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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Mar 2024
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उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी कंपनियों को ई-मोबिलिटी में निवेश के लिये आमंत्रित किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी कंपनियों को अपने ई-मोबिलिटी पुश में निवेश करने के लिये आमंत्रित किया है। राज्य ने अगले पाँच वर्षों में 75 ज़िलों में 50,000 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।

मुख्य बिंदु:

  • उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने सकल लागत अनुबंध के आधार पर 5,000 ई-बसों की आपूर्ति, संचालन और रखरखाव के लिये बोलियाँ आमंत्रित करते हुए एक निविदा जारी की है।
  • पहले चरण में अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान ही 5,000 ई-बसें तैनात की जाएंगी।
    • ई-बसों की आपूर्ति, संचालन और रखरखाव के अलावा, बोलीदाता संबद्ध विद्युत तथा नागरिक बुनियादी ढाँचे का भी ध्यान रखेगा।
    • उन्हें राजस्व साझाकरण मॉडल पर मौजूदा अंतर-ज़िला मार्गों पर परिचालन की अनुमति दी जाएगी।
  • ई-बसों की तैनाती से राज्य के सार्वजनिक गतिशीलता बेड़े से कार्बन उत्सर्जित करने वाली 12,000 डीज़ल बसें चरणबद्ध तरीके से समाप्त हो जाएंगी।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC)

  • यह एक सार्वजनिक क्षेत्र का यात्री सड़क परिवहन निगम है जो उत्तर प्रदेश, भारत और उत्तर भारत के आस-पास के राज्यों को सेवा प्रदान करता है।
  • यह राज्य और अंतर्राष्ट्रीय बस सेवा के रूप में संचालित होती है तथा उत्तर भारत में बसों का सबसे बड़ा बेड़ा है।
  • निगम का कॉर्पोरेट कार्यालय लखनऊ में स्थित है।
  • सड़क परिवहन अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के तहत 1 जून 1972 को यूपी सरकारी रोडवेज़ का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) कर दिया गया। इस उपक्रम के उद्देश्य थे:
    • इससे संबंधित सड़क परिवहन क्षेत्र का विकास व्यापार और उद्योग के समग्र विकास को बढ़ावा देगा।
    • परिवहन के अन्य साधनों के साथ सड़क परिवहन सेवाओं का समन्वय।
    • राज्य के निवासियों को पर्याप्त, किफायती और कुशलतापूर्वक समन्वित सड़क परिवहन सेवा प्रदान करना।


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बुंदेलखंड बनेगा नया पावर हाउस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बुंदेलखंड में 10 सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शुरू की गई हैं, जिनसे 3,000 मेगावाट से अधिक विद्युत उत्पन्न होगी। यह पूरा क्षेत्र उत्तर प्रदेश का नया ऊर्जा केंद्र बनने के लिये तैयार है।

मुख्य बिंदु:

  • सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र बुंदेलखंड के जालौन, झाँसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट तथा महोबा ज़िलों में स्थापित किये जायेंगे। अकेले झाँसी ज़िले में तीन सौर ऊर्जा इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं।
  • परियोजनाएँ हैं:
    • झाँसी ज़िले में टस्को द्वारा 3,430 करोड़ रुपए की लागत से 600 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिससे 300 रोज़गार सृजन के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
      • फोर्थ पार्टनर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड 1,200 करोड़ रुपए में 100 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित करेगा, जिससे 1,000 से अधिक रोज़गार सृजन के अवसर जुड़ेंगे।
      • सन सोर्स एनर्जी 600 करोड़ रुपए की 135 मेगावाट की ओपन-एक्सेस सौर ऊर्जा परियोजना शुरू करने के लिये तैयार है, जिसमें 2,000 रोज़गार सृजन की क्षमता है।
    • टस्को द्वारा ललितपुर ज़िले में 3,450 करोड़ रुपए की लागत से 600 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिससे 300 रोज़गार सृजन के अवसर उत्पन्न होंगे।
      • सूर्य ऊर्जा फोर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 150 करोड़ रुपए की लागत से 10-15 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएगी, जिससे 200 लोगों के लिये रोज़गार सृजन के अवसर उत्पन्न होंगे।
    • अवाडा इंड सोलर प्राइवेट लिमिटेड 350 करोड़ रुपए की लागत से बाँदा में 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करेगी।
      • सनश्योर सोलर पार्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 62 करोड़ रुपए की लागत से 15 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना भी स्थापित की जा रही है।
    • चित्रकूट में टस्को लिमिटेड 4,700 करोड़ रुपए की लागत से 800 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करेगी। इससे 400 लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
      • श्री सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड 202 करोड़ रुपए का सोलर पावर प्लांट लगाएगी।
    • टस्को लिमिटेड महोबा में 1008 करोड़ रुपए की 155 मेगावाट की अर्जुन सागर फ्लोटिंग सोलर पावर परियोजना स्थापित कर रही है, जिससे 78 लोगों के लिये रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।
      • IB वोग्ट सोलर फोर प्राइवेट लिमिटेड महोबा में 80 करोड़ रुपए की लागत से सौर ऊर्जा परियोजना भी स्थापित करेगी।
    • बुंदेलखंड क्षेत्र में कार्यान्वित की जा रही अन्य प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:
      • रेलवे का LBH कोच प्रोजेक्ट और ट्रैक वर्क प्लांट 2,840 करोड़ रुपए का है।
      • संत मां कर्म मानव संवर्धन समिति द्वारा 501 करोड़ रुपए का एक निजी विश्वविद्यालय।
      • 30 करोड़ रुपए की पत्थर खनन परियोजना और 20 करोड़ रुपए की बंदूक प्रणोदक परियोजना।


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