मध्य प्रदेश Switch to English
हाइब्रिड स्विचगियर मॉड्यूल तकनीक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने प्रदेश में पहली बार इंदौर में ट्रांसमिशन सिस्टम के विस्तार में हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल सिस्टम का उपयोग किया है। जबलपुर मुख्यालय स्थित शक्ति भवन में पदस्थ कार्यपालन अभियंता एमडी पालंदे एवं मनीष खरे ने मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के सिस्टम के अनुरूप इस मॉड्यूल प्रणाली को विकसित और क्रियान्वित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस तकनीक का उपयोग इंदौर ईस्ट स्थित 220 केवी सब स्टेशन बिचोली में ट्रांसमिशन कंपनी ने 50 एमवीए क्षमता का एक नये स्थापित ट्रांसफार्मर में किया है।
- इसमें ट्रांसफार्मर से सप्लाई लेने वाले सिस्टम को 33 केवी वोल्टेज लेवल पर अंडरग्राउंड इंसुलेटेड केबल का उपयोग कर जोड़ा गया। मध्य प्रदेश में पहली बार 33 केवी के मेन सिस्टम के लिये इस तरह की उच्च क्षमता की इंसुलेटेड केबल का उपयोग किया गया है।
- इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित घनी आबादी के शहरों में पहले से स्थापित अति उच्च दाब सब स्टेशनों में जगह की कमी के कारण विस्तार में कुछ समस्याएँ आ रही थीं, इन्हें दूर करने तथा विद्युत की बढ़ती मांग की आपूर्ति के लिये मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने हाइब्रिड स्विच गियर मॉड्यूल तकनीक के रूप में प्रदेश के ट्रांसमिशन सिस्टम में इस नए विकल्प को अपनाने का निर्णय लिया।
- प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने बताया कि विद्युत सब स्टेशनों में उपयोग की जाने वाली यह एक ऐसी मॉड्यूलर और कंपैक्ट डिजाइन सिस्टम है, जिसके एक मॉडल में कई अलग-अलग कार्य शामिल हैं।
- सब स्टेशनों के निर्माण और विस्तारीकरण के लिये यह मॉडल लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता पर आधारित है। हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किसी भी पारंपरिक सब स्टेशन में विस्तार या प्रतिस्थापन के लिये किया जा सकता है।
- इसमें एयर इंसुलेटेड स्विच गियर और अत्याधिक विद्युत प्रतिरोधक क्षमता वाली सल्फर हेक्साफ्लोराइड आधारित गैस स्विचगियर की तकनीक वाले उपकरणों को एक ही मॉडल में उपयोग में लाया जाता है।
- यह हाइब्रिड तकनीक सब स्टेशनों में उपयोग होने वाली जगह में 50% तक की कमी लाता है तथा नई स्थापना या विस्तारीकरण के लिये यह एक भरोसेमंद और लागत प्रभावी समाधान है।
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राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार 2018
चर्चा में क्यों?
18 अक्तूबर, 2021 को केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न श्रेणी के राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में मध्य प्रदेश की महिला शिल्पकार रशीदा-बी अब्दुल कादर खत्री का राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार वर्ष 2018 के लिये चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- शिल्पकार रशीदा-बी खत्री को यह पुरस्कार चादर पर ‘बाघ प्रिंट’ की बारीक कारीगरी के लिये प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बाघ प्रिंटिंग में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर आकर्षक लुक प्रदान किया है।
- ज्ञातव्य है कि रशीदा-बी खत्री को मध्य प्रदेश के धार ज़िले के ग्राम बाग में की जाने वाली बाघ प्रिंट ठप्पा छपाई कला में महारत हासिल है। वे एकमात्र महिला शिल्पकार हैं, जिन्हें इससे पूर्व भी वर्ष 2012 एवं 2014 में दो राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- रशीदा-बी खत्री बाघ प्रिंट के लिये दुनिया भर में जाने-माने वाले मशहूर मास्टर शिल्पकार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय यूनेस्को पुरस्कार विजेता स्व. अब्दुल कादर खत्री की पत्नी हैं। वर्ष 2019 में इनके पति के निधन के बाद इन्होंने अपने पुत्र आरीफ मोहम्मद, हामीद एवं मो. अली के साथ मिलकर बाघ प्रिंट शिल्प को बढ़ावा देने का जिम्मा उठाया।
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