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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 19 Jan 2022
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घरेलू हिंसा की पीड़िता के लिये सहायता योजना को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में घरेलू हिंसा से पीड़ित बालिकाओं एवं महिलाओं के लिये सहायता योजना को मंज़ूरी दी गई। 

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना में घरेलू हिंसा से पीड़िता को शरीर के किसी भी अंग में 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता होने पर 2 लाख रुपए और 40 प्रतिशत से अधिक क्षति होने के कारण हुई दिव्यांगता पर 4 लाख रुपए की सहायता देने का प्रावधान रखा गया है। साथ ही न्यायालय आदि गंतव्य स्थल तक (जिसमें न्यायालय में प्रकरण के विचाराधीन रहने की अवधि भी शामिल है) आवागमन के लिये परिवहन के वास्तविक व्यय की व्यवस्था का प्रावधान भी है।
  • मंत्रिपरिषद ने गैस पीड़ित एवं उनके बच्चों के इलाज की व्यवस्था, आयुष्मान ‘निरामयम’ मध्य प्रदेश योजना में आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रति परिवार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक, एनएचपीएस योजना में चिह्नित चिकित्सालयों में पैकेज राशि की दरों के अनुरूप किये जाने का निर्णय लिया। 
  • उपरोक्तानुसार इन्हें पात्र माने जाने के लिये भारत शासन को भी लिया जाएगा। जब तक भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं होती है, तब तक आयुष्मान ‘निरामयम’ मध्य प्रदेश योजना में इन हितग्राहियों पर होने वाले व्यय की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति राज्य शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की जाएगी। 
  • आयुष्मान ‘निरामयम’मध्य प्रदेश योजना की सीमा के बाहर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा की जाएगी। इसके लिये संचालक, भोपाल गैस राहत एवं पुनर्वास, भोपाल को अधिकृत किया गया है।

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में धारकों के धारणाधिकार में संशोधन करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिपरिषद ने नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में धारकों के धारणाधिकार के संबंध में 24 सितंबर, 2020 को जारी परिपत्र में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया। संशोधन अनुसार यदि एक ही भूखंड का मिश्रित उपयोग (आवासीय एवं व्यावसायिक/वाणिज्यिक) है तो ऐसे भूखंड के लिये आवासीय उपयोग के अंश भाग का प्रीमियम एवं वार्षिक भू-भाटक की गणना आवासीय प्रयोजन अनुसार की जाएगी। 
  • इसी भूखंड पर व्यावसायिक/वाणिज्यिक अंश भाग के लिये आवासीय प्रयोजन हेतु निर्धारित दर का 120 प्रतिशत प्रीमियम तथा आवासीय प्रयोजन अनुसार वार्षिक भू-भाटक का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही, जहाँ एक परिवार द्वारा दो अलग-अलग भूखंडों में से एक का आवासीय और दूसरे का व्यावसायिक प्रयोजन में उपयोग किया जाना है, ऐसे प्रकरणों में दो पृथक्-पृथक् पट्टे प्रदान किये जाएंगे। ऐसे प्रकरणों में परिवार को परिपत्र के अंतर्गत एक बार लाभ दिया जाना ही माना जाएगा।
  • मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश राज्य सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के विषय विचारार्थ अन्य प्रावधान किये। इसमें आयोग द्वारा प्रदेश में सामान्य वर्ग के व्यक्तियों के कल्याण के लिये हितग्राहियों का चिह्नांकन, सामान्य वर्ग के समग्र कल्याण संबंधी बिंदुओं पर विचार करना, प्रदेश में सामान्य वर्ग के लोगों के कल्याण की दिशा में राज्य शासन को नई कार्य योजनाएँ बनाने, पुराने कार्यक्रमों में आवश्यक परिवर्तन करने तथा आनुषंगिक विषयों पर सुझाव देना शामिल हैं।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा विभिन्न वर्गों के उम्मीदवारों को प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त प्राप्तांक में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिये जाने एवं इन वर्गों के उम्मीदवारों के द्वारा दी गई सेवा के मद्देनज़र अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया। विभिन्न वर्गों के उम्मीदवारों में भूतपूर्व सैनिक, अतिशेष कर्मचारी, भारत-पाक संघर्ष में दिव्यांग और मृत सैनिक आदि शामिल हैं।
  • मंत्रिपरिषद ने कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर में जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर उत्पाद की निर्माण क्षमता विकसित किये जाने के दृष्टिगत मेसर्स शबा सिलेंडर प्राइवेट लिमिटेड, उज्जैन को 07 क्यूबिक मी डी टाईप गैस सिलेंडर निर्माण हेतु औद्योगिक क्षेत्र, मक्सी रोड, उज्जैन में स्थित उपलब्ध भूमि में से 50 हज़ार वर्गफीट भूमि सीधे आवंटित किये जाने का निर्णय लिया।
  • मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग में SPV (Special Purpose Vehicle) M.P. State Assets Management Company (MPSAMC) के गठन के निर्णय का अनुमोदन किया।
  • मंत्रिपरिषद ने ‘विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग’का नाम बदलकर ‘घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जनजाति विभाग’ करने का निर्णय लिया।

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राज्य मंत्रिपरिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 का अनुमोदन किया

चर्चा में क्यों?

18 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 को अनुमोदन दे दिया है। इससे गैर-कानूनी एवं अमानक शराब निर्माण, परिवहन, भंडारण और विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • नई आबकारी व्यवस्था के तहत निम्नलिखित उपबंध किये गए हैं- 
    • मदिरा की फुटकर विक्रय दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी लाकर व्यावहारिक स्तर पर लाया जा सकेगा।
    • सभी ज़िलों की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा।
    • समस्त मदिरा दुकानें कंपोजिट शॅाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियाँ नहीं बनेंगी।
    • कलेक्टर एवं ज़िलों के विधायकगण की उच्चस्तरीय ज़िला समिति को उनके ज़िले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन का अधिकार होगा।
    • प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर ड्यूटी नहीं होगी।
    • देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य ज़िलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी। इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी।
    • राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी। इसमें मदिरा का ट्रैक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा।
  • हेरिटेज मदिरा नीति के तहत निम्नलिखित उपबंध किये गए हैं- 
    • महुआ फूल से बनी मदिरा की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
    • वर्ष 2022-23 में नए बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जाएगी।
    • पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों, सरल प्रक्रियाओं/मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे।
    • सभी एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा।
    • इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे।
    • इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरेज खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन पर्यावरण, विद्युत विभागों और नगर निगम का अनापत्ति प्रमाण-पत्र जरूरी होगा।
    • मदिरा आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा।
    • होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा, जिसके लिये 50 हज़ार रुपए वार्षिक लाइसेंस फीस होगी। इसकी पात्रता उन्हीं को होगी, जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड़ रुपए हो।

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