उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी खुलेंगे जेनेरिक आधार के स्टोर
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को जेनेरिक आधार के संचालक अर्जुन देशपांडे ने बताया कि जेनेरिक आधार के मेडिकल स्टोर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी खोले जाएंगे। ग्रामीण इलाकों तक जेनेरिक दवाएँ पहुँचाने के लिये जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार और जेनेरिक आधार के बीच एमओयू होगा।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि जेनेरिक आधार के संचालक अर्जुन देशपांडे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक आधार के ज़रिये मरीज़ों को सस्ती दर पर दवाएँ दी जा सकेंगी।
- उन्होंने बताया कि जेनेरिक आधार के करीब 1800 स्टोर चल रहे हैं, उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में 150 स्टोर हैं। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद इसे बढ़ाकर अब 700 तक करने का लक्ष्य रखा गया है। जहाँ यह जेनेरिक स्टोर होगा, उससे करीब पाँच सौ मीटर दूर ही दूसरा स्टोर खोला जाएगा।
- उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक आधार के मेडिकल स्टोर चल रहे हैं। मरीज़ों को सस्ती दर पर दवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बिहार Switch to English
बिहार को मिलेगी एक नए एक्सप्रेस-वे की सौगात, 2023 में शुरू होगा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार को जल्द ही एक नए एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये डीपीआर तैयार की जा रही है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण 2023 में शुरू होगा।
प्रमुख बिंदु
- सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 695 किमी. लंबाई में रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 54 हज़ार करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके साथ ही इस सड़क को पूरा करने की समय-सीमा 2025 तय की गई है।
- गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेपाल पोर्ट से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये रक्सौल से हल्दिया एक्सप्रेस-वे की स्वीकृति दी है। इस सड़क के बन जाने से देवघर से काठमांडू की दूरी महज़ 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
- रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे बिहार के कई ज़िलों से होकर झारखंड व पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक पहुँचेगा। इस दौरान यह राज्य के करीब नौ ज़िलों से होकर गुज़रेगा। इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुज़फ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बाँका शामिल हैं। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जाएगा।
- दरअसल नेपाल के लिये भारत के अलावा ज़्यादातर माल अन्य देशों से आता है, लेकिन नेपाल जाने के लिये माल हल्दिया सी-पोर्ट पर ही उतरता है। हल्दिया पोर्ट पर जहाज़ से माल उतरता है और ट्रक व ट्रेन के माध्यम से रक्सौल के सिरिसिया स्थित ड्राइपोर्ट पहुँचता है। यहाँ से माल की डिलिवरी रक्सौल व भारत के नज़दीकी शहरों में होती है। वहीं, नेपाल में आने वाला माल रक्सौल ड्राइपोर्ट से झारखंड व पश्चिम बंगाल के लिये भेजा जाता है। नया एक्सप्रेस-वे बनने से माल भेजने में भी सुविधा मिलेगी।
राजस्थान Switch to English
राज्यस्तरीय विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
17 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर जयपुर स्थित जवाहर कला केंद्र में आयोजित राज्यस्तरीय विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 25 विभागों की सभी स्टॉल्स पर जाकर विभागों द्वारा करवाए गए विकास कार्यों, उपलब्धियों एवं नवाचारों का अवलोकन किया तथा सभी विभागीय अधिकारियों को योजनाओं के बारे में अधिक-से-अधिक जागरूकता फैलाकर अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक लाभ पहुँचाने के निर्देश दिये।
- उन्होंने ‘सेवा ही कर्म, सेवा ही धर्म’का संदेश देती विकास प्रदर्शनी में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में करवाए गए विकास कार्यों एवं योजनाओं के फोटो, स्केच, मॉडल्स एवं प्रकाशन सहित अन्य सामग्री के बारे में बताया।
- इस विकास प्रदर्शनी में उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सुजस ऐप, सुजस बुलेटिन, सुजस ई-बुलेटिन एवं सुजस पॉडकास्ट ‘आवाज़’का लोकार्पण भी किया।
