नितिन अग्रवाल ने सपा और विधानसभा से दिया इस्तीफा | उत्तर प्रदेश | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने सदन और समाजवादी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
प्रमुख बिंदु
- समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल 18 अक्टूबर, 2021 को विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए थे। वह पिछली अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान राज्य मंत्री थे।
- 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिये समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए नितिन अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए थे।
- उल्लेखनीय है कि विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने समाजवादी पार्टी द्वारा उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अध्यक्ष ने तकनीकी रूप से भाजपा द्वारा नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर के पद के लिये मैदान में उतारने के फैसले को सही ठहराने की अनुमति दी थी, जो परंपरागत रूप से सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के लिये आरक्षित है।
गोपाल कुमार ने बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर दिलाया दूसरा स्थान | बिहार | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
18 जनवरी, 2022 को घोषित राष्ट्रीय स्तर की कला उत्सव प्रतियोगिता के परिणाम में बिहार के शेखपुरा ज़िले के हाई स्कूल बरबीघा के 12वीं के छात्र गोपाल कुमार ने लोकगीत की एकल विधा में बिहार को दूसरा स्थान दिलाया। यह प्रतियोगिता 5 जनवरी, 2022 को ऑनलाइन आयोजित की गई थी।
प्रमुख बिंदु
- प्लस टू हाई स्कूल बरबीघा के संगीत शिक्षक और गोपाल के गुरु प्रभाकर त्रिवेदी ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना, पटना द्वारा किलकारी भवन पटना स्थित परीक्षा केंद्र पर परीक्षा ली गई, जिसमें गोपाल ने बिहार की तरफ से हिस्सा लिया।
- गोपाल ने देश के कई राज्यों के कलाकारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी संगीत विद्या की बदौलत बिहार को एकल लोकगीत विधा में द्वितीय स्थान दिलाया है।
- प्रभाकर त्रिवेदी ने बताया कि इससे पहले गोपाल ने बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय गायन प्रतियोगिता में शेखपुरा ज़िला को प्रथम स्थान दिलाया था।
- उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सफल गोपाल को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की तिथि अभी तय नहीं हो पाई है।
पशुपालन मंत्री ने जोबनेर में पशु विज्ञान केंद्र का शिलान्यास किया | राजस्थान | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को राजस्थान के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने जोबनेर (जयपुर) में वेटरनरी विश्वविद्यालय के 16वें पशु विज्ञान केंद्र का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री कटारिया ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में ऐसी तकनीकें विकसित हों, जिनसे देशी गोवंश व अन्य पशुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके तथा युवा इससे प्रेरणा लेकर इसे स्वरोज़गार के रूप में अपना सकें।
- विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशु विज्ञान केंद्रों के माध्यम से पशुपालकों को पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीकों एवं नवाचारों से अवगत कराया जाता है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित कर पशुपालकों का कौशल विकास किया जा रहा है।
- इस नवीन पशु विज्ञान केंद्र के खुलने से इस क्षेत्र के किसानों व पशुपालकों को सीधा लाभ मिल सकेगा, जो कि इनके आर्थिक उत्थान में सहायक सिद्ध होगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में पशुपालन विकास एवं पशुपालकों के कल्याण को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में जोबनेर में पशु विज्ञान केंद्र खोलने की घोषणा की थी। पशु विज्ञान केंद्र के क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार की ओर से पदों की स्वीकृति, केंद्र के भवन निर्माण कार्य, आवश्यक उपकरण एवं फर्नीचर की खरीद तथा कार्यालय व्यय के लिये वित्तीय मंज़ूरी भी प्रदान कर दी गई है।
राजस्थान मंत्रिमंडल के महत्त्वपूर्ण निर्णय | राजस्थान | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंज़ूरी देने के साथ ही कई महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मज़बूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंज़ूरी दी है। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिये ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिये रूपरेखा तैयार करेगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019 लागू की थी। इस नीति के पश्चात् राज्य में उत्पादित कृषि जिन्सों, जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा।
