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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jan 2023
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बिहार Switch to English

बिहार में पी.जी छात्राओं को मैटरनिटी लिव की मिलेगी पूरी छात्रवृत्ति

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को नेशनल मेडिकल कमीशन ने बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों को एक नोटिस जारी किया है, जिसके अनुसार अब मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) करने वाली छात्राओं को मातृत्व अवकाश के बाद पढ़ाई पूरी करने में लगने वाले वक्त के लिये भी छात्रवृत्ति दी जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • अब बिहार के मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) करने वाली छात्राएँ मातृत्व अवकाश में रहती हैं तो उनको आर्थिक नुकसान नहीं होगा। अब इन छात्राओं को मातृत्व अवकाश के बाद जितना समय पढ़ाई को पूरा करने में लगेगा, उस अवधि की छात्रवृत्ति उनको मिलेगी।
  • विदित है कि पहले ऐसी छात्राओं को मानवीय आधार पर सिर्फ मातृत्व अवकाश का लाभ मिलता था, पर उनको अपने तीन साल के कोर्स को बाद में पूरा करने के दौरान कोई छात्रवृत्ति नहीं दी जाती थी।
  • गौरतलब है कि पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली छात्राओं को जूनियर रेसिडेंट के रूप में छात्रवृत्ति दी जाती है। मातृत्व अवकाश के बाद उनको तीन साल की पढ़ाई पूरी करनी है। जितने दिन वह अवकाश में रहती हैं, उसका प्रशिक्षण उतने दिन बाद में पूरा किया जाना होता है। तीन साल के प्रशिक्षण के बाद ही उनको डिग्री दी जाती है।
  • ज्ञातव्य है कि बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स होता है। इसमें विद्यार्थियों को पहले साल प्रति माह 68,545 रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है, जबकि द्वितीय वर्ष में प्रति माह 75,399 रुपए छात्रवृत्ति के रूप में दिये जाते हैं। इसी तरह तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण के दौरान पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली छात्राओं को 82 हज़ार रुपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाती है।

राजस्थान Switch to English

राजकीय महाविद्यालयों में हुआ गांधी साहित्य एवं दर्शन कॉर्नर का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को राजस्थान के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा राज्य मंत्री तथा चूरू ज़िला प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला तथा ज़िला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने ज़िले के सरदारशहर मुख्यालय पर राजकीय एस बी डी कॉलेज एवं राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग से गांधी साहित्य एवं दर्शन कॉर्नर का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने गांधी दर्शन पर विचार व्यक्त करते हुए बताया कि समय के साथ-साथ गांधी के विचार अधिक प्रासंगिक होते जा रहे हैं। गांधी ने दुनिया को सत्याग्रह नामक हथियार दिया और साबित किया कि बिना हिंसा के भी जीवन का कोई भी युद्ध लड़ा जाना संभव है।
  • उन्होंने बताया कि गांधी साहित्य एक मार्गदर्शक है। जीवन में साधन और साध्य दोनों पवित्र होने चाहिये। गांधी जी के दिखाए रास्ते पर चलते हुए सभी को सत्य और अहिंसा का पालन करना चाहिये।
  • राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष और महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के ज़िला संयोजक दुलाराम सहारण ने प्रभा खेतान फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि गांधी दर्शन जीवन का पथ प्रेरक है और अशांति और हिंसा के इस माहौल में अहिंसा और शांति का वातावरण स्थापित करने में गांधी साहित्य एवं दर्शन कॉर्नर अत्यंत उपयोगी साबित होंगे।
  • उन्होंने कहा कि राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा भी बेहतर रूप से संचालित होने वाले कॉर्नर में पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएंगी क्योंकि गांधी साहित्य की किताबें व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं।

राजस्थान Switch to English

सूक्ष्म और लघु उद्यमों के डिजिटलीकरण के लिये राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद और आरोह कंसल्टिंग के बीच करार

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को राजस्थान के सूक्ष्म और लघु उद्यमों के डिजिटलीकरण के लिये राजस्थान निर्यात संवर्द्धन परिषद और आरोह कंसल्टिंग के बीच द्विपक्षीय करार पर उद्योग भवन में आरईपीसी के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा और आरोह कंसल्टिंग की निदेशक अरुंधति मुखर्जी ने हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु 

