मुख्यमंत्री ने राज्य में सब्सिडी वाले पेट्रोल के लिये ऐप लॉन्च किया | झारखंड | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अथवा झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित गरीब लोगों को उनके दो-पहिया वाहन के लिये ‘पेट्रोल सब्सिडी योजना’के तहत निबंधन हेतु CMSUPPORTS ऐप लॉन्च किया। अब ऐप या http://jsfss.jharkhand.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर राशन कार्डधारक योजना का लाभ ले सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- डीबीटी के माध्यम से मुख्यमंत्री 26 जनवरी, 2022 को दुमका से योजना का शुभारंभ कर योजना के पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करेंगे।
- 26 जनवरी, 2022 से योजना के माध्यम से राशन कार्ड से आच्छादित हितग्राहियों को अपने दो-पहिया वाहन के लिये प्रति माह अधिकतम 10 लीटर पेट्रोल हेतु प्रति लीटर 25 रुपए की सब्सिडी, यानी 250 रुपए प्रति माह उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित की जाएगी।
- योजना की पात्रता मानदंड में शामिल हैं -
- आवेदक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम या झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम का राशन कार्ड धारक होना चाहिये।
- राशन कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों के सत्यापित आधार नंबर का उल्लेख होना चाहिये।
- आवेदक के आधार से जुड़ा बैंक खाता नंबर और मोबाइल नंबर अपडेट होना चाहिये।
- आवेदक के वाहन का पंजीकरण आवेदक के नाम पर होना चाहिये।
- आवेदक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिये।
- आवेदक का दोपहिया वाहन झारखंड राज्य में पंजीकृत होना चाहिये।
- CMSUPPORT ऐप या http://jsfss.jharkhand.gov.in पर जाकर आवेदक को अपना राशन कार्ड और आधार नंबर डालना होगा, जिसके बाद उसके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
- आवेदक का राशन कार्ड नंबर लॉगिन और परिवार के मुखिया के आधार का अंतिम आठ अंकों का पासवर्ड होगा।
- ओटीपी सत्यापन के बाद आवेदक राशन कार्ड में नाम का चयन करते हुए वाहन नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करेगा। वाहन नंबर डीटीओ के लॉगिन में जाएगा, जिसे डीटीओ वेरिफाई करेगा। सत्यापन के बाद सूची ज़िला आपूर्ति अधिकारी के लॉगिन पर जाएगी।
कृषि मंत्री ने लॉन्च किया ‘किसान कॉल सेंटर’ | झारखंड | 20 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
19 जनवरी, 2022 को राज्य के किसानों की समस्याओं और सुझावों से अवगत कराने के उद्देश्य से राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस में ऑनलाइन मोड में ‘किसान कॉल सेंटर’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर बादल ने ‘ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी’और COVID-19 टीकाकरण के लिये प्रेरित करने हेतु कृषि विभाग द्वारा तैयार एक गीत भी लॉन्च किया।
- इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है, साथ ही उनके सुझावों से अवगत होना चाहती है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘किसान कॉल सेंटर’शुरू किया है, जिसका संचालन कृषि निदेशालय द्वारा किया जाएगा।
- राज्य के किसान इस किसान कॉल सेंटर, जिसका टोल फ्री नंबर 1800-123-1136 है, में कहीं से भी अपनी समस्याएँ और सुझाव दर्ज करा सकते हैं।
- प्रखंड स्तर से मुख्यालय स्तर तक उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा तथा किसानों के सुझाव मिलने के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अधिकारी इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी करेंगे।
- किसान कॉल सेंटर में किसानों को उनकी भाषा के अनुसार जवाब दिया जाएगा, ताकि किसानों को संचार में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
- नई तकनीक ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’के ज़रिये बीजों की ट्रैकिंग की जा सकती है, जिससे किसानों को दिये जाने वाले बीजों की खेत तक ट्रैकिंग की जा सकेगी।
- कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई इन दो नई तकनीकों से कार्यों में पारदर्शिता आएगी और राज्य के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। साथ ही इसका परिणाम उत्पादन में देखने को मिलेगा।