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उत्तर प्रदेश में 15 सीएचसी पीपीपी मोड पर चलेंगे
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि राज्य सरकार लखनऊ सहित ज़िलों के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर चलाएगी।
प्रमुख बिंदु
- उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सीएचसी में 24 घंटे की आपातकालीन सेवा, मुफ्त प्रवेश, दवा और नैदानिक सेवाएँ होंगी।
- चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लखनऊ का नगरम, वाराणसी का गजोखर, कुशीनगर का खडन्न, गोरखपुर का बेलाघाट, चित्रकूट का राजापुर, श्रावस्ती का मल्हीपुर, लखीमपुर खीरी का चंदन चौकी, बहराइच का विश्वरगंज, चंदौली का भोगवाड़ा, महराजगंज का अडन्न बाज़ार, बलिया का सुखपुरा, फतेहपुर में दपसौरा, सोनभद्र में बभानी, बलरामपुर में खजुरिया और सिद्धार्थ नगर में सिरसिया शामिल हैं।
- उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह प्रयोग सीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा और आवश्यकता के अनुसार नवीनतम चिकित्सा उपकरण वहाँ स्थापित किये जाएंगे।
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उत्तर प्रदेश ने कपड़ा और परिधान नीति की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने नए निवेश को आकर्षित करने और उत्तर प्रदेश को कपड़ा एवं परिधान उद्योग का केंद्र बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कपड़ा और परिधान नीति की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी दी गई थी।
- नीति की घोषणा करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने कहा कि यह नीति रोज़गार प्रधान है और इसका उद्देश्य 10,000 करोड़ रुपए के नए निवेश को आकर्षित करना तथा 5 लाख से अधिक नई नौकरियाँ पैदा करना है।
- नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर के परिधान निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना और कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों, जैसे- हथकरघा, पावरलूम, कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और परिधान का सतत् विकास करना है।
- मंत्री राकेश सचान ने कहा कि कपड़ा और वस्त्र नीति सभी हितधारकों से परामर्श करने और उनकी चिंताओं का ध्यान रखने के बाद तैयार की गई है। नीति को निवेशक अनुकूल बनाने के लिये कई प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है और निवेशकों की सुविधा के लिये एक हेल्प डेस्क बनाई गई है।
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