  • आरईपीसी के मुख्य कार्यकारी पी.आर शर्मा ने बताया कि द्विपक्षीय करार के अनुसार आरईपीसी और आरोह समूचे प्रदेश में एमएसएमई के लिये डिजिटलीकरण और निर्यात सुविधा जैसे क्षेत्रों में कार्यक्रम चलाने के लिये पाठ्यक्रम और संकाय प्रदान करने पर सहयोग करने के लिये सहमत हुए हैं।
  • आरोह कंसल्टिंग की संस्थापक निदेशक अरुंधति मुखर्जी ने बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बढ़ाने, विदेशी बाज़ारों में विस्तार करने और एमएनसी के रूप में जाने जाने वाले एमएसएमई टैग को हटाने में मदद करने के लिये संस्था तत्पर रहेगी।
  • आरोह कंसल्टिंग के पास अपने बाज़ारों का विस्तार करने और अपनी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिये एमएसएमई का समर्थन करने में 7 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
  • पी.आर शर्मा ने बताया कि समझौते के एक हिस्से के रूप में, आरोह सभी आकार के एमएसएमई के डिजिटलीकरण के लिये कम लागत वाले समाधान लाने हेतु प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ गठजोड़ करेगा। यह प्रशिक्षण के लिये एजेंडा भी विकसित करेगा और अगले 2 वर्षों में इसके लिये योग्य और अनुभवी फैकल्टी प्रदान करेगा।
  • उन्होंने बताया कि आरोह विभिन्न देशों के खरीदारों और व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के साथ समन्वय करने के लिये भारत और विश्व स्तर पर संघों के साथ काम करेगा। राजस्थान में सूक्ष्म उद्यमों द्वारा नए-पुराने आईटी उपकरणों की सुविधा और उनका उपयोग करते हुए उन्हें व्यापार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा।
  • उन्होंने बताया कि इससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों को अपने व्यवसायों को बेहतर बनाने के लिये डेटा रहित निर्णय लेने के लिये आवश्यक सभी व्यावसायिक डेटा तक पहुँच बनाने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश की एमएसएमई इकाईयाँ अपने उत्पादों की मांग और उपलब्धता के आधार पर देश-विदेश में कारोबार को नई दिशा दे सकेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

सिंगरौली को मिलेगा मेडिकल कॉलेज भवन की सौगात

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उनके द्वारा पूर्व में की गई घोषणा के मुताबिक 22 जनवरी को सिंगरौली में शासकीय मेडिकल कॉलेज भवन का शिलान्यास किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि सिंगरौली ज़िला ताप विद्युत केंद्रों और कोयला खनन परियोजनाओं के कारण प्रदेश का सर्वाधिक राजस्व देने वाला ज़िला है।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सिंगरौली में मेडिकल कॉलेज की मांग लंबे समय से की जा रही थी। मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण ग्राम नौगढ़ में किया जा रहा है। इसके लिये 25 एकड़ ज़मीन आवंटित की गई है। भवन परिसर निर्माण के लिये 248 करोड़ 27 लाख रूपए मंजूर किये गए हैं।
  • उन्होंने बताया कि इसका निर्माण मेसर्स डीवी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो 19 दिसंबर, 2024 तक पूरा होगा।
  • शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज बन जाने से यहाँ उपचार की व्यवस्थाएँ बेहतर होंगी। सिंगरौली ही नहीं पूरे विंध्य क्षेत्र के विद्यार्थियों के डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा होगा। जनजातीय बहुल अंचल के विद्यार्थी अपने घर के समीप रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे।
  • मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिये वरिष्ठ डॉक्टरों तथा अनुभवी प्राध्यापकों की नियुक्ति होगी। उनके मेडिकल ज्ञान और दक्षता का लाभ सिंगरौली ज़िले को मिलेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश ट्रांसको ने ऊर्जीकृत किये बैरागढ़ सब स्टेशन में दो नए 220 के.व्ही. के सर्किट

