उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में 15 सीएचसी पीपीपी मोड पर चलेंगे
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि राज्य सरकार लखनऊ सहित ज़िलों के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर चलाएगी।
प्रमुख बिंदु
- उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सीएचसी में 24 घंटे की आपातकालीन सेवा, मुफ्त प्रवेश, दवा और नैदानिक सेवाएँ होंगी।
- चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लखनऊ का नगरम, वाराणसी का गजोखर, कुशीनगर का खडन्न, गोरखपुर का बेलाघाट, चित्रकूट का राजापुर, श्रावस्ती का मल्हीपुर, लखीमपुर खीरी का चंदन चौकी, बहराइच का विश्वरगंज, चंदौली का भोगवाड़ा, महराजगंज का अडन्न बाज़ार, बलिया का सुखपुरा, फतेहपुर में दपसौरा, सोनभद्र में बभानी, बलरामपुर में खजुरिया और सिद्धार्थ नगर में सिरसिया शामिल हैं।
- उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह प्रयोग सीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा और आवश्यकता के अनुसार नवीनतम चिकित्सा उपकरण वहाँ स्थापित किये जाएंगे।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश ने कपड़ा और परिधान नीति की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने नए निवेश को आकर्षित करने और उत्तर प्रदेश को कपड़ा एवं परिधान उद्योग का केंद्र बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश कपड़ा और परिधान नीति की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी दी गई थी।
- नीति की घोषणा करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने कहा कि यह नीति रोज़गार प्रधान है और इसका उद्देश्य 10,000 करोड़ रुपए के नए निवेश को आकर्षित करना तथा 5 लाख से अधिक नई नौकरियाँ पैदा करना है।
- नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर के परिधान निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना और कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों, जैसे- हथकरघा, पावरलूम, कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और परिधान का सतत् विकास करना है।
- मंत्री राकेश सचान ने कहा कि कपड़ा और वस्त्र नीति सभी हितधारकों से परामर्श करने और उनकी चिंताओं का ध्यान रखने के बाद तैयार की गई है। नीति को निवेशक अनुकूल बनाने के लिये कई प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है और निवेशकों की सुविधा के लिये एक हेल्प डेस्क बनाई गई है।
राजस्थान Switch to English
प्रत्येक राजकीय भवन की होगी जिओ-टैगिंग
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों व उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं एवं कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ-टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इस हेतु प्रारंभ में 153.80 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं व कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे। इससे संसाधन संग्रहण एवं वितरण, विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी।
- उक्त निर्णय से विभिन्न विभागीय योजनाओं एवं कार्यों के भू-चिह्नित सर्वेक्षण से क्षेत्रीय स्तर पर सेवा प्रदायगी बेहतर हो सकेगी। आपदा या महामारी के दौरान संसाधनों का बेहतर प्रबंधन भी इस प्रणाली के माध्यम से हो सकेगा। साथ ही, राज्य के सभी राजकीय भवन एक ही मैप पर उपलब्ध होंगे तथा आमजन के लिये इन भवनों तक पहुँचना आसान हो सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि जिओ-टैगिंग के अंतर्गत एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। विभिन्न विभागों, जैसे- महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचईडी, भू-जल विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आदि द्वारा ऐप का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।
- जीआईएस एक ऐसी प्रणाली है, जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहित करने, संशोधन करने तथा विश्लेषण करने के लिये बनाया गया है। साथ ही, इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने तथा प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है।
राजस्थान Switch to English
प्रदेश में 124 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खुले
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में विभिन्न ज़िलों में 124 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- लालचंद कटारिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा के अनुरूप राज्य सरकार ने आदेश जारी कर पशु चिकित्साविहीन ग्राम पंचायतों में 124 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले हैं। नए उपकेंद्र खुलने से पशुपालकों को अपने नज़दीक ही बेहतर चिकित्सा सेवाएँ एवं विभागीय योजनाओं का त्वरित लाभ मिल सकेगा।
