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हथनीकुंड डैम प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
18 अगस्त, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महत्त्वाकांक्षी हथनीकुंड डैम परियोजना की हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार की गई प्राथमिक रिपोर्ट को केंद्रीय जल आयोग को समक्ष भेजने की मंज़ूरी दी। जल आयोग के अतिरिक्त यह रिपोर्ट पाँच राज्यों में भी भेजी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हथनीकुंड डैम हरियाणा सरकार का एक महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण में यह रिपोर्ट बेहद अहम है। हर वर्ष बारिश के दिनों में पानी बर्बाद होता है और यमुना नदी के क्षेत्र में बाढ़ आती है। इसी के चलते हरियाणा सरकार ने हथनीकुंड में डैम बनाने का निर्णय लिया है।
- इस डैम का कैचमेंट एरिया लगभग 11,170 स्क्वायर किमी. होगा। इसके बनने से हरियाणा को न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि पानी की आपूर्ति भी होगी। हथिनीकुंड डैम की वार्षिक बिजली उत्पादन क्षमता 763 एमयू होगी।
- यह डैम हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में बनाया जाना है। इस रिपोर्ट को केंद्रीय जल आयोग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को भेजा जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हथनीकुंड डैम के बनने से आसपास के क्षेत्र में ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग होगी और इससे किसानों को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त यमुना नदी के क्षेत्र में हर वर्ष बारिश के दिनों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। इससे किसानों की फसलें खराब हो जाती हैं। डैम के बनने से बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगी।
- इस डैम के बनने का फायदा रेणुका, किसाऊ और लखवार, तीनों डैम को मिलेगा। इन तीनों डैम का बैलेंसिंग रिजरवायर फंक्शन हथनीकुंड डैम को बनाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि डैम बिजली और पानी की आपूर्ति तो करेगा ही, साथ ही इसे पर्यटन का केंद्र भी बनाया जाएगा। कोई भी डैम पर्यटन की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण होता है।
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