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधीक्षण अभियंता एन.पी. गुप्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश ट्रांसको कंपनी ने 220 के.व्ही. के दो नए सर्किट (फीडर और लाइन) को ऊर्जीकृत करने में सफलता हासिल की है।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश ट्रांसको कंपनी द्वारा 220 के.व्ही. सब स्टेशन बैरागढ़ भोपाल में 10 करोड़ 85 लाख रुपए की लागत से निर्मित 220 के.व्ही. के दो नए सर्किट (फीडर और लाइन) को ऊर्जीकृत किया गया, जिससे बैरागढ़ जहाँ 400 के.व्ही. सब स्टेशन आष्टा से सीधा जुड़ गया है, वहीं 400 के.व्ही. सब स्टेशन भोपाल से भी एक अतिरिक्त 220 के.व्ही. सर्किट बैरागढ़ में उपलब्ध हो गया है।
  • कंपनी के अधीक्षण अभियंता एन.पी. गुप्ता ने बताया कि कंपनी यह व्यवस्था करने में इसलिये सफल हुई, क्योंकि कुछ समय पूर्व 400 के.व्ही. सब स्टेशन आष्टा में 315 एम.व्ही.ए. क्षमता का एक पावर ट्रांसफॉर्मर ऊर्जीकृत किया गया था, जिससे मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को सेंटर ग्रिड से अतिरिक्त बिजली मिल पाई है और इसका फायदा भोपाल को मिल पाया।
  • उन्होंने बताया कि 220 के.व्ही. सब स्टेशन बैरागढ़ में पहले 220 के.व्ही. की सप्लाई 400 के.व्ही. सब स्टेशन सूखीसेवनिया भोपाल से 220 के.व्ही. के दो सर्किटों के माध्यम से प्राप्त होती थी।
  • एन.पी. गुप्ता ने बताया कि नए 220 के.व्ही. सर्किट के निर्माण से बैरागढ़ से जुड़े 132 के.व्ही. आईटी पार्क, ईटखेड़ी, रूहाना, श्यामपुर कुरावर, सीहोर, लालघाटी सबस्टेशन को फायदा पहुँचेगा, जहाँ 132 के.व्ही. वोल्टेज स्तर की गुणवत्तापूर्ण विद्युत का पारेषण हो सकेगा। 

हरियाणा Switch to English

हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 54वीं बैठक

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 54वीं बैठक हुई, जिसमें उन्होंने वर्ष 2026 तक हरियाणा को बाढ़ मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।

