जमुई के जाबिर अंसारी ने कराटे चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक | बिहार | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
14 से 17 मार्च, 2022 तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कराटे चैंपियनशिप में बिहार के जमुई के जाबिर अंसारी ने तीसरा स्थान प्राप्त करते हुए कांस्य पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- पटना विश्वविद्यालय के जाबिर अंसारी ने इस प्रतियोगिता के 75 किलोग्राम भार वर्ग में वेंकटेश्वर ओपन यूनिवर्सिटी के राजेश के साथ संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया।
- 75 किलोग्राम भार वर्ग में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी पंजाब के अमन कुमार ने पहला तथा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के वैभव वालिया ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।
- उल्लेखनीय है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हाल में आयोजित अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कराटे चैंपियनशिप में देश भर के 190 विश्वविद्यालय के लगभग 1200 खिलाड़ी शामिल हुए।
- जूडो कराटे में दिग्गज बन चुके जाबिर अंसारी पटना विश्वविद्यालय में 2020-23 सत्र के उर्दू विभाग के छात्र हैं तथा साल 2015 से कराटे खेल रहे हैं।
- जाबिर अंसारी राज्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में खेलते हुए कई मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में श्रीलंका में आयोजित इंटरनेशनल गेम में दूसरा स्थान हासिल किया था। 2015 में उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता तथा वर्ष 2021 में राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया था।
- एक साधारण परिवार से आने वाले जाबिर जमुई ज़िले के नक्सल इलाके के झाझा प्रखंड के तुम्बा पहाड़ गाँव के रहने वाले हैं।
- वह 2018 में चीन और 2019 में टर्की में चैंपियनशिप में खेल चुके हैं तथा दो बार 2018 और 2021 में बिहार सरकार के खेल सम्मान समारोह में सम्मानित हो चुके हैं।
1 अप्रैल से मज़दूरों को मिलेगा कैशलेस इलाज | मध्य प्रदेश | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
18 मार्च, 2022 को आयुष्मान भारत निरामयम सोसाइटी के सीईओ अनुराग चौधरी ने बताया कि मध्य प्रदेश में बिल्डिंग, सड़क, ब्रिज, तालाब जैसी साइट्स पर निर्माण कार्यों में लगे मज़दूरों को 1 अप्रैल से कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि बिल्डिंग, सड़क, ब्रिज जैसी जगह पर निर्माण करने वाले 12 लाख 50 हज़ार मज़दूरों को राज्य शासन के आयुष्मान भारत निरामयम सोसाइटी और कर्मकार मंडल द्वारा अनुबंध के तहत आयुष्मान योजना से जोड़ा जा रहा है।
- अनुबंध के तहत कर्मकार मंडल में दर्ज श्रमिक परिवारों को कार्ड बनाकर फ्री इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत प्रदेश के साढ़े 12 लाख श्रमिक परिवार को हर साल 5 लाख रुपए तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा भी मिलेगी।
- प्रदेश में 90 फीसदी असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हैं। इन श्रमिकों को आयुष्मान योजना से फ्री इलाज की सुविधा मिल सकेगी। मज़दूर कई बार निर्माण कार्यों के दौरान होने वाले हादसे में घायल हो जाते हैं और आर्थिक तंगी के चलते समय पर इलाज नहीं करा पाते, लेकिन आयुष्मान योजना से वे इलाज करा सकेंगे।
- कर्मकार मंडल में पंजीकृत मज़दूरों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कार्ड बनाकर दिये जाएंगे। इसके लिये कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कैंप लगाए जाएंगे। वहीं, कर्मकार मंडल के कार्डधारी मज़दूर श्रमिक कार्ड, आधार कार्ड और समग्र आईडी के ज़रिये कियोस्क सेंटर से भी कार्ड बनवा सकते हैं।
- आयुष्मान योजना के तहत इलाज कराने वाले श्रमिकों के इलाज का खर्च कर्मकार मंडल द्वारा वहन किया जाएगा। इसके लिये प्रति मज़दूर करीब 1052 रुपए की राशि सालाना प्रीमियम के तौर पर निरामयम सोसाइटी में कर्मकार मंडल द्वारा जमा की जाएगी।
बुढ़ापा पेंशन की नई आय सीमा होगी तय | हरियाणा | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
