नोएडा में पहला वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर का उद्घाटन | उत्तर प्रदेश | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा हरिद्वार में विकसित वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (APCT) का नोएडा में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह टॉवर डीएनडी एक्सप्रेस वे के ग्रीन बेल्ट में स्थापित किया गया है।
- शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने स्वदेशी रूप से एक प्रोटोटाइप वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर (एपीसीटी) का डिज़ाइन और विकास किया है।
- यह एपीसीटी अपने धरातलीय स्तर के माध्यम से प्रदूषित हवा को खींचता है। टॉवर में स्थापित फिल्टर वायु के प्रदूषक तत्त्वों को सोख लेते हैं। इसके बाद टॉवर के ऊपरी हिस्से से स्वच्छ हवा निकलती है।
- सोखे गए प्रदूषक तत्त्वों को समयानुसार निपटान के लिये एपीसीटी के तल पर हॉपर में एकत्र किया जाता है।
- एपीसीटी से वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये बीएचईएल हरिद्वार ऐसे अन्य टॉवरों का निर्माण कर रहा है।
- बीएचईएल के कॉरपोरेट अनुसंधान एवं विकास प्रभाग ने इसे डिज़ाइन और विकसित किया है। बीएचईएल, हरिद्वार स्थित प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान एक वर्ष तक एपीसीटी के प्रदर्शन का अध्ययन भी करेगा।
गढ़वाली फिल्म ‘सुनपट’का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में चयन | उत्तराखंड | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के विशेषकर पहाड़ की संस्कृति, यहाँ के लोगों की समस्या, पलायन, खानपान को दर्शाती गढ़वाली शार्ट फिल्म ‘सुनपट’का गोवा में होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के लिये चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस फिल्म की शूटिंग पिछले वर्ष पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल क्षेत्र में की गई थी।
- उल्लेखनीय है कि आगामी 20 से 28 नवंबर तक गोवा में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया का आयोजन किया जाएगा। इसके लिये प्रेस इन्फारमेशन ब्यूरो (पीआइबी) ने फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फीचर व नान फीचर की 44 फिल्मों का चयन किया है, जिसमें उत्तराखंड की गढ़वाली शार्ट फिल्म सुनपट भी शामिल है।
- मूलरूप से डांग गाँव बीरोंखाल व वर्तमान में जवाहर कॉलोनी फरीदाबाद निवासी राहुल रावत ने निर्देशन के साथ फिल्म की कहानी लिखी है।
- निर्देशक राहुल ने बताया कि गढ़वाली शब्द सुनपट का मतलब ‘सन्नाटा’है। सुनपट उत्तराखंड के गाँवों पर आधारित एक ऐसे समाज की कहानी है, जिसका बीता कल खोया हुआ है और आने वाला कल धुंधला नज़र आता है।
- फिल्म के मुख्य किरदार अनुज और भरतू स्कूल के दोस्त हैं। फिल्म में उत्तराखंड के ग्रामीण परिवेश की झलक, पहाड़ों में जीवन का संघर्ष और उसकी अनिश्चितताओं को दिखाया गया है।
बिहार एथलेटिक्स मीट | बिहार | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
15 से 17 नवंबर 2021 को आयोजित बिहार एथलेटिक्स मीट का खिताब रोहतास की टीम ने जीत लिया है।
प्रमुख बिंदु
- एल.एस. कॉलेज, मुज़फ्फरपुर में आयोजित 87वीं बिहार जूनियर व सीनियर एथलेटिक्स मीट का ओवरऑल खिताब रोहतास की टीम ने जीता है। वहीं मुज़फ्फरपुर की टीम ने ओवरऑल रनरअप खिताब हासिल किया है।
- पुरुष वर्ग में 15 अंकों के साथ मुज़फ्फरपुर की टीम जहाँ विजेता बनी, वहीं 10 अंकों के साथ भागलपुर की टीम उपविजेता रही।
- महिला वर्ग में 13 अंकों के साथ पटना की टीम विजेता बनी, तथा 6 अंकों के साथ नवादा की टीम उपविजेता रही।
- बालकों के अंडर-14 समूह में रोहतास की टीम विजेता बनी, जबकि जमुई की टीम उपविजेता रही।
जयपुर कला महोत्सव | राजस्थान | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
18 नवंबर, 2021 को राजस्थान विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट और जयपुर की प्रतिभा एजुकेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में कला के विविध रूपों और शैलियों को एक मंच पर साकार करने के लिये जयपुर कला महोत्सव की शुरुआत हुई।
प्रमुख बिंदु
- यह कला महोत्सव जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में 22 नवंबर तक चलेगा। जयपुर कला महोत्सव का यह पाँचवा संस्करण है।
- कला को जीवंत बनाए रखने की दिशा में राजस्थान सहित देश के अनेक प्रांतों के कलाकार यहाँ अपना हुनर दिखाएंगे।