प्रमुख बिंदु 

  • सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 528 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत लगभग 1100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। खेतों में खड़े पानी की निकासी और पानी के दोबारा इस्तेमाल के लिये 312 करोड़ रुपए से ज्यादा की योजनाएँ अनुमोदित की गई हैं।
  • हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि राज्य के जिन इलाकों में जलभराव की अधिक समस्या है, उसके स्थायी समाधान के लिये इस वर्ष विशेष प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
  • इसके अलावा, जल संरक्षण और बरसात के पानी का दोबारा उपयोग करने के लिये भी अधिक से अधिक ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के साथ-साथ ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग व सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा।
  • इस बार जलभराव की निकासी के लिये क्लस्टर एप्रोच के माध्यम से योजनाएँ तैयार की गई हैं। भिवानी ज़िले को एक क्लस्टर माना गया है, जिसके तहत 8 गाँवों कुंगड़, जटाई, धनाना, बढेसरा, सिवाड़ा, प्रेमनगर, घुसकानी, ढाणी सुखन के आबादी एरिया व जलभराव वाले इलाकों में एचडीपीई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होगी। इससे लगभग 2 हज़ार एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी।
  • इसके अलावा, 3 गाँवों सिंघवा खास, पुठ्ठी, मदनहेड़ी को मिलकार एक योजना बनाई गई है, जिस पर 31 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इससे लगभग 1500 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी। इसी प्रकार, लगभग 4 करोड़ रुपए की लागत की एक ओर योजना बनाई गई है, जिसके क्रियान्वित होने से 885 एकड़ जलभराव वाली भूमि से पानी की निकासी होगी।
  • उन्होंने बताया कि ज़िला हिसार को क्लस्टर मानकर 3 गाँवों भाटोल जाटान, रांगड़ान और खरकड़ा के खेतों से पानी की निकासी के लिये 20 करोड़ रुपए की योजना अनुमोदित की गई है। इससे लगभग 750 एकड़ जलभराव वाली भूमि का सुधार होगा।
  • इसके अलावा, खरबला गाँव के लिये भी 50 करोड़ रुपए की योजना को भी अनुमोदित किया गया है। ज़िला रोहतक के लिये भी अलग से योजनाओं को मंज़ूरी दी गई है।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहाँ बहुत ज्यादा जलभराव होता है, ऐसी भूमि पर झीलें बनाई जाए। विशेषकर एनसीआर ज़िलों में लगभग 100 झीलें बनाने की एक योजना तैयार की जाए।
  • इन झीलों के बनने से जलभराव की समस्या का भी स्थायी सामाधान होगा और भू-जल रिचार्जिंग की क्षमता भी बढ़ेगी। इन झीलों को बनाने के लिये किसानों से उनकी जलभराव वाली भूमि के प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि जल की उपलब्धता वर्तमान समय में एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिये जल संरक्षण ही एक मात्र समाधान है। इसी दिशा में भू- जल रिचार्जिंग के लिये सरकार द्वारा ज़िलों में रिचार्जिंग बोरवेल लगाए जा रहे हैं।
  • उन्होंने बताया कि इस दिशा में एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने एक नई योजना बनाई है, जिसके तहत किसान अपनी भूमि पर रिचार्जिंग बोरवेल लगा सकता है। इन बोरवेल पर सरकार पैसा खर्च करेगी और किसानों से भी कुछ सहयोग लिया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि 54वीं बैठक में विभिन्न श्रेणियों के तहत योजनाएँ बनाई गई हैं। इसमें जल संरक्षण और पानी के पुन: उपयोग के लिये 97 योजनाओं पर करीब 179 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की जाएगी।
  • इसके अलावा आबादी प्रोटेक्शन श्रेणी की 67 योजनाओं पर 41 करोड़ रुपए, प्रोटेक्शन आफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी में 125 योजनाओं पर 132.86 करोड़ रुपए, डीवॉटरिंग मशिनरी श्रेणी में 49 योजनाओं पर 77.90 करोड़ रुपए, रिक्लेमेशन ऑफ एग्रीकल्चर लैंड श्रेणी की 68 योजनाओं पर 119.50 करोड़ रुपए तथा रिकंस्ट्रक्शन, ड्रेनों में पानी के समुचित बहाव के लिये मरम्मत व नए स्ट्रक्चर बनाने के लिये 59 योजनाओं पर 110 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मंजूर की गई है।
  • इसी प्रकार हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण तथा अटल भूजल योजना के तहत 63 योजनाओं पर 167 करोड़ रुपए की राशि मंज़ूरी की गई है।
  • बैठक के बाद मनोहर लाल ने बताया कि आम तौर पर 10 ज़िलों नामत: रोहतक, झज्जर, भिवानी, हिसार, जींद, फतेहाबाद, सोनीपत, कैथल, पलवल और सिरसा में जलभराव की समस्या देखने को मिलती है। इसलिये इन 10 ज़िलों में विशेष फोकस देते हुए बैठक में अधिकतर योजनाएँ इन्हीं ज़िलों के लिये अनुमोदित की गई हैं।
  • उन्होंने बताया कि साल में दो बार जनवरी और मई माह में हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक होनी तय की गई है। मई माह में जनवरी की बैठक में तय किये गए छोटी अवधि के प्रोजेक्ट और दीर्घकालीन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की जाएगी।
  • जल संरक्षण और पानी के दोबारा उपयोग के लिये भी पिछली बार के 35 करोड़ रुपए के बजट को 167 करोड़ रुपए तक बढ़ाया है।
  • उन्होंने बताया कि आबादी और कृषि क्षेत्र में जमा हो रहे पानी को ड्रेन आउट करने की बजाय रिचार्ज करने पर बल दिया जा रहा है। 50 एकड़ से ज्यादा एरिया में पानी खड़ा होता है, वो ज़मीन सरकार लेने को तैयार है। उस जगह पर तालाब या रिचार्ज वेल बनाने का काम किया जाएगा।

हरियाणा Switch to English

‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’ लॉन्च

चर्चा में क्यों

19 जनवरी, 2023 को हरियाणा परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह वीर्क ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से तैयार की गई ‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’ लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु 

  • परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह वीर्क ने बताया कि ‘हरियाणा सड़क सुरक्षा मैनुअल’पढ़ने से सड़क उपयोगकर्त्ता को सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध होगी और वह सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए अपनी यात्रा को सुरक्षित बना सकेगा।
  • उन्होंने बताया कि वाहनों के चालानों से प्राप्त आय के 50 प्रतिशत राशि को सड़क सुरक्षा के लिये प्रयोग करने का प्रावधान 2018 में जारी नियमों में किया गया है। लीड एजेंसी/परिवहन विभाग के द्वारा संबंधित विभागों से इन नियमों के अंतर्गत सड़क सुरक्षा से संबंधित योजनाएँ/स्कीमें मांगी जाती है।
  • पिछले वर्ष 37 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, जिसे पुलिस, परिवहन, शिक्षा, स्थानीय निकाय विभागों को सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यो/स्कीमों हेतु वितरित किया गया है।
  • नवदीप सिंह वीर्क ने बताया कि सड़क सुरक्षा विषय को और अधिक विस्तार बनाने और नए पहलूओं को लाने की ज़रूरत है। सड़क सुरक्षा परिषद् की पिछले महीने हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जिन राजमार्गो पर अवैध कट बनाए गए हैं, संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए।
  • इसी की पालना में सभी ज़िला परिवहन अधिकारियों को एक राष्ट्रीय राजमार्ग और एक राज्य राजमार्ग का चयन करके संबंधित विभागों से कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए हैं।
  • उन्हांने बताया कि विभिन्न सड़कों की स्पीड लिमिट निर्धारित करने के संबंध में आईआईटी, मद्रास के साथ करार किया गया है, जिसके तहत वे इस संबंध में राज्य का सर्वेक्षण करेंगे और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी देंगे।
  • इसके अतिरिक्त, राज्य में परिवहन मंत्रालय द्वारा स्थापित आईरैड पोर्टल शुरू किया गया है, जिससे सड़क पर होने वाली दुर्घनाओं और ब्लैक स्पॉट्स का पता चल सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वाहन और सारथी पोर्टल द्वारा 22 फेसलैस सेवाएँ शुरू की गई हैं, जिससे सेवा का अधिकार अधिनियम अनुसार ऑनलाईन आवेदन से तय समय पर सुविधाएँ दी जाएंगी।
  • विदित है कि हरमन सिंह सिद्धु ने इस मैनुअल को तैयार किया है और इस मैनुअल की अंग्रेजी भाषा में 10,000 प्रतियाँ सीएसआर फंड से तैयार करने का कार्य मारूति कंपनी के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने किया है।
  • इसी तरह से हिन्दी भाषा में इस मैनुअल की 5,000 प्रतियाँ मारूति कंपनी तैयार करके देगी, जिसे रोड सेफटी नॉलेज सैंटर्स और ड्राईविंग स्कूलों/प्रशिक्षण संस्थानों में दिया जाएगा।
  • परिवहन आयुक्त यशेंद्रा सिंह ने बताया कि सड़क सुरक्षा एक गंभीर विषय है जिसमें सभी विभागों तथा जनता की भागीदारी अति आवश्यक है जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। इसके लिये यह मैनुअल बहुत उपयोगी साबित होगा और इसको पढ़ने से ड्राइविंग सीखने वालों और लाईसेंन्स बनवाने वालों तथा आम जनता को सड़क सुरक्षा के बारे में नियमों की जानकारी मिलेगी और सड़क दुघर्टनाओं को कम किया जा सकेगा।
  • इस अवसर पर हरमन सिंह सिधू ने बताया कि तत्कालीन परिवहन आयुक्त अमिताभ ढिल्लो के मार्गदर्शन में इस सड़क सुरक्षा मैनुअल को तैयार किया गया है।
  • इस मैनुअल को चार भागों में बाँटा गया है, जिसमें भाग-1 में सड़क आघात व प्रमुख जोखिम कारक, भाग-2 में अपने वाहन को जानने जिसमें टायर, ब्रेंक, स्टेयरिंग, व्हील, रोशनी, विंड स्क्रीन, रियर व्यू मिरर, हार्न, ब्लाइंड स्पॉट्स को जानना, सड़कों के नियम, सुरक्षित ड्राइविंग, अन्य सड़क उपयोगकर्त्ताओं के प्रति विनम्र ड्राईविंग करना व सुरक्षित ड्राइविंग, भाग-3 में उचित दूरी पर गाड़ी चलाना, दूरियों का पालन करना, आपातकालीन वाहनों के बारे में, चौराहों पर यातायात सिंग्नलों का पालन करते हुए ड्राईविंग करना, सिग्नल के प्रकार, मार्क का अधिकार, संकेत देने, लेन बदलने, हाईवे ड्राइविंग, ओवरटेकिंग, रेलवे क्रासिंग, विभिन्न परिस्थितियों में ड्राईविंग, गाड़ी रोकने, पार्क करने व सड़क चिन्हों तथा भाग-4 में आपातकालीन स्थिती और दुर्घटनाएँ, सड़क सांझा करना, दुर्घटना पीड़ित की मदद करना, गुड समारटियन की मद्द करना, पर्यावरण के प्रति जिम्मेवारी और कानून इत्यादि के बारे में बताया गया है।

