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जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का प्रयास
चर्चा में क्यों?
18 मई, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुनर्वास के लिये गठित पुनर्वास बोर्ड की बैठक में जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिये चरणबद्ध तरीके से रेस्क्यू अभियान चलाए जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किये गए भिखारियों को विभाग द्वारा संचालित पुनर्वास गृह में 7 दिन पुनर्वासित कर चिह्नित किया जाए और उन्हें पात्रता अनुसार बाल गृह, नारी निकेतन, मानसिक विमंदित गृह, वृद्धाश्रम गृह आदि में भेजने तथा प्रशिक्षण में रुचि रखने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त एवं निर्धन व्यक्तियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
- इसके अतिरिक्त उन्होंने विभागीय अधिकारियों को रेस्क्यू किये जाने वाले भिखारियों का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करने के साथ ही चिह्नित व्यक्तियों के पुन: भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाने पर पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये।
- गौरतलब है कि राजस्थान में भिखारियों का पुनर्वास करने के लिये ‘राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों का पुनर्वास अधिनियम, 2012’ को क्रियान्वित किया जा रहा है।
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