- उन्होंने बताया कि जयपुर में 17, दौसा में 10, धौलपुर में 8, पाली में 7, चूरु, जैसलमेर, बाड़मेर एवं भरतपुर में 6-6, अलवर, डूँगरपुर, जालौर एवं जोधपुर में 5-5, अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, नागौर एवं चित्तौड़गढ़ में 4-4, बाँसवाड़ा व टोक में 3-3, झुंझुनूं, सीकर, करौली एवं कोटा में 2-2 तथा बूंदी, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर एवं प्रतापगढ़ में 1-1 नवीन पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले गए हैं।
राजस्थान Switch to English
अस्पतालों में स्थापित होंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अस्पतालों के लिक्विड एवं सॉलिड वेस्ट के निस्तारण के लिये बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु 20 करोड़ रुपए के बजट को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री गहलोत की इस स्वीकृति से प्रदेश के बड़े अस्पतालों आरयूएचएस, एसएमएस अस्पताल, जनाना अस्पताल, महिला चिकित्सालय जयपुर, महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर, पीबीएम अस्पताल बीकानेर तथा चिकित्सा महाविद्यालय कोटा से संबद्ध अस्पतालों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होंगे तथा अस्पतालों के लिक्विड एवं सॉलिड वेस्ट का निस्तारण किया जा सकेगा।
- पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण आरयूआईडीपी द्वारा किया जाएगा। प्लांट के निर्माण के लिये लागत का 50 प्रतिशत व्यय चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा तथा 50 प्रतिशत राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा वहन किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए लिक्विड एवं सॉलिड वेस्ट का निस्तारण करने के लिये प्रदेश के बड़े अस्पतालों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये जाने हेतु बजट में घोषणा की थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
औद्योगिक भूमि, भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 में संशोधन
चर्चा में क्यों?
17 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि, भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 में निहित प्रक्रिया को सरलीकृत, विकास उन्मुखी और अधिक प्रभावी बनाने के लिये नियम में संशोधन करने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- विभाग के आधिपत्य की अविकसित भूमि का आवंटन मध्यम उद्यम को किया जा सकेगा। समस्त विकसित एवं विकसित किये जाने वाले औद्योगिक भूखंडों का आवंटन ‘प्रथम आओ-प्रथम पाओ’की प्रक्रिया से सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल से किया जाएगा।
- बंद औद्योगिक इकाइयाँ, जो कम-से-कम 5 वर्ष तक उत्पादन में रही हों और कम-से-कम 2 वर्ष से बंद हों, को आवंटित भूखंड के समुचित उपयोग के दृष्टिगत नवीन उद्योग स्थापना के लिये भूखंड का विभाजन कर हस्तांतरण हेतु सशर्त अनुमति पात्रतानुसार प्रदान की जाएगी।
- फर्नीचर क्लस्टर को बढ़ावा देने की दृष्टि से औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटन के लिये प्रतिबंधित गतिविधियों की सूची से आरा मशीन को विलोपित किया गया है।
- औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से राज्य शासन की मंशा के अनुरूप स्थानीय व्यक्तियों को रोज़गार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे एवं एमएसएमई सेक्टर में भी उद्यम स्थापना एवं संचालन में सुगमता होगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
17 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद ने सीहोर ज़िले की सीप अंबर सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना के लिये 346 करोड़ 12 लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये।
प्रमुख बिंदु
- सीप अंबर सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना से सीहोर ज़िले के 47 ग्रामों के 15 हज़ार 284 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
- मंत्रि-परिषद ने ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊँची बहुधातु प्रतिमा और पेडेस्टल के निर्माण कार्य के लिये न्यूनतम दर अनुसार पुनरीक्षित लागत 198 करोड़ 25 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
- प्रदेश में ऐसी उचित मूल्य की दुकानें, जहाँ सेल्समैन नहीं हैं और पात्र स्व-सहायता समूह द्वारा दुकान संचालन करने की सहमति दी गई है, उन समूहों को ऐसी दुकानें आपसी सहमति से हस्तांतरित करने की अनुमति मंत्रि-परिषद द्वारा दी गई है। दुकान हस्तांतरण के लिये प्रत्येक ज़िले में कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 26 हज़ार 63 उचित मूल्य दुकानें हैं, जिनमें से 4166 नगरीय एवं 21 हज़ार 897 ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं।
