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स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Jun 2023
  • 2 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

गीता प्रेस, गोरखपुर को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया जाएगा

चर्चा में क्यों?

18 जून, 2023 को पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से वर्ष 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिये गीता प्रेस, गोरखपुर का चयन किया है।  
  • यह पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी आदर्शों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट योगदान के लिये दिया जा रहा है। 
  • विदित है कि वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस विश्व में सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है। इसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकों का प्रकाशन किया है, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमदभगवद् गीता पुस्तकें शामिल हैं।  
  • इस संस्था ने राजस्व सृजन के लिये कभी भी अपने प्रकाशनों हेतु विज्ञापन नहीं लिये। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ जीवन के उत्तरोत्तर विकास और सर्वजन-कल्याण के लिये प्रयासरत् है। 
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गीता प्रेस को अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना संस्थान द्वारा सामुदायिक सेवा में किये गए कार्यों की सराहना करना है। 
  • गांधी शांति पुरस्कार 2021, मानवता के सामूहिक उत्थान में योगदान देने के लिये गीता प्रेस के महत्त्वपूर्ण और अद्वितीय योगदान को मान्यता देता है, जो सच्चे अर्थों में गांधीवादी जीवन शैली का प्रतीक है। 
  • उल्लेखनीय है कि गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।  
  • यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग के भेदभाव के बगैर सभी व्यक्तियों के लिये खुला है। 
  • पुरस्कार में एक करोड़ रुपए की राशि, एक प्रशस्ति-पत्र, एक पटिेका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा विशिष्ट कृति प्रदान की जाती है। 
  • पूर्व पुरस्कार विजेताओं में इसरो, रामकृष्ण मिशन, बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक, विवेकानंद केंद्र (कन्याकुमारी), अक्षय पात्र (बंगलूरू), एकल अभियान ट्रस्ट (भारत) और सुलभ इंटरनेशनल (नई दिल्ली) जैसे संगठन शामिल हैं।  
  • यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला, तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरे, श्रीलंका के सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. ए.टी. अरियारत्ने, जर्मनी संघीय गणराज्य के डॉ. गेरहार्ड फिशर, बाबा आमटे, आयरलैंड के डॉ. जॉन ह्यूम, चेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति वाक्लेव हवेल, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू,  चंडी प्रसाद भट्ट और जापान के योही ससाकावा शामिल हैं। 
  • हाल के वर्षों में 2019 में ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद और 2020 में बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।


बिहार Switch to English

चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ उद्योग श्रेणी में एनटीपीसी बरौनी को मिला शीर्ष पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में एनटीपीसी बरौनी को सर्वश्रेष्ठ उद्योग श्रेणी में शीर्ष पुरस्कार प्रदान किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह और एनटीपीसी बरौनी के परियोजना प्रमुख राजीव खन्ना को यह पुरस्कार प्रदान किया। 
  • यह देश का चौथा राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2022 है। कार्यक्रम में 11 विभिन्न श्रेणी में 41 विजेताओं को सम्मानित किया गया। 
  • एनटीपीसी ने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिये निरंतर और समर्पित प्रयास किये हैं तथा इन प्रयासों ने इसकी सफलता में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।  
  • एनटीपीसी ने जल संसाधनों के संरक्षण और प्रभावी प्रबंधन के लिये कई नवीन पहलों को लागू किया है। एनटीपीसी की कोशिशों से न केवल पानी की बचत हुई है, बल्कि इससे पर्यावरणीय प्रभावों में भी कमी आई है।