- दृश्यकला की यथार्थवादी, समकालीन और आधुनिक चित्रकला एवं मूर्तिकला के नामी वरिष्ठ और युवा कलाकारों की कला के विभिन्न नमूनों के साथ टेक्सटाईल, फोटोग्राफी, पेपेरमैशी, ज्वैलरी, मैटल क्राफ्ट, आर्किटैक्चर, वुड क्राफ्ट और इंस्टालेशन कलाएँ कलाप्रेमियों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
- राजस्थान विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग के प्रमुख रजत पंडेल ने बताया कि इस महोत्सव में यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स को भी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिये प्रेरित किया गया हैं, ताकि यहाँ आने वाले लोग देश के नामी कलाकारों की कृतियों के साथ युवा पीढ़ी की कलात्मक अभिव्यक्ति के हुनर का भी आनंद उठा सकें।
- कला महोत्सव में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें 232 कलाकारों, 8 आर्ट इंस्टीट्यूशंस की कलाकृतियाँ हैं।
- महोत्सव के दौरान चाइल्ड आर्ट कॉम्पटीशन, लाइव पोट्रेट पेंटिंग, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग और फेस पेंटिंग कॉम्पटीशन के आयोजन किये जाएंगे।
- परिसर में प्रवेश पूरी तरह नि:शुल्क रखा गया है एवं कोरोना के सभी नियमों के पालन के लिये लोगों को पाबंद किया जा रहा है।
पीएम स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर | मध्य प्रदेश | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
18 नवंबर, 2021 को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 101.60 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित कर मध्य प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा इस योजना में मध्य प्रदेश को वर्ष 2021-22 के लिये 4 लाख 5 हज़ार पथ-विक्रेताओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य के विरुद्ध मध्य प्रदेश में 4 लाख 11 हज़ार 481 पथ-विक्रेताओं को 10-10 हज़ार रुपए ब्याज रहित ऋण वितरित किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना में समय पर 10 हज़ार रुपए का ऋण चुकाने वाले पथ-विक्रेताओं को 20 हज़ार और फिर 50 हज़ार रुपए का ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान है।
- आयुक्त, नगरीय प्रशासन और विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में देश में तेलंगाना द्वितीय, उत्तर प्रदेश तृतीय, आंध्र प्रदेश चतुर्थ, कर्नाटक पाँचवें और छत्तीसगढ़ छठवें स्थान पर है।
- पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण एक जुलाई, 2020 से मार्च 2021 तक कुल 4 लाख 2 हज़ार शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण वितरित करने के लक्ष्य के विरुद्ध 3 लाख 50 हज़ार हितग्राहियों को लाभान्वित कर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर रहा। प्रदेश में 6 लाख 72 हज़ार शहरी पथ विक्रेताओं को पहचान-पत्र जारी किये गए हैं। इनमें से 5 लाख 41 हज़ार के आवेदन बैंक में प्रस्तुत कर दिये गए हैं।
- योजना का द्वितीय चरण 18 अगस्त, 2021 से शुरू किया गया है। योजना में प्रथम चरण के शहरी पथ विक्रेता, जो 10 हज़ार रुपए का ऋण पूरी तरह चुका देते हैं, वे 20 हज़ार रुपए के ऋण के पात्र हो जाते हैं।
- प्रदेश में इस चरण में 600 पथ विक्रेताओं को 20-20 हज़ार रुपए का ऋण वितरित किया गया है, जबकि पूरे देश में मात्र 1200 हितग्राहियों को ऋण वितरित किये गए हैं। इस तरह से पीएम स्वनिधि द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
- ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 1 जून, 2020 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में स्वनिधि योजना को शुरू करने का फैसला लिया गया था। इस योजना के अंतर्गत देश के रेहड़ी-पटरी वालों (छोटे सड़क विक्रेताओं) को अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा 10000 रुपए तक का लोन मुहैया कराया जा रहा है। इस स्वनिधि योजना को ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि’ के नाम से भी जाना जाता है।
हरियाणा मे वाहनों के लिये सम-विषम प्रणाली | हरियाणा | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
18 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पलवल में कहा कि दिल्ली और इससे सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के संकट से निपटने हेतु वाहनों के लिये सम-विषम प्रणाली लागू की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिये राज्य सरकार ने अगले सप्ताह से चार ज़िलों-गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में ऑड-ईवन नियम लागू करने का फैसला किया है।
