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स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Sep 2022
  • 1 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

17 सितंबर, 2022 को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताजनगरी आगरा के फाउंड्री नगर स्थित पीपीडीसी में प्रस्तावित फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर का वर्चुअली शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु 

  • 125 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस फ्लैटेड फैक्ट्री प्रोजेक्ट का शिलान्यास नवरात्रि में किया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री ने शिलान्यास कार्यक्रम में तब्दीली करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर इसका शिलान्यास किया।
  • प्रदेश की इस पहली फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर में एक ही छत के नीचे 200 उद्यमी अपनी फैक्ट्री लगा सकेंगे। 21,500 वर्ग मीटर ज़मीन पर प्रस्तावित फ्लैटेड फैक्ट्री में चार लाख वर्ग फीट का कंस्ट्रक्शन एरिया होगा। पाँच मंजिला भवन में नौ लिफ्ट लगाई जाएंगी।
  • उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग ने बताया कि ईको फ्रेंडली फैक्ट्री परिसर में तीन मेगावाट का सबस्टेशन, बारिश का पानी रोकने और सौर ऊर्जा की व्यवस्था रहेगी। फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में उद्यमी आते ही अपना काम शुरू कर सकता है। यहाँ सिर्फ उसे अपनी मशीनरी लगाकर प्लग ऑन करना है, इसके साथ ही उनका उत्पादन शुरू जाएंगा।
  • राकेश गर्ग के अनुसार उद्यमियों को वास्तविक लागत मूल्य पर फैक्ट्री की जगह उपलब्ध कराई जाएगी। गैर-प्रदूषणकारी व्हाइट कैटेगरी में दर्ज उद्योग गारमेंट इंडस्ट्री को प्राथमिकता दी जाएगी, वहीं नए स्टार्टअप भी यहाँ जगह पाएंगे। एक जगह ही गारमेंट की फैक्ट्री होने से आने वाले खरीदारों को एक ही जगह पर सभी ऑर्डर देने की सुविधा मिलेगी। यहाँ डिस्प्ले और सभागार भी बनाया जाएगा।
  • प्रदेश की पहली फ्लैटेड फैक्ट्री की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें-
    • चार मंजिला परिसर में स्थापित होंगी औद्योगिक इकाइयाँ।
    • फाउंड्री नगर में प्रस्तावित इमारत 21,500 वर्ग मीटर में होगी।
    • हर फ्लोर पर एक लाख वर्ग फीट एरिया का उपयोग होगा।
    • सामान, कर्मचारियों के लिये नौ लिफ्टें लगाई जाएंगी।
    • भूतल पर उद्योग संबंधी आपूर्ति के लिये सपोर्ट फैसिलिटी एरिया बनेगा।
    • कर्मचारियों के लिये कैंटीन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
    • रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर पैनल, एसटीपी बनाया जाएगा।
    • ज़ीरो डिस्चार्ज कैंपस होगा, बिजली का अलग सबस्टेशन होगा।
    • परिसर के दोनों ओर 18 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण होगा।
    • उद्योगों के लिये एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग ब्लॉक बनाया जाएगा।

राजस्थान Switch to English

512 नवीन इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 512 नई इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया। इन नवीन रसोइयों के संचालन के बाद प्रदेश में इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़कर 870 हो जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के इंदिरा रसोई संचालकों को सम्मानित भी किया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य कर रहीं सहयोगी संस्थाओं, पैंथर एजुकेशन सोसायटी जोधपुर, विद्या जन-जागरण संस्थान धौलपुर, श्रीनाथ शिक्षण प्रशिक्षण व स्वास्थ्य एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी रावतसर के प्रतिनिधियों को प्रोत्साहन राशि, मोमेन्टो तथा साफा पहनाकर एवं श्री मानव सेवा समिति भीलवाड़ा, टच स्टोन फाउंडेशन जयपुर तथा मेवाड़ विकलांग सेवा संस्थान चित्तौड़गढ़ के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति-पत्र एवं मोमेन्टो देकर सम्मानित किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में स्व. इंदिरा गांधी ने सबसे पहले गरीबों, पिछड़ों एवं वंचितों के कल्याण के लिये ‘गरीबी हटाओ’का नारा दिया था। इसी भाव से आमजन को पूरे सम्मान एवं सेवा भाव के साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा ‘इंदिरा रसोई योजना’का संचालन किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कोई भूखा न सोए’के संकल्प के साथ शुरू की गई ‘इंदिरा रसोई योजना’के माध्यम से कोरोना काल में 72 लाख लोगों को सरकार द्वारा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया। कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिये नि:शुल्क भोजन की भी व्यवस्था की गई।
  • इस योजना का लाभ विद्यार्थियों एवं श्रमिकों सहित सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। इस योजना के माध्यम से आमजन को मात्र 8 रुपए में पौष्टिक एवं भरपेट भोजन उपलब्ध हो रहा है। सरकार इस योजना में 17 रुपए प्रति थाली अनुदान दे रही है।
  • अब तक 358 इंदिरा रसोइयों से 7 करोड़ से ज़्यादा पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन की थालियाँ आमजन को परोसी जा चुकी हैं। 512 नई रसोइयों की स्थापना से इस संख्या को लगभग 14 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल्द ही और रसोइयाँ शुरू कर बजट घोषणा के अनुसार इंदिरा रसोइयों की संख्या 1000 की जाएगी।