बिहार Switch to English

चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में बिहार को मिला तृतीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में बिहार को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार तथा जल जीवन हरियाली मिशन के मिशन निदेशक राहुल कुमार को यह पुरस्कार प्रदान किया।
  • जल जीवन हरियाली मिशन के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि जल जीवन हरियाली अभियान की प्रशंसा आज देश-दुनिया के कई मंचों से हो रही है। पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को लक्षित ऐसा राज्यव्यापी अभियान चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। भारत सरकार के केंद्रीय भूमि जल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में इस अभियान की सराहना करते हुए राज्य के भू-गर्भ जल में बढ़ोतरी प्रतिवेदित किया है।
  • उन्होंने बताया कि साढ़े तीन वर्षों की संचालन अवधि में जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत लगभग तीस हज़ार सार्वजनिक तालाबों, पोखरों, आहरों, पईनों एवं कुँओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। अस्सी हज़ार से अधिक सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार कराया गया है। 
  • भू-गर्भ जल के स्तर में अभिवृद्धि के उद्देश्य से राज्य भर में सार्वजनिक कुँओं एवं चापाकलों के किनारे लगभग डेढ़ लाख सोख्ता का निर्माण कराया गया है। छोटी-छोटी नदियों, नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में लगभग दस हज़ार चेक डैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। 
  • लगभग पैंतीस हज़ार नए जल स्रोत सृजित किये गए हैं। साढ़े तेरह हज़ार सार्वजनिक भवनों पर छत वर्षा जल संचयन का कार्य कराया गया है। अभियान के अंतर्गत कृषि कार्यों में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति पर भी बल दिया जा रहा है।
  • विदित है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 2 अक्टूबर, 2019 को जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना तथा पर्यावरण संरक्षण है। 
  • इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर में 11 चिह्नित अवयवों का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराना, उनका जीर्णोद्धार, छत वर्षा जल संचयन, व्यापक स्तर पर सोख्ता निर्माण, नए जल स्रोतों का सृजन तथा सूक्ष्म सिंचाई जैसे कार्य सम्मिलित हैं। 
  • राज्य के 15 विभागों के समन्वय से संचालित इस अभियान का का अनुश्रवण ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जल-जीवन- हरियाली मिशन के स्तर से किया जा रहा है।


राजस्थान Switch to English

वन्य जीवों के संरक्षण हेतु 9 करोड़ रुपए स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

18 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के तीन स्थानों पर वन्य जीव संरक्षण के लिये विकास कार्यों हेतु 9 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं।  

प्रमुख बिंदु  

  • उक्त राशि से राज्य के पालीघाट सवाई माधोपुर (राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य) में घड़ियालों के संरक्षण के लिये 2 करोड़ रुपए, खींचन जोधपुर में कुरजां संरक्षण के लिये 2 करोड़ रुपए एवं राष्ट्रीय मरु उद्यान में गोडावन संरक्षण के लिये 5 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जाएंगे।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में राज्य बजट 2023-24 में घोषणा की थी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान किसान महोत्सव

चर्चा में क्यों?

18 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में चल रहे तीनदिवसीय राजस्थान किसान महोत्सव का समापन किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • राजस्थान किसान महोत्सव जैसे आयोजनों से किसानों को खेती की नई तकनीकों और कृषि उपकरणों के बारे में जानकारी मिलेगी तथा उनके उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। 
  • इस अवसर पर ‘आत्मा योजना’के तहत कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार करने वाले प्रगतिशील 10 किसानों एवं पशुपालकों को राज्यस्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रत्येक किसान को 50 हज़ार रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।  
  • इनमें जयपुर ज़िले से रूकमा देवी, टोंक से भूरी देवी मीणा, बाड़मेर से धर्माराम, डूँगरपुर से नारायण, भीलवाड़ा से कमला देवी, श्रीगंगानगर से पुनीत चौधरी, जैसलमेर से खुशालाराम, राजसमंद से बालूसिंह, धौलपुर से नीरज कुमार त्यागी तथा टोंक से भरतराम शामिल रहे। 
  • इस दौरान ‘कृषक कल्याण को समर्पित 4 वर्ष’विषय तथा राजस्थान किसान ऐप पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खेती और किसान को प्राथमिकता देते हुए नीतियाँ और कार्यक्रम बनाए हैं। कृषकों और पशुपालकों को समृद्ध और खुशहाल बनाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिये 12 कृषि मिशन शुरू किये गए हैं और प्रत्येक बिंदु पर योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। 
  • उन्होंने कहा कि राज्य के 21 लाख किसानों का 15 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया। किसानों के लिये देश में पहली बार पृथक् कृषि बजट पेश किया गया। कृषि का बजट 2018-19 की तुलना में लगभग दोगुना कर दिया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने तथा 2000 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली देने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। 
  • राज्य के युवा उद्यमियों के लिये एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें उद्योग लगाने के लिये सरकार द्वारा दी जाने वाली ज़रूरी अनुमतियों में 5 वर्ष की छूट दी गई है।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लम्पी रोग से पीड़ित 40 हज़ार से अधिक पशुपालकों को 175 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी। ऐसा फैसला करने वाला राजस्थान देश का इकलौता राज्य है।  
  • उन्होंने कहा कि दो दुधारू पशुओं का 40-40 हज़ार रुपए का बीमा किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादकों को दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान दिया जा रहा है। अब राजस्थान दुग्ध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर आ गया है। 


