प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Oct 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के गाँवों में शुरू की जाएगी डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गाँवों में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक सेवा शुरू करने के संदर्भ में डॉक्टरों की बनी टीम डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक के लिये ओबदु ग्रुप के साथ 350 करोड़ रुपए का एमओयू किया है।

प्रमुख बिंदु

  • सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार निजी निवेश के माध्यम से यह पहल करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य रियायती दरों पर लोगों को गंभीर-से-गंभीर बीमारियों में चिकित्सीय परामर्श के साथ ही दवाइयाँ एवं पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराना है।
  • इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ स्थापित कर क्लीनिक से इलाज शुरू किया जाएगा। इसके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज आसानी से डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बात कर पाएंगे, साथ ही उन्हें इलाज मिल पाएगा।
  • उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने वाले ये क्लीनिक एक प्रकार से प्राइमरी हेल्थ सेंटर की तरह होंगे।
  • शुरुआत में ये पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ तथा बुलंदशहर के कुल 20 केंद्रों में खोले जाएंगे, इसके बाद इन्हें पूरे उत्तर प्रदेश में शुरू किया जाएगा।


बिहार Switch to English

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया बिहार के चतुर्थ कृषि रोडमैप का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2023 को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार के चतुर्थ कृषि रोडमैप (2023-28) का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 में राज्य के पहले कृषि रोडमैप की शुरुआत की गई थी। दूसरे कृषि रोडमैप का शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा तथा तीसरे कृषि रोड का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया।
  • बिहार में कृषि रोडमैप से किसानों को काफी फायदा हुआ है। धान, मक्का, गेहूँ और आलू का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी है। वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक पहले कृषि रोडमैप के तहत कार्य किये गए। वर्ष 2011-12 में नालंदा के एक किसान ने प्रति हेक्टेयर धान का सबसे ज़्यादा उत्पादन कर चीन को पीछे छोड़ दिया। इससे पहले प्रति हेक्टेयर का रिकॉर्ड चीन के नाम था। आलू के उत्पादन में भी नालंदा ज़िले के एक गाँव ने विश्व कीर्तिमान बनाया।
  • वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक दूसरे कृषि रोडमैप के तहत कार्य किये गए, जिसके फलस्वरूप फल, सब्जी, दूध, अंडा एवं मछली का उत्पादन काफी बढ़ा है। उत्पादकता बढ़ने से किसानों को काफी फायदा हुआ है।
  • वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक तीसरे कृषि रोडमैप के अंतर्गत कार्य तय किये गए थे, लेकिन इसका कार्यकाल एक साल के लिये बढ़ाकर वर्ष 2023 तक कर दिया गया। बचे हुए कार्य एवं आगे के कार्य और विस्तार को लेकर चतुर्थ कृषि रोडमैप की शुरुआत की गई है। इसके तहत तेज़ी से कार्य होंगे, ताकि किसानों को और फायदा हो सके।
  • बिहार में मछली का उत्पादन ढाई गुना बढ़ा है। अब बिहार मछली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है। चावल, गेहूँ और मक्का के उत्पादन को लेकर बिहार को कृषि कर्मण पुरस्कार मिले हैं। आलू, गोभी, बैंगन और टमाटर का उत्पादन भी काफी बढ़ा है। बिहार में मखाना का भी उत्पादन काफी बढ़ा है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोडमैप में कृषि के साथ-साथ पशुओं की उचित देखभाल के लिये भी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक 8 से 10 पंचायत पर पशु अस्पताल खोला जा रहा है, ताकि पशुओं की उचित देखभाल और इलाज हो सके। उत्तर बिहार का एक बड़ा हिस्सा चौर क्षेत्र है। वहाँ वर्ष में 9 महीना पानी लगा रहता है। 9 लाख हेक्टेयर भूमि चौर क्षेत्र है। कृषि रोडमैप के तहत ऐसे 6 ज़िलों के लिये योजना की शुरुआत की गई है।
  • चतुर्थ कृषि रोडमैप के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये मंत्रिमंडल ने 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। राज्य में 75 प्रतिशत लोगों की आजीविका का आधार कृषि है। चतुर्थ कृषि रोडमैप में सभी बातों का ध्यान रखा गया है और इसे बहुत व्यापक बनाया गया है। इससे न सिर्फ उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इससे राज्य को भी फायदा होगा।