राजस्थान Switch to English

जोधपुर में स्थापित होगी क्रिकेट अकादमी

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर के बरकतुल्लाह खाँ स्टेडियम में नवीनीकरण कार्यों के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए जोधपुर में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की क्रिकेट अकादमी स्थापित करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आसीए) और जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के मध्य समझौता-पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गए। इसमें आरसीए तथा जेडीए के सचिव ने हस्ताक्षर किये। इसी के साथ स्टेडियम के प्रबंधन और संचालन की ज़िम्मेदारी जेडीए ने आरसीए को सौंप दी।
  • उल्लेखनीय है कि जोधपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 31 करोड़ रुपए की लागत से बरकतुल्लाह खाँ स्टेडियम में विभिन्न नवीनीकरण कार्य करवाए गए हैं। इनमें खिलाड़ियों के लिये जिम, 26 हज़ार कुर्सियाँ, फिजियो रूम, एंटी डोपिंग रूम, प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल, मीडिया रूम के अलावा मुख्य मैदान और प्रैक्टिस मैदान में दो लाल मिट्टी और तीन काली मिट्टी की पिच अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप बनाई गई हैं।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला बजट युवाओं को समर्पित होगा, जिनमें खिलाड़ी भी शामिल हैं। उन्होंने युवाओं को बजट को लेकर सुझावों की अपील की और कहा कि बजट के समय सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सर्वहितकारी बजट बनाया जाएगा।
  • उन्होंने वैश्विक ज़रूरतों के अनुरूप शिक्षा के लिये अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों के संचालन तथा ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ का ज़िक्र करने के साथ ही प्रदेश की एक करोड़ 35 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन देने की बात कही, जिसमें 3 साल तक इंटरनेट सुविधा नि:शुल्क मिलेगी। इससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई आदि में सुगमता होगी।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 हुई जारी

चर्चा में क्यों?

17 सितंबर, 2022 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 जारी की। इससे न केवल प्रदेश में औद्योगिक विकास होगा, बल्कि शिल्पकार, दस्तकार और कारीगरों के रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री शकुंतला रावत जयपुर में राजस्थान एमएसएमई दिवस के मौके पर आयोजित उद्योग रत्न एवं निर्यात पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रही थीं। वाणिज्य मंत्री ने इस अवसर पर राजस्थान की हस्तकलाओं पर तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘राजस्थानी कारीगरी’का विमोचन भी किया।
  • इस अवसर पर प्रदेश में निर्यात संवर्धन के प्रोत्साहन के लिये 29 निर्यातकों को निर्यात प्रोत्साहन अवार्ड्स और विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये 13 उद्यमियों को उद्योग रत्न अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया।
  • इसके अलावा इन्वेस्ट राजस्थान समिट के लिये 29 उद्यमियों के साथ 14 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश एमओयू का भी आदान-प्रदान हुआ।
  • उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य की प्रथम हस्तशिल्प नीति लागू होने से टेक्सटाइल, मेटल एंड वुड, कारपेट, दरी, नमदा, सेरेमिक एवं क्लेआर्ट, पेन्टिंग, लेदर क्राफ्ट, ज्वैलरी आदि के दस्तकारों को लाभ होगा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 50 हज़ार से अधिक नए रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • उन्होंने कहा कि राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2022 का उद्देश्य हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिये बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था, परंपरागत कलाओं एवं विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जिवित करना और रोज़गार के नए अवसर सृजित करना है।

मध्य प्रदेश Switch to English

नवंबर में प्रदेश भर में आयोजित होगी महा उपभोक्ता लोक अदालत

चर्चा में क्यों?

17 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की रजिस्ट्रार अलका श्रीवास्तव ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति शांतनु एस. केमकर के मार्गदर्शन में 12 नवंबर, 2022 को महा उपभोक्ता लोक अदालत का आयोजन ज़िला स्तर पर सभी उपभोक्ता अदालतों में किया जायेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • उपभोक्ता संबंधी मामलों के त्वरित निराकरण के लिये 12 नवंबर को महा उपभोक्ता लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।
  • अलका श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य आयोग एवं प्रदेश के ज़्ला उपभोक्ता आयोगों में विचाराधीन बैंकिंग, बीमा, विद्युत, चिकित्सा, टेलीफोन, कृषि, ऑटोमोबाइल्स, हाउसिंग, एयरलाइंस, रेलवे सहित विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं से संबंधित प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही महा उपभोक्ता लोक अदालत के माध्यम से की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोगों में 17 सितंबर, 2022 को आयोजित बृहद् लोक अदालत स्थगित कर दी गई थी।
  • उपभोक्ता संबंधी मामलों के त्वरित निराकरण के लिये 12 नवंबर को महा उपभोक्ता लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।      

