी वर्ष के दौरान तीन माह से कम अवधि के कार्यकाल के कारण किसी वर्ष की वार्षिक गोपनीय प्रवष्टि न लिखी गई हो तो एमएसीपी दिये जाने की तिथि से पहले के पाँच वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियों का संज्ञान लिया जाएगा। यदि उस अवधि में भी उत्तम एसीआर का मानक पूरा न हो रहा हो तो एमएसीपी की तिथि को आगे विस्तारित किया जाएगा।

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