- मंत्रि-परिषद ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट (CMYIPD) प्रोग्राम को दो वर्ष के लिये संचालित करने की स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में स्नातक एवं स्नातकोत्तर की शिक्षा पूर्ण कर चुके 4 हज़ार 695 इन्टर्न शामिल होंगे। प्रत्येक विकासखंड में 15 इन्टर्न की नियुक्ति की जाएगी।
- मंत्रि-परिषद ने श्री तुलसी पीठ सेवा समिति न्यास द्वारा संचालित श्री तुलसी प्रज्ञाचक्षु दिव्यांग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चित्रकूट की समस्त चल-अचल संपत्तियों का हस्तांतरण महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय को विद्यालय संचालन हेतु करने का निर्णय लिया।
हरियाणा Switch to English
ज़िला जल संसाधन योजना 2022-25
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण अध्यक्षा केशनी आनंद अरोड़ा ने राज्य में स्थाई जल संसाधन प्रबंधन एवं योजना क्रियान्वयन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य में ‘ज़िला जल संसाधन योजना 2022-25’ तैयार की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य में हर साल जल की कमी के साथ-साथ जलभराव वाले क्षेत्रों के लिये ठोस एवं कारगर कदम उठाए जाएंगे।
- केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि जल संसाधन योजना 2022-25 राज्य के 22 ज़िलों के लिये स्थायी जल प्रबंधन और योजना क्रियान्वयन की दिशा में बेहतर कार्य करेगी। इस कार्य योजना के तहत पानी की कमी के साथ जल भराव वाले क्षेत्रों में आगामी तीन साल के दौरान पानी के अंतर में 45 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है।
- उन्होंने कहा कि इस योजना से पहले साल में 10 प्रतिशत, दूसरे साल में 15 प्रतिशत तथा तीसरे साल में 20 प्रतिशत पानी की कमी और जल भराव की समस्या को दूर किया जा सकेगा।
- अध्यक्षा ने बताया कि ज़िला यमुनानगर और अंबाला में किये गए प्रयासों से दोनों ज़िलों ने जल भराव एवं जल प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया है। उन्होंने सभी ज़िलों के लिये एकीकृत और समग्र तीन वर्षीय ग्राम-स्तरीय जल कार्रवाई योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
- उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन में पिछड़ने वाले ज़िलों के लिये सतही जल और भूजल के स्थाई जल के उपयोग को शामिल करके एक व्यापक स्तर की योजना बनाकर क्रियान्वित करने की आवश्यकता है, जिसका उपयोग बढ़ाकर और अधिक सकारात्मक परिणाम लाए जा सकेंगे।
- अध्यक्षा ने बताया कि राज्य में गैर-पीने योग्य पानी के उद्देश्यों के लिये उपचारित अपशिष्ट जल का प्रयोग किया जाए, ताकि मीठे पानी के संसाधनों पर निर्भरता को कम किया जा सके। इसके लिये प्रत्येक ज़िले से कम-से-कम दो नवीन परियोजनाओं को आमंत्रित किया जाए और इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर अधिक निगरानी की जानी चाहिये।
- मुख्य अभियंता सतबीर सिंह कादियान ने कहा कि जल संसाधन प्राधिकरण एवं जल प्रबंधन विभाग का यह महत्त्वपूर्ण एकसूत्रीय कार्यक्रम है। इस द्विवार्षिक जल प्रबंधन योजना को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी ज़िलों में 24 अक्टूबर तक लागू किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में खुलेगा ‘ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन सिक्योरिटी’ सेंटर
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नई दिल्ली में नागरिक उडन्न्यन मंत्रियों की दोदिवसीय राष्ट्रीय बैठक के बाद बताया कि ‘ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन सिक्योरिटी’का सेंटर हरियाणा में खोला जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- दुष्यंत चौटाला ने बताया कि ‘ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन सिक्योरिटी’ का सेंटर राज्य के हिसार ज़िले के गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय या पॉलिटेक्निक में खोला जाएगा। इसके लिये जल्द ही आगे की औपचारिकता पूरी कर ली जाएंगी।
- उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हिसार का एवियेशन-हब मार्च 2023 में क्रियान्वित हो जाएगा तथा इसके बाद इस एयरपोर्ट से अमृतसर, जालंधर, श्रीनगर, जम्मू, जयपुर, इंदौर, अहमदाबाद, आगरा, वाराणसी, देहरादून तथा बिहार के गया के लिये उड़ान आरंभ की जाएंगी, ताकि राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और देश के सीमावर्ती ज़िलों से सैन्य-बलों के कर्मचारियों व अधिकारियों को आने-जाने में सुविधा हो सके।
- डिप्टी सीएम ने बताया कि गुरुग्राम में हेलीहब का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिये राज्य सरकार की ओर से 25 एकड़ ज़मीन भी उपलब्ध करवा दी गई है। इस हेलीहब के बनने से दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर हेलीकॉप्टर-ट्रैफिक को डॉयवर्ट किया जा सकेगा।