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘चिरायु’ योजना में 1.76 लाख बच्चों का हुआ इलाज

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जन-संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ‘चिरायु’योजना के माध्यम से प्रदेश के एक लाख 76 हज़ार बच्चों का इलाज किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • ‘चिरायु’योजना के तहत 18 दिसंबर, 2018 से अब तक विभिन्न हृदय रोगों से पीड़ित 3081, होंठ एवं तालु की विकृति वाले 603, क्लबफुट वाले 670 और जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त 334 बच्चों का उपचार किया जा चुका है।
  • ‘चिरायु’योजना में इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 21 हज़ार 96 बच्चों का इलाज किया गया है।
  • बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिये प्रदेश भर में 330 चिरायु दल कार्यरत् हैं। ये प्रदेश भर के स्कूलों और आँगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच कर उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचान कर नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करते हैं।
  • मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिह्नांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्चस्तरीय जाँच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2014 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। इसका उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों में फोर-डी (4D), यानि डिफेक्ट एट बर्थ, डिज़ीज़, डिफिसिएंसी एंड डेवलपमेंट डिलेस इन्क्लुडिंग डिसएबिलिटी (Defect at birth, Disease, Deficiency & Development delays including disability) की जाँच कर शीघ्र उपचार उपलब्ध करना है।
  • इसके तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में रेफर भी किया जाता है।
  • ‘चिरायु’योजना के अंतर्गत जन्म से छह सप्ताह की आयु के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी पॉइंट के स्टॉफ द्वारा, छह सप्ताह से छह वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में और छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में चिरायु दलों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

उत्तराखंड Switch to English

प्राथमिक स्तर के बाद अब उच्च शिक्षा में भी लागू हो सकती है नई शिक्षा नीति

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में प्राथमिक स्तर के बाद इसी माह उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उच्च शिक्षा में नई नीति की शुरुआत करेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के चलते वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया गया था, लेकिन अब इसे समाप्त कर सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाएगा।
  • नई शिक्षा नीति के तहत जो पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, उसमें 70 फीसदी पाठ्यक्रम सभी विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू रहेगा, जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बदल सकेंगे। पाठ्यक्रम को रोज़गारपरक भी बनाया गया है।
  • विदित है कि राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किये जाने के लिये माध्यमिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई थी। उच्च शिक्षा मंत्री को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया था।
  • इसके अलावा कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी की अध्यक्षता में दून विश्वविद्यालय, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय एवं अल्मोड़ा विश्वविद्यालय के कुलपतियों को सदस्य नामित कर पाठ्यक्रम निर्माण समिति गठित की गई थी।
  • गौरतलब है कि जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत ‘बाल वाटिका’ शुरू की थी। इससे उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जिसने अपने यहाँ नई शिक्षा नीति सबसे पहले लागू की।
  • इसके तहत प्राथमिक स्कूल परिसर में चल रहे 4447 आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका के रूप में शुरू किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी को ‘बाल वाटिका’ का नाम दिया गया है। इसके लिये अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय, तीन डीम्ड यूनिवर्सिटी, एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 12 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में स्थापित होगा 100 बेड क्षमता का आयुष ग्राम

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति और निवेश को बढ़ावा देने के लिये 100 बेड क्षमता का आयुष ग्राम स्थापित किया जाएगा। इसके लिये केरल की आर्य वैद्यशाला ने सहमति जताते हुए आयुर्वेद विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने की बात कही।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि उत्तराखंड को आयुष हब बनाने की दिशा में हाल ही में आयुर्वेद क्षेत्र में काम कर रही केरल की आर्य वैद्यशाला के प्रतिनिधिमंडल ने हरिद्वार स्थित ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज का दौरा किया और राज्य के साथ मिलकर आयुर्वेद पर शोध कार्यों के लिये विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने पर सहमति जताई।
  • प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.), मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, आयुष सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय के साथ बैठक कर आयुर्वेद को बढ़ावा देने के रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की।
  • राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को पंचकर्म, मर्म चिकित्सा को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही, दैनिक जीवन में सगंध पौध व जड़ी-बूटी के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 179 से अधिक एरोमा और 200 से अधिक जड़ी-बूटी पाई जाती है।
  • प्रतिनिधिमंडल में शामिल आर्य वैद्यशाला के सीईओ डॉ. जीसी गोपाला पिल्लई ने आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े ‘वेलनेस’शब्द की जगह ‘वेलबीइंग’का प्रयोग करने का सुझाव दिया।

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