इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Sep 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के लिये संचालित छात्रावासों की रैंकिंग में सीहोर ज़िला प्रथम

चर्चा में क्यों?

  • 18 सितंबर, 2023 को राज्य शिक्षा केंद्र, स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा यूट्यूब लाइव कार्यक्रम में प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के लिये संचालित छात्रावासों की सत्र 2022- 23 की रैंकिंग जारी की गई, जिसमें सीहोर ज़िले ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

प्रमुख बिंदु

  • संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि छात्रावासों के शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाना शासन की प्राथमिकता है। इस रैंकिंग प्रणाली को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य रहवासी सुविधाओं के साथ छात्रावासों में अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्थाओं हेतु स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जाग्रत करना है।
  • संचालक धनराजू ने बताया कि छात्रावासों के प्रदर्शन एवं कार्यक्षमता के मानकों पर कुल 100 अंकों में यह रैंकिंग तैयार की गई है।
  • रैंकिंग में स्वीकृत छात्रावासों की कार्यक्षमता के लिये 20 अंक, स्वीकृत सीटों पर नामांकन के लिये 20 अंक, छात्रावास के बच्चों के राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति में प्रदर्शन के लिये 20 अंक, ओलंपियाड में प्रदर्शन के लिये 20 अंक एवं वार्षिक परीक्षा परिणाम के लिये 20 अंक निर्धारित किये गए हैं।
  • कार्यक्षमता एवं प्रदर्शन के आधार पर जारी रैंकिंग के अनुसार सीहोर ज़िले ने प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वहीं रायसेन, देवास, डिंडोरी, मंडला, छिंदवाड़ा, अलीराजपुर, बड़वानी, इंदौर एवं धार क्रमश: प्रथम दस शीर्ष ज़िलों में हैं।
  • इसके साथ ही प्रदेश भर के छात्रावासों की भी रैंकिंग जारी की गई है। इसमें अलीराजपुर ज़िले के ग्राम जोहट का कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, छात्रावास प्रथम स्थान पर है।

मध्य प्रदेश Switch to English

10वें विज्ञान मेले में एम.पी. ट्रांसको के स्टाल को मिला द्वितीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

  • 18 सितंबर, 2023 को भोपाल के बी.एच.ई.एल. स्थित दशहरा मैदान में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय विज्ञान मेले में आकर्षण का केंद्र बने एम.पी. ट्रांसको (मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) के विविध जानकारियों से भरपूर स्टाल को सरकारी क्षेत्र के स्टॉल की श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • एम.पी. ट्रांसको की ओर से अधीक्षण अभियंता एस के दुबे, राजेश शांडिल्य, डी.एस. बिसेन, आर.सी. शर्मा, कार्यपालन अभियंता अतुल नाबर, ए.के. श्रीवास्तव, सहायक अभियंता आशीष जैन ने भोपाल में इस राज्य स्तरीय विज्ञान मेले के समापन अवसर पर यह पुरस्कार प्राप्त किया।
  • एम.पी. ट्रांसको ने ट्रांसमिशन लाइनों के मॉडल के साथ गैस इंसूलेटेड सबस्टेशन, ऑप्टिकल फाइबर केबल्स, वर्किंग मॉडल ऑफ ऑप्टिकल फाइबर, ऑनलाइन स्काडा, ऑनलाइन कैमरा डिस्प्ले आफ जी आई एस सबस्टेशन, फॉल्ट लोकेटर, परंपरागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशन के साथ मल्टी सर्किट ट्रांसमिशन लाइनों और सबस्टेशनों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न उपकरणों को मेले में मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।
  • इसके अलावा विभिन्न ग्राफिक्स, पोस्टर आदि के माध्यम से एम.पी. ट्रांसको की उपलब्धियों और विविध जानकारियों को भी प्रदर्शित किया गया।


मध्य प्रदेश Switch to English

वीरांगना रानी दुर्गावती की स्मृति में बनेगा 100 करोड़ रुपए की लागत का भव्य स्मारक

चर्चा में क्यों?

  • 18 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने जबलपुर प्रवास के दौरान कहा कि आगामी 5 अक्तूबर को रानी दुर्गावती के 500वें जन्मदिवस पर मदन महल की ज़मीन पर 100 करोड़ रुपए की लागत से भव्य स्मारक का भूमि-पूजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • यह भव्य स्मारक रानी दुर्गावती के शौर्य, वीरता, सेवा, सुशासन एवं गौरव का प्रतीक होगा तथा युगों-युगों तक रानी की स्मृति को जीवंत रखेगा।
  • मुख्यमंत्री ने अपने जबलपुर प्रवास के दौरान वेटनरी ग्राउंड में आयोजित 1857 की क्रांति के जनजातीय नायक राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुँवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर क्रांतिकारी राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुँवर रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया और उनके खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूँका। उनके इसी शौर्य एवं पराक्रम से भयभीत होकर अंग्रेजों ने उन्हें तोप के मुँह के सामने रखकर उड़ा दिया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय नायकों के बलिदानों को स्मरण करने के लिये प्रतिवर्ष प्रदेश शासन द्वारा 18 सितंबर को शहीद दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने गोंड साम्राज्य की शासिका वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य गाथा का उल्लेख करते हुए बताया कि रानी दुर्गावती ने अपने शौर्य और सामर्थ्य से एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी, जिसमें मदन-महल, गढ़ा मंडला, सिंग्रामपुर शामिल हैं। उन्होंने मुगल शासक अकबर से भी वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहूति दी, पर मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2