17 मार्च, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता में बताया कि राज्य में बुढ़ापा पेंशन को लेकर नई आय सीमा तय की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी रोकने और अपात्रों को बाहर करने के लिये हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है।
- हाल ही में पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) की जाँच में प्रदेश में 18 हज़ार विधवा महिलाएँ ऐसी मिली हैं, जो दोबारा शादी कर चुकी हैं, लेकिन विधवा पेंशन भी ले रही हैं।
- बुढ़ापा पेंशन का लाभ प्राप्त करने के लिये वर्ष 2011 में आय सीमा 50 हज़ार रुपए थी। वर्ष 2012 में यह आय सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई। इसके बाद से बुढ़ापा पेंशन की आय सीमा में बदलाव नहीं किया गया है।
- पेंशन में पारदर्शिता लाने के लिये राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से 57 से 60 वर्ष आयु के व्यक्तियों का डाटा सत्यापन हेतु फील्ड में भेजा है। सत्यापन के बाद 60 वर्ष आयु होने पर इनकी पेंशन अपने आप शुरू हो जाएगी।
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल किया गया है और इसे परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है, ताकि परिवार के सदस्यों की जानकारी स्वत: ही अपडेट होती रहे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पाँचवें चरण में लगभग 30.06 लाख परिवारों का डाटा सत्यापन के लिये भेजा गया है। अभी तक 1.80 लाख रुपए आय से कम सत्यापित परिवारों की संख्या 13 लाख 53 हज़ार है। अनुमान है कि ऐसे परिवारों की संख्या 20 लाख के आसपास होगी। सत्यापित परिवारों में से अनुसूचित जाति के परिवारों की संख्या 31 प्रतिशत और पिछड़े वर्ग से संबंधित परिवारों की संख्या 37 प्रतिशत है।
मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक, 2021 | झारखंड | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
17 मार्च, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक, 2021 को राज्य सरकार को वापस कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल रमेश बैस ने इस विधेयक में ‘भीड़’ शब्द को फिर से सही तरीके से परिभाषित करने का निर्देश देते हुए विधेयक को वापस कर दिया है।
- इस विधेयक को राज्यपाल ने करीब चार महीने तक अपने पास रखा और विधि विभाग से परामर्श कर इसे वापस कर दिया।
- उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल को यह अधिकार है कि वो राज्य विधानसभा द्वारा पारित किसी भी विधेयक पर अपनी अनुमति दे सकता है, अनुमति रोक सकता है, विधेयक (धन विधेयक को छोड़कर) को पुनर्विचार के लिये लौटा सकता है या विधेयक को राष्ट्रपति के लिये सुरक्षित रख सकता है।
- गौरतलब है कि पिछले वर्ष 21 दिसंबर को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य की हेमंत सरकार ने इसे सदन से पारित कराकर इस कानून पर मुहर लगाने के लिये राज्यपाल के पास भेजा था।
- राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक, 2021 में जुर्माने के साथ संपत्ति की कुर्की और तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा का प्रावधान किया है।
- इस विधेयक में मॉब लिंचिंग में किसी की मौत होने पर दोषी को आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गंभीर चोट आने पर 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है।
- विधेयक के अनुसार, भीड़ को उकसाने वालों को भी दोषी माना जाएगा और उन्हें तीन साल की सज़ा दी जाएगी। अपराध से जुड़े किसी साक्ष्य को नष्ट करने वाला भी अपराधी माना जाएगा। इसके अलावा इस विधेयक में पीड़ित परिवार को मुआवज़ा व पीड़ित के मुफ्त इलाज की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
मनरेगा में लेबर बजट बढ़ाने के छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की मंज़ूरी | छत्तीसगढ़ | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
