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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jan 2023
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हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 54वीं बैठक

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 54वीं बैठक हुई, जिसमें उन्होंने वर्ष 2026 तक हरियाणा को बाढ़ मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।

प्रमुख बिंदु 

  • सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 528 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत लगभग 1100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। खेतों में खड़े पानी की निकासी और पानी के दोबारा इस्तेमाल के लिये 312 करोड़ रुपए से ज्यादा की योजनाएँ अनुमोदित की गई हैं।
  • हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि राज्य के जिन इलाकों में जलभराव की अधिक समस्या है, उसके स्थायी समाधान के लिये इस वर्ष विशेष प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
  • इसके अलावा, जल संरक्षण और बरसात के पानी का दोबारा उपयोग करने के लिये भी अधिक से अधिक ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के साथ-साथ ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग व सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा।
  • इस बार जलभराव की निकासी के लिये क्लस्टर एप्रोच के माध्यम से योजनाएँ तैयार की गई हैं। भिवानी ज़िले को एक क्लस्टर माना गया है, जिसके तहत 8 गाँवों कुंगड़, जटाई, धनाना, बढेसरा, सिवाड़ा, प्रेमनगर, घुसकानी, ढाणी सुखन के आबादी एरिया व जलभराव वाले इलाकों में एचडीपीई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होगी। इससे लगभग 2 हज़ार एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी।
  • इसके अलावा, 3 गाँवों सिंघवा खास, पुठ्ठी, मदनहेड़ी को मिलकार एक योजना बनाई गई है, जिस पर 31 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इससे लगभग 1500 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी। इसी प्रकार, लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत की एक ओर योजना बनाई गई है, जिसके क्रियान्वित होने से 885 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी।
  • उन्होंने बताया कि ज़िला हिसार को क्लस्टर मानकर 3 गाँवों भाटोल जाटान, रांगड़ान और खरकड़ा के खेतों से पानी की निकासी के लिये 20 करोड़ रुपए की योजना अनुमोदित की गई है। इससे लगभग 750 एकड़ जलभराव वाली भूमि का सुधार होगा।
  • इसके अलावा, खरबला गाँव के लिये भी 50 करोड़ रुपए की योजना को भी अनुमोदित किया गया है। ज़िला रोहतक के लिये भी अलग से योजनाओं को मंज़ूरी दी गई है।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहाँ बहुत ज्यादा जलभराव होता है, ऐसी भूमि पर झीलें बनाई जाए। विशेषकर एनसीआर ज़िलों में लगभग 100 झीलें बनाने की एक योजना तैयार की जाए।
  • इन झीलों के बनने से जलभराव की समस्या का भी स्थायी सामाधान होगा और भू-जल रिचार्जिंग की क्षमता भी बढ़ेगी। इन झीलों को बनाने के लिये किसानों से उनकी जलभराव वाली भूमि के प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि जल की उपलब्धता वर्तमान समय में एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिये जल संरक्षण ही एक मात्र समाधान है। इसी दिशा में भू- जल रिचार्जिंग के लिये सरकार द्वारा ज़िलों में रिचार्जिंग बोरवेल लगाए जा रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि इस दिशा में एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत किसान अपनी भूमि पर रिचार्जिंग बोरवेल लगा सकता है। इन बोरवेल पर सरकार पैसा खर्च करेगी और किसानों से भी कुछ सहयोग लिया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि 54वीं बैठक में विभिन्न श्रेणियों के तहत योजनाएँ बनाई गई हैं। इसमें जल संरक्षण और पानी के पुन: उपयोग के लिये 97 योजनाओं पर करीब 179 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
  • इसके अलावा आबादी प्रोटेक्शन श्रेणी की 67 योजनाओं पर 41 करोड़ रुपए, प्रोटेक्शन आफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी में 125 योजनाओं पर 132.86 करोड़ रुपए, डीवॉटरिंग मशिनरी श्रेणी में 49 योजनाओं पर 77.90 करोड़ रुपए, रिक्लेमेशन ऑफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी की 68 योजनाओं पर 119.50 करोड़ रुपए तथा रिकंस्ट्रक्शन, ड्रेनों में पानी के समुचित बहाव के लिये मरम्मत व नए स्ट्रक्चर बनाने के लिये 59 योजनाओं पर 110 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर की गई है।
  • इसी प्रकार हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण तथा अटल भूजल योजना के तहत 63 योजनाओं पर 167 करोड़ रुपए की राशि मंज़ूरी की गई है।
  • बैठक के बाद मनोहर लाल ने बताया कि आम तौर पर 10 ज़िलों नामत: रोहतक, झज्जर, भिवानी, हिसार, जींद, फतेहाबाद, सोनीपत, कैथल, पलवल और सिरसा में जलभराव की समस्या देखने को मिलती है। इसलिये इन 10 ज़िलों में विशेष फोकस देते हुए बैठक में अधिकतर योजनाएँ इन्हीं ज़िलों के लिये अनुमोदित की गई हैं।
  • उन्होंने बताया कि साल में दो बार जनवरी और मई माह में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक होनी तय की गई है। मई माह में जनवरी की बैठक में तय किये गए छोटी अवधि के प्रोजेक्ट और दीर्घकालीन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की जाएगी।
  • जल संरक्षण और पानी के दोबारा उपयोग के लिये भी पिछली बार के 35 करोड़ रुपए के बजट को 167 करोड़ रुपए तक बढ़ाया है।
  • उन्होंने बताया कि आबादी और कृषि क्षेत्र में जमा हो रहे पानी को ड्रेन आउट करने की बजाय रिचार्ज करने पर बल दिया जा रहा है। 50 एकड़ से ज्यादा एरिया में पानी खड़ा होता है, वो ज़मीन सरकार लेने को तैयार है। उस जगह पर तालाब या रिचार्ज वेल बनाने का काम किया जाएगा।