झारखंड Switch to English

अरविंद वर्णवाल ने केदारकांठा पर्वत की 12050 फीट ऊँची चोटी पर फहराया तिरंगा

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के जामताड़ा के अरविंद वर्णवाल ने हिमालय पर्वत श्रृंखला के केदारकांठा पर्वत की 12050 फीट की ऊँचाई पर गणतंत्र दिवस के पूर्व तिरंगा फहराकर देश को गौरवान्वित किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • अरविंद वर्णवाल ने बताया कि पूरे भारत वर्ष से आठ राज्यों के 30 लोग गणतंत्र दिवस के पूर्व हिमालय पर्वत श्रृंखला पर तिरंगा फहराने की यात्रा में शामिल थे, जिसमें झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के ट्रेकर शामिल थे।
  • उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के ट्रेकर त्रिलोक राय के नेतृत्व में उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित हिमालयन श्रृंखला के केदारकांठा पर्वत शिखर की 12050 फीट की ऊँचाई पर तिरंगा फहराने के लिये संकरी गाँव से यात्रा शुरू की थी। संकरी गाँव से 12 किमी. पर केदारकांठा पर्वत था।
  • इस पर्वत को फतह करने के दौरान दो बेस कैंप बनाए गए थे। पहला बेस कैंप पर्वत के तलहटी में, तो दूसरा बेस कैंप 10,000 फीट की ऊँचाई पर था।
  • विदित है कि अरविंद वर्णवाल पहले भी अमरनाथ और केदारनाथ की यात्रा कर चुके हैं।
  • अरविंद वर्णवाल ने बताया कि 15 जनवरी को देहरादून से यात्रा शुरू की थी। वहाँ से मसूरी, नावगाँव, पुरोला, मूरी, नेटवाद कोटगाँव (संकरी) तक 220 किमी. का सफर करीब दस घंटे में पहुँचा।
  • 16 जनवरी को दूसरे दिन, कोटगाँव (संकरी) से केदारकांठा पर्वत के 9100 फीट पर स्थित पहले बेस कैंप पहुँचे तथा 17 जनवरी को तीसरे दिन 11250 फीट पर स्थित दूसरे बेस कैंप शेफर्ड कैंप करीब पाँच घंटे की ट्रेकिंग कर पहुँचे। उसके बाद करीब चार घंटे की चढ़ाई के बाद 18 जनवरी को सुबह 7 बजे केदारकांठा की सबसे ऊँची चोटी पर पहुँचे और तिरंगा फहराया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