राजस्थान Switch to English

विभिन्न ज़िलों के 441 गाँवों में खुलेंगे नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार तथा आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के 441 गाँवों में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र हेतु महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता का एक-एक पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्रदान की है। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री की इस मंज़ूरी से प्रदेश की गाँव-ढाणी में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा तथा स्थानीय लोगों को क्षेत्र में ही बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
  • प्रस्ताव के अनुसार बाड़मेर के 39, दौसा के 33, जयपुर-प्रथम के 25, सीकर के 25, अलवर के 23, जैसलमेर के 22, नागौर के 20, झुन्झूनूं के 20, भरतपुर के 19, अजमेर के 17, डूँगरपुर के 15, हनुमानगढ़ के 15, करौली के 14, चूरु के 14, जयपुर-द्वितीय के 14, बारां के 14, भीलवाड़ा के 12, जोधपुर के 12 नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। 
  • इनके अलावा टोंक के 12, राजसमंद के 10, कोटा के 9, बीकानेर के 9, धौलपुर के 6, बूंदी के 6, उदयपुर के 6, बांसवाड़ा के 5, चितौड़गढ़ के 5, सवाई माधोपुर के 5, गंगानगर के 5, सिरोही के 4, जालोर के 4 एवं पाली के 2 सहित कुल 441 गाँवों में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।  
  • उप स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन भवन निर्माण होने तक उपलब्ध राजकीय भवन अथवा किराये के भवन में किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र हेतु महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता का 1-1 पद (कुल 441 पद) सृजित किया जाएगा।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट 2023-24 में प्रदेश में नवीन उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड ने आईआईटी जोधपुर में अपनी पहली रूफटॉप सौर विद्युत परियोजना शुरू की

चर्चा में क्यों?

16 जून, 2023 को पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) ने 14 जून, 2023 को आईआईटी जोधपुर (राजस्थान) में अपनी पहली रूफटॉप सौर फोटोवोल्टिक परियोजना शुरू की है।  

प्रमुख बिंदु  

  • एक मेगावाट ग्रिड से जुड़ी यह सौर परियोजना 25 साल के विद्युत खरीद समझौते की अवधि के लिये नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) मॉडल के तहत एनवीवीएन द्वारा लागू की गई है।  
  • आरईएससीओ मॉडल के तहत रूफटॉप सौर संस्थापन की स्थापना के लिये एक नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (रेस्को) संपूर्ण सौर ऊर्जा संयंत्र (रूफ या ग्राउंड-माउंटेड) का डिज़ाइन, निर्माण, धन और संचालन करती है और उपभोक्ता प्रति किलोवाट विद्युत उत्पादन से सुनिश्चित मासिक यूनिटों के लिये विकासकर्त्ता को भुगतान करता है तथा डिस्कॉम उत्पादित विद्युत इकाइयों को उपभोगता के विद्युत बिल में समायोजित करता है। 
  • यह परियोजना आईआईटी जोधपुर के परिसर में 14 भवनों की छतों पर स्थापित की गई है। इस परियोजना से प्रति वर्ष लगभग 14.9 लाख यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा और इससे आईआईटी जोधपुर की 15 प्रतिशत बिजली की आवश्यकता पूरी होगी।  
  • इस परियोजना के परिणामस्वरूप कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में प्रति वर्ष 1,060 टन की कमी आएगी। 
  • उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड का गठन वर्ष 2002 में देश में विद्युत व्यापार की क्षमता का उपयोग करने के लिये एनटीपीसी द्वारा किया गया था। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के नवीनतम विनियमन के अनुसार एनवीवीएन के पास उच्चतम श्रेणी ‘आई’का विद्युत व्यापार लाइसेंस है। 
  • एनवीवीएन जिप्सम का व्यापार कर रही है और यह अब नवीनीकरण,  ई-गतिशीलता, अपशिष्ट को हरित ईंधन में परिवर्तित करने के क्षेत्रों में अपना कार्य विस्तार कर रही है तथा विद्युत मूल्य श्रृंखला में समस्त व्यापार समाधान उपलब्ध करा रही है।