- मंत्रिमंडल ने पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहाध्यक्ष (क्यूरेटर) के पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इतिहास के विद्यार्थियों के साथ-साथ म्यूजियोलॉजी के अभ्यर्थियों को भी इस पद की प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। इससे संग्रहालयों के प्रबंधन के कार्य को नवीन तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति से संपादित किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने भू-जल विभाग में कनिष्ठ भू-भौतिकविद् के पद 75 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के लिये राजस्थान भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंज़ूरी दी है। साथ ही, पदोन्नति के लिये न्यूनतम अनुभव दो वर्ष के स्थान पर पाँच वर्ष करने की भी स्वीकृति दी है। इससे विभाग में पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
- साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 (यथा संशोधित) के नियम 19 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे सहकारिता विभाग में संविदा पर कार्यरत् फार्मासिस्टों को भर्ती में बोनस अंकों का लाभ मिल सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बाद अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
हरियाणा में 80 साल से लागू डीसी रेट खत्म, निगम वेज रेट लागू | हरियाणा | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, निगम, बोर्डों और सभी डीसी को पत्र लिखकर निर्देशित किया कि राज्य सरकार ने 80 साल से लागू डीसी रेट को खत्म कर निगम वेज रेट को लागू करने का फैसला लिया है।
प्रमुख बिंदु
- पत्र में कहा गया है कि सरकार ने डीसी रेट से संबंधित आदेशों को वापस ले लिया है। गौरतलब है कि पहले हरियाणा के अलग-अलग विभागों में ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के लिये संबंधित ज़िला उपायुक्त डीसी रेट तय करते थे। समय के अनुसार, अलग-अलग ज़िलों के डीसी रेट में काफी अंतर आ गया था।
- ठेके के कर्मचारियों की अलग-अलग चार श्रेणियों के लिये अलग-अलग रेट तय किये गए हैं। ये रेट 1 जनवरी, 2022 से लागू माने जाएंगे। इन रेटों को हर साल संशोधित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि विधानसभा में कई विधायक डीसी रेट को समान करने की मांग उठा चुके थे। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा ठेके की नौकरियों के लिये हरियाणा कौशल रोज़गार निगम का गठन किया गया है। अब इसके तहत ही कर्मचारी रखे जाएंगे और उनको निगम वेज बोर्ड के नाम के जाना जाएगा।
- कर्मचारियों के लिये दसवीं कक्षा से लेकर स्नातक तक की शैक्षणिक योग्यता तय की गई है। इनमें लेवल 1 के लिये दसवीं, लेवल 2 के लिये नॉन टेक्निकल, लेवल 3 के लिये आईटीआई और टेक्निकल योग्यता तथा लेवल 4 के लिये स्नातक डिग्री तय की गई है। साथ ही अनुभवी कर्मचारियों को 10 से 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
- ज़िलों को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है-
- श्रेणी 1. गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत, दिल्ली और चंडीगढ़।
- श्रेणी 2. पानीपत, झज्जर, पलवल, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, भिवानी, जींद।
- श्रेणी 3. महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, नूंह, चरखीदादरी।
- तीनों श्रेणियों के ज़िलों के ठेके के कर्मचारियों के अलग-अलग चार लेवल के लिये अलग-अलग रेट तय किये गए हैं-
- श्रेणी 1. 17520 रुपए (लेवल-1), 20590 रुपए (लेवल-2), 21200 रुपए (लेवल-3), 22420 रुपए (लेवल-4),
- श्रेणी 2. 15450 रुपए (लेवल-1), 18510 रुपए (लेवल-2), 19120 रुपए (लेवल-3), 20350 रुपए (लेवल -4),
- श्रेणी 3. 14330 रुपए (लेवल-1), 17390 रुपए (लेवल-2), 18000 रुपए (लेवल-3), 19230 रुपए (लेवल-4)
मुख्यमंत्री ने राज्य में सब्सिडी वाले पेट्रोल के लिये ऐप लॉन्च किया | झारखंड | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अथवा झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित गरीब लोगों को उनके दो-पहिया वाहन के लिये ‘पेट्रोल सब्सिडी योजना’के तहत निबंधन हेतु CMSUPPORTS ऐप लॉन्च किया। अब ऐप या http://jsfss.jharkhand.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर राशन कार्डधारक योजना का लाभ ले सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- डीबीटी के माध्यम से मुख्यमंत्री 26 जनवरी, 2022 को दुमका से योजना का शुभारंभ कर योजना के पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करेंगे।
- 26 जनवरी, 2022 से योजना के माध्यम से राशन कार्ड से आच्छादित हितग्राहियों को अपने दो-पहिया वाहन के लिये प्रति माह अधिकतम 10 लीटर पेट्रोल हेतु प्रति लीटर 25 रुपए की सब्सिडी, यानी 250 रुपए प्रति माह उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित की जाएगी।
- योजना की पात्रता मानदंड में शामिल हैं -
- आवेदक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम या झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम का राशन कार्ड धारक होना चाहिये।
- राशन कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों के सत्यापित आधार नंबर का उल्लेख होना चाहिये।
- आवेदक के आधार से जुड़ा बैंक खाता नंबर और मोबाइल नंबर अपडेट होना चाहिये।
- आवेदक के वाहन का पंजीकरण आवेदक के नाम पर होना चाहिये।
- आवेदक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिये।