झारखंड Switch to English
तीसरा झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल संपन्न
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को झारखंड राज्य के ‘तीसरे झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल’के दूसरे चरण का राज्य के गिरिडीह ज़िले के सर जेसी बोस गर्ल्स हाई स्कूल, में समापन हो गया।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड साइंस फॉर सोसाइटी के महासचिव डीएनएस आनंद ने बताया कि गिरिडीह में 17 और 18 अक्टूबर, 2022 को फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ है, जिसमें कोडरमा और गिरिडीह ज़िलों में अभ्रक के अवैध खनन पर आधारित फिल्म ‘द अगली साइड ऑफ ब्यूटी’ का भी प्रदर्शन हुआ।
- इस फिल्म में माइका और ढिबरा चुनने की व्यथा को बड़े ही मार्मिक ढंग से दर्शाया गया है। इसमें ढिबरा चुनकर जीवनयापन और शिक्षा ग्रहण की परिस्थितियों को दिखाकर छात्राओं को प्रेरित किया गया। 48 मिनट की यह फिल्म अभ्रक खनन और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग पर आधारित है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के फिल्मकार दीपक बारा हैं।
- इसके अलावा झारखंड के फिल्मकार प्रकाश की फिल्म 'The Fire Within' का भी प्रदर्शन हुआ। इसमें झारखंड के कोयला खनन क्षेत्र की दर्दनाक तस्वीर बयाँ की गई है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि भ्रष्टाचार, माफिया की ताकत से विस्थापन का दंश झेल रहे आदिवासी समुदाय की अस्मिता भी अब खतरे में है।
- विदित है कि 14 अक्टूबर को बोकारो में तीसरे झारखंड साइंस फिल्म फेस्टिवल का आगाज़ हुआ था, जिसमें डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म और एनीमेशन आधारित फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। इसमें बीजू टोप्पो द्वारा निर्देशित पद्मश्री सिमोन उराँव के पर्यावरण और जल संरक्षण पर आधारित फिल्म ‘झरिया’की भी स्क्रीनिंग हुई। इसके अलावा फिल्म 'My Life as a Snail', फिल्म 'Green', शॉर्ट फिल्म ‘Decay’, फिल्म 'An Engineered Dream', फिल्म 'Coral Woman'] शॉर्ट फिल्म ‘कमीज’, फिल्म 'Damodar’s sorrow' और फिल्म 'The Ganita Story' का भी प्रदर्शन हुआ।
- ज्ञातव्य है कि झारखंड के विभिन्न भागों में अब तक दो साइंस फिल्म फेस्टिवल का सफल आयोजन हो चुका।
छत्तीसगढ़ Switch to English
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नवगठित ज़िला सक्ती में मुख्यमंत्री की घोषणा
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नवगठित ज़िला सक्ती के मालखरौदा, डभरा और चंद्रपुर विकासखंड में कई घोषणाएँ कीं।
प्रमुख बिंदु
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय मुकुटधर पांडेय स्मृति समिति की मांग पर चंद्रपुर के कॉलेज का नामकरण मुकुटधर पांडेय के नाम पर करने की बात कही और पुस्तकालय की मांग पर सहमति जताते हुए डभरा में सब्जी मंडी खोलने की घोषणा की।
विकासखंड- मालखरौदा में मुख्यमंत्री की घोषणा
- ग्राम पंचायत सिघरा में महिलाओं के प्रशिक्षण के लिये एन.आर.एल.एम. डोम निर्माण कार्य की घोषणा।
- ग्राम पंचायत सारसडोल में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला को नवीन हाई स्कूल में उन्नयन की घोषणा तथा ग्राम मुक्ता में नवीन हाई स्कूल की घोषणा।
- ग्राम जमगहन व सुलौनी में शासकीय हाई स्कूल का हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन की घोषणा।
- नगर पंचायत अडभार में माँ अष्टभुजी देवी की नगरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा।
- मालखरौदा में युवा प्रशिक्षण केंद्र में अहाता निर्माण की घोषणा।
विकासखंड - डभरा में मुख्यमंत्री की घोषणा
- साराडीह बैराज में पर्यटन स्थल का होगा विकास।
- चंद्रपुर में पर्यटन स्थल का विकास मरीन ड्राइव का निर्माण।
- ग्राम टूंड्री में पुलिस चौकी निर्माण और चंद्रपुर में नया थाना भवन निर्माण की घोषणा।
- ग्राम सिरियागढ़ के शासकीय हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी में उन्नयन किया जाएगा।
- सकराली में नेगा 33/11 केवी सब स्टेशन।
- डभरा में सब्जी मंडी खोलने की घोषणा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पिछड़े और अति पिछड़े क्षेत्रों में पी.पी.पी. मॉडल से संचालित होंगे कॉलेज
