उत्तर प्रदेश Switch to English
वाराणसी को इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड समारोह में 4 श्रेणियों में मिले पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को गुजरात के सूरत में भारत सरकार के शहरी और आवास मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में वाराणसी स्मार्ट सिटी को चार अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- वाराणसी को जिन 4 श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं, उनका विवरण निम्न प्रकार है-
- ‘कोविड इनोवेशन अवार्ड’
- ‘स्मार्ट सिटी लीडरशिप अवार्ड’
- ‘सिटी अवार्ड’
- ‘जल संरक्षण अवार्ड’
- कोविड-19 महामारी के प्रकोप और सख्त लॉकडाउन के दौरान उल्लेखनीय पहल के लिये कोविड इनोवेशन अवार्ड दिया गया है। इस अवधि के दौरान काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ने ‘एकीकृत वार रूम’ के रूप में कार्य करते हुए ज़िला प्रशासन, आपातकालीन सेवाएँ, स्वास्थ्य विभाग, टेलीमेडिसिन तथा नगर निगम आदि से संबंधित सुविधाओं को एक ही छत के नीचे एकीकृत रूप में उपलब्ध कराया।
- इसी प्रकार शहर को इसके कुशल कामकाज और परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन के लिये ‘स्मार्ट सिटी लीडरशिप अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है।
बिहार Switch to English
बिहार में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना की तर्ज़ पर ही बिहार सरकार द्वारा सभी राशन कार्डधारी परिवारों को सालाना पाँच लाख रुपए तक का फ्री इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि राज्य के 18 से 59 वर्ष के लगभग छह करोड़ लोगों को कोविड टीके का फ्री बूस्टर डोज़ लगाया जाएगा। इसके लिये कैबिनेट ने 1314.15 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
- गौरतलब है कि राज्य के 55% परिवार आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं, जिसमें 5 लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
- राज्य में करीब 29% परिवार ऐसे हैं, जिन्हें आयुष्मान योजना का फायदा नहीं मिलता है, जबकि उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें भी यह सुविधा मिलनी चाहिये। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार द्वारा पाँच लाख रुपए तक का फ्री इलाज उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है।
राजस्थान Switch to English
अब तक 143 हेरिटेज संपत्तियों को प्रमाण-पत्र जारी
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर राजस्थान पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा अभी तक 143 हेरिटेज संपत्तियों को प्रमाण-पत्र जारी किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- ये हेरिटेज संपत्तियाँ देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ डेस्टीनेशन वेडिंग और फिल्म शूटिंग लोकेशन के रूप में बहुत लोकप्रिय हैं, साथ ही विभागीय वेबसाइट के माध्यम से इन संपत्तियों का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
- इन हेरिटेज होटलों के संचालन हेतु राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार के परिलाभ, जैसे- संपरिवर्तन शुल्क, आबकारी बार लाइसेंस शुल्क, स्टांप ड्यूटी और शहरी विकास कर में छूट इत्यादि उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
- प्रदेश में स्थापत्य विरासत के रूप में किले, महल, हवेलियाँ इत्यादि बहुतायत में उपलब्ध हैं, इन पुरासंपत्तियों में से ज़्यादातर संपत्तियाँ निजी स्वामित्व में हैं, जिनका संरक्षण वर्तमान समय की महती आवश्यकता है।
- राज्य सरकार द्वारा निजी स्वामित्व की हेरिटेज संपत्तियों के संरक्षण और इन संपत्तियों के हेरिटेज होटल एवं अन्य पर्यटन इकाइयों के रूप में उपयोग को बढ़ावा देने के लिये हेरिटेज प्रमाण-पत्र प्रदान करने की योजना लागू की गई, जिसे जुलाई 2021 में निवेशकों के अनुरूप सरलीकृत किया गया है।
- देश भर में संचालित हेरिटेज होटलों में से दो-तिहाई से अधिक हेरिटेज होटल राजस्थान राज्य में हैं। पर्यटन विभाग द्वारा राजकीय संपत्तियों को भी हेरिटेज प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे अर्थात् विश्व धरोहर दिवस को संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है, साथ ही यह दिवस देश-प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने, उनके सवर्द्धन और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये मनाया जाता है, ताकि लोग अपनी संस्कृति और परंपरा को करीब से समझ सकें।
मध्य प्रदेश Switch to English
इंदौर को स्मार्ट सिटी कॉन्फ्रेंस में मिले 6 अवार्ड
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को गुजरात के सूरत में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इंडिया स्मार्ट सिटीज़ अवार्ड्स कांटेस्ट में इंदौर ने विभिन्न कैटेगरी में 6 अवार्ड हासिल किये।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ‘इंडिया स्मार्ट सिटीज़ अवार्ड्स कांटेस्ट, 2020’ में विभिन्न थीम में उल्लेखनीय कार्य करने वाली स्मार्ट सिटीज़ को अवार्ड वितरित किये।
