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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Nov 2021
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पीएम स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2021 को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में 101.60 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित कर मध्य प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय द्वारा इस योजना में मध्य प्रदेश को वर्ष 2021-22 के लिये 4 लाख 5 हज़ार पथ-विक्रेताओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य के विरुद्ध मध्य प्रदेश में 4 लाख 11 हज़ार 481 पथ-विक्रेताओं को 10-10 हज़ार रुपए ब्याज रहित ऋण वितरित किया जा चुका है।
  • उल्लेखनीय है कि इस योजना में समय पर 10 हज़ार रुपए का ऋण चुकाने वाले पथ-विक्रेताओं को 20 हज़ार और फिर 50 हज़ार रुपए का ऋण स्वीकृत करने का प्रावधान है।
  • आयुक्त, नगरीय प्रशासन और विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में देश में तेलंगाना द्वितीय, उत्तर प्रदेश तृतीय, आंध्र प्रदेश चतुर्थ, कर्नाटक पाँचवें और छत्तीसगढ़ छठवें स्थान पर है। 
  • पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण एक जुलाई, 2020 से मार्च 2021 तक कुल 4 लाख 2 हज़ार शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण वितरित करने के लक्ष्य के विरुद्ध 3 लाख 50 हज़ार हितग्राहियों को लाभान्वित कर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर रहा। प्रदेश में 6 लाख 72 हज़ार शहरी पथ विक्रेताओं को पहचान-पत्र जारी किये गए हैं। इनमें से 5 लाख 41 हज़ार के आवेदन बैंक में प्रस्तुत कर दिये गए हैं।
  • योजना का द्वितीय चरण 18 अगस्त, 2021 से शुरू किया गया है। योजना में प्रथम चरण के शहरी पथ विक्रेता, जो 10 हज़ार रुपए का ऋण पूरी तरह चुका देते हैं, वे 20 हज़ार रुपए के ऋण के पात्र हो जाते हैं।
  • प्रदेश में इस चरण में 600 पथ विक्रेताओं को 20-20 हज़ार रुपए का ऋण वितरित किया गया है, जबकि पूरे देश में मात्र 1200 हितग्राहियों को ऋण वितरित किये गए हैं। इस तरह से पीएम स्वनिधि द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
  • ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 1 जून, 2020 को  केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में स्वनिधि योजना को शुरू करने का फैसला लिया गया था। इस योजना के अंतर्गत  देश के रेहड़ी-पटरी वालों (छोटे सड़क विक्रेताओं) को अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा 10000 रुपए तक का लोन मुहैया कराया जा रहा है। इस स्वनिधि योजना को ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि’ के नाम से भी जाना जाता है।

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