मध्य प्रदेश Switch to English

उत्कृष्ट जल प्रबंधन के लिये मध्य प्रदेश को मिला सर्वश्रेष्ठ राज्य का प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में मध्य प्रदेश को जल-संरक्षण, प्रबंधन एवं उपयोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • उप राष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अपर मुख्य सचिव एस.एन. मिश्र को प्रथम पुरस्कार के प्रशस्ति-पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया।  
  • यह देश का चौथा राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2022 है। कार्यक्रम में 11 विभिन्न श्रेणी में  41 विजेताओं को सम्मानित किया गया। 
  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इंदौर नगर निगम को जल आपूर्ति तथा वितरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन को प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी और एक लाख 50 हज़ार रुपए नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। 
  • मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि विगत 18 वर्ष में प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ कर 45 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसे वर्ष 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर किये जाने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। 
  • प्रदेश में बांध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन से जल पहुँचाने का नवाचार हुआ है। प्रदेश की मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजना, जिसकी सिंचाई क्षमता 2 लाख 25 हज़ार हेक्टेयर है, जल उपयोग दक्षता उन्नयन के क्षेत्र में अनुकरणीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्थापित हो चुकी है।


मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के संयुक्त क्राफ्ट बाज़ार का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

16 जून, 2023 को मध्य प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और आंध्र प्रदेश की प्रमुख सचिव के. सुनीता ने भोपाल के गोहर महल में दोनों राज्यों के संयुक्त ‘क्राफ्ट बाज़ार’का शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग मध्य प्रदेश शासन और वस्त्र मंत्रालय आंध्र प्रदेश द्वारा भोपाल में गोहर महल में 16 से 25 जून तक ‘क्राफ्ट बाजार’का आयोजन किया जा रहा है।  
  • आयुक्त सह प्रबंध संचालक संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम सूफीया वली फारूकी ने बताया कि 25 जून तक हो रहे ‘क्राफ्ट बाज़ार’में मध्य प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश के शिल्पियों द्वारा उत्पादित सामग्री विक्रय के लिये उपलब्ध है। 
  • आयुक्त हस्तशिल्प फारूकी ने बताया कि मध्य प्रदेश और आंध्रप्रदेश के बीच सहमति के आधार पर प्रदेशवासियों को आंध्र प्रदेश का शिल्प उपलब्ध कराने के लिये आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी एम्पोरियम की वस्तुओं को मृगनयनी शो-रूम में प्रदर्शित किया जाएगा। यह विक्रय के लिये भी उपलब्ध रहेगा।


हरियाणा Switch to English

बिजली संप्रेषण व आपूर्ति में डीएचबीवीएन पूरे भारत में चौथे स्थान पर

चर्चा में क्यों?

18 जून, 2023 को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के एक प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार डीएचबीवीएन बिजली संप्रेषण व आपूर्ति में पूरे भारत में चौथे स्थान पर है। 

प्रमुख बिंदु 

  • इसी प्रकार, फतेहाबाद ज़िला दो सालों में बिजली वितरण व संप्रेषण में प्रदेश में प्रथम रहा है। फतेहाबाद ज़िला में दो लाख 86 हज़ार बिजली के कनेक्शन हैं। 
  • विदित है कि ‘म्हारा गाँव जगमग गाँव योजना’के तहत सेड्यूल कट को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे व शहरी क्षेत्रों में 23 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है।
  • निगम के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में लोगों को बिजली की निर्बाध आपूर्र्ति करवाना प्रशासन की प्राथमिकता है। लोगों को सेड्यूल कट की जानकारी एसएमएस व समाचार- पत्रों के माध्यम से पहले ही दी जाती है।

हरियाणा Switch to English

कैबिनेट मंत्री ने रेवाड़ी के गाँवों में किया साढ़े छह करोड़ रुपए की नहर आधारित पेयजल परियोजना का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में विकास कार्यों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए राज्य के रेवाड़ी ज़िले के गाँव नांगल मूँदी व लाला ग्राम में लगभग साढ़े छह करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रही नहरी आधारित जल वितरण परियोजना का शिलान्यास किया।