- उन्होंने बताया कि प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के लिये लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। आईटी का इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में एक जवाबदेह और पारदर्शी सुशासन स्थापित करने का कार्य भी किया गया है। ‘इंदिरा रसोई योजना’ में आमजन को पौष्टिक भोजन 8 रुपए में सम्मान के साथ परोसा जा रहा है।
- प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन के लिये 800 करोड़ रुपए की ‘उड़ान योजना’के माध्यम से नि:शुल्क सैनेटरी नेपकिन का वितरण किया जा रहा है।
- सरकार की योजनाओं से वर्तमान में प्रदेश में 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है। ‘इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना’ के माध्यम से शहरी क्षेत्र के बेरोज़गारों को राहत दी जा रही है।
- उन्होंने बताया कि आमजन को महँगे उपचार से मुक्ति दिलाने के लिये ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ लागू की गई है। इसमें 10 लाख रुपए तक का नि:शुल्क उपचार मिल रहा है। किडनी, हार्ट, लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज में 10 लाख की सीमा समाप्त कर सारा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। इसके अलावा, 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है।
- प्रदेश सरकार द्वारा आईपीडी, ओपीडी में सभी प्रकार के उपचार नि:शुल्क कर दिये गए हैं। प्रदेश में आमजन की सीटी स्केन, एम.आर.आई. स्केन जैसी महँगी जाँचें नि:शुल्क की जा रही हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों से राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।
- उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में मानवीय दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू किया, जिसमें वित्तीय प्रबंधन बेहतरीन रहा है, जिससे प्रदेश में सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है।
- राज्य के 13 ज़िलों में आमजन और किसानों के लिये ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी)’ अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस योजना से राजस्थान के एक बड़े क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई जल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि गत बजट में राज्य सरकार द्वारा ईआरसीपी के लिये 9600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा न मिलने तक राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से इसे आगे बढ़ाएगी।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के सभी गाँवों की फिरनी पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे व लाइटें
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने प्रदेश के फतेहाबाद ज़िले में जन-संवाद कार्यक्रम के तहत बताया कि प्रदेश के गाँवों की फिरनी पर लाइट व सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने बताया कि प्रदेश में गाँवों के विकास कार्यों में धनराशि की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। इसके लिये प्रदेश सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत विकास कार्य ई-टेंडर के माध्यम से करवाए जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि गाँवों में भले ही एक रुपए से लेकर 100 करोड़ रुपए तक के विकास कार्य ई-टेंडर के माध्यम से हों, लेकिन वे सभी सरपंचों की देखरेख में ही होंगे।
- उन्होंने बताया कि प्रदेश की पंचायतों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं को दी गई है, जो कि महिला सशक्तीकरण का एक उदाहरण है। सरकार की दूरगामी सोच के तहत ही प्रदेश में पढ़ी-लिखी पंचायतें बनी हैं, जिसमें युवाओं की खासी भागीदारी सामने आई है।
- उन्होंने बताया कि सभी गाँवों की फिरनी पर लाइट व सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रदेश भर की तीन लाख किलोमीटर फिरनी में से पहले चरण में एक लाख किलोमीटर फिरनी पर कार्य किया जाएगा।
- इसी प्रकार से प्रदेश सरकार ने गाँवों में जलभराव की समस्या से निपटान के लिये ग्रे वाटर मैनेजमेंट के तहत कार्य शुरू किया है, जिसमें जलभराव वाले चिह्नित किये गए 3500 गाँवों में से 1000 गाँवों में कार्य शुरू हो चुका है। जलभराव की समस्या से निजात पर सरकार द्वारा 18 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे।
- उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से यह भी आह्वान किया कि वे गांव के सामुदायिक केंद्र व स्कूल आदि सार्वजनिक संपत्तियों के रख-रखाव पर पूरा ध्यान दें। प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी ईमारतों व भवनों का जीर्णोद्धार तथा नव-निर्माण किया जा रहा है। गाँवों में डिजिटल लाइब्रेरी खोली जा रही है, जहाँ पर गाँव के युवा यूपीएससी आदि प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
झारखंड Switch to English
झारखंड में नए साल से प्री-पेड मोड में काम करने लगेंगे स्मार्ट मीटर
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के राँची में जनवरी से स्मार्ट मीटर प्री-पेड मोड में काम करने लगेंगे। इसमें पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए एक हज़ार मीटरों को प्री-पेड स्मार्ट मीटर में बदला जाएगा, जिसकी शुरुआत 10 जनवरी से की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की आइटी सेल ने डाटा सैंपल सर्वे रिपोर्ट को सही पाया, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गयी है। राँची शहर के अंदर कुल 3.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसके पहले चरण के तहत 45 हज़ार स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
- स्मार्ट मीटर में चिप लगाई गई है तथा मोबाइल टावर्स के माध्यम से बिजली कंपनियों में लगे रिसीवर तक इसका सिग्नल पहुँचेगा। नेटवर्क की समस्या न रहे, इसके लिये बेसमेंट के बाहर मीटर लगाए जा रहे हैं।
- नेटवर्क फ्रिक्वेंसी के सहारे मीटर पहले हेड एंड सिस्टम (एचईएस) को डाटा ट्रांसफर करेगा। इसके बाद जेनरेट डाटा डिकोड होकर मीटर डाटा मैनेजमेंट सिस्टम से होते हुए बिलिंग साइकिल के तहत टैरिफ कैलकुलेशन के बाद सॉफ्टवेयर की मदद से फाइनल बिल के तौर पर उपभोक्ता के पास मैसेज चला जाएगा।
- स्मार्ट मीटरिंग के बाद राँची में बिजली चोरी व अन्य तरीके से जेबीवीएनएल को होने वाले लाइन लॉस से छुटकारा मिल जाएगा। वतर्मान में करीब 20 फीसदी बिजली लाइन लॉस में चली जाती है। इसके अलावा ऊर्जा मित्रों द्वारा मीटर रीडिंग के दौरान होने वाली चूक, गलत बिल आदि की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।
- उपभोक्ता प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर लगे डिस्प्ले स्क्रीन के माध्यम से आसानी से वर्तमान, शेष बिजली बिल, बिजली की शेष राशि व खपत संबंधी आकलन स्वयं कर सकेंगे।
- इसमें 200 रुपए के न्यूनतम रिचार्ज पर उपभोक्ता बिजली का उपयोग कर सकेंगे तथा खपत के आधार पर यह अधिकतम 20 हज़ार या फिर विशेष परिस्थितियों में कमर्शियल यूज़र्स के लिये यह राशि ज़्यादा भी हो सकती है। राशि खत्म होने के बाद बिजली अपनेआप कट जाएगी। हालाँकि, जैसे-जैसे पैसे खत्म होते जाएंगे, वार्निंग के तौर पर उपभोक्तओं के मोबाइल पर लगातार मैसेज आता रहेगा।
- गौरतलब है कि जेबीवीएनएल की ओर से बकाए का भुगतान करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा पावर एक्सचेंज व आधुनिक पावर से बिजली पर लगाई गई रोक हटा दी गई है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने ‘न्याय के चार साल’एवं ‘न्याय के रास्ते-सबके वास्ते’ पुस्तकों का किया विमोचन
चर्चा में क्यों?
17 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जन संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों ‘न्याय के चार साल’एवं ‘न्याय के रास्ते-सबके वास्ते’का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘न्याय के चार साल’ पुस्तक राज्य सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियों और जनहितकारी फैसलों पर केंद्रित है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजना के साथ अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की जानकारी शामिल है।
- इसी प्रकार ‘न्याय के रास्ते-सबके वास्ते’पुस्तक शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पर केंद्रित है। इस पुस्तक में योजना का नाम, उद्देश्य, शर्त, पात्रता, प्रावधान एवं संपर्क सूत्र की जानकारी दी गई है।
- छत्तीसगढ़ सरकार के न्याय के संकल्प को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से जन-संपर्क विभाग द्वारा इन पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है, ताकि लोगों को शासन के सभी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी हो तथा वे उनका लाभ उठाकर अपने जीवन-स्तर को बेहतर बना सकें।
उत्तराखंड Switch to English
रायपुर और हल्द्वानी कॉलेज में सबसे पहले शुरू होगी जियो फेंसिंग हाजिरी
