राजस्थान ने परसा खदान की मंज़ूरी पर प्रश्न उठाए | राजस्थान | 19 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग (CSSTC) की एक रिपोर्ट की वैधता पर प्रश्न उठाया है, जिसमें राज्य के सरगुजा क्षेत्र में परसा कोयला खदान के लिये पर्यावरणीय मंज़ूरी में अनियमितताएँ पाई गई थीं।
- परसा कोयला ब्लॉक हसदो-अरंड के उत्तर मध्य भाग में स्थित है।
मुख्य बिंदु
- पूर्व निष्कर्ष:
- RRVUNL के अनुसार, वर्ष 2023 में CSSTC ने सरगुजा ज़िला प्रशासन द्वारा विस्तृत जाँच के पश्चात परसा खदान से संबंधित आरोपों को खारिज कर दिया।
- वर्ष 2024 में, आयोग ने परसा खदान के लिये वन मंज़ूरी रद्द करने की सिफारिश की, आरोप लगाया कि ये जाली (Forged) ग्राम सभा सहमति दस्तावेज़ों का उपयोग करके प्राप्त किये गए थे।
- RRVUNL ने उत्तर दिया कि ग्राम सभा अनुमोदन का मुद्दा न्यायिक समीक्षा के अधीन है तथा कथित अनियमितताओं पर कोई प्रतिकूल न्यायालयी टिप्पणी नहीं की गई है।
- RRVUNL और अदानी समूह की भूमिका:
- RRVUNL को आवंटित परसा कोयला खदान का विकास और संचालन अडानी समूह द्वारा किया जा रहा है, बावजूद इसके कि कार्यकर्त्ताओं और स्थानीय समुदायों के कुछ वर्गों द्वारा इसका लगातार विरोध किया जा रहा है।
- रिपोर्ट की वैधता:
- RRVUNL ने आयोग की रिपोर्ट पर प्रश्न उठाया और कहा कि रिपोर्ट कुछ व्यक्तियों के समूह से प्राप्त इनपुट पर आधारित है, जबकि इस मुद्दे में हज़ारों स्थानीय हितधारक शामिल हैं।
- छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग:
- छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुसूचित जनजातियों से संबंधित नीतियों की सिफारिश करने के लिये जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन किया।
- छत्तीसगढ़ की कुछ जनजातियों में बस्तर के गोंड, बैगा जनजाति, पहाड़ी कोरवा जनजाति, अभुज मारिया, बाइसन हॉर्न मारिया, मुरिया, हल्बा, बिरहोर जनजाति, भतरा और धुरवा शामिल हैं।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री परिषद के अध्यक्ष हैं तथा आदिम जाति व अनुसूचित जाति विकास विभाग के मंत्री सदस्य हैं।
हसदेव अरंड वन
- छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित हसदेव अरंड नामक विशाल वन अपनी जैव विविधता और कोयला भंडार के लिये जाना जाता है।
- यह वन कोरबा, सुजापुर और सरगुजा ज़िलों के अंतर्गत आता है जहाँ आदिवासी जनसंख्या काफी अधिक है।
- महानदी की सहायक नदी हसदेव नदी यहाँ से होकर बहती है।
- हसदेव अरंड मध्य भारत का सबसे बड़ा अखंडित वन है, जिसमें प्राचीन साल (शोरिया रोबस्टा) और सागौन के वन शामिल हैं।
- यह एक प्रसिद्ध प्रवासी गलियारा है और यहाँ हाथियों की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है।
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