  • प्रमुख बिंदु 
  • गाँव लाला में दो करोड़ 88 लाख रुपए व गाँव नांगल मूँदी में तीन करोड़ 47 लाख 60 हज़ार रुपए की नहरी जल परियोजना से इन दोनों गाँव के अलावा करीब के कई अन्य गाँव भी लाभान्वित होंगे। 
  • जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार की ‘हर घर नल से जल’ स्कीम के तहत गाँव के सभी घरों में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पीने का स्वच्छ जल वितरित किया जा रहा है। 
  • मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि यह सरकार की कल्याणकारी एवं व्यवस्था परिवर्तन की नीतियों का ही फल है कि बावल विधानसभा क्षेत्र में 2014 से पहले पेयजल की जो भीषण समस्या थी, उस समस्या से अब पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है।


हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिये कीं बड़ी घोषणाएँ

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए कई बड़ी घोषणाएँ कीं। 

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में राज्य में जितने भी राशन डिपो अलॉट होंगे, उनमें 33 प्रतिशत डिपो महिलाओं को देने का निर्णय सरकार ने लिया है। यदि कोई स्वयं सहायता समूह राशन डिपो के लिये आवेदन करता है तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी। 
  • इसके अलावा, पंचायत की ज़मीन या तालाब का मछली पालन के ठेके के लिये भी सेल्फ हेल्प ग्रुप आवेदन करता है तो उसे नीलामी की राशि में 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
  • बस स्टैंड पर भी जो दुकानें लॉटरी या किसी अन्य तरीके से आवंटित की जाएंगी तो 25 प्रतिशत सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के लिये आरक्षित रखी जाएंगी। यदि ये दुकानें नीलामी के माध्यम से आवंटित की जाएंगी तो एसएचजी को नीलामी की राशि में 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
  • यदि स्वयं सहायता समूह के किसी सदस्य के परिवार की आय 1.80 लाख रुपए से अधिक बढ़ती है तो 1 वर्ष के लिये उनका राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड नहीं काटा जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यालय में एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा, ताकि सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े लाभार्थी विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकें।
  • विदित है कि प्रदेश में वर्ष 2014 में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 812 थी। वर्ष 2014-15 में राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूह की ओर ध्यान दिया और पहले ही साल में 2100 नए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स बने और वर्तमान में प्रदेश में कुल 57,376 स्वयं सहायता समूह हैं। 
  • इन्हें 54 करोड़ 57 लाख रुपए रिवोलविंग फंड, लगभग 285 करोड़ रुपए सामुदायिक निवेश फंड और लगभग 880 करोड़ रुपए बैंक क्रेडिट लिंकेज प्रदान किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने रिवोलविंग फंड की राशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 20,000 रुपए कर दिया है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएचजी से जुड़कर महिलाएँ स्वरोज़गार अपनाकर अपने परिवार का पालन-पोषण तो कर ही रही हैं, साथ ही अन्य महिलाओं को भी रोज़गार के अवसर प्रदान कर रही हैं। इसलिये सेल्फ हेल्प ग्रुप की बजाय इन्हें ‘सोशल हेल्प ग्रुप’ कहना सार्थक होगा।
  • ‘हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ से जुड़ी हुई महिलाओं को सराहनीय कार्यों व समाज में योगदान देने के लिये विभिन्न संस्थाओं व संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है। ज़िला गुरुग्राम के गाँव चांदू निवासी पूजा शर्मा को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। 
  • मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान ही अधिकारियों को आदेश दिये कि एक पोर्टल विकसित किया जाए, जिस पर सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा बनाए गए उत्पादों की जानकारी डाली जाए। इन उत्पादों की गुणवत्ता को सर्टिफाई कर एक ब्रांड की पहचान दी जाए, ताकि लोग इस पोर्टल के माध्यम से सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पाद खरीद सकें। 
  • स्वयं सहायता समूहों द्वारा बने उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध करवाने के लिये स्वापन आजीविका मार्ट और सरस मेले वर्षभर आयोजित करने का कार्यक्रम बनाया है। इसके तहत तीज व दीपावली के अवसर पर पूरे प्रदेश में उपमंडल स्तर पर स्वापन आजीविका मार्ट आयोजित किये जाते हैं। 
  • राज्य में एसएचजी के लिये विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। कंप्यूटर का प्रशिक्षण प्राप्त कर तथा भारतीय बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान से उत्तीर्ण होकर 773 महिलाएँ बैंक सुविधा प्रदाता के तौर पर काम कर रही हैं। 
  • इसके अलावा, राज्य सरकार एसएचजी द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिये ‘पदमा स्कीम’ के तहत ‘वन ब्लॉक वन प्रोडक्ट’ को प्रोत्साहित कर रही है।
  • सिलाई प्रशिक्षण योजना के तहत कच्चा सामान खरीदने के लिये दी जाने वाली 150 रुपए की राशि को बढ़ाकर 300 रुपए और 100 रुपए मासिक भत्ते को बढ़ाकर 600 रुपए किया गया है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण उपरांत सिलाई मशीन भी दी जाती है। नवंबर, 2014 से अब तक 9,921 लाभार्थियों को 5 करोड़ 85 लाख 53 हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है।
  • स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध करवाने के लिये आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के तहत 149 लाभार्थियों को वाहन हेतु 5 करोड़ 41 लाख रुपए की ब्याज रहित राशि उपलब्ध करवाई गई है।