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‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’ लॉन्च

चर्चा में क्यों

19 जनवरी, 2023 को हरियाणा परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह वीर्क ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से तैयार की गई ‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’ लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु 

  • परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह वीर्क ने बताया कि ‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’पढ़ने से सड़क उपयोगकर्त्ता को सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध होगी और वह सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए अपनी यात्रा को सुरक्षित बना सकेगा।
  • उन्होंने बताया कि वाहनों के चालानों से प्राप्त आय के 50 प्रतिशत राशि को सड़क सुरक्षा के लिये प्रयोग करने का प्रावधान 2018 में जारी नियमों में किया गया है। लीड एजेंसी/परिवहन विभाग के द्वारा संबंधित विभागों से इन नियमों के अंतर्गत सड़क सुरक्षा से संबंधित योजनाएँ/स्कीमें मांगी जाती है।
  • पिछले वर्ष 37 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, जिसे पुलिस, परिवहन, शिक्षा, स्थानीय निकाय विभागों को सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यो/स्कीमों हेतु वितरित किया गया है।
  • नवदीप सिंह वीर्क ने बताया कि सड़क सुरक्षा विषय को और अधिक विस्तार बनाने और नए पहलूओं को लाने की ज़रूरत है। सड़क सुरक्षा परिषद् की पिछले महीने हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जिन राजमार्गो पर अवैध कट बनाए गए हैं, संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए।
  • इसी की पालना में सभी ज़िला परिवहन अधिकारियों को एक राष्ट्रीय राजमार्ग और एक राज्य राजमार्ग का चयन करके संबंधित विभागों से कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए हैं।
  • उन्हांने बताया कि विभिन्न सड़कों की स्पीड लिमिट निर्धारित करने के संबंध में आईआईटी, मद्रास के साथ करार किया गया है, जिसके तहत वे इस संबंध में राज्य का सर्वेक्षण करेंगे और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी देंगे।
  • इसके अतिरिक्त, राज्य में परिवहन मंत्रालय द्वारा स्थापित आईरैड पोर्टल शुरू किया गया है, जिससे सड़क पर होने वाली दुर्घनाओं और ब्लैक स्पॉट्स का पता चल सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वाहन और सारथी पोर्टल द्वारा 22 फेसलैस सेवाएँ शुरू की गई हैं, जिससे सेवा का अधिकार अधिनियम अनुसार ऑनलाईन आवेदन से तय समय पर सुविधाएँ दी जाएंगी।
  • विदित है कि हरमन सिंह सिद्धु ने इस मैनुअल को तैयार किया है और इस मैनुअल की अंग्रेजी भाषा में 10,000 प्रतियाँ सीएसआर फंड से तैयार करने का कार्य मारूति कंपनी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने किया है।
  • इसी तरह से हिन्दी भाषा में इस मैनुअल की 5,000 प्रतियाँ मारूति कंपनी तैयार करके देगी, जिसे रोड सेफटी नॉलेज सैंटर्स और ड्राईविंग स्कूलों/प्रशिक्षण संस्थानों में दिया जाएगा।
  • परिवहन आयुक्त यशेंद्रा सिंह ने बताया कि सड़क सुरक्षा एक गंभीर विषय है जिसमें सभी विभागों तथा जनता की भागीदारी अति आवश्यक है जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। इसके लिये यह मैनुअल बहुत उपयोगी साबित होगा और इसको पढ़ने से ड्राइविंग सीखने वालों और लाईसेंन्स बनवाने वालों तथा आम जनता को सड़क सुरक्षा के बारे में नियमों की जानकारी मिलेगी और सड़क दुघर्टनाओं को कम किया जा सकेगा।
  • इस अवसर पर हरमन सिंह सिधू ने बताया कि तत्कालीन परिवहन आयुक्त अमिताभ ढिल्लो के मार्गदर्शन में इस सड़क सुरक्षा मैनुअल को तैयार किया गया है।
  • इस मैनुअल को चार भागों में बाँटा गया है, जिसमें भाग-1 में सड़क आघात व प्रमुख जोखिम कारक, भाग-2 में अपने वाहन को जानने जिसमें टायर, ब्रेंक, स्टेयरिंग, व्हील, रोशनी, विंड स्क्रीन, रियर व्यू मिरर, हार्न, ब्लाइंड स्पॉट्स को जानना, सड़कों के नियम, सुरक्षित ड्राइविंग, अन्य सड़क उपयोगकर्त्ताओं के प्रति विनम्र ड्राईविंग करना व सुरक्षित ड्राइविंग, भाग-3 में उचित दूरी पर गाड़ी चलाना, दूरियों का पालन करना, आपातकालीन वाहनों के बारे में, चौराहों पर यातायात सिंग्नलों का पालन करते हुए ड्राईविंग करना, सिग्नल के प्रकार, मार्क का अधिकार, संकेत देने, लेन बदलने, हाईवे ड्राइविंग, ओवरटेकिंग, रेलवे क्रासिंग, विभिन्न परिस्थितियों में ड्राईविंग, गाड़ी रोकने, पार्क करने व सड़क चिन्हों तथा भाग-4 में आपातकालीन स्थिती और दुर्घटनाएँ, सड़क सांझा करना, दुर्घटना पीड़ित की मदद करना, गुड समारटियन की मद्द करना, पर्यावरण के प्रति जिम्मेवारी और कानून इत्यादि के बारे में बताया गया है।

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