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में सबसे पहले जियो फेंसिंग से हाजिरी देहरादून के रायपुर पीजी कॉलेज और हल्द्वानी के एमबी पीजी कॉलेज में शुरू होगी। प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के तमाम दुर्गम इलाकों तक के डिग्री कॉलेजों में बायोमीट्रिक या रजिस्टर पर हाजिरी हमेशा से ही विवादों में रही है। कहीं बायोमीट्रिक मशीनें काम नहीं करतीं तो कहीं रजिस्टर पर बाद में प्रोफेसर एक साथ हाजिरी लगा देते हैं। छात्रों की हाजिरी अभी तक केवल रजिस्टर पर ही होती आई है। इसमें बदलाव करने के लिये ही प्रदेश सरकार ने जियो फेंसिंग से हाजिरी की कवायद शुरू की है।
- इसके तहत जो भी शिक्षक या छात्र कॉलेज परिसर में प्रवेश करेगा तो उसके मोबाइल से ही उसकी हाजिरी लग जाएगी। इसके लिये मोबाइल जियो फेंसिंग के दायरे में आना ज़रूरी है।
- पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह शुरुआत देहरादून के मालदेवता रायपुर स्थित राजकीय पीजी कॉलेज और हल्द्वानी स्थित एमबी पीजी कॉलेज में होगी। यहाँ जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। पायलट सफल होने के बाद अन्य कॉलेजों में इसे लागू किया जाएगा।
- विदित है कि जियो फेंसिंग सैटेलाइट आधारित प्रणाली है, जिसमें एक विशेष क्षेत्र की जियो फेंसिंग यानी बाउंड्री बना दी जाती है। इस दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी। जियो फेंसिंग के भीतर आने पर ही मोबाइल का वह ऐप काम करेगा, जो कि इससे संबंधित होता है।
- जब कोई छात्र या शिक्षक अपने मोबाइल के साथ कैंपस में प्रवेश करेंगे तो उन्हें इसमें डाउनलोड किया गया हाजिरी का ऐप खोलना होगा। यह ऐप केवल कॉलेज के भीतर, यानी जियो फेंसिंग दायरे में आने पर ही काम करेगा। इस ऐप को खोलने के बाद एक ओटीपी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे फीड करेंगे तो ही हाजिरी लग सकेगी। जैसे ही छात्र, शिक्षक उस कैंपस से बाहर जाएंगे तो उनका रिकॉर्ड स्वत: ही अपडेट हो जाएगा।
- गौरतलब है कि इससे पहले परिवहन निगम अपने सभी बस अड्डों पर इसे लागू कर चुका है, जिसके तहत बस अड्डे की जियो फेंसिंग की गई है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में 5 हज़ार एकड़ में बनेगी नॉलेज स्मार्ट सिटी
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को सैन फ्राँसिस्को में आस्टिन यूनिवर्सिटी के साथ उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने नॉलेज स्मार्ट सिटी के लिये एमओयू साइन किया।
प्रमुख बिंदु
- सैन फ्राँसिस्को में यूएस बेस्ड सलोनी हार्ट फाउंडेशन ने राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार की मौजूदगी में एमओयू साइन किया। वहीं आस्टिन यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश में नॉलेज स्मार्ट सिटी के लिये 35 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू साइन किया।
- यह नॉलेज स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पाँच हज़ार एकड़ ज़मीन पर बनाया जाएगा, इसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का समावेश होगा।
- गौरतलब है कि राज्य की योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ में 10-12 फरवरी के मध्य होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के ज़रिये 10 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और अधिकारियों की 8 टीमों को 18 देशों में रोड शो और ट्रेड शो के ज़रिये निवेश आकर्षित करने के लिये भेजा है।
- इससे पहले स्वीडन बिज़नेस कम्युनिटी ने उत्तर प्रदेश में गहरी दिलचस्पी दिखाते हुए कुल 15000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। प्रदेश में निवेश आने से अलग-अलग क्षेत्रों में तो विकास होगा ही, साथ ही रोज़गार भी बढ़ेगा।
- उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाली ये कंपनियाँ यहाँ फिल्म सिटी, रिटेल, टूरिज्म, वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में पैसा लगाने के लिये तैयार हैं। स्वीडन के अलावा कनाडा के वैंकूवर से भी टीम योगी को 1200 करोड़ रुपए के छह एमओयू (MOU) प्राप्त हुए हैं।
- स्टॉकहोम में रोड शो के दौरान आयोजित विभिन्न बी2जी और जी2जी बैठकों में रक्षा, कपड़ा और वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश को लेकर चर्चा की गई।
बिहार Switch to English
बिहार का हरित बजट पिछले साल की तुलना में 3.26 फीसदी हुआ कम
चर्चा में क्यों?
