मध्य प्रदेश Switch to English
उच्च न्यायालय ने लहसुन को सब्ज़ी की श्रेणी में रखा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने लहसुन को आधिकारिक तौर पर सब्ज़ी घोषित कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- इस निर्णय से किसानों को लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि इससे वे एजेंटों को कमीशन दिये बिना सीधे बाज़ार में लहसुन बेच सकेंगे।
- वर्ष 2015 में मध्य प्रदेश के एक किसान संगठन ने मंडी बोर्ड से लहसुन को सब्ज़ी के रूप में वर्गीकृत करने का आग्रह किया था।
- हालाँकि कृषि विभाग ने जल्द ही इस निर्णय को पलट दिया और लहसुन को कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम, 1972 के तहत मसाले के रूप में फिर से वर्गीकृत कर दिया।
- इसके कारण वर्ष 2016 में आलू, प्याज़ और लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने कानूनी चुनौती दी।
- वर्ष 2017 में एकल न्यायाधीश ने एसोसिएशन के पक्ष में निर्णय सुनाया, जिससे लहसुन को सब्ज़ी के रूप में बेचने की अनुमति मिल गई।
लहसुन
- वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से लहसुन (Allium sativum) को सब्ज़ी माना जाता है, क्योंकि इसमें एक गाँठ/कंद, लंबा तना और लंबी पत्तियाँ होती हैं।
- लहसुन और प्याज़ की विशिष्ट गंध सल्फर युक्त रसायनों की उपस्थिति के कारण होती है।
- 6-8 की pH रेंज की अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ दोमट मृदा में लहसुन की अच्छी पैदावार होती है। कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध मृदा, उनकी नमी और पोषक तत्त्वों की धारण क्षमता के अतिरिक्त क्रस्टिंग तथा कॉम्पैक्शन के न्यूनतम ज़ोखिम के कारण वांछनीय होती है। कठोर मृदा के कारण गाँठ/कंद विकृत हो सकते हैं, जबकि खराब जल निकासी वाली मृदा के कारण गाँठ का रंग फीका पड़ सकता है।
- लहसुन समुद्र तल से 1200-2000 मीटर की ऊँचाई पर उगता है। वृद्धि के दौरान ठंडी, नम जलवायु और परिपक्वता के दौरान गर्म, शुष्क मौसम की आवश्यकता होती है
- उत्पादन: चीन में आपूर्ति शृंखला के मुद्दों के कारण भारत वर्ष 2023 में रिकॉर्ड उच्च निर्यात के साथ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लहसुन निर्यातक बन गया है।
- भारतीय लहसुन फलेक्स पश्चिम एशियाई देशों में अधिक लोकप्रिय हो गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, मलेशिया, ब्राज़ील, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम भारत के मुख्य लहसुन निर्यात बाज़ार हैं।
- भौगोलिक संकेत टैग:
- मध्य प्रदेश का GI-टैग वाला लहसुन रियावान लहसुन, अन्य किस्मों की तुलना में अपनी उच्च उपज, तीखे और प्रबल स्वाद तथा अधिक तेल सामग्री के लिये प्रसिद्ध है।
- कोडईकनाल मलाई पूंडू (पहाड़ी लहसुन) तमिलनाडु का एक GI-टैग वाला लहसुन है, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी क्षमता के कारण औषधीय तथा संरक्षक गुणों के लिये जाना जाता है, जो कि लहसुन की किस्मों की तुलना में ऑर्गेनोसल्फर यौगिकों, फिनोल एवं फ्लेवोनोइड्स की उच्च मात्रा की उपस्थिति के कारण है।
- केरल का GI-टैग वाला लहसुन कंथल्लूर वट्टावडा वेलुथुली अपनी तीखी खुशबू और स्वाद के लिये मशहूर है। कंथल्लूर और वट्टावडा के ऊँचे इलाकों में उगाया जाने वाला यह छोटा-सा लहसुन अपने औषधीय गुणों एवं पाक-कला में इस्तेमाल के लिये मशहूर है।
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