- आवेदक का दोपहिया वाहन झारखंड राज्य में पंजीकृत होना चाहिये।
- CMSUPPORT ऐप या http://jsfss.jharkhand.gov.in पर जाकर आवेदक को अपना राशन कार्ड और आधार नंबर डालना होगा, जिसके बाद उसके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
- आवेदक का राशन कार्ड नंबर लॉगिन और परिवार के मुखिया के आधार का अंतिम आठ अंकों का पासवर्ड होगा।
- ओटीपी सत्यापन के बाद आवेदक राशन कार्ड में नाम का चयन करते हुए वाहन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करेगा। वाहन नंबर डीटीओ के लॉगिन में जाएगा, जिसे डीटीओ वेरिफाई करेगा। सत्यापन के बाद सूची ज़िला आपूर्ति अधिकारी के लॉगिन पर जाएगी।
कृषि मंत्री ने लॉन्च किया ‘किसान कॉल सेंटर’ | झारखंड | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को राज्य के किसानों की समस्याओं और सुझावों से अवगत कराने के उद्देश्य से राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस में ऑनलाइन मोड में ‘किसान कॉल सेंटर’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर बादल ने ‘ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी’और COVID-19 टीकाकरण के लिये प्रेरित करने हेतु कृषि विभाग द्वारा तैयार एक गीत भी लॉन्च किया।
- इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है, साथ ही उनके सुझावों से अवगत होना चाहती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘किसान कॉल सेंटर’शुरू किया है, जिसका संचालन कृषि निदेशालय द्वारा किया जाएगा।
- राज्य के किसान इस किसान कॉल सेंटर, जिसका टोल फ्री नंबर 1800-123-1136 है, में कहीं से भी अपनी समस्याएँ और सुझाव दर्ज करा सकते हैं।
- प्रखंड स्तर से मुख्यालय स्तर तक उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा तथा किसानों के सुझाव मिलने के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अधिकारी इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी करेंगे।
- किसान कॉल सेंटर में किसानों को उनकी भाषा के अनुसार जवाब दिया जाएगा, ताकि किसानों को संचार में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
- नई तकनीक ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’के ज़रिये बीजों की ट्रैकिंग की जा सकती है, जिससे किसानों को दिये जाने वाले बीजों की खेत तक ट्रैकिंग की जा सकेगी।
- कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई इन दो नई तकनीकों से कार्यों में पारदर्शिता आएगी और राज्य के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। साथ ही इसका परिणाम उत्पादन में देखने को मिलेगा।
राज्यपाल ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक पर किये हस्ताक्षर | छत्तीसगढ़ | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 में संशोधन हेतु प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर किये हैं। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति हेतु भेजा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस अधिनियम की धारा 3, 4, 12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार धारा 4 में संशोधन कर धारा 4-क और 4-ख जोड़ी गई है।
- धारा 4-क के अनुसार ‘हुक्का बार पर रोक- इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से, कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।’
- धारा 4-ख के अनुसार ‘हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक- कोई भी व्यक्ति, किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गड़गड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।’
- धारा 13 में संशोधन कर नवीन धारा 13-क जोड़ी गई है। धारा 13-क के अनुसार ‘हुक्का बार के मामले में ज़ब्त करने की शक्ति- यदि कोई पुलिस अधिकारी/आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो, और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4-क के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, वह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को ज़ब्त कर सकेगा।’
- मूल अधिनियम की धारा 21 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 21-क एवं 21-ख जोड़ी गई है। धारा 21-क के अनुसार ‘हुक्का बार चलाने के लिये दंड- जो कोई, धारा 4-क के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे कारावास, जो कि तीन वर्ष तक का हो सकेगा, किंतु जो एक वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि पचास हज़ार रुपए तक का हो सकेगा, किंतु जो दस हज़ार रुपए से कम नहीं होगा, से दंडनीय होगा।’
- इसी प्रकार 21-ख के अनुसार हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिये दंड- जो कोई, धारा 4-ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पाँच हज़ार रुपए तक का हो सकेगा, किंतु जो एक हज़ार रुपए से कम नहीं होगा, से दंडित किया जाएगा।’
- धारा 27 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 27-क जोड़ी गई है। धारा 27-क के अनुसार ‘धारा 4-क के तहत अपराध का संज्ञेय तथा अजमानतीय होना- इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, धारा 4-क के तहत कारित अपराध, संज्ञेय तथा अजमानतीय होगा।’