‘विज़न ज़ीरो मध्य प्रदेश’ | मध्य प्रदेश | 19 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
18 अगस्त, 2021 को मध्य प्रदेश परिवहन एवं राजस्व विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सड़क दुर्घटनाएँ रोकने और घायलों की जान बचाने के लिये सुरक्षित परिवहन प्रणाली पर आधारित ‘विज़न ज़ीरो मध्य प्रदेश’ योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि सड़क दुर्घटनाओं में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। इसे ध्यान में रखते हुए पाँच स्तंभों पर आधारित ‘विज़न ज़ीरो मध्य प्रदेश’ योजना तैयार की गई है। इसमें सुरक्षित गति, सुरक्षित रोड, सुरक्षित वाहन, सुरक्षित चालक व्यवहार और दुर्घटना उपरांत सहायता शामिल हैं।
- परिवहन के साथ अन्य विभागों के सहयोग से एवं स्वयंसेवी संस्थाओं सहित संपूर्ण समाज की भागीदारी से ‘विज़न ज़ीरो मध्य प्रदेश’ को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
- इस अवसर पर परिवहन मंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिये सभी नागरिकों को अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।
- परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने कहा कि दुर्घटना के बाद घायल के लिये पहला घंटा काफी अहम होता है, यदि एक घंटे के भीतर घायल को अस्पताल पहुँचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाने में मदद करने वालों से अब कोई पूछताछ नहीं होती, अपितु उनका सम्मान किया जाता है।
- अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना ने सभी प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई।
दस्तक अभियान | मध्य प्रदेश | 19 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2021 से 18 अगस्त, 2021 तक प्रदेश में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर और रुग्णता को दूर करने के लिये आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं का एक पैकेज देने के एक दृष्टिकोण के रूप में ‘दस्तक अभियान’ चलाया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान को न्यूट्रीशन इंटरनेशनल द्वारा समर्थित किया गया है, जो एक वैश्विक पोषण संगठन है तथा जरूरतमंद लोगों को कम लागत, उच्च प्रभाव वाले पोषण हस्तक्षेप प्रदान करने पर केंद्रित है।
- न्यूट्रीशन इंटरनेशनल सूचना, शिक्षा और संचार सामग्री के नियोजन एवं रणनीति निर्माण, अभिविन्यास, निगरानी, समीक्षा और विकास में अभियान का समर्थन करता रहा है।
- राज्य के स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के नेतृत्त्व में दस्तक अभियान का उद्देश्य एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं सहित फ्रंटलाइन कार्यकर्त्ताओं की मदद से कुपोषित बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उनका प्रबंधन करना तथा पाँच साल से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएँ प्रदान करना है।
- फ्रंटलाइन कार्यकर्त्ता पाँच साल तक के बच्चों वाले परिवारों की पहचान करने के लिये घर-घर दस्तक देते हैं और डायरिया, गंभीर एनीमिया, गंभीर तीव्र कुपोषण तथा कोविड-19 जैसी बीमारियों के लिये उनकी जाँच करते हैं।
- किसी भी प्रकार के कुपोषण या बीमारी का पता चलने पर उनके रेफरल और उपचार की व्यवस्था की जाती है। दस्तक अभियान के माध्यम से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ता एनीमिया की रोकथाम के लिये आयरन और फोलिक एसिड सिरप, डायरिया के प्रबंधन के लिये ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) पैकेट और ज़िंक की गोलियाँ भी वितरित करते हैं तथा बच्चे को विटामिन ए की खुराक प्रदान करते हैं।