- इस कॉन्टेस्ट में मध्य प्रदेश ने स्टेट अवार्ड में दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके अलावा भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सागर ने भी अवार्ड जीते हैं।
- इंडिया स्मार्ट सिटीज़ अवार्ड कांटेस्ट (आईएसएसी), 2020 की सभी प्रतियोगिताओं में ओवरआल विनर के रूप में इंदौर के साथ सूरत को चुना गया है, जबकि जबलपुर को तीसरा स्थान दिया गया है।
- कल्चर थीम में इंदौर और चंडीगढ़ को संयुत्त रूप से विजेता घोषित किया गया। इसी थीम पर डिजिटल म्यूज़ियम बनवाने पर ग्वालियर को तीसरा स्थान मिला है। इंदौर को हेरिटेज के बेहतर संरक्षण पर यह अवार्ड मिला है।
- साथ ही इंदौर को स्वच्छता थीम पर म्युनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिये तिरुपति के साथ संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
- इंदौर को इकोनॉमी थीम पर कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकैनिज़्म के लिये, बिल्ट एनवायरनमेंट थीम पर छप्पन दुकान के लिये, इनोवेशन अवार्ड में कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मेकैनिज़्म तथा सिटी अवार्ड में इंदौर और सूरत को संयुत्त रूप से ओवरऑल विनर का अवार्ड दिया गया।
- अर्बन एनवायरनमेंट थीम में संयुक्त रूप से भोपाल और चेन्नई विजेता घोषित हुए। भोपाल को क्लीन एनर्जी में उल्लेखनीय कार्य करने पर यह अवार्ड मिला है। सिटी अवार्ड में राउंड-1 में जबलपुर को तीसरा और राउंड-3 में सागर को दूसरा स्थान मिला है।
झारखंड Switch to English
डॉ. रेड्डी को औद्योगिक शांति के लिये जहाँगीर गांधी पदक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जमशेदपुर स्थित XLRI-जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक पॉल फर्नांडीस एस.जे. ने बताया कि अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. प्रीथा रेड्डी को औद्योगिक और सामाजिक शांति के लिये सर जहाँगीर गांधी पदक प्रदान किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. रेड्डी को व्यापक रूप से लाखों लोगों के लिये उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने में उनके योगदान और भारत की बेहतरी के लिये काम करने वाली विभिन्न संस्थाओं और उद्योग निकायों को उनके समर्थन के लिये जाना जाता है।
- वे अपोलो हॉस्पिटल्स एजुकेशनल ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी हैं, जो अपोलो समूह के शैक्षिक प्रयासों को संचालित करने वाली एक प्रमुख संस्था है।
- गौरतलब है कि हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के अध्यक्ष और एम.डी. संजीव मेहता को 2020 में और बाटा कॉर्पोरेशन के वैश्विक सीईओ संदीप कटारिया को 2021 में यह पदक प्रदान किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना के हितग्राहियों की सूची का प्रकाशन संबंधित ग्राम पंचायत में कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- प्रकाशन के साथ ही सूची के सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, ताकि ऐसे हितग्राही जिनका नाम पात्रसूची में दर्ज है, परंतु वर्तमान में उनकी मृत्यु हो चुकी है, ऐसे प्रकरण में उनके वैध वारिसों से आवेदन प्राप्त कर नियमानुसार परीक्षण उपरांत उनका नाम पात्रसूची में जोड़ा जा सके।
- जो वर्तमान में पात्र हितग्राहियों की सूची में शामिल हैं, परंतु उनके अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के द्वारा कृषि भूमि अर्जित कर लेने के कारण योजना के अंतर्गत अपात्र हो गए हैं, ऐसे हितग्राहियों के संबंध में आपत्ति/पटवारी से प्रतिवेदन प्राप्त कर परीक्षण उपरांत पात्र हितग्राहियों की सूची से विलोपित किया जा सकेगा।
- गौरतलब है कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रारंभ की गई है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीन कृषि मज़दूर परिवारों की पहचान करना तथा भूमिहीन कृषि परिवारों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को सालाना 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- इस योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग की देखरेख में किया जा रहा है। इसके सफल संचालन के लिये ज़िला अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
व्यासी जल-विद्युत परियोजना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड जल-विद्युत निगम लिमिटेड के एम.डी. संदीप सिंघल ने बताया कि व्यासी जल-विद्युत परियोजना के सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं तथा इससे 19 अप्रैल से उत्तराखंड को बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- व्यासी जल-विद्युत परियोजना विकास नगर के निकट लोहारी में यमुना नदी पर स्थापित की गई है।
- 120 मेगावाट की इस परियोजना से उत्तराखंड को 353 मिलियन यूनिट बिजली वार्षिक मिलेगी, जबकि 0.72 मिलियन यूनिट दैनिक बिजली रूटीन समय में और 60 मेगावाट बिजली सुबह-शाम पीक ऑवर्स में मिलेगी।
- गौरतलब है कि वर्तमान में यूपीसीएल को लगभग 31 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है, जबकि डिमांड 44 मिलियन यूनिट तक पहुँच रही है। ऐसे में इस परियोजना से मिलने वाली बिजली से यूपीसीएल को कुछ राहत मिलेगी।
Switch to English