झारखंड Switch to English

विश्व परमाणु वैज्ञानिक कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे झारखंड के गिरिडीह के कुणाल वर्मा

चर्चा में क्यों?

18 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के गिरिडीह ज़िले के कुणाल वर्मा यूरोप के वियना में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित विश्व परमाणु वैज्ञानिक कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 19 जून से 27 जून तक परमाणु वैज्ञानिकों की एक कॉन्फ्रेंस यूरोप के वियना में आयोजित की जा रही है। कॉन्फ्रेंस में यूएनओ के सदस्य देशों के परमाणु वैज्ञानिक भाग लेंगे। 
  • भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कुणाल वर्मा ने आईआईटी हरिद्वार से बीटेक किया और फिर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से एमटेक इन न्यूक्लीयर साइंस में पढ़ाई पूरी की।
  • वर्तमान में वह भारत सरकार के न्यूक्लीयर फ्यूल्स कॉम्प्लेक्स में परमाणु वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत् हैं।


छत्तीसगढ़ Switch to English

राज्य में लघु वनोपज आधारित विकास कार्यों की प्रगति में वृत्त तथा वन मंडलवार जगदलपुर शीर्ष पर

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज आधारित विकास कार्यों की प्रगति में वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत वृत्त तथा वन मंडलवार जगदलपुर शीर्ष पर है।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार राज्य के सभी 6 वनवृत्तों और वन मंडलों में लघु वनोपज आधारित विकास कार्यों की रैंकिंग में जगदलपुर को प्रथम स्थान हासिल हुआ है।
  • प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ अनिल राय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें वृत्तवार प्रथम जगदलपुर के पश्चात् रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कांकेर तथा सरगुजा का स्थान है।
  • इसी तरह ज़िला यूनियनवार रैंकिंग में प्रथम जगदलपुर के पश्चात् कटघोरा तथा बालोद का स्थान है। इसके पश्चात् क्रमश: बलौदाबाज़ार, धमतरी, गरियाबंद, कवर्धा, दंतेवाड़ा पूर्व भानुप्रतापपुर, राजनांदगाँव, कांकेर, बिलासपुर, महासमुंद, बलरामपुर, सुकमा, धरमजयगढ़, खैरागढ़, बीजापुर, कोरबा, नारायणपुर, सूरजपुर, रायगढ़, दक्षिण कोंडागाँव, सरगुजा, जशपुर, मनेंद्रगढ़, पश्चिम भानुप्रतापपुर, केशकाल, कोरिया तथा मरवाही का स्थान है।
  • प्रबंध संचालक अनिल राय के अनुसार लघु वनोपज आधारित विकास कार्यों के अंतर्गत संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन, लाख पालन, औषधि परियोजना तथा वित्तीय प्रगति के आधार पर प्रत्येक वृत्त और ज़िला यूनियन द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा कर उक्त रैंक निर्धारित की गई है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में मेडिकल छात्रों को डिजी लॉकर से मिलेंगी डिग्रियाँ