17 मार्च, 2022 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ 22 लाख मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंज़ूरी के बाद अब प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये मनरेगा के तहत रोज़गार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस से बढ़कर 15 करोड़ 72 लाख मानव दिवस हो जाएगा।
- छत्तीसगढ़ ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के तहत निर्धारित साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस रोज़गार सृजन का लक्ष्य विगत फरवरी माह में ही हासिल कर लिया था।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक मनरेगा के अंतर्गत 28 लाख से अधिक परिवारों के करीब 54 लाख पाँच हज़ार श्रमिकों को काम दिया गया है। इस दौरान चार लाख 75 हज़ार 374 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोज़गार भी मुहैया कराया गया है।
संगीता खलखो बनी राज्य स्तर पर सबसे अधिक लेन-देन करने वाली बैंक सखी | छत्तीसगढ़ | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बलरामपुर के तातापानी में बैंक सखी के रूप में कार्यरत संगीता खालखो 1 करोड़ 36 लाख रुपए का लेन-देन कर राज्य स्तर पर सबसे अधिक लेन-देन करने वाली बैंक सखी बन गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- कलेक्टर कुंदन कुमार ने संगीता खलखो को इसके लिये संयुक्त ज़िला कार्यालय परिसर में सम्मानित किया।
- उल्लेखनीय है कि 8 मार्च, 2022 को विश्व महिला दिवस के अवसर पर संगीता खलखो को ग्राहक सेवा केंद्र के राज्य स्तरीय कार्यालय रायपुर मे आयोजित स्मरण समारोह में सम्मानित किया गया था।
- संगीता खलखो ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से अब तक 513 बचत खाता खोल चुकी हैं तथा उन्हें समय-समय पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता रहा है।
- कलेक्टर कुंदन कुमार ने संगीता खलखो की कार्यकुशलता को देखते हुए ज़िला प्रबंधक ई गवर्नेंस को निर्देशित किया है कि उन्हें लोकसेवा केंद्र के संचालन हेतु समस्त आईडी देकर ग्राम तातापानी में लोक सेवा केंद्र प्रारंभ करना सुनिश्चित करें।
छह निजी अस्पताल आयुष्मान योजना की सूची से बाहर | उत्तराखंड | 19 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
17 मार्च, 2022 को उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड पर मरीज़ों को अस्पताल में उपलब्ध सभी स्पेशियलिटी की सुविधाएँ न देने पर छह निजी अस्पतालों की सूचीबद्धता रद्द कर दी।
प्रमुख बिंदु
- राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने देहरादून, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और टिहरी ज़िले के छह निजी अस्पतालों की योजना में सूचीबद्धता समाप्त कर दी है। इसमें कंबाइंड मेडिकल इंस्टीट्यूट, देहरादून (सीएमआई), सुंदर मोहन डेंटल केयर एंड रूट कैनाल सेंटर देहरादून, ऊषा बहुगुणा अल्फा हेल्थ इंस्टीट्यूट नैनीताल, गहतोरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, किशोर हॉस्पिटल ऊधमसिंह नगर व क्रिश्चियन हॉस्पिटल चंबा शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण की ओर से सूचीबद्ध अस्पतालों को सभी स्पेशियलिटी की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये एक माह का समय दिया गया था। वेलमेड हॉस्पिटल को छोड़कर बाकी कोई भी निजी अस्पताल सभी सेवाएँ देने को तैयार नहीं हुआ। इस पर प्राधिकरण ने सूचीबद्धता निरस्त करने की कार्रवाई की है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की आयुष्मान योजना की गाइडलाइन के मुताबिक सूचीबद्ध अस्पतालों को उपलब्ध सभी स्पेशियलिटी की सुविधाएँ मरीज़ों को देनी होंगी।
- प्रदेश में कई ऐसे निजी अस्पताल हैं, जिन्होंने गोल्डन कार्ड पर एक या दो बीमारियों का इलाज करने को सूचीबद्ध किया है। इससे गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को इलाज कराने में दिक्कतें आ रही हैं।
- गौरतलब है कि गोल्डन कार्ड एक ऐसा कार्ड है जिसकी सहायता से देश का कोई भी व्यक्ति आयुष्मान भारत योजना में चुने गए सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में अपना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवा सकते है। यह कार्ड उन गरीब लोगो को दिया जाता है जो आयुषमान भारत योजना के लाभार्थी होते हैं।