हरियाणा Switch to English

गृह मंत्री ने अंबाला-साहा रोड के साथ सिविल अस्पताल परिसर में फुट एस्केलेटर ओवरब्रिज के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अंबाला-साहा रोड के साथ सिविल अस्पताल परिसर में फुट एस्केलेटर ओवरब्रिज के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। यह फुट एस्केलेटर ओवरब्रिज दो करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • शिलान्यास के उपरांत गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंबाला-साहा रोड के साथ अंबाला के सिविल अस्पताल परिसर में फुट एस्केलेटर ओवरब्रिज हरियाणा की किसी सड़क पर लगने वाला शायद पहला एस्केलेटर होगा।        
  • उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में रोज़ाना तीन हज़ार से अधिक की ओपीडी है और अंबाला-साहा रोड पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यहाँ फुट एस्केलेटर ओवरब्रिज मंज़ूर करवाया गया है।
  • उन्होंने कहा कि लोग बिना रोड पर जाए हिल रोड से सीधा पुल पर चढ़कर सिविल अस्पताल में आ-जा सकेंगे। पुल पर चढ़ने के लिये यहाँ एस्केलेटर लगेंगे, जिससे अस्पताल में आने वाले लोगों को लाभ मिलेगा।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा के दूसरे ज़िलों में भी पीपीपी मोड में खोले जाएंगे सैनिक स्कूल

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में कुंजपुरा के सैनिक स्कूल में आयोजित अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल-2023 के समापन समारोह में कहा कि हरियाणा के दूसरे ज़िलों में भी पीपीपी मोड में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इससे हरियाणा के युवाओं की सेना में भागीदारी बढ़ेगी और बड़ी संख्या में अग्निवीर तैयार होंगे। उन्होंने कुंजपुरा के सैनिक स्कूल को आधारभूत ढाँचे के लिये 10 करोड़ रुपए की ग्रांट देने की घोषणा की।
  • विदित हो कि हरियाणा में पहली बार अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें देश के विभिन्न सैनिक स्कूलों के 650 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
  • इस प्रतियोगिता के आयोजन से प्रतिभागी खिलाड़ियों में से कई को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये चयन का मौका मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार इन प्रतियोगिताओं में गर्ल्स कैडेट्स ने भी भाग लिया, जो नारी सशक्तिकरण का पर्याय है। यह ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की भावना को भी चरितार्थ करता है। प्रधानमंत्री ने 2015 में हरियाणा से ही ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया था।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा को स्पोर्ट्स पावर हाउस बनाने के लिये खेल संस्कृति को विकसित किया है। ग्राम से लेकर राज्य स्तर तक खेलों का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। हाल ही में चीन में आयोजित 19वें एशियाई खेलों में हरियाणा के खिला़ड़ियों ने 107 में से 30 पदक जीते हैं।
  • उन्होंने कहा कि देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना 1961 से की गई, तब से एनडीए, आईएमए, ओटीए, आईएएनए, एएफए और अन्य प्रतिष्ठित रक्षा संस्थानों में कैडेटों को शामिल करने में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। इन स्कूलों से शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों ने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं, न्यायपालिका, चिकित्सा, इंजीनियरिंग सेवाओं के साथ-साथ राजनीति में भी नाम कमाया है।
  • मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय सैनिक स्कूल राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी में प्रथम व दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
  • इसके अलावा वॉलीबॉल में नगरोटा सैनिक स्कूल के इखलाक हसन, बास्केटबॉल में कुंजपुरा के अमन मलिक, हॉकी में तिलैया के शुभम कुमार को श्रेष्ठ खिलाड़ी और तिलैया के ही सचिन को बेस्ट गोलकीपर के रूप में सम्मानित किया।
  • उन्होंने ओवरऑल स्कूल के रूप में सैनिक स्कूल तिलैया और ओवरऑल ग्रुप में डी ग्रुप को भी ट्रॉफी से नवाजा।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये कुंजपुरा सैनिक स्कूल की टीम को ट्राफी प्रदान की गई। खेलों में 30 से अधिक सैनिक स्कूलों के करीब 650 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इससे पूर्व प्रतिभागियों ने मार्चपास्ट किया।