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा की तर्ज़ पर अब प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को डिजी लॉकर के माध्यम से डिग्रियाँ व अन्य शैक्षिक प्रमाण-पत्र मिलेंगे। इस संबंध में उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को शीघ्र डिजी लॉकर के लिये सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • इसके अलावा प्रदेश के सभी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र एक रंग में नज़र आएंगे। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को कलर कोड तय करने को कहा गया है, जिससे सभी चिकित्सा इकाइयों में एकरूपता देखने को मिल सके। 
  • बैठक में बताया गया कि मेडिकल छात्र-छात्राओं के शैक्षिक प्रमाण-पत्र डिजी लॉकर पर उपलब्ध होंगे, जिससे कभी भी मेडिकल छात्र अपनी डिग्री और अन्य शैक्षिक प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकें। 
  • स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा का डिजिटलीकरण करते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेजों व नर्सिंग कॉलेजों को ई-ग्रंथालय पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे मेडिकल के छात्र-छात्राओं को किताबों की कमी से न जूझना पड़े।  
  • ई-ग्रंथालय पोर्टल पर छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम संबंधी पुस्तक के अलावा शोधपत्र भी ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा छात्रों को देश-विदेश के मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों से भी जुड़ने का अवसर मिलेगा।  
  • राज्य में अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में रोगी पंजीकरण शुल्क की दर एक समान की जाएगी। इसके लिये शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। 


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश के खेल प्रशिक्षकों का मानदेय 15 हज़ार से बढ़ाकर 48 हज़ार करने की तैयारी

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने देहरादून निदेशालय में हुई खेल विभाग की समीक्षा बैठक में खेल विभाग में संविदा पर कार्यरत् खेल प्रशिक्षकों का मानदेय भारतीय खेल प्राधिकरण की तर्ज़ पर 15 हज़ार से बढ़ाकर न्यूनतम 48 हज़ार रुपए करने की तैयारी का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। 

प्रमुख बिंदु  

  • खेल मंत्री ने कहा कि राज्य में कुछ खेल प्रशिक्षक पीआरडी जवानों से भी कम मानदेय पा रहे हैं। विभाग को पर्याप्त और अच्छे खेल प्रशिक्षक मिल सकें, इसके लिये साई की तर्ज़ पर इनका मानदेय बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है।  
  • विदित है कि प्रदेश में लगभग 200 खेल प्रशिक्षक संविदा पर हैं। खासकर पर्वतीय ज़िलों में इनकी पिछले काफी समय से कमी है। इसकी एक वजह इनका बहुत कम मानदेय है। 
  • साई में खेल प्रशिक्षक को न्यूनतम 48 हज़ार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। विभिन्न श्रेणियों के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। इसी तरह खेल विभाग में भी मानदेय बढ़ाया जाएगा, लेकिन मानदेय के लिये जो अर्हता साई की है, वही अर्हता होनी चाहिये।


उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश में होगा आपदा प्रबंधन पर विश्व कॉन्ग्रेस का आयोजन

चर्चा में क्यों?

17 जून, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि छठवें वैश्विक सम्मेलन ‘आपदा प्रबंधन पर छठवीं विश्व कॉन्ग्रेस’ का आयोजन देहरादून में 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक होना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने इस छठवें वैश्विक सम्मेलन की विवरणिका का विमोचन भी किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • उत्तराखंड में होने वाली इस आपदा प्रबंधन कॉन्ग्रेस का विषय 'STRENGTHENING CLIMATE ACTION & DISASTER RESILIENCE' है। इस विश्व कॉन्ग्रेस में आपदा प्रबंधन के लिये नवाचार, सहयोग एवं संचार पर प्रमुखता से चिंतन एवं मंथन होगा।  
  • इसके अलावा पर्वतीय पारिस्थितिकी एवं संचार पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। वैश्विक स्तर पर होने वाली इस कार्यशाला से उत्तराखंड को नई पहचान मिलेगी।  
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा न्यूनीकरण कैसे किया जाए, यह हिमालयी राज्यों की बड़ी ज़रूरत है। सम्मेलन में विशेषज्ञों की ओर से आपदा न्यूनीकरण, जन-धन की हानि कैसे कम-से-कम हो और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रयोग पर गहनता से विचार-विमर्श किया जाएगा। 
  • कई कारणों से नदियाँ जब रास्ता बदलती हैं, तो इससे भी काफी जन-धन की हानि होती है। इस पर भी सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी।  


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