16 दिसंबर, 2022 को बिहार का तीसरा वित्तीय वर्ष 2022-23 का हरित बजट शीतकालीन सत्र में पेश किया गया। पिछले वर्षों की तुलना में हरित बजट में 3.26 फीसदी की कमी आई है।
प्रमुख बिंदु
- हरित बजट के अंतर्गत चिह्नित विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों पर बजट आवंटन में कमी आई है। वर्ष 2021-22 में बजट 79359 करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में घटकर 79255 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि कार्यक्रमों का कुल बजट आवंटन भी 29337 करोड़ रुपए से कम होकर 28380 करोड़ रुपए हो गया।
- गौरतलब है कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है, जो हरित बजट पेश करता रहा है। इससे विभागों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिये चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलती है। इस बजट की मदद से पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बजटीय प्रावधानों का अध्ययन एवं आकलन किया जाता है।
- राज्य सरकार जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए इस बजट पर फोकस कर रही है। बिहार देश के उन गिने-चुने राज्यों में से एक है, जो जलवायु परिवर्तन के हिसाब से कृषि को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
- हरित बजट में स्कीम मदों में सर्वाधिक आवंटन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा किया जाता है। चालू वित्तीय वर्ष में इस विभाग में स्कीम मद का आवंटन 663 करोड़ रुपए में से हरित योजनाओं के लिये 655 करोड़ रुपए आरक्षित किया गया है। यह कुल स्कीम मद का 98.74 फीसदी है।
- इस मामले में गन्ना उद्योग विभाग दूसरे स्थान पर है। विभाग में स्कीम मद का आवंटन 100 करोड़ रुपए था, जिसमें 98.70 करोड़ रुपए हरित योजनाओं के लिये आवंटित किये गए। वहीं, तीसरे स्थान पर लघु जल संसाधन है, जिसके स्कीम मद का कुल आवंटन 827 करोड़ रुपए में से हरित योजनाओं के लिये 796 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है।
झारखंड Switch to English
तीनदिवसीय ‘गूंज महोत्सव’की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
18 दिसंबर, 2022 को झारखंड के राँची के सिल्ली में तीनदिवसीय ‘गूंज महोत्सव’की शुरुआत हुई, जिसका उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस द्वारा किया गया।
प्रमुख बिंदु
- ‘गूंज महोत्सव’के उद्घाटन से पहले राज्यपाल रमेश बैस ने राँची के सिल्ली कॉलेज में उच्चस्तरीय लाइब्रेरी और स्टडी सेंटर का ऑनलाइन शुभारंभ किया। स्टडी सेंटर का संचालन झारखंड स्टेट ओपेन यूनिवर्सिटी द्वारा किया जाएगा।
- ‘गूंज महोत्सव’में एक साथ 5001 कलाकारों ने ‘छऊ नृत्य कार्निवाल’और 1500 युवाओं ने सांस्कृतिक प्रदर्शन किया।
- इस अवसर पर गूंज महोत्सव के संरक्षक सह विधायक सुदेश कुमार महतो ने बताया कि झारखंडी संस्कृति एवं परंपरा की विरासत का जतन करने की कोशिशों के साथ शुरू गूंज महोत्सव ने अपने यादगार सफर के साथ क्षेत्र के विकास और समाज के सशक्तीकरण में निर्णायक भूमिका अदा की है। इसके दारोमदार गूंज परिवार से 74 हज़ार परिवार जुड़े है।
- समारोह में शामिल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सुब्रतो दास ने छऊ नृत्य को पारंपरिक नृत्य के तौर पर इस रिकॉर्ड्स में शामिल करने की घोषणा की, इसके साथ ही उन्होंने सुदेश कुमार महतो को रिकॉर्ड्स से जुड़ा मेडल पहनाया।
- गूंज महोत्सव के आयोजन स्थल सिल्ली स्टेडियम में ग्रामीण परिवेश की थीम पर सिल्ली हाट का निर्माण किया गया है। इस हाट में लगभग 100 स्टॉल लगाए गए हैं। एसएचजी से जुड़ी महिलाओं ने भी कई स्टॉल लगाए हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’
चर्चा में क्यों?
17 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में वृक्षों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभावनाओं को देखते हुए ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’लागू किये जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का उद्देश्य निजी भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देकर काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना तथा आय व रोज़गार के अवसर को बढ़ाना है।
- मुख्यमंत्री ने राज्य में निजी भूमि पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के संबंध में ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
- मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा’की घोषणा करते हुए इस योजना के लिये 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
- इसके अलावा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी शालाओं, छात्रावासों, आश्रमों, शासकीय भवनों के रखरखाव और उन्नयन के लिये 1000 करोड़ रुपए एवं तकनीकी शिक्षा के स्तर में सुधार हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के उन्नयन के लिये ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना’की घोषणा करते हुए इस योजना हेतु 1200 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
Switch to English