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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Jul 2023
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राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

18 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक-2023 पर चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।  

प्रमुख बिंदु  

  • यह विधेयक प्रदेश में संगठित अपराधों पर रोक लगाने तथा पुलिस को सशक्त बनाने के लिये लाया गया है। इस अधिनियम के प्रावधान राज्य में संगठित अपराध को नियंत्रित करने में कारगर साबित होंगे। 
  • विधेयक में अपराधियों द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त करने के साथ ही विशेष न्यायालयों की स्थापना एवं विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति करने के प्रावधान किये गए हैं, ताकि मुकदमों का शीघ्र निस्तारण हो सके। इसमें अपराधियों की जमानत एवं अग्रिम जमानत नहीं होने के भी प्रावधान किये गए हैं। 
  • संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने बताया कि राज्य में अपराध की प्रवृत्तियों के अध्ययन से यह प्रकट हुआ है कि पिछले दशक में राज्य में अपराध के पैटर्न में बदलाव आया है। आपराधिक गिरोहों ने शूटर, मुखबिर, गुप्त सूचना देने वाले और हथियार आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर संगठित नेटवर्क स्थापित कर लिये हैं।  
  • ये संगठित गिरोह मुख्य रूप से कॉन्ट्रेक्ट किलिंग, व्यवसायियों को धमकी देकर फिरौती मांगने, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगीन अपराधों में लिप्त हैं। ये गिरोह कानून और प्रक्रिया के सुधारात्मक और पुनर्वास संबंधी पहलुओं का लाभ उठाते हुए अपराध करने के लिये अभिरक्षा से रिहा भी हो जाते हैं। कुछ समय से इन अपराधियों ने जनता में डरावनी छवि बना ली है। इसलिये इन अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये आवश्यक कठोर कानून की यह विधेयक पूर्ति करेगा। 
  • इस अधिनियम की धारा-28 के अंतर्गत उच्च न्यायालय को विशेष न्यायालयों के संबंध में नियम बनाने की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। वहीं धारा-29 के अंतर्गत राज्य सरकार अधिनियम के प्रयोजनों को क्रियान्वित करने के लिये नियम बना सकेगी।  
  • दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-5 के अंतर्गत राज्य सरकार विशेष प्रक्रिया के कानून बना सकती है, जिसके अंतर्गत यह विधेयक लाया गया है। इस तरह का कानून बनाने वाला राजस्थान देश का चौथा राज्य है। पूर्व में महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गुजरात में इस तरह के कानून लागू किये जा चुके हैं। 
  • इससे पूर्व जनमत जानने हेतु विधेयक को परिचालित करने का प्रस्ताव सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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प्रदेश के 36 विद्यालयों में 45 नवीन विषय होंगे प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

18 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश के 36 विद्यालयों में 45 नवीन विषय शुरू करने तथा इन विषयों के अध्यापन के लिये आवश्यक पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।  

प्रमुख बिंदु  

  • प्रदेश के 36 विद्यालयों में से 27 में 1-1 विषय और 9 विद्यालयों में 2-2 विषय शुरू होंगे। इनमें जयपुर के 6, अलवर के 4, भरतपुर, दौसा, जालौर के तीन-तीन, बांसवाड़ा, चूरू, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, नागौर के दो-दो, अजमेर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, करौली, सीकर, टोंक तथा उदयपुर एक-एक विद्यालय शामिल हैं।  
  • इन विद्यालयों में नवीन विषयों की शुरुआत के लिये प्रति विषय स्कूल व्याख्याता का एक-एक पद सृजित किया जाएगा। इस प्रकार कुल 45 पदों का सृजन होगा।  
  • इसके अतिरिक्त अलवर एवं उदयपुर के एक-एक विद्यालय में जीव विज्ञान विषय प्रारंभ किया जाएगा। इन विद्यालयों हेतु प्रयोगशाला सहायक के एक-एक पद का भी सृजन किया जाएगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 बजट में नवीन विषय प्रारंभ करने की घोषणा की थी।  
  • इस मंजूरी से विद्यार्थियों को अपने-अपने निवास के पास ही पसंदीदा विषय चुनकर पढ़ने के अवसर मिलेंगे।  

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