उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने थर्मल पावर प्लांटों के लिये कोयला ब्लॉक का अनुरोध किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में CM धामी ने दिल्ली में केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की तथा उनसे न्यूनतम 1,000 मेगावाट के पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने हेतु उत्तराखंड को प्राथमिकता के आधार पर लगभग 125 मिलियन टन की भंडारण क्षमता वाला कोयला ब्लॉक आवंटित करने का अनुरोध किया।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड उन कुछ राज्यों में से है जहाँ कोई भी थर्मल पावर स्टेशन चालू नहीं है।
- अनुकूल औद्योगिक नीति के कारण राज्य में तेज़ी से औद्योगिक विकास हुआ है जिसके परिणामस्वरूप विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि हुई है।
- CM के अनुसार, शीत ऋतु के दौरान विद्युत की कमी गंभीर हो जाती है क्योंकि ठंडे तापमान से नदियों में जल का प्रवाह कम हो जाता है। प्रत्येक वर्ष राज्य में विद्युत की मांग लगभग 4% से 5% की दर से बढ़ रही है।
भारत में थर्मल पावर सेक्टर
- थर्मल पावर प्लांट या थर्मल पावर स्टेशन ऐसे पावर स्टेशन हैं जो ऊष्मा से विद्युत उत्पन्न करते हैं। थर्मल पावर प्लांट ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों का उपयोग करते हैं, जिनमें कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस और भूतापीय स्रोत शामिल हैं।
- थर्मल पावर सेक्टर भारत में विद्युत उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत रहा है, जो देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 75% है।
- भारत के ताप विद्युत संयंत्र कोयले पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जो अधिकतर दूसरे देशों से आयात किया जाता है। इससे आपूर्ति में व्यवधान और मूल्य में अस्थिरता हो सकती है।
- थर्मल पावर की उच्चतम स्थापित क्षमता वाले शीर्ष पाँच राज्य हैं– महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
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