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के पिछड़े, अति पिछड़े और सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में अब पी.पी.पी. मॉडल में कॉलेजों का संचालन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में पी.पी.पी. मॉडल पर प्रारंभ किये जाने वाले महाविद्यालय प्रदेश के लिये एक नवाचार है। प्रस्तावित पी.पी.पी. मॉडल में यह व्यवस्था प्रारंभ से ही निजी महाविद्यालयों को दी जाएगी। पूर्व में इस प्रकार की कोई योजना लागू नहीं की गई है और न ही कोई निजी महाविद्यालय इस योजना में दी गई व्यवस्था के तहत संचालित हो रहे हैं।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम के तहत प्रदेश में कुल 12 निजी महाविद्यालयों को शत्-प्रतिशत् नियमित अनुदान के तहत संचालित किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पश्चात् चार निजी महाविद्यालयों को छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम, 2006 के तहत कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इस अधिनियम के तहत तीन वर्ष में एक बार तदर्थ अनुदान अधिकतम पाँच लाख रुपए तक भवन विस्तार, फर्नीचर, उपकरण क्रय के लिये दिया जा सकता है। आवेदन के आधार पर अनुदान की स्वीकृति दी जाती है।
- अब तक छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम, 2006 के आधार पर उपर्युक्त अनुदान केवल उन्हीं निजी महाविद्यालयों को प्रदान किया जाता है, जिनका संचालन न्यूनतम 10 वर्ष पूर्ण हो चुका है, लेकिन प्रस्तावित पी.पी.पी. मॉडल में यह व्यवस्था प्रारंभ से ही निजी महाविद्यालयों को दी जाएगी। इससे अति पिछड़े एवं सुदूर क्षेत्रों में प्रतिकूल स्थिति से उभरने के लिये तथा उच्च शिक्षा के सर्वांगीण विकास में पी.पी.पी. मॉडल का क्रियान्वयन करने के लिये इस मॉडल को प्रस्तावित किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार का विज़न है कि दुर्गम क्षेत्रों में भी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के सकल प्रवेश अनुपात को बढ़ाने और राज्य के पिछड़े एवं अति पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्तामूलक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पी.पी.पी. मॉडल के तहत राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना करने के प्रस्तावित प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- इसमें निर्धारित प्रारूप के तहत निजी महाविद्यालयों को दी जाने वाली रियायतों में पी.पी.पी. मॉडल के तहत खोले जाने वाले महाविद्यालयों को दी जाने वाली निश्चित पूंजी निवेश पर अधिकतम सब्सिडी 2.50 करोड़ रुपए एवं 1.75 करोड़ रुपए सब्सिडी क्रमश: अति पिछड़ा क्षेत्र एवं पिछड़ा क्षेत्र में स्थापित महाविद्यालयों को दी जाएगी।
- इसी तरह कम-से-कम 10 एकड़ भूमि 30 वर्ष की लीज़ पर 50 प्रतिशत रियायती दर से शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। भूमि का उपयोग अन्य प्रयोजनों के लिये नहीं किया जाएगा। लीज़ की अवधि की समाप्ति होने पर दोनों पक्षों की सहमति से लीज़ की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
- अधोसंरचना निर्माण के लिये लिये गए अधिकतम 500 करोड़ रुपए के ऋण पर ब्याज की राशि का 50 प्रतिशत भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा। समस्त पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा देय छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। महाविद्यालय को समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था स्वयं के द्वारा करनी होगी। राज्य शासन द्वारा इस प्रयोजन के लिये कुल स्थापना पर व्यय की अधिकतम राशि 2 करोड़ रुपए पर 20 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत व्यय भार क्रमश: पिछड़ा क्षेत्र एवं अति पिछड़ा क्षेत्र में स्थापित महाविद्यालय को स्थापना अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
- वहीं NAAC द्वारा A++, A+ या A ग्रेड प्राप्त करने वाले महाविद्यालयों को 1 लाख 51 हज़ार रुपए प्रोत्साहन राशि एवं प्रमाण-पत्र राज्य शासन द्वारा प्रदान किया जाएगा। पी.पी.पी. मॉडल के तहत खोली जाने वाली उच्च शिक्षण संस्थाओं को NAAC/NIRF गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिये देय शुल्क की 50 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख रुपए (जो भी कम हो) राशि का वहन राज्य शासन द्वारा किया जाएगा।
- प्रस्तावित योजना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के सकल प्रवेश अनुपात (GER) की वृद्धि में सहायक होगी। साथ ही राज्य के पिछड़े क्षेत्र एवं अति पिछड़े क्षेत्र के युवाओं को गुणवत्तामूलक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी। उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिये इस योजना को प्रदेश में लागू किये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में नारायणपुर टॉप 5 आकांक्षी ज़िलों में शामिल
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा देश भर के आकांक्षी ज़िलों के परफॉर्मेंस के आधार पर अगस्त 2022 में जारी की गई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए शीर्ष पाँच ज़िलों में अपना स्थान बनाया है।
प्रमुख बिंदु