हरियाणा Switch to English

हरियाणा सरकार ने ग्रामीण संवर्धन और महाग्राम योजना के तहत 13 नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम और महाग्राम योजना के तहत जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली 13 नई परियोजनाओं को प्रशासनिक मंज़ूरी प्रदान की।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि हरियाणा सरकार ने राज्य की ग्रामीण आबादी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए 284 करोड़ रुपए से अधिक की 13 नई परियोजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है।
  • ये परियोजनाएँ ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम और महाग्राम योजना के तहत नाबार्ड की ऋण सहायता से जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 4 ज़िलों, अर्थात् हिसार, जींद, सोनीपत और रेवाड़ी में क्रियान्वित की जाएंगी।
  • राज्य सरकार ने ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम के तहत ज़िला रेवाड़ी के गाँव प्राणपुरा और मामरिया आसमपुर के लिये नहर आधारित जल आपूर्ति परियोजना को मंज़ूरी दी है। इसके अलावा ग्राम ममरिया ठठेर में जल आपूर्ति योजना के लिये अतिरिक्त भंडारण एवं अवसादन टैंक भी सुनिश्चित किया जाएगा।
  • इनके अलावा, ज़िला रेवाड़ी के मौजूदा जल कार्यों में नहर आधारित जल आपूर्ति योजना खोरी समूह के 2 गाँवों मखारिया और चिमनावास में अवसादन टैंक, ज़िला भिवानी के भारवास में 8 गाँवों के जाटूवास समूह की मौजूदा जल आपूर्ति योजना के लिये अतिरिक्त भंडारण और अवसादन टैंक, रेवाड़ी ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों के नहर आधारित जल कार्यों में कच्चे पानी के लिये नवीनीकरण और अतिरिक्त भंडारण, ज़िला रेवाड़ी के खेड़ी मोतला में 4 गाँवों के बोलनी समूह की मौजूदा जल आपूर्ति योजना के लिये अतिरिक्त भंडारण और अवसादन टैंक का निर्माण किया जाएगा।
  • महाग्राम योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाएँ-
    • ज़िला हिसार- गाँव गंगवा में पेयजल योजना (लागत 36.52 करोड़ रुपए) और सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराना (लागत 36.21 करोड़ रुपए), गाँव सदलपुर में सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराना (लागत 25.72 करोड़ रुपए) तथा जलापूर्ति योजना का विस्तार (लागत 22.72 करोड़ रुपए)।
    • ज़िला जींद- गाँव छात्तर में सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराना (लागत 30.95 करोड़ रुपए) और पेयजल आपूर्ति का विस्तार (लागत 18.36 करोड़ रुपए)।
    • ज़िला सोनीपत- गाँव खेवड़ा में सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराना (लागत 19.86 करोड़ रुपए) और पेयजल आपूर्ति का विस्तार (लागत 6.61 करोड़ रुपए)।
  • इस संबंध में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन नहर आधारित जल कार्यों के नवीनीकरण के बाद नए कार्यों के निर्माण से 15 वर्ष की संभावित 1.63 लाख आबादी को सीधा लाभ होगा।
  • प्रवक्ता ने आगे बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) की आपूर्ति सुनिश्चित करने वाला हरियाणा पहले ही प्रथम राज्य बन चुका है। केंद्र सरकार ने इस मिशन के तहत 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से स्वच्छ पेयजल देने का लक्ष्य रखा था, जबकि राज्य सरकार ने यह लक्ष्य काफी पहले ही हासिल कर लिया है।


झारखंड Switch to English

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास बने ओडिशा के नए राज्यपाल

चर्चा में क्यों?

18 अक्तूबर, 2023 को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • रघुवर दास की नियुक्ति राज्यपाल पद का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होगी। रघुवर दास नियुक्ति के पूर्व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे।
  • रघुवर दास झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे हैं। ये 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं।
  • वर्ष 2000 में झारखंड के गठन के बाद रघुवर दास अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले सीएम थे।


उत्तराखंड Switch to English

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वेलनट मिशन शुरू करेगी राज्य सरकार

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्रों में उद्यान विभाग के साथ मिलकर अखरोट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये वेलनट मिशन को शुरू किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी का प्रतिशत बढ़ाने के लिये कई कार्ययोजनाओं पर काम किया जा रहा है। मिशन वेलनट और नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोडक्ट को बढ़ावा देना इसी रणनीति का हिस्सा है। इसमें जड़ी-बूटियों के उत्पादन को भी शामिल करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
  • एक अनुमान के अनुसार, राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 2.5 से 3.5 प्रतिशत तक है, जबकि वानिकी क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर चिह्नित किया गया है।
  • प्रदेश में वन संपदा को लोगों की आजीविका से जोड़ते हुए कई नए प्रयोग करने की तैयारी है। इसके तहत उच्च हिमालयी क्षेत्रों सहित मैदानी इलाकों के लिये अलग-अलग योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके तहत अखरोट, बांस, बांज, सागोन, पापुलर जैसी प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • वन मंत्री ने बताया कि लीसा बिक्री के नियमों में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में लीसा बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था के तहत नीलामी की जाती है, स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के स्तर से स्थानीय स्तर पर लीस ब्रिकी संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिये गए हैं।
  • प्रदेश में यूकेलिप्टस प्रजाति के पुराने पेड़ों को काटने के लिये कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश शासन स्तर पर दिये गए हैं। इनके स्थान पर ज़रूरत के अनुसार नई प्रजाति के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जो नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोडक्ट की श्रेणी में आते हों।
  • गौरतलब है कि उत्तराखंड अखरोट उत्पादन में देश में जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरे नंबर पर आता है। यहाँ अखरोट उत्पादन के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ हैं। इसके बावजूद बीते कुछ सालों में राज्य में इसका उत्पादन घटा है। राज्य में प्रति वर्ष करीब 18 से 20 हज़ार मीट्रिक टन अखरोट का उत्पादन होता है।
  • नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, देहरादून, पौड़ी टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में इसके उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं। यही वजह है कि सरकार अब अखरोट उत्पादन को मिशन मोड में शुरू करने जा रही है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2