- ऑड-ईवन योजना के तहत वाहनों के लिये वैकल्पिक दिनों को चिह्नित किया जाता है, जिनकी नंबर प्लेट क्रमश: विषम और सम संख्याओं में समाप्त होती है। विषम संख्या में समाप्त होने वाले पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को विषम दिनों में सड़कों पर और सम संख्या वाले वाहनों को सम दिनों में अनुमति दी जाती है।
- खट्टर ने कहा कि प्रदूषण उद्योगों, वाहनों सहित अन्य कारणों से होता है। हरियाणा में इस बार पराली जलाने की घटनाएँ तेज़ी से कम हुई हैं।
- वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये उठाए गए कदमों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिये सुझाव देने हेतु गुरुग्राम में एक इंजीनियर कमेटी का गठन किया गया है।
आदर्श गाँव सुई | हरियाणा | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हरियाणा के भिवानी ज़िले में स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना के तहत विकसित किये गए आदर्श गांव सुई का उद्घाटन किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत सुई गाँव में कई विकास कार्य किये गए हैं और इन विकास कार्यों से सरकार की स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य भी पूरा हो रहा है।
- उन्होंने कहा कि नई झील, पार्क, सभागार, पुस्तकालय, सड़कें, गलियाँ और सरकारी स्कूल से सुई गाँव को आधुनिक रूप मिला है। सूई और आसपास के गाँवों में ‘एक उत्पाद-एक ब्लॉक’के तहत 50 एकड़ में छोटे उद्योगों का एक समूह बनाया जाएगा, जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।
- सूई गाँव के मूल निवासी उद्योगपति एसके जिंदल ने गाँव में कई विकास कार्यों को पूरा कर अन्य लोगों के लिये एक मिसाल कायम की है। इसी तरह विदेश में रहने वाले हरियाणा के 205 लोगों ने अपने पैतृक गाँवों में विकास कार्य कराने की इच्छा जताई है।
- ग्रामीणों की मांग के अनुसार 5 करम पथ पर सूई से डांग गाँव तक मार्केटिंग बोर्ड के माध्यम से सड़क बनाई जाएगी, गाँव में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये परियोजना बनाई जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवानी शहर के गंदे पानी को गाँव में प्रवेश करने से रोकने के लिये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा।
असर (ASER) रिपोर्ट 2021 | झारखंड | 19 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एनजीओ ‘प्रथम’के द्वारा 16वीं ‘शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट ASER 2021 जारी की गई, जिसमें झारखंड में सरकारी विद्यालयों की ओर विद्यार्थियों की झुकाव में वृद्धि दर्शायी गई है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 6-14 वर्ष आयु समूह के बच्चों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- 2020 में झारखंड के सरकारी विद्यालयों में नामित बच्चों (6-14 वर्ष) की संख्या 72.1% थी, जो 2021 में बढ़कर 78.6% हो गई हैं।
- झारखंड के 57.6 प्रतिशत बच्चों को ट्यूशन लेना पड़ता है, जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 39.2 प्रतिशत है।
- वर्ष 2021 में राज्य के वैसे नामांकित विद्यार्थी, जिनके घरों में स्मार्टफोन है, की संख्या बढ़कर 60.2 प्रतिशत हो गई है, जो वर्ष 2018 में केवल 20.6 प्रतिशत थी।
- राज्य के 89.8 प्रतिशत नामांकित बच्चों के पास उनके ग्रेड की पुस्तकें उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 91.9 प्रतिशत है।
- राज्य के 6-14 वर्ष आयु समूह के 2.7 प्रतिशत बच्चे अभी भी विद्यालयों में अनामांकित हैं, जिनमें 3.1 प्रतिशत लड़के एवं 2.3 प्रतिशत लड़कियाँ शामिल हैं।
- राज्य के केवल 15.3 प्रतिशत नामांकित विद्यार्थी ही घरों से ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं, जबकि केरल में यह 91 प्रतिशत है, वहीं राष्ट्रीय औसत भी झारखंड से काफी अधिक (24.2 प्रतिशत) है।
- विदित हो कि यह रिपोर्ट द्वारा ग्रामीण भारत के बच्चों की स्कूली शिक्षा की स्थिति एवं बुनियादी पढ़ने और गणित की क्षमता पर आँकड़े प्रस्तुत करती है।
- कोविड-19 महामारी के कारण ‘असर (ASER) 2021’ रिपोर्ट एक फोन आधारित सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है।