- नीति आयोग द्वारा जारी चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में देश के 112 आकांक्षी ज़िलों में ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में छत्तीसगढ़ का आकांक्षी ज़िला नारायणपुर पाँचवें स्थान पर है। वहीं स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में नारायणपुर ज़िले का स्थान दूसरा है। इसी तरह शिक्षा श्रेणी के आधार पर जारी मासिक डेल्टा रैंकिंग में नारायणपुर ज़िला चौथे स्थान पर है।
- उल्लेखनीय है कि वंचित वर्ग के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिल सके और वे भविष्य के अवसरों के लिये तैयार हो सकें, इसी संकल्पना को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल शुरू किये गए हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल के शुरू होने के बाद आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चे भी अब अंग्रेज़ी माध्यम में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
- अंग्रेज़ी माध्यम के साथ ही हिन्दी माध्यम में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल भी शुरू किये गए हैं। इसके अलावा आकांक्षी ज़िलों में संचालित प्राथमिक स्कूल के बच्चों को उनकी स्थानीय बोली में भी शिक्षा दी जा रही है, जिससे वो अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ कर विषयों को आसानी से समझ रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने बच्चों को कुपोषण और महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिये प्रदेशव्यापी ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। प्रदेश के लगभग 50 प्रतिशत कुपोषित बच्चे कुपोषणमुक्त हो चुके हैं। लगभग 2 लाख 11 हज़ार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। इसके साथ ही 85 हज़ार महिलाएँ एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं।
- नागरिकों को सुलभ सुविधाएँ पहुँचाने के लिये ‘मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लिनिक’, ‘दाई-दीदी क्लिनिक’, ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘हमर लैब’, ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’और ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना’के साथ ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना’, ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना’संचालित की जा रही हैं।
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जमरानी बांध निर्माण परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में हुई शामिल
चर्चा में क्यों?
18 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के सिंचाई सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने बताया कि जल संसाधन के केंद्रीय सचिव की अध्यक्षता एवं नीति आयोग व केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों की बैठक में जमरानी बांध परियोजना के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल किये जाने पर स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- सिंचाई सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में काठगोदाम से 10 किलोमीटर अपस्ट्रीम में गोला नदी पर जमरानी बांध (150.6 मीटर ऊँचाई) का निर्माण करके इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल किया जाएगा।
- जमरानी बांध परियोजना को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत 57065 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई के साथ-साथ हल्द्वानी शहर को वर्ष 2055 तक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है। परियोजना से हर साल 63 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी।
- सचिव ने कहा कि निवेश की मंज़ूरी मिलने के बाद जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र पुनर्वास सहित निर्माण कार्यों को शुरू किया जाएगा।
- विदित है कि 10 जून, 2022 को जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जमरानी बांध परियोजना के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2584.10 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई थी।
- सिंचाई सचिव ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में तय किया गया कि परियोजना के धन आवंटन के लिये जल शक्ति मंत्रालय की ओर से वित्त मंत्रालय एवं केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसमें राज्य को 10 प्रतिशत अंशदान और केंद्र सरकार को 90 प्रतिशत अंशदान देना होगा।
- · सिंचाई सचिव ने बताया कि परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास के लिये शीघ्र ही पुनर्वास नीति कैबिनेट की मंज़ूरी हेतु रखी जाएगी और पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम, 2013 की व्यवस्था के अनुसार प्रभावित ग्रामवासियों का सम्यक रूप से पुनर्वास किया जाएगा।
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