कोड-ए-थान ओलंपियाड

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्रों को कोडिंग के प्रति उत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ शासन, हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ मिलकर कोडिंग ओलंपियाड का आयोजन कर रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि तकनीक के महत्त्व और भविष्य में इसकी अनिवार्य आवश्यकता को देखते हुए छोटी कक्षाओं से ही छात्र कोडिंग के प्रति आकर्षित और इसमें महारत हासिल करते रहे हैं। कोडिंग को भविष्य की भाषा भी कहा जाता है।
  • उन्होंने बताया कि इस ओलंपियाड को भारत के बड़े कोडिंग ओलंपियाड्स में से एक माना जाता है। गेटिंग फ्यूचर रेडी की थीम पर कोडिंग ओलंपियाड में स्कूली छात्रों को सीखने (लर्न), शामिल होने (पार्टिसिपेट) और जीतने (विन) के मंत्र के साथ सरकारी स्कूलों के 5000 छात्रों को कोडिंग सिखाया जा रहा है।
  • इस कोडिंग ओलिंपियाड में शामिल होने वाले छात्रों के लिये रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 5 फरवरी 2023 है। ओलंपियाड में हिस्सा लेने के लिये छात्र htcodeathon.com वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।  
  • 23 फरवरी को छात्रों का क्वालिफायर राउंड और 23 फरवरी को ही छात्रों का फिनाले आयोजित होगा। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में उत्कृष्ट सेवा के लिये 96 पुलिसकर्मियों को मिलेगा सम्मान

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह द्वारा राज्य में बेहतर कार्य करने के लिये 96 पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट सेवा पदक और सराहनीय सेवा सम्मान दिये जायेंगे। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सूची जारी कर दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी सूची के अनुसार पुलिस उपाधीक्षक पीटीसी नरेंद्रनगर दिनेश चंद्र बडोला व इंस्पेक्टर पूरण सिंह रावत को उत्कृष्ट सेवा पदक मिलेगा।
  • इसके अलावा पुलिस उपाधीक्षक चंपावत जनपद के विपिन चंद्र पंत, निरीक्षक एसडीआरएफ हर्षवर्धन, निरीक्षक एसडीआरएफ हरक सिंह, एसआई दूरसंचार ख्याली दत्त जोशी, गजपाल सिंह रावत, अपर उप निरीक्षक मंगल सिंह, योगेंद्र सिंह व दिनेश चंद्र को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह व विशिष्ट कार्य के लिये प्रतिसार निरीक्षक जगदीश चंद्र पंत, निरीक्षक पुलिस दूरसंचार प्रमोद पेटवाल व एसआई विमलेश्वर प्रसाद रतूड़ी को उत्कृष्ट सेवा सम्मान से नवाज़ा जाएगा।
  • इसके साथ ही 14 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सराहनीय सेवा के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न व 70 पुलिस कर्मचारियों को विशिष्ट कार्य के लिये सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न से सम्मानित किया जाएगा।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड की महिला कर्मियों के प्रसूति व बाल देखभाल अवकाश की गणना एमएसीपीएस में होगी

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार की महिला कर्मचारियों से संबंधित उनके प्रसूति अवकाश और बाल देखभाल अवकाश की गणना सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपीएस) में होगी।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) राधा रतूड़ी ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन को पत्र लिखकर एमएसीपी की व्यवस्था में महिला कर्मचारियों के प्रसूति अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि को शामिल करने का अनुरोध किया था।
  • अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि कई विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के ऐसे मामले संज्ञान में आए, उन्हें एसीपी का लाभ नहीं मिल पाया।
  • उन्होंने बताया कि एमएसीपी दिये जाने के लिये पाँच वर्षों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि का न्यूनतम मानक उत्तम है। लेकिन इसमें बाह्य सेवा अवधि व बाह्य प्रतीक्षा अवधि तथा सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये गए विभिन्न प्रकार के अवकाश (असाधारण व अवैतनिक अवकाश छोड़कर) की गणना न होने से एसीपी का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
  • इसके किसी वर्ष में तीन माह से कम की अवधि के लिये वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि न दिये जाने की व्यवस्था में उस अवधि को भी एमएसीपी की गणना में नहीं लिया जा रहा था।
  • शासनादेश के मुताबिक, कर्मचारियों को अब यदि किसी वर्ष के दौरान तीन माह से कम अवधि के कार्यकाल के कारण किसी वर्ष की वार्षिक गोपनीय प्रवष्टि न लिखी गई हो तो एमएसीपी दिये जाने की तिथि से पहले के पाँच वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियों का संज्ञान लिया जाएगा। यदि उस अवधि में भी उत्तम एसीआर का मानक पूरा न हो रहा हो तो एमएसीपी की तिथि को आगे विस्तारित किया जाएगा।

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