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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Jan 2023
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हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन के लिये लिंक अधिकारी किये नामित

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2023 को हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक कार्यों के सुगम संचालन हेतु विभिन्न अधिकारियों को लिंक अधिकारी के रूप में नामित किया है। इस संबंध में मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा पत्र जारी किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इन लिंक अधिकारियों में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव का प्रथम लिंक अधिकारी हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम लिमिटेड का प्रबंध निदेशक होगा और हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक द्वितीय लिंक अधिकारी होंगे।
  • इसी प्रकार, हरियाणा कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक का प्रथम लिंक अधिकारी कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशक होंगे।
  • हरियाणा कौशल रोज़गार निगम लिमिटेड, पंचकूला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का प्रथम लिंक अधिकारी हरियाणा परिवार पहचान अथॉरिटी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा।
  • प्रबंध निदेशक, हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कॉर्पोरेशन, गनौर का प्रथम लिंक अधिकारी हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड, नई दिल्ली का प्रबंध निदेशक होगा।
  • हरियाणा परिवार पहचान अथॉरिटी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी का प्रथम लिंक अधिकारी हरियाणा कौशल रोज़गार निगम लिमिटेड, पंचकूला का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा। हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड, नई दिल्ली के प्रबंध निदेशक का प्रथम लिंक अधिकारी प्रबंध निदेशक, हरियाणा इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग कॉर्पोरेशन, गनौर होगा।
  • मुख्य सचिव ने बताया कि आईएएस, एचसीएस अधिकारियों की अनुपस्थिति में विभागों, बोर्डों, निगमों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिये उनके अवकाश, प्रशिक्षण, दौरे, चुनाव ड्यूटी पर होने या स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त या किसी अन्य कारण से 2 दिनों से अधिक के लिये बाहर रहने की स्थिति में संबंधित लिंक अधिकारियों द्वारा कार्य देखा जाएगा। प्रत्येक अधिकारी छुट्टी, प्रशिक्षण, दौरे, चुनाव ड्यूटी पर जाने से पूर्व लिंक अधिकारी को सूचित करेगा।

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संस्कृत साहित्यकारों की सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2023 को हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा संस्कृत विद्वानों और साहित्यकारों के लिये बढ़ाई गई सम्मान राशि पर वित्त विभाग ने स्वीकृति दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अलावा सम्मान की नियमावली में भी फेरबदल किया गया है। सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिये अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। छात्रवृत्ति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।
  • संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ.दिनेश शास्त्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन हेतु विभिन्न योजनाएँ क्रियान्वित की जाती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने फरवरी 2022 में आयोजित राज्य स्तरीय साहित्य पर्व के समय सम्मान राशि में वृद्धि करने की घोषणा की थी। इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। इसे मुख्यमंत्री द्वारा तीन माह पूर्व अनुमोदित कर दिया गया था। इसी कड़ी में प्रदेश के वित्त विभाग ने भी पुरस्कार की राशि वृद्धि पर स्वीकृति की मोहर लगा दी है।
  • इससे इस बार से आवेदन करने वाले साहित्यकारों को इसका लाभ मिलेगा। इसके तहत सम्मान राशि में दो गुना से लेकर साढ़े 3 गुना की बढ़ोतरी की गई है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’ में पहले 2 लाख रुपए की राशि मिलती थी, इसे अब सीधा साढ़े तीन गुना बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इसी तरह ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’की पुरस्कार राशि दो लाख से सीधे ढाई गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।
  • इसी तरह महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख से ढाई गुना बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है। महर्षि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख , आचार्य स्थाणु दत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख की जगह दो लाख रुपए मिलेंगे।
  • इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख की जगह ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि आचार्य सम्मान में भी पुरस्कार राशि 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है। इसके तहत अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तंड पं.सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं.युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान में अब एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपए प्रदान किये जाएंगे। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान को भी एक लाख से दो लाख रुपए कर दिया गया है।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संस्कृत की नवलेखन प्रतिभाओं के लिये पुस्तक पुरस्कार राशि को भी 31 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 51 हज़ार रुपए कर दिया है। इससे साहित्य लेखन में प्रतिभाएँ और उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी।
  • पांडुलिपि प्रकाशनार्थ सहायता अनुदान में मानदेय राशि 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 21 हज़ार रुपए कर दी गई है। लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में प्रथम को अब 10 हज़ार, द्वितीय को 8 हज़ार तथा तृतीय को 5 हज़ार रुपए का पुरस्कार मिलेगा।
  • डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को भी सरकार ने विशेष तोहफा दिया है। इसके तहत प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, विशारद, प्राक् शास्त्री और शास्त्री कक्षा में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि अब तीन हज़ार की जगह 8 हज़ार रुपए मिलेगी।
  • इसी तरह आचार्य कक्षाओं के छात्रों को 10 हज़ार रुपए मिला करेंगे। डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि अभावग्रस्त संस्कृत लेखकों को चिकित्सा खर्च में एक वर्ष में तीन हज़ार की जगह 50 हज़ार की सहायता मिल सकेगी। इसी तरह लेखक को वित्त वर्ष में मिलने वाली वित्तीय अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 6 हज़ार से सीधे 21 हज़ार रुपए कर दिया गया है।

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हरियाणा पुलिस और आईआईएम रोहतक के बीच हुआ समझौता ज्ञापन

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2023 को हरियाणा पुलिस ने अपने अधिकारियों में प्रबंधकीय कौशल विकसित करने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंधन संस्थान, रोहतक के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु 

  • पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल और निदेशक आईआईएम रोहतक, प्रो. धीरज पी. शर्मा की उपस्थिति में पुलिस मुख्यालय में यह एमओए साइन हुआ।
  • इस एमओए पर हरियाणा पुलिस की ओर से एडीजीपी (कानून व्यवस्था) हरियाणा, संदीप खिरवार और आईआईएम रोहतक से डॉ. शिवेंद्र कुमार पांडे, डीन (अनुसंधान और कार्यकारी शिक्षा) ने हस्ताक्षर किए।
  • एमओए के अनुसार, भारतीय प्रबंधन संस्थान, रोहतक और हरियाणा पुलिस संयुक्त रूप से एक पाठ्यक्रम विकसित करने और राज्य पुलिस के आईपीएस और डीएसपी रैंक के ग्रुप-ए के अधिकारियों के लिये प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा आयोजित करने का प्रस्ताव है। साथ ही, विशेष रूप से पुलिसिंग अनुप्रयोगों के लिये डिजाइन किये गए डेटा एनालिटिक्स में एक एग्जीक्यूटिव सर्टिफिकेट प्रोग्राम आयोजित करने का भी प्रस्ताव है।
  • इस समझौते के तहत पुलिस के काम और नागरिकों की अपेक्षाओं के बीच तालमेल बनाने के तौर-तरीकों को भी तलाशा जाएगा। राज्य सरकार पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिये पुलिस अधिकारियों को नामित करेगी। यह समझौता पाँच साल की अवधि के लिये प्रभावी होगा।
  • एमओए का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों और आईआईएम-रोहतक के फैकल्टी व छात्रों के बीच नॉलेज-शेयरिंग के लिये एक संस्थागत तंत्र स्थापित करना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास में राज्य पुलिस की सहायता करना और मानद या परामर्श के आधार पर शैक्षणिक व शोध उद्देश्यों के लिये फैकल्टी और शोधार्थियों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना है।
  • इस समझौते का उद्देश्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रभावी मानव संसाधन और सामग्री संसाधन प्रबंधन के लिये प्रबंधकीय कौशल प्रदान करना है।
  • यह समझौता हरियाणा पुलिस को मामलों की जाँच की गुणवत्ता में और सुधार लाने, रिकॉर्ड के कुशल प्रबंधन और मामलों के प्रभावी पर्यवेक्षण को सुनिश्चित करने के लिये नवीनतम तकनीकी हस्तक्षेपों के साथ पुलिस कर्मियों को अपडेट करने में सक्षम करेगा। वार्षिक संगोष्ठी, सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशाला, अल्पावधि पाठ्यक्रम आदि भी इस एमओए का हिस्सा होंगे।     

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