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कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (KU) के कुलपति ने KU में मिशन LiFE अभियान के तहत मैराथन, जागरूकता सह प्रदर्शनी और विस्तार व्याख्यान का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- इस अवसर पर कुलपति ने इको क्लब की गतिविधियों का भी विधिवत उद्घाटन किया और सभी को मिशन LiFE की शपथ दिलाई।
- मिशन LiFE भारत को आत्मनिर्भर और प्रकृति के करीब बनाने हेतु एक जन आंदोलन साबित हो रहा है।
- वर्ष 2021 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से विश्व को पर्यावरण जीवनशैली का मंत्र दिया।
- कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पर्यावरण संबंधी जानकारी, जागरूकता, क्षमता निर्माण तथा आजीविका कार्यक्रम (EIACP) के सहयोग से वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर भारत एवं KU के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया था।
- आगे छात्र अर्थ ऑवर कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे और विश्व अभियान का हिस्सा बनेंगे।
- अर्थ ऑवर WWF की वार्षिक पहल है जो वर्ष 2007 में शुरू हुई थी।
- यह 180 से अधिक देशों के लोगों को अपने स्थानीय समय के अनुसार रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक लाइट बंद करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF)
- यह विश्व का अग्रणी संरक्षण संगठन है और 100 से अधिक देशों में कार्य करता है।
- यह वर्ष 1961 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड में है।
- इसका मिशन प्रकृति के संरक्षण और पृथ्वी पर जीवन की विविधता के लिये सबसे अधिक दबाव वाले खतरों को कम करना।
पर्यावरण संबंधी जानकारी, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम (EIACP)
- EIACP प्रोग्राम सेंटर रिसोर्स पार्टनर "वन्यजीव और संरक्षित क्षेत्र", भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून जिसे पहले ENVIS के नाम से जाना जाता था, सितंबर 1997 में भारत में 23वें पर्यावरण सूचना प्रणाली (ENVIS) केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था।
- कार्यक्रम केंद्र अपने निर्दिष्ट विषय क्षेत्र पर सभी सूचनाओं, प्रकाशनों और अन्य मूल्य वर्धित उत्पादों का भंडार है; डेटाबेस बनाए रखना; पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशानुसार जन जागरूकता अभियान तथा कार्यक्रमों सहित पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का संचालन करना।
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कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय ने राजीब गोयल पुरस्कारों की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की गोयल पुरस्कार समिति ने युवा वैज्ञानिकों के लिये राजीब गोयल पुरस्कार की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- इस पुरस्कार में एक पदक, प्रशस्ति-पत्र और 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार शामिल है जिसके लिये 45 वर्ष से कम आयु के देश के चार वैज्ञानिकों को युवा वैज्ञानिक श्रेणी में चुना गया है।
- प्राप्तकर्त्ता हैं:
- डॉ. सप्तर्षि बसु, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, बेंगलुरु, (एप्लाइड साइंसेज)।
- डॉ सेबेस्टियन सी. पीटर, JNCASR, बेंगलुरु, (रासायनिक विज्ञान)।
- डॉ. बुशरा अतीक, जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग, IIT कानपुर (जीवन विज्ञान)।
- डॉ. संजीव कुमार अग्रवाल, भौतिकी संस्थान, भुवनेश्वर, (भौतिक विज्ञान)।
- इन पुरस्कारों के माध